संस्कृति मंत्रालय
राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन
Posted On:
25 JUL 2024 6:34PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के मुख्य उद्देश्य भारत की पांडुलिपि विरासत का दस्तावेजीकरण, संरक्षण, डिजिटलीकरण और ऑनलाइन प्रसार करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, मिशन ने पूरे भारत में 100 से अधिक पांडुलिपि संसाधन केन्द्र और पांडुलिपि संरक्षण केन्द्र स्थापित किए हैं।
मिशन ने पांडुलिपि संरक्षण केन्द्रों (एमसीसी) और पांडुलिपि संसाधन केन्द्रों (एमआरसी) के नेटवर्क के माध्यम से भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को संरक्षित, दस्तावेजित और प्रसारित किया है। जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
- मिशन ने देश भर में लगभग 5.2 मिलियन पांडुलिपियों का दस्तावेजीकरण किया है।
- इसने 90 मिलियन पांडुलिपियों को संरक्षित किया है।
- मिशन ने 3.5 लाख पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया है जिनमें 3.5 करोड़ पृष्ठ हैं।
- मिशन ने 100 से अधिक संरक्षण कार्यशालाएं आयोजित की हैं।
- इसने अपने वेब पोर्टल पर लगभग एक लाख चालीस हजार पांडुलिपियाँ अपलोड की हैं, जिनमें से पचहत्तर हजार पांडुलिपियाँ अनुसंधान समुदाय और आम जनता तक मुफ्त पहुँच हेतु ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है।
- अपनी स्थापना के बाद से इसने 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। ऐसे प्रकाशनों की सूची अनुलग्नक-I में दी गई है।
यह जानकारी केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक-I
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(Release ID: 2037153)
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