विद्युत मंत्रालय

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति

Posted On: 25 JUL 2024 5:06PM by PIB Delhi

देश में पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध है। हमने पिछले दस वर्षों में 214237 मेगावाट उत्पादन क्षमता जोड़कर बिजली की कमी के गंभीर मुद्दे का समाधान किया है, जिससे हमारा देश बिजली की अपर्याप्तता से निकलकर बिजली की पर्याप्तता वाला देश बन गया है। हमने उत्पादन क्षमता को मार्च 2014 के 248554 मेगावाट से 79.5 प्रतिशत बढ़ाकर जून 2024 में 446190 मेगावाट कर दिया है।

हमने अप्रैल 2014 से अब तक 195181 कि.मी. ट्रांसमिशन लाइन जोड़ी है, जिससे पूरे देश को एक फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले एक ग्रिड में जोड़ा गया है। इससे हम देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 118740 मेगावाट बिजली स्थानांतरित करने में सक्षम हुए हैं। हमने डीडीयूजीजेवाई/आईपीडीएस/सौभाग्य के तहत 1.85 लाख करोड़ की परियोजनाओं को लागू करके वितरण प्रणाली को मजबूत किया है। उपरोक्त वितरण क्षेत्र योजनाओं के अंतर्गत 2927 नए सब-स्टेशन जोड़े गए हैं, 3965 मौजूदा सब-स्टेशनों का उन्नयन किया गया है, 6,92,200 वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं, 1,13,938 सर्किट किलोमीटर (किमी) का फीडर पृथक्करण किया गया है और राज्यों में 8.5 लाख सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) एचटी और एलटी लाइनों को जोड़ा/उन्नत किया गया है। इन उपायों के परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की उपलब्धता 2015 में 12.5 घंटे से बढ़कर 2024 में 21.9 घंटे हो गई है। शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 2024 में बढ़कर 23.4 घंटे हो गई है। ऊर्जा की आवश्यकता और आपूर्ति की गई ऊर्जा के बीच का अंतर 2013-14 में 4.2 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 (जून, 2024 तक) में 0.1 प्रतिशत हो गया है। ऊर्जा की आवश्यकता और आपूर्ति के बीच यह अंतर भी आम तौर पर राज्यों के ट्रांसमिशन/वितरण नेटवर्क में बाधाओं और डिस्कॉम आदि की वित्तीय बाधाओं के कारण होता है।

पिछले दस वर्षों और चालू वर्ष जून-2024 तक ऊर्जा के संदर्भ में देश में बिजली आपूर्ति की स्थिति का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।

भारत सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत सभी गैर-विद्युतीकृत गांवों का विद्युतीकरण किया और ग्रामीण क्षेत्रों में सब-ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को मजबूत किया। इस योजना के तहत कुल 18,374 गांवों का विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा, सौभाग्य योजना के तहत सभी इच्छुक गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण किया गया। सौभाग्य योजना के तहत कुल 2.86 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया है। मार्च 2022 तक दोनों योजनाएं बंद हो गई हैं।

इसके अलावा, भारत सरकार छूटे हुए घरों के विद्युतीकरण के लिए चल रही पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत राज्यों का समर्थन कर रही है। इसके अलावा, पीएम-जनमन के तहत सभी चिन्हित पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) परिवारों को ऑन-ग्रिड बिजली कनेक्शन के लिए योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार आरडीएसएस के तहत वित्त पोषण के लिए भी मंजूरी दी जा रही है।

आरडीएसएस के तहत 6.84 लाख बिजली कनेक्शन से वंचित घरों के विद्युतीकरण को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, पीएम-जनमन के तहत 10,710 बस्तियों में कुल 1.24 लाख घरों के ऑन-ग्रिड विद्युतीकरण को भी मंजूरी दी गई है।

पिछले दो वर्षों और चालू वर्ष जून, 2024 तक ऊर्जा के संदर्भ में गुजरात राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है। गुजरात राज्य में आपूर्ति की गई ऊर्जा क्रमशः वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान केवल 44 एमयू और 28 एमयू के मामूली अंतर के साथ ऊर्जा आवश्यकता के अनुरूप रही है। गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 2019-20 में 23.12 घंटे से बढ़कर 2023-24 में 23.75 घंटे हो गई है। वर्तमान में, गुजरात के शहरी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति 23.95 घंटे है।

आरडीएसएस (पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना) के तहत, 6,089 करोड़ रुपये की राशि के इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मंजूरी दी गई है, जिसमें प्रमुख रूप से नई एचटी और एलटी लाइनें, पुरानी/क्षतिग्रस्त लाइनों की री-कंडक्टरिंग, ओवरलोड फीडरों का फीडर बाइफर्केशन, फीडर अलगाव, डीटी का नया/संवर्धन, लचीले वितरण बुनियादी ढांचे का निर्माण आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, बिजली एक समवर्ती विषय होने के कारण, राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति और वितरण संबंधित राज्य सरकार/ विद्युत उपयोगिता के दायरे में है। देश में पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध है। किसी भी राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के बिजली उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न स्रोतों से उचित मात्रा में बिजली की व्यवस्था करना संबंधित राज्य सरकार/ बिजली उपयोगिताओं के अधिकार क्षेत्र में आता है। केंद्र सरकार केवल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) के माध्यम से केंद्रीय क्षेत्र में बिजली संयंत्र स्थापित करके और उनसे गुजरात राज्य सहित विभिन्न राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को बिजली आवंटित करके राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरक बनाती है।

यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक ने दी।

 

अनुलग्नक-I

 

भाग () और (बी) के उत्तर में संदर्भित अनुलग्नक

 

वर्ष

ऊर्जा [मिलियन यूनिट (एमयू) में]

     
 

ऊर्जा आवश्यकता

आपूर्ति की गई ऊर्जा

 

ऊर्जा आपूर्ति नहीं की गई

 

(एमयू)

(एमयू)

(एमयू)

(%)

2014-15

10,68,923

10,30,785

38,138

3.6

2015-16

11,14,408

10,90,850

23,558

2.1

2016-17

11,42,928

11,35,332

7,596

0.7

2017-18

12,13,326

12,04,697

 8,629

0.7

2018-19

12,74,595

12,67,526

 7,070

0.6

2019-20

12,91,010

12,84,444

6,566

0.5

2020-21

12,75,534

12,70,663

4,871

0.4

2021-22

13,79,812

13,74,024

5,787

0.4

2022-23

15,13,497

15,05,914

 7,583

0.5

2023-24

16,26,132

16,22,020

4,112

0.3

2024-25

(जून, 2024 तक)*

4,51,746

4,51,172

574

0.1

   

*जून, 2024 के आंकड़े अनंतिम हैं

   

 

 

अनुलग्नक-II

 

भाग (डी) और () के उत्तर में संदर्भित अनुलग्नक

******

 

वर्ष

ऊर्जा [मिलियन यूनिट (एमयू)]

     
 

ऊर्जा आवश्यकता

आपूर्ति की गई ऊर्जा

 

ऊर्जा आपूर्ति नहीं की गई

 

(एमयू)

 (एमयू)

(एमयू)

(%)

2022-23

139,043

138,999

44

0.0

2023-24

145,768

145,740

28

0.0

2024-25 (जून, 2024 तक)*

42,404

42,404

0

0.0

 

*जून, 2024 के आंकड़े अनंतिम हैं।

****

एमजी/ एआर/एसकेएस/एजे



(Release ID: 2037134) Visitor Counter : 20


Read this release in: English