गृह मंत्रालय
देश में मादक पदार्थों की तस्करी
Posted On:
24 JUL 2024 5:06PM by PIB Bhopal
वर्ष 2022 से संबंधित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित किये गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, साल 2020-2022 के दौरान तस्करी के लिए नशीले पदार्थ रखने के संबंध में स्वापक औषधि एवं नशीला पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस अधिनियम), 1985 के तहत पंजीकृत मामलों (सीआर) की राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है।
मादक पदार्थों तस्करी के लिए डार्कनेट, क्रिप्टो-करेंसी और पार्सल/कूरियर का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने डार्कनेट और क्रिप्टो-करेंसी से जुड़े 92 मामले दर्ज किए हैं, जबकि सभी मादक पदार्थ संबंधी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने वर्ष 2020-2024 (अप्रैल तक) के दौरान पार्सल/कूरियर से जुड़े 1025 मामले दर्ज किए हैं। वर्ष-वार मामलों की संख्या का विवरण अनुलग्नक- II में दिया गया है।
देश में मादक पदार्थों की तस्करी को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण भी नीचे दिया गया है: -
- सरकार ने नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों से निपटने वाले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों तथा केंद्रीय एवं राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच कार्यों का प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए 4 स्तरीय एनसीओआरडी तंत्र (शीर्ष, कार्यकारी, राज्य व जिला स्तर) की शुरुआत की है और इसे सशक्त बनाया गया है।
- II. प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में एडीजी/आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करने वाली एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की स्थापना की गई है।
- इस संबंध में एक एनसीओआरडी पोर्टल भी विकसित किया गया है, जो नशीली दवाओं से संबंधित कानून प्रवर्तन से संबंधित जानकारी के लिए एक समग्र पोर्टल है।
- IV. सरकार ने 1933-मानस हेल्पलाइन शुरू की है, जिसे नागरिकों के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में तैयार किया गया है, ताकि वे कई संचार माध्यमों से नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों की जानकारी उपलब्ध करा सकें। यह नशीली वस्तुओं से जुड़े हुए अपराधों/तस्करी पर जानकारी साझा करने के लिए जनता के साथ एक इंटरफेस के रूप में काम करेगा।
- मादक पदार्थ और आतंकवाद के मामलों सहित नशीले पदार्थ से जुड़े अहम मसलों की जांच की निगरानी के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) का गठन किया गया है।
- VI. डार्कनेट पर ड्रग्स से संबंधित संदिग्ध लेनदेन की निगरानी के लिए डार्कनेट और क्रिप्टो करेंसी पर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
- स्वापक औषधि एवं नशीला पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत बीएसएफ, एसएसबी, असम राइफल्स और भारतीय तटरक्षक बल को भूमि तथा समुद्री सीमा क्षेत्रों में मादक पदार्थों की रोकथाम करने का अधिकार दिया गया है।
- स्वापक औषधि एवं नशीला पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत रेलवे नेटवर्क द्वारा देश भर में मादक पदार्थों की अंतर्राज्यीय तस्करी को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को भी सशक्त बनाया गया है।
- IX. एनसीबी ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या 3 से बढ़ाकर 7 कर दी है और अपने उप-क्षेत्रों को मंडलों में परिवर्तित कर दिया है, जिससे देश भर में कुल 30 क्षेत्रीय इकाइयां अब हो गई हैं।
- समुद्री मार्गों से मादक पदार्थों की तस्करी, चुनौतियों और उनके समाधानों का विश्लेषण करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) में एक उच्च स्तरीय बहु संस्था समुद्री सुरक्षा समूह (एमएएमएसजी) बनाया गया है।
- XI. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के साथ मिलकर गिरफ्तार एनडीपीएस अपराधियों के बारे में राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस (एनआईडीएएएन) नामक एक पोर्टल तैयार किया है।
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पूरे भारत में मादक पदार्थ कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण में एकरूपता लाने के उद्देश्य से अन्य विभागों के साथ मिलकर एक कोर मॉड्यूल तथा पांच प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए हैं। इसके अलावा डिजिटल फोरेंसिक, डार्कनेट और क्रिप्टो करेंसी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
- नार-के9 पूल - नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्षेत्रीय इकाइयों के हितों की पूर्ति के साथ-साथ राज्यों तथा अन्य केंद्रीय एजेंसियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय संसाधन के रूप में 10 स्थानों पर एक राष्ट्रीय श्वान पूल स्थापित किया गया है।
सरकार ने नशीली दवाओं के इस्तेमाल की समस्या से निपटने के लिए इस तरह की दवाओं की मांग में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) तैयार की है और इसे लागू किया है, जिसके तहत सरकार युवाओं में मादक पदार्थों के इस्तेमाल की समस्या को रोकने के लिए निरंतर व समन्वित कार्रवाई कर रही है। इसमें शामिल हैं:
- देश के सभी जिलों में 8000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों के माध्यम से नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) का शुभारंभ किया गया और 3.53 करोड़ युवाओं तथा 2.34 करोड़ महिलाओं सहित 11 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई।
- II. सरकार द्वारा नशीले पदार्थों से ग्रसित या पीड़ितों के लिए उपचार, निवारक शिक्षा, जागरूकता सृजन, प्रेरक परामर्श, नशा मुक्ति, देखभाल व सामाजिक मुख्यधारा में पुनः एकीकरण प्रदान करने के उद्देश्य से 345 एकीकृत पुनर्वास केंद्रों (आईआरसीए) को सहयोग दिया जा रहा है।
- सरकार द्वारा सहायता प्राप्त 47 समुदाय आधारित सहकर्मी नेतृत्व हस्तक्षेप (सीपीएलआई) केंद्र कमजोर और जोखिम वाले बच्चों तथा किशोरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- IV. सरकार द्वारा सहयोग प्राप्त 74 आउटरीच और ड्रॉप-इन सेंटर (ओडीआईसी) मादक द्रव्यों के सेवन करने वालों के लिए उपचार, पुनर्वास, जांच, मूल्यांकन, परामर्श, रेफरल, उपचार एवं पुनर्वास सेवाओं के लिए लिंकेज हेतु सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
- नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) माध्यम से सरकारी अस्पतालों में 105 व्यसन उपचार सुविधाएं (एटीएफ) स्थापित की गई हैं।
- VI. अब तक 71 जिला नशामुक्ति केंद्र (डीडीएसी) स्थापित किए जा चुके हैं, जो आईआरसीए, ओडीआईसी और सीपीएलआई द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी तीन सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराते हैं।
- नशामुक्ति के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन 14446 संचालित की जाती है, जो मदद चाहने वाले व्यक्तियों को प्राथमिक परामर्श और तत्काल सहायता प्रदान करती है।
- सरकार अपने स्वायत्त निकाय राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान (एनआईएसडी) और अन्य सहयोगी एजेंसियों जैसे राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), केन्द्रीय विद्यालय संगठन आदि के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों सहित सभी हितधारकों के लिए नियमित जागरूकता सृजन व संवेदीकरण सत्र आयोजित करती है।
- IX. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) द्वारा नवचेतना मॉड्यूल, शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों (6वीं-11वीं कक्षा), शिक्षकों व अभिभावकों को नशीली दवाओं पर निर्भरता, इससे निपटने की रणनीतियों तथा जीवन कौशल के बारे में जागरूक किया जा सके।
अनुलग्नक-I
वर्ष 2020-2022 के लिए स्वापक औषधि एवं नशीला पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस अधिनियम), 1985 के अंतर्गत मादक पदार्थों की तस्करी के लिए पंजीकृत मामलों (सीआर) का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण
क्रम संख्या
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
2020
|
2021
|
2022
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
602
|
1085
|
870
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
36
|
45
|
71
|
3
|
असम
|
501
|
1026
|
1509
|
4
|
बिहार
|
83
|
255
|
181
|
5
|
छत्तीसगढ़
|
815
|
1092
|
1085
|
6
|
गोवा
|
70
|
64
|
91
|
7
|
गुजरात
|
191
|
261
|
297
|
8
|
हरियाणा
|
1277
|
1143
|
1612
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
1148
|
1089
|
1101
|
10
|
झारखंड
|
172
|
280
|
260
|
11
|
कर्नाटक
|
956
|
1199
|
1229
|
12
|
केरल
|
386
|
597
|
1660
|
13
|
मध्य प्रदेश
|
1644
|
1959
|
2169
|
14
|
महाराष्ट्र
|
647
|
1504
|
1544
|
15
|
मणिपुर
|
203
|
229
|
386
|
16
|
मेघालय
|
53
|
36
|
48
|
17
|
मिजोरम
|
50
|
65
|
149
|
18
|
नागालैंड #
|
52
|
80
|
94
|
19
|
ओडिशा
|
1031
|
1459
|
1827
|
20
|
पंजाब
|
4039
|
5766
|
7433
|
21
|
राजस्थान
|
1735
|
1971
|
2428
|
22
|
सिक्किम
|
11
|
26
|
19
|
23
|
तमिलनाडु
|
1252
|
1909
|
2590
|
24
|
तेलंगाना
|
245
|
624
|
524
|
25
|
त्रिपुरा
|
273
|
331
|
521
|
26
|
उत्तर प्रदेश
|
5889
|
4819
|
4920
|
27
|
उत्तराखंड
|
607
|
280
|
206
|
28
|
पश्चिम बंगाल
|
1217
|
1376
|
1174
|
|
कुल राज्य(राज्य)
|
25185
|
30570
|
35998
|
29
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
11
|
3
|
32
|
30
|
चंडीगढ़
|
134
|
89
|
182
|
31
|
डी एंड एन हवेली और दमन और दीव
|
1
|
0
|
0
|
32
|
दिल्ली
|
290
|
294
|
383
|
33
|
जम्मू और कश्मीर
|
933
|
1324
|
1443
|
34
|
लद्दाख
|
0
|
3
|
5
|
35
|
लक्षद्वीप
|
0
|
1
|
1
|
36
|
पुडुचेरी
|
6
|
18
|
20
|
|
कुल केंद्र शासित प्रदेश
|
1375
|
1732
|
2066
|
|
कुल (अखिल भारतीय)
|
26560
|
32302
|
38064
|
स्रोत: भारत में अपराध, 2022, एनसीआरबी।
# वर्ष 2022 के लिए नागालैंड से स्पष्टीकरण वाले मामले लंबित हैं
अनुलग्नक-II
नशीले पदार्थ की रोकथाम से संबंधित सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट की गई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और कोरियर/पार्सल द्वारा डार्कनेट, क्रिप्टो मुद्राओं से जुड़ी ड्रग जब्ती के मामलों की संख्या:
वर्ष
|
डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मामलों की संख्या
|
कूरियर/पार्सल से जुड़े मामलों की संख्या
|
2020
|
03
|
259
|
2021
|
49
|
250
|
2022
|
08
|
240
|
2023
|
21
|
241
|
2024 (अप्रैल तक)
|
11
|
35
|
कुल
|
92
|
1025
|
स्रोत: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
यह बात गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
***
एमजी/एआर/एनके/एसएस
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