विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
कसावा से बना बायोप्लास्टिक नगालैंड में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है
Posted On:
24 JUL 2024 3:43PM by PIB Delhi
नागालैंड के मोकोकचुंग जिले के 10 गांवों के छोटे धारक किसान प्लास्टिक के स्थान पर कसावा स्टार्च से बने कम्पोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग का उपयोग करके एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं।
एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के प्रयासों ने मुख्य रूप से वैकल्पिक हल्के सामग्रियों की कमी के कारण सीमित प्रभाव डाला है जो व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक को बदल सकते हैं।
इस चुनौती का समाधान करने के लिए नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (एनईसीटीएआर) ने कसावा स्टार्च (मैनिहोट एस्कुलेंटा) से कंपोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग बनाने की पहल का समर्थन किया है।
नगालैंड स्थित एमएसएमई इकोस्टार्च ने नगालैंड के मोकोकचुंग में कसावा प्लांट से बायोप्लास्टिक बैग बनाने के लिए एक सुविधा स्थापित की है और कसावा की खेती करने के लिए उत्पादन सुविधा के 30-40 किलोमीटर की सीमा के भीतर किसानों को जुटा रहा है। किसानों ने पहले ही सामग्रियों का रोपण शुरू कर दिया है और लगभग एक वर्ष में यह फसल के लिए तैयार हो जाएगा।
यूनिट की वर्तमान उत्पादन क्षमता लगभग 3 टन प्रति माह है और बाजार सर्वेक्षण से अधिक मांग का पता चला है।
इस मॉडल के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 'कसावा गांव' को बढ़ावा दिया जा रहा है। कसावा की खेती के माध्यम से उन्हें आजीविका के वैकल्पिक अवसर प्रदान करने के लिए किसान समूह बनाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। किसानों को कसावा की खेती का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है और उन्हें उपयोगी कृषि इंपुट से लैस किया जा रहा है।
सभी लक्षित गांवों में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों को भी मजबूत बनाया जा रहा है और कसावा की खेती को अपनी आय सृजन गतिविधियों (आईजीए) के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इकोस्टार्च का लक्ष्य किसानों से स्थानीय स्तर पर प्राप्त कसावा स्टार्च से बने खाद्य पैकेजिंग और कैरी बैग के लिए उपयुक्त बायोडिग्रेडेबल फिल्म/बैग निर्माण इकाई स्थापित करना है। इससे कच्चे माल की सफाई, शिपिंग के लिए उत्पादों की छंटाई और पैकेजिंग में अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
इस प्रयास ने क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है, जिससे हरित अर्थव्यवस्था बनी है। इसके संभावित रोजगार सृजन गतिविधि के रूप में कार्य करने की आशा है। यह प्रत्येक गांव को एक उद्यमी केंद्र में बदलने, एक हरियाली चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के बीच अत्यावश्यक आर्थिक स्वतंत्रता लाने के मार्ग पर है।
*****
एमजी/एआर/एजी/एसके
(Release ID: 2036439)
Visitor Counter : 182