सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

सड़क निर्माण पहल

Posted On: 24 JUL 2024 1:59PM by PIB Delhi

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत में, जारी/प्रदान की गई परियोजनाओं के अंतर्गत, मंत्रालय के पास निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की लगभग 20,000 किलोमीटर की लंबाई शेष थी। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के पास डीपीआर और निविदा प्रक्रिया के तहत परियोजनाओं की एक शेल्फ है, ताकि चालू और अगले वित्त वर्ष के दौरान निर्माण प्रगति को और बढ़ाया जा सके। मंत्रालय राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ सक्रिय सहयोग में चल रही परियोजनाओं में बाधाओं/रुकावटों की समीक्षा और समाधान के तंत्र का लाभ उठा रहा है। मंत्रालय नई परियोजनाओं के लिए आवश्यक मंजूरी/अनुमोदन की उपलब्धता और पूर्व शर्तों की पूर्ति में तेजी लाने के लिए भी पूरा प्रयास कर रहा है। हालांकि, निर्माण में वृद्धि की कोई विशिष्ट वार्षिक दर अभी तक योजनाबद्ध नहीं की गई है।

सरकार ने राजमार्ग परियोजनाओं में निजी डेवलपर्स की रुचि को फिर से जगाकर करके देश में निर्माण की गति को तेज करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य उन परियोजनाओं की मात्रा को इष्टतम करना है जिन्हें सरकार के उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों के भीतर कार्यान्वित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, एचएएम निजी डेवलपर्स और सरकार के बीच जोखिम को साझा करने की अनुमति देता है। निर्माण अवधि के दौरान परियोजना लागत का 40 प्रतिशत योगदान करके, सरकार निजी कंपनियों के साथ वित्तीय बोझ साझा करती है, जबकि यातायात/राजस्व जोखिम प्राधिकरण के पास रहता है।

आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत, यह मंत्रालय परियोजनाओं के लिए पर्याप्त नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने और कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को कम करने के लिए ठेकेदारों और रियायतग्राहियों को विभिन्न छूट प्रदान करने में सक्षम रहा है। इसके अतिरिक्त, आईएनवीआईटी जैसी नवीन वित्तपोषण विधियों ने पूरी हो चुकी सड़क परिसंपत्तियों का मूल्य उजागर कर दिया है। आईएनवीआईटी के माध्यम से, मंत्रालय बजटीय आवंटन और टोल राजस्व जैसे धन के पारंपरिक स्रोतों के अलावा पूंजी का वैकल्पिक स्रोत उत्पन्न करने में सक्षम रहा है, और निजी कंपनियों की ओएंडएम में अधिक भागीदारी हुई है। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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