पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

गुजरात के लोथल स्थित राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) की ऑनसाइट समीक्षा और कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई

ऑनसाइट परियोजना समीक्षा और कार्यकारी समिति की बैठकों में इसकी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई

एनएमएचसी परियोजना के चरण 1ए के लिए भौतिक प्रगति की स्थिति लगभग 55 फीसदी है, चरण 1बी के लिए निविदाएं जुलाई, 2024 तक प्रदान किए जाने की आशा है

बाकी चरणों के लिए निविदा प्रक्रिया अभी चल रही है

Posted On: 12 JUL 2024 5:15PM by PIB Bhopal

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्लू) सागरमाला कार्यक्रम के तहत गुजरात के लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) विकसित कर रहा है। इस विश्वस्तरीय केंद्र का उद्देश्य एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल का निर्माण करना है, जो नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एक शैक्षणिक मनोरंजन दृष्टिकोण के जरिए प्राचीन से आधुनिक काल तक भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित करेगा। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सागरमाला के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इस परियोजना की प्रगति को लेकर एक ऑनलाइट समीक्षा बैठक 11 जुलाई, 2024 को गुजरात के लोथल स्थित एनएमएचसी परियोजना स्थल पर आयोजित की गई। इसके बाद 12 जुलाई, 2024 को अहमदाबाद के राज्य अतिथि गृह में कार्यकारी समिति की बैठक हुई। इन बैठकों में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), एमओसी, एमओडी (नौसेना और तटरक्षक), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और गुजरात सरकार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

गुजरात सरकार ने एनएमएचसी के लिए सरगवाला गांव में 400 एकड़ भूमि आवंटित की है। इसके अलावा इस परियोजना के लिए बाह्य बुनियादी ढांचे का विकास भी शुरू किया है। इसमें सरगवाला गांव से एनएमएचसी परियोजना स्थल तक 1.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण, 17 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बिछाना, 66 केवी जीआईएस सब-स्टेशन की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध कराना और नर्मदा जल आपूर्ति व भंडारण टैंक का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा परियोजना के लिए बुनियादी आंतरिक अवसंरचना के विकास को लेकर 150 करोड़ रुपये का योगदान भी दिया गया है।

इस परियोजना के चरण 1ए के लिए भौतिक प्रगति की स्थिति लगभग 55 फीसदी है, सभी गैलरी निविदा पैकेज प्रदान किए जा चुके हैं। वहीं, चरण 1बी के लिए निविदाएं जुलाई, 2024 तक प्रदान किए जाने की आशा है। बाकी चरणों के लिए निविदा प्रक्रिया अभी चल रही है। इस समुद्री परिसर में विश्व के सबसे ऊंचे प्रकाश स्तंभ संग्रहालयों में से एक होने के साथ दुनिया की सबसे बड़ी खुली जलीय गैलरी और भारत का सबसे भव्य नौसेना संग्रहालय स्थित होगा, जिससे यह एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा।

मार्च, 2022 में शुरू होने वाली इस परियोजना को लगभग 4500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है और इसमें कई अभिनव व अनूठी विशेषताएं शामिल होंगी। इनमें हड़प्पा वास्तुकला व जीवनशैली को प्रदर्शित करने वाला लोथल लघु मनोरंजन पार्क, चार थीम पार्क (मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री व नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और साहसिक व मनोरंजन थीम पार्क) और हड़प्पा काल से लेकर आज तक की भारत की समुद्री विरासत को दिखाने वाली चौदह दीर्घाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एक तटीय राज्य मंडप भी होगा, जिसमें भारत के राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस परियोजना से क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र सहित आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की आशा है।

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