रक्षा मंत्रालय
डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना के तहत निजी क्षेत्र के लिए सात नई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की
इसका उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना है
Posted On:
11 JUL 2024 12:39PM by PIB Bhopal
आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सशस्त्र बलों और एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्रों की विभिन्न जरूरतों के लिए प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना के तहत उद्योगों को सात नई परियोजनाएं प्रदान की हैं। ये स्वीकृति परियोजनाएं रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में डीआरडीओ के निरंतर प्रयासों का प्रमाण हैं। इन प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास से सैन्य औद्योगिक इकोसिस्टम मजबूत होगा। इन स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है:
स्वदेशी परिदृश्य और सेंसर सिमुलेशन टूलकिट
इस परियोजना में वास्तविक परिदृश्यों में पायलटों के सिम्युलेटर प्रशिक्षण के लिए एक स्वदेशी टूलकिट का विकास शामिल है। इससे पूर्ण मिशन योजना और भारी बल भागीदारी में मदद मिलेगी। यह परियोजना स्टार्ट-अप, ऑक्सीजन 2 इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा को दी गई है।
अंडर वाटर प्रक्षेपित मानवरहित हवाई वाहन
यह परियोजना बहुमुखी समुद्री युद्ध क्षेत्र सहायक उपकरण से संबंधित है जिसे युद्ध की कई भूमिकाओं में तैनात किया जा सकता है। इसका उद्देश्य खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) तथा समुद्री डोमेन जागरूकता (एमडीए) है। यह परियोजना सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, पुणे को प्रदान की गई है।
डिटेक्शन और न्यूट्रेलाइजेशन के लिए लम्बी दूरी का रिपोर्ट चालित वाहन
ये वाहन दोहरे उपयोग वाली प्रणालियों, जो प्रमुख परिसंपत्तियों को संदिग्ध परिचालन क्षेत्र से दूर रखते हुए पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने, उन्हें वर्गीकृत करने, उनका स्थान निर्धारित करने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम होंगे। इस परियोजना का काम स्टार्ट-अप आईआरओवी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कोच्चि को दिया गया है।
विमान के लिए आईस डिटेक्शन सेंसर का विकास
इस परियोजना का उद्देश्य उड़ान के दौरान बर्फ जमने की स्थिति का पता लगाना है, जो सुपर कूल्ड पानी की बूंदों के कारण होती है और विमान की बाहरी सतहों से टकराने के बाद जम जाती है। इन्हें विमान द्वारा विमान में एंटी-आइसिंग मैकेनिज्म को चालू करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह परियोजना क्राफ्टलॉजिक लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु को दी गई है।
एक्टिव एंटीना ऐरे सिम्युलेटर के साथ रडार सिग्नल प्रोसेसर का विकास
यह परियोजना छोटी दूरी की हवाई हथियार प्रणालियों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए विविध लक्ष्य प्रणाली की तैनाती को सक्षम बनाएगी। यह बड़ी रडार प्रणालियों के लिए बुनियादी निर्माण ब्लॉक के रूप में कार्य करेगी। इस परियोजना को डेटा पैटर्न (इंडिया) लिमिटेड, चेन्नई को सौंपा गया है।
भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट प्रणाली आधारित समय अधिग्रहण और प्रसार प्रणाली का विकास
इस परियोजना की एकॉर्ड सॉफ्टवेयर एंड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य समय अधिग्रहण और प्रसार प्रणाली के स्वदेशीकरण को सक्षम करना, समय प्राप्त करने के लिए भारतीय नक्षत्र का उपयोग करना तथा रेंज आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित एवं लचीली समय प्रणाली का विकास करना है।
बहु-कार्यात्मक वियरेबल अनुप्रयोगों के लिए ग्राफीन आधारित स्मार्ट और ई-टेक्सटाइल का विकास
कोयंबटूर के स्टार्ट-अप एलोहाटेक प्राइवेट लिमिटेड को इस परियोजना के लिए मंजूरी दी गई है। यह ग्रेफीन नैनोमटेरियल और कंडक्टिव स्याही का उपयोग करके कंडक्टिव यार्न और फैब्रिक बनाने की प्रक्रिया विकसित करेगी। इसका परिणाम उन्नत नैनोकंपोजिट सामग्री-आधारित ई-टेक्सटाइल होगा जिसमें व्यावहारिक कपड़ों के अनुप्रयोगों के लिए बुनियादी लाभों का उपयोग किया जाएगा।
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