पंचायती राज मंत्रालय
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पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए एनआईआरडीएंडपीआर, हैदराबाद में 1 से 11 जुलाई, 2024 तक नवनियुक्त क्षमता निर्माण सलाहकारों और गुणवत्ता निरीक्षकों का प्रशिक्षण


अपर सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया

Posted On: 05 JUL 2024 8:22PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीएंडपीआर) के सहयोग से एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य नवनियुक्त क्षमता निर्माण सलाहकारों, राज्य के गुणवत्ता निरीक्षकों की क्षमताओं को मजबूत करना है, जिन्हें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के राज्य संस्थानों (एसआईआरडीएंडपीआर) और राज्य पंचायती राज संसाधन केन्‍द्रों (एसपीआरसी) तथा भारत के अन्य पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थानों में तैनात किया जाएगा। इस पहल के तहत, 1 जुलाई से 11 जुलाई, 2024 तक शुरू किया गया एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) को मजबूत करने और ग्रामीण विकास में उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्यारह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 85 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

अपर सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने आज एनआईआरडीएंडपीआर, हैदराबाद में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने 73वें संशोधन कानून की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला, स्थानीय शासन को सशक्त बनाने और सलाहकारों की भूमिका में इसके महत्व पर जोर दिया। डॉ. कुमार ने पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया, जिसमें मिली-जुली पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी, खातों और ई-गवर्नेंस का रखरखाव, ग्राम सभाओं और पंचायत बैठकों का आयोजन, नागरिकों को सेवा प्रदान करना और स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) को जुटाना जैसे आवश्यक क्षेत्र शामिल हैं।


डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई गतिविधियों और कार्यों तथा विषयगत ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के लिए उपलब्ध संसाधन सामग्री का अवलोकन प्रदान किया। डॉ. कुमार ने पंचायत निर्णय एप्लिकेशन की कार्यक्षमता और लाभों का भी वर्णन किया। पेसा में प्रमुख चुनौतियों के बारे में अपने संबोधन में, उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के भीतर पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पेसा) के प्रावधानों के बारे में जानकारी की कमी और पेसा अधिनियम तथा राज्य पेसा नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन में सीमित प्रगति पर चर्चा की।

सहभागी दृष्टिकोण का इस्तेमाल करते हुए, डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने प्रतिभागियों को GeM-e-Gram Swaraj के साथ जोड़ने और स्थानिक नियोजन के लिए स्वामित्व योजना जैसी डिजिटल पहलों पर वीडियो के साथ जोड़ा। व्याख्यान सह चर्चा ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया, जिसका उद्देश्य देश भर में पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने में वरिष्ठ क्षमता निर्माण सलाहकारों और राज्य गुणवत्ता मॉनिटरों की क्षमताओं को बढ़ाना था।

 

पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद ने संशोधित आरजीएसए के तहत पीआरआई की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर 3 जुलाई, 2024 को एक व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं के आकलन, प्रशिक्षण मॉड्यूल के विकास, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण गतिविधियों के मूल्यांकन और संशोधित आरजीएसए के तहत नई पहलों के महत्व पर जोर दिया। इन पहलों में नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम, संकाय विकास कार्यक्रम, निर्वाचित प्रतिनिधियों (ईआर) के लिए संयुक्त/एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम, क्षेत्रीय आधार पर एसआईआरडी के माध्यम से संकाय विकास कार्यक्रम, क्षेत्रीय आधार पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण और पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई) का महत्व शामिल हैं।


प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन 1 जुलाई, 2024 को एनआईआरडी और पीआर के रजिस्ट्रार और निदेशक (प्रशासन) प्रभारी श्री मनोज कुमार द्वारा किया गया। एसोसिएट प्रोफेसर और एनआईआरडी एंड पीआर, सीपीआरडीपी एंड एसएसडी के प्रमुख और प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक डॉ. अंजन कुमार भांजा ने पूरे कार्यक्रम का परिचय दिया और प्रशिक्षण कार्यक्रम की पृष्ठभूमि तथा उद्देश्यों पर एक व्यापक सत्र का संचालन किया।

राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान ने पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के प्रभावी प्रबंधन के लिए ठोस जानकारी और पेशेवर समर्थन की जरूरत को देखते हुए नवीनीकृत आरजीएसए के तहत पंचायती राज में उत्कृष्टता स्कूल (एसओईपीआर) की स्थापना की। एसओईपीआर का उद्देश्य राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत क्षमता निर्माण व प्रशिक्षण (सीबीएंडटी) प्रयासों को तेज करने सहित राज्य पंचायती राज विभागों, एसआईआरडी और पीआरआई की क्षमताओं को संवर्द्धित करना है।

राज्य स्तर पर एसआईआरडी और एसपीआरसी में वरिष्ठ क्षमता निर्माण परामर्शदाता व राज्य गुणवत्ता मॉनिटर के साथ-साथ क्षमता निर्माण परामर्शदाता और राज्य गुणवत्ता मॉनिटर नियुक्त हैं। उनकी जिम्मेदारियों के तहत एसआईआरडी और प्रशिक्षण संस्थानों को सहायता प्रदान करना, संस्थागत सुदृढ़ीकरण में पीआरआई को सहायता प्रदान करना, विषयवस्तु-आधारित पंचायत नियोजन और आरजीएसए के अधीन सीबीएंडटी प्रयासों की निगरानी करना शामिल है।

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