नीति आयोग

अटल इनोवेशन मिशन ने ‘स्टोरीज ऑफ चेंज एडिशन 2’ के लॉन्च के साथ-साथ कम्युनिटी इनोवेटर फेलो ग्रेजुएशन का जश्न मनाया

Posted On: 05 JUL 2024 6:22PM by PIB Delhi

नीति आयोग में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने 5 जुलाई, 2024 को एक महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाया। इसमें कम्युनिटी इनोवेटर फेलो (सीआईएफ) के अपने दूसरे बैच के ग्रेजुएट होने का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में ‘स्टोरीज ऑफ चेंज एडिशन 2’ का भी शुभारंभ किया गया। यह उन लोगों पर केंद्रित है, जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए आवश्यक बदलाव लाने के लिए अपने जुनून को जीने का साहस करते हैं। पूरे भारत में जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिए एआईएम की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रतिभागियों ने एक परिवर्तनकारी यात्रा की परिणति देखी। एआईएम ने अपने अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र (एसीआईसी) कार्यक्रम के माध्यम से देश के वंचित/अल्प सुविधाओं वाले क्षेत्रों की सेवा करने और हर जमीनी स्तर के इनोवेटर को सहायता प्रदान करने और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 2030 तक पहुंचने की गति तेज करने की दिशा में काम करने की परिकल्पना की है।

 

इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ता कैपजेमिनी इंडिया के उपाध्यक्ष और सीएसआर लीडर अनुराग प्रताप सिंह ने गहन अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिन्होंने स्थानीय नवाचार और सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में सहयोग आधारित भागीदारी की उत्प्रेरक भूमिका पर जोर दिया।

श्री सिंह ने कहा, ये नवोन्मेषक केवल अपने समुदायों के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर समाज के लिए भी रोल मॉडल के रूप में काम करते हैं। मैं प्रत्येक व्यवसाय को समृद्ध होते हुए देखकर प्रसन्न हूं - यह कच्चे सोने को एक अनमोल रत्न में बदलने जैसा है। उनकी यात्रा सराहनीय रही है, जो निरंतर समर्थन और सुविधा के साथ प्रभावशाली परिवर्तन लाने की उनकी क्षमता को उजागर करती है।

एसआरएफ फाउंडेशन में लीड सीएसआर और निदेशक डॉ. सुरेश रेड्डी ने सामुदायिक चुनौतियों का समाधान करने में सामाजिक उद्यमिता के प्रभाव पर विचार किया। उन्होंने सीआईएफ की उनके अभिनव समाधानों और स्थायी परिवर्तन लाने के प्रति समर्पण के लिए सराहना की।

डॉ. रेड्डी ने कहा, “केंद्रीभूत मूल्य ‘अपना स्वामी बनो’ है। नीति आयोग ने एटीएल, इनक्यूबेशन सेंटर और एसीआईसी सेंटर जैसी पहलों के माध्यम से जमीनी स्तर से स्टार्टअप के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए हैं, जो सामुदायिक निर्माण को बढ़ावा देते हैं। एक साथ आकर, न कि अलग-थलग रहकर, हम स्थिरता को बढ़ावा दे सकते हैं, नवाचार को आगे बढ़ा सकते हैं और एक मजबूत, लचीला राष्ट्र बना सकते हैं।”

एआईएम के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में इनोवेटर को सशक्त बनाने के लिए सीआईएफ कार्यक्रम का जश्न मनाते हुए एक मुख्य भाषण दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और वित्तीय सेवाओं में समाधानों को आगे बढ़ाने में कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की, जो सतत विकास के लोकाचार के साथ गहराई से प्रतिध्वनित होता है।

डॉ. वैष्णव ने कहा, “हमने अब मजबूत संस्थान स्थापित किए हैं, जो शिक्षा के साथ व्यवसाय इनक्यूबेशन को सहजता से एकीकृत करते हैं। यह अच्छी तरह से डिजाइन की गई परियोजना संबंधी उत्कृष्टता का एक मॉडल बनने की आकांक्षा रखती है। सामुदायिक इनोवेटर को जो जो कुछ विशिष्ट बनाता है, वह है सामुदायिक मुद्दों के साथ उनका गहरा जुड़ाव और उनकी समझ। यह पहल नवाचार और स्टार्टअप में पारंपरिक सीमाओं से परे जाने के इच्छुक युवाओं की आकांक्षाओं को पकड़ती है। यह कठोरता और प्रासंगिकता दोनों को दर्शाता है, जो अपने मिशन और प्रभाव में वास्तव में प्रेरणादायक है।”

कार्यक्रम का समापन बहुप्रतीक्षित ‘स्टोरीज ऑफ चेंज एडिशन 2’ के लॉन्च के साथ हुआ। यह संकलन एआईएम इकोसिस्टम के भीतर जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों की आकर्षक कहानियों को प्रदर्शित करता है, प्रत्येक कहानी मजबूती, रचनात्मकता और परिवर्तनकारी प्रभाव का प्रमाण है।

 

स्टोरीज ऑफ चेंज सीजन 2 के बारे में

संग्रह में निम्नलिखित कुछ अनूठी कहानियां शामिल हैं:
 

  • स्टैनजिन जॉर्डन की लद्दाख बास्केट पहल स्थानीय शिल्प कौशल और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देकर लद्दाख की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाती है। किसानों और कारीगरों के साथ सहयोग के माध्यम से, लद्दाख बास्केट स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित करता है, जो प्रामाणिकता और गुणवत्ता के साथ प्रतिध्वनित होते हैं।
  • मुंबई में योशा गुप्ता द्वारा स्थापित मीमेराकी, भारत की विरासत कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक शिल्प कौशल के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ती है। यह 'संस्कृति-तकनीक' मंच कारीगरों को उनके कौशल का डिजिटलीकरण करके, वैश्विक प्रदर्शन प्रदान करके और स्थायी आर्थिक अवसर पैदा करके सशक्त बनाता है।
  • रांची और बांकुरा में अतुल कुमार की शिल्पकारी पहल आदिवासी कारीगरों को उनके हस्तनिर्मित शिल्प के लिए एक मंच प्रदान करके उनका समर्थन करती है। ढोकरा कला से लेकर बांस शिल्प तक, शिल्पकारी कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देते हुए और आजीविका पैदा करते हुए सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करती है।
  • मणिपुर में बीरेन सिंह का पावर हैंडलूम नवाचार पारंपरिक कपड़े के उत्पादन को आधुनिक बनाता है। यह क्रांतिकारी मशीन सदियों पुरानी बुनाई तकनीकों का सम्मान करते हुए उत्पादकता बढ़ाती है, स्थानीय बुनकरों को सशक्त बनाती है और क्षेत्रीय कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देती है।
  • गोरखपुर से राम मिलन की सरल साइकिल चालित चावल डी-हस्किंग मशीन ग्रामीण भारत की बिजली के बिना कुशल चावल डी-हस्किंग की जरूरत को पूरा करती है। यह पैडल-संचालित नवाचार केवल किसानों के लिए समय और श्रम बचाता है, बल्कि कृषि से जुड़ी टिकाऊ कार्य प्रणालियों को भी बढ़ावा देता है।

कार्यक्रम का समापन सीआईएफ और विभिन्न नवप्रवर्तकों के दिल को छू लेने वाले विचारों के साथ हुआ, जिन्होंने अपनी उद्यमशीलता की यात्रा में व्यक्तिगत उपाख्यानों और अंतर्दृष्टि को साझा किया। उनकी कहानियां आशा, लचीलेपन और जमीनी स्तर के नवाचारों की परिवर्तनकारी शक्ति का एक शानदार संदेश देती हैं।

अटल इनोवेशन मिशन के बारे में:

अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग की एक प्रमुख पहल है। पूरे भारत में यह नवाचार-संचालित उद्यमशीलता को उत्प्रेरित करती है। यह मिशन नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाकर और सहयोगात्मक इकोसिस्टम को बढ़ावा देकर, सामाजिक प्रगति को गति देता है और नवप्रवर्तन उत्कृष्टता द्वारा परिभाषित भविष्य का निर्माण करता है।

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