शहरी विकास मंत्रालय
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के 9वें संस्करण की तीसरी तिमाही
बल्क वेस्ट जेनरेटर (बीडब्ल्यूजी) में अपशिष्ट प्रबंधन की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के मूल्यांकन पर केंद्रित
Posted On:
26 JUN 2024 5:04PM by PIB Bhopal
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के 9वें संस्करण की तीसरी तिमाही (क्यू3) का आरंभ किया। सर्वेक्षण का तीसरा चरण बल्क वेस्ट जेनरेटर (बीडब्ल्यूजी) में अपशिष्ट प्रबंधन की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के मूल्यांकन पर केंद्रित होगा। व्यापक स्वच्छ सर्वेक्षण में 4 तिमाहियों का मूल्यांकन शामिल है। पहली दो तिमाहियों में शहर की सफाई के विभिन्न मापदंडों पर नागरिकों से टेलीफोन पर प्रतिक्रिया शामिल है, तीसरी तिमाही में प्रसंस्करण सुविधाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि चौथी तिमाही में सभी संकेतकों पर क्षेत्र मूल्यांकन पर प्रकाश डाला गया है।
शहरी भारत में प्रतिदिन लगभग 150,000 टन कचरा उत्पन्न होता है। बढ़ते शहरीकरण और जीवनशैली में बदलाव के कारण नगरपालिका के ठोस कचरे में काफी वृद्धि देखी जा सकती है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, अनुमान है कि शहर में लगभग 30 से 40 प्रतिशत कचरा बीडब्ल्यूजी द्वारा उत्पन्न होता है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 बीडब्ल्यूजी को उन संस्थाओं के रूप में परिभाषित करता है, जिनकी औसत अपशिष्ट उत्पादन दर प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक है, जिसमें सभी प्रकार के अपशिष्ट शामिल हैं। इस नियम का उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों पर प्रबंधन और वित्तीय बोझ को कम करना, कचरे को लैंडफिल में जाने से रोकना और वायु, मिट्टी व भूजल प्रदूषण के साथ-साथ शहर के कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी निकायों, सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे होटल, विश्वविद्यालय, रेलवे और बस स्टेशन, हवाई अड्डों जैसे थोक अपशिष्ट उत्पादकों को स्रोत पर कचरे को अलग करना, अपने परिसर में खाद बनाने वाली इकाइयां स्थापित करके खाद और बायोगैस का उत्पादन करने के लिए जैव-अपघटनीय कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण सुनिश्चित करना आवश्यक है। बीडब्ल्यूजी को निर्माण और तोड़फोड़ (सीएंडडी) से उत्पन्न कचरे को भी अलग से संग्रहित करना है।
कुल अपशिष्ट उत्पादन में उनकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी को देखते हुए, बीडब्ल्यूजी की कार्रवाइयां स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसका लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के विभिन्न कार्यान्वयन घटकों में शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता निर्माण के निरंतर प्रयासों के हिस्से के रूप में, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की तीसरी तिमाही 5 जुलाई को शुरू होगी, जिसमें स्थानीय शहरी निकायों के अधिकार क्षेत्र में बीडब्ल्यूजी द्वारा उत्पन्न कचरे के संग्रह, परिवहन, प्रसंस्करण और अंतिम निस्तारण सहित अपशिष्ट प्रबंधन के सभी पहलुओं को मान्य किया जाएगा।
चार तिमाहियों में फैले, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की चौथी तिमाही सितंबर-अक्टूबर, 2024 के आसपास शुरू होने की उम्मीद है।
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