संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपने टेलीकॉम वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम, 2018 के तहत अभिगम प्रदाताओं (एक्सेस प्रोवाइडर) को  निर्देश जारी किए


अभिगम प्रदाता (एक्सेस प्रोवाइडर) के मोबाइल ऐप एवं वेब पोर्टल के जरिए अवांछित वाणिज्यिक संचार संबंधी शिकायतों, प्राथमिकताओं तथा सहमतियों के पंजीकरण को उपयोगकर्ताओं के और अधिक अनुकूल बनाने के संबंध में निर्देश

प्राधिकरण के समक्ष मासिक आधार पर संशोधित प्रारूप में प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में निर्देश

Posted On: 24 JUN 2024 7:36PM by PIB Delhi

अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी), जिसे आमतौर पर स्पैम कहा जाता है, की समस्या से निपटने के अपने जारी प्रयास में, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अभिगम प्रदाताओं (एक्सेस प्रोवाइडर) को यूसीसी संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और प्राथमिकता की सेटिंग के लिए अपने मोबाइल ऐप एवं वेब पोर्टल को उपयोगकर्ताओं के और अधिक अनुकूल बनाने का आदेश दिया है।

ट्राई ने अभिगम प्रदाताओं (एक्सेस प्रोवाइडर) को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया है कि यूसीसी संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और प्राथमिकता प्रबंधन के विकल्प अभिगम प्रदाताओं के मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइटों पर आसानी से उपलब्ध हों। इसके अलावा, यदि उपयोगकर्ता अपने कॉल लॉग और अन्य प्रासंगिक डेटा तक पहुंचने की अनुमति देते हैं, तो शिकायतों के पंजीकरण हेतु आवश्यक विवरण स्वचालित रूप से भरे जाने चाहिए।

यूसीसी के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, ट्राई ने प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट के प्रारूपों (पीएमआर) में संशोधन को लागू किया है। अधिक विस्तृत निगरानी हेतु सभी अभिगम प्रदाताओं को, पिछले त्रैमासिक रिपोर्टिंग चक्र के उलट, मासिक आधार पर पीएमआर जमा करने की आवश्यकता होगी। 

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एमजी/एआर/आर/एसके



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