सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से उत्पादन के मूल्य पर सांख्यिकीय रिपोर्ट 2024 का प्रकाशन जारी
Posted On:
21 JUN 2024 6:02PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) प्रकाशन- 'कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से उत्पादन के मूल्य पर सांख्यिकीय रिपोर्ट 2024' जारी कर रहा है।
- यह प्रकाशन एक व्यापक और व्यावहारिक दस्तावेज है जो 2011-12 से 2022-23 तक कृषि, पशुधन, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्रों के उत्पादन के मूल्यों की विस्तृत तालिकाएं और विश्लेषण प्रदान करता है। यह विस्तृत प्रकाशन अखिल भारतीय स्तर पर प्रमुख समुच्चय के बाद आता है, जो पहले संशोधित अनुमान (एफआरई) / दूसरे संशोधित अनुमान (एसआरई) (28/29 फरवरी को जारी) की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी के रूप में प्रकाशित होते हैं।
- ‘कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से उत्पादन के मूल्य पर सांख्यिकीय रिपोर्ट 2024’ प्रकाशन मंत्रालय की वेबसाइट (https://mospi.gov.in) पर उपलब्ध है।
प्रमुख विशेषताएं:
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उत्पादन के मूल्य में फसल, पशुधन, वानिकी और मत्स्य पालन उप-क्षेत्रों की हिस्सेदारी 2022-23 में क्रमशः 54.3%, 30.9%, 7.9% और 6.9% थी।
चित्र 1: स्थिर मूल्यों पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के कुल जी.वी.ओ. में कृषि, पशुधन, वानिकी एवं मत्स्य पालन का हिस्सा (%)
- फसल उप-क्षेत्र के दो सबसे बड़े समूह अर्थात् ‘अनाज’ (27.3%) और ‘फल और सब्ज़ियां’ (28.3%) ने मिलकर 2022-23 में फसल उप-क्षेत्र के कुल उत्पादन में 55% से अधिक का योगदान दिया। एक समूह के रूप में, अनाज का जीओवी ₹336.4 हज़ार करोड़ था, जो 2011-12 में सभी फसल-समूहों में सबसे अधिक था। हालांकि, 2022-23 में, ‘फल और सब्ज़ियों’ का जीओवी ₹434.7 हज़ार करोड़ था, जो अनाज से लगभग ₹15 हज़ार करोड़ अधिक था। 2022-23 में अनाज के उत्पादन का उच्चतम मूल्य उत्तर प्रदेश में है, जबकि फलों और सब्ज़ियों का उत्पादन का उच्चतम मूल्य पश्चिम बंगाल में है।
- पशुधन उप-क्षेत्र का उत्पादन 2011-12 में ₹487.8 हज़ार करोड़ से बढ़कर 2022-23 में ₹878.5 हज़ार करोड़ हो गया। पशुधन उप-क्षेत्र के उत्पादन में दूध, मांस और अंडों की हिस्सेदारी 2022-23 में क्रमशः 66.5%, 23.6% और 3.7% थी। राजस्थान (12.5%) और उत्तर प्रदेश (12.3%) ने मिलकर 2022-23 में स्थिर मूल्यों पर पशुधन उप-क्षेत्र के उत्पादन का लगभग एक चौथाई हिस्सा हासिल किया।
- वानिकी उप-क्षेत्र के कुल उत्पादन मूल्य में औद्योगिक लकड़ी, ईंधन लकड़ी और गैर-लकड़ी वन उत्पादों से उत्पादन के मूल्य का प्रतिशत हिस्सा 2022-23 में क्रमशः लगभग 68%, 20% और 12% है।
- मत्स्य पालन और जलीय कृषि उप-क्षेत्र का उत्पादन 2011-12 में लगभग ₹80 हज़ार करोड़ से बढ़कर 2022-23 में लगभग ₹195 हज़ार करोड़ हो गया। 2015-16 से 2022-23 की अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश मत्स्य पालन और जलीय कृषि का सबसे बड़ा उत्पादक बना रहा और अखिल भारतीय उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 2011-12 में 17.7% से बढ़कर 2022-23 में लगभग 40.9% हो गई।
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