शिक्षा मंत्रालय

जापान में आयोजित सकुरा विज्ञान कार्यक्रम 2024 में 21 छात्र भाग लेंगे

Posted On: 15 JUN 2024 5:00PM by PIB Delhi

जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) द्वारा सकुरा कार्यक्रम 2024 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए गए इक्कीस स्कूली छात्रों को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) की संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी और एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने सीआईईटी-एनसीईआरटी में डीओएसईएल द्वारा आयोजित एक समारोह में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में जापान के जेएसटी के प्रबंधक श्री केमोची युकिओ, सीआईईटी-एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. अमरेंद्र प्रसाद बेहरा और डीओएसईएल-एमओई के अधिकारी भी शामिल हुए। भारत के ये छात्र अन्य देशों के छात्रों के साथ 16-22 जून 2024 तक आयोजित होने वाले सकुरा विज्ञान कार्यक्रम 2024 में भाग लेंगे।

युवा शिक्षार्थियों में बौद्धिक क्षितिज और वैज्ञानिक अन्वेषण को विकसित करने के लिए जेएसटी डीओएसईएल के साथ मिलकर 2014 से सकुरा विज्ञान कार्यक्रम (एसएसपी) के अंतर्गत सकुरा विज्ञान हाई स्कूल कार्यक्रम को लागू कर रहा है। इस कार्यक्रम में छात्रों को जापान की अल्पकालिक यात्राओं के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिसमें उन्हें जापान के अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ इसकी संस्कृति का अनुभव करने का अवसर मिलता है।

भारत ने पहली बार अप्रैल 2016 में इस कार्यक्रम में भाग लिया था। अब तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत 532 छात्र और 83 पर्यवेक्षक जापान का दौरा कर चुके हैं। इससे पूर्व छात्र समूह ने दिसंबर 2023 में जापान का दौरा किया था।

वर्तमान समूह के ये 21 छात्र (6 लड़के और 15 लड़कियां) 6 राज्यों (छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों एवं देश भर के केंद्रीय विद्यालयों से हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षण के महत्व पर बलपूर्वक, इस बात की पुष्टि करती है कि "सीखना अपने आप में समग्र, एकीकृत, आनंददायक और आकर्षक होना चाहिए"। साथ ही, एनईपी 2020 में कहा गया है कि सभी चरणों में, प्रत्येक विषय के भीतर मानक शिक्षण के रूप में अनुभवजन्य शिक्षा को अपनाया जाएगा और विभिन्न विषयों के बीच संबंधों की खोज की जाएगी। यह इस संदर्भ में है कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और तकनीकी विकास के संदर्भ में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों की शैक्षिक यात्राएं और भ्रमण सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। जापान एक विकसित राष्ट्र और मित्रवत देश है। अपनी तकनीकी प्रगति के कारण, यह शैक्षिक अनुभव के लिए भी एक पसंदीदा गंतव्य है। जापान जैसे देश का दौरा करना हमेशा एक समृद्ध अनुभव और इसकी नवीन पद्धतियों को जानने का अवसर प्रदान करता है। 

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