विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर की महानिदेशक ने सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर का दौरा किया, संस्थान के नवनिर्मित मुख्य द्वार का उद्घाटन किया और स्वास्तिक निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की

Posted On: 21 MAR 2024 8:59PM by PIB Delhi

सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) के लिए कल (21 मार्च, 2024) का दिन बड़ा महत्‍वपूर्ण दिन था, क्‍योंकि इसी दिन संस्‍थान के पूसा परिसर में उसके मुख्य द्वार का उद्घाटन सीएसआईआर की महानिदेशक और डीएसआईआर की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी द्वारा किया गया।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया।

सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. कलैसेल्वी ने कहा, "सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर अपने विज्ञान मीडिया संचार कक्ष (एसएमसीसी) के प्रयासों का नेतृत्व करते हुए सभी प्रयोगशालाओं के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 'रोजगार समाचार' प्रकाशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्‍तंभ को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।

डॉ. कलैसेल्वी ने आगे कहा, "अत्याधुनिक डेटा प्रौद्योगिकियों और टूल्‍स के एक व्यापक संग्रह का उपयोग करते हुए, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर एक अभिनव सॉफ्टवेयर समाधान या परिवर्तनकारी टूल्‍स विकसित करने के लिए तैयार है, जो अनुसंधान प्रसार और आउटरीच प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए वैज्ञानिक डोमेन में कुशल संचार और सहयोग की सहूलियत प्रदान करता है।’’

डॉ. कलैसेल्वी ने बाद में स्वास्तिक प्रदर्शनी का दौरा किया और निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस आयोजन ने विज्ञान संचार के लिए सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है, जो विज्ञान संचार और साक्ष्य-आधारित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) नीति अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है। इसकी स्थापना 2021 में सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और सूचना संसाधन संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर) और सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस) के विलय से हुई थी।

सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने 21 मार्च, 2024 को दोपहर 3.00 बजे स्वास्तिक (वैज्ञानिक रूप से मान्य सामाजिक पारंपरिक ज्ञान) नामक भारत के वैज्ञानिक रूप से मान्य पारंपरिक ज्ञान को समाज को संप्रेषित करने के लिए इस निगरानी समिति की मेजबानी की। इस बैठक की अध्यक्षता सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ. (श्रीमती) एन. कलैसेल्वी ने की। रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने विशेषज्ञों का स्वागत किया और स्वास्तिक गतिविधियों पर अपनी परिचयात्मक टिप्पणी दी। इस बैठक में डॉ. ए. रघु (उप महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा, आयुष मंत्रालय), डॉ. सुभाशीष चौधरी (निदेशक, आईआईटी बॉम्बे), डॉ. अनीता अग्रवाल (अध्‍यक्ष सीड और राज्‍य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम, डीएसटी), डॉ. अनिल कुमार (एडीजी, समन्वय आईसीएआर) सहित प्रख्यात विशेषज्ञों ने भाग लिया।

समन्वयक डॉ. चारू लता ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से स्वास्तिक गतिविधियों और इसके डिजिटल फुटप्रिंट पर नवीनतम जानकारी दी। इस बैठक के दौरान, स्वास्तिक कहानियां नामक पुस्तक का दूसरा खंड: वैज्ञानिक दृष्टि के माध्यम से भारतीय पारंपरिक ज्ञान, और पारंपरिक ज्ञान के संचार तथा प्रसार पर पारंपरिक ज्ञान के भारतीय जर्नल के एक विशेष अंक का विमोचन किया गया। निगरानी समिति के सदस्यों ने इन पहलों की सराहना की और विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय पारंपरिक ज्ञान के संचार और प्रसार के लिए उपाय सुझाए। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. परमानंद बर्मन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक समाप्त हुई।

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