सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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श्री नारायण राणे कल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) -प्रौद्योगिकी केंद्र, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र की आधारशिला रखेंगे


सिंधुदुर्ग औद्योगिक महोत्सव और स्वरोजगार सम्मेलन (कॉन्क्लेव) का भी उद्घाटन किया जाएगा

Posted On: 10 MAR 2024 3:00PM by PIB Delhi

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री, श्री नारायण राणे कल 11 मार्च, 2024 को जिलाधिकारी (कलेक्टर) कार्यालय, ओरोस, जिला सिंधुदुर्ग के बगल में प्लॉट संख्या 83ए में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) प्रौद्योगिकी केंद्र, सिंधुदुर्ग की आधारशिला रखेंगे। इस अवसर पर सिंधुदुर्ग औद्योगिक महोत्सव और स्वरोजगार सम्मेलन (कॉन्क्लेव) का उद्घाटन भी माननीय मंत्री द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज - एमएसएमई) मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त, (एएस एंड डीसी) डॉ. रजनीश और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे।

भारत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा प्रौद्योगिकी तक पहुंच का विस्तार करने के लिए देश भर में 20 नए प्रौद्योगिकी केंद्र और 100 विस्तार केंद्र स्थापित कर रही है। एमएसएमई -प्रौद्योगिकी केंद्र, सिंधुदुर्ग की अनुमानित परियोजना लागत 182 करोड़ रुपये है। यह प्रौद्योगिकी केंद्र सामान्य इंजीनियरिंग और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा और नई तकनीक, कौशल और परामर्श तक पहुंच प्रदान करके आस-पास के क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईएस) के लिए विकास के नए अवसर पैदा करेगा।

कल 09.03.2024 तक, मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत महाराष्ट्र के 53.97 लाख एमएसएमईएस में से लगभग 38,000 उद्यम सिंधुदुर्ग में पंजीकृत हैं एयर जो जिले के 1.25 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। सिंधुदुर्ग प्रौद्योगिकी केंद्र क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक नया कीर्तिमान सिद्ध होगा। इससे क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और जिसका एक व्यापक प्रभाव पैदा भी होगा।

श्री नारायण राणे कल इन कार्यक्रमों के साथ-साथ पीएम विश्वकर्मा पर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना 17.09.2023 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई थी। यह एक समग्र (होलिस्टिक) योजना है जो 18 व्यवसायों से संबंधित कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करती है। आज 10.03.2024 तक इस योजना के अंतर्गत कुल 1.43 करोड़ आवेदन प्राप्त किए गए हैं।

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