विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञान का संचार कैसे करें विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया

Posted On: 01 MAR 2024 8:56PM by PIB Delhi

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने आज नई दिल्ली में एक अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें प्रसिद्ध विशेषज्ञों की बहुमूल्य अंतर्दृष्टि के साथ अपने विज्ञान मीडिया संचार प्रकोष्ठ (साइंस मिडिया कम्युनिकेशन सेल -एसएमसीसी) को सशक्त बनाया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बड़े पैमाने पर समाज और जनता तक भारतीय विज्ञान की विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) जानकारी संचारित करने के लिए प्रभावी रणनीतियों के साथ एसएमसीसी को विकसित करना है।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल, कार्यशाला में उद्घाटन भाषण देते हुए

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने विज्ञान संचार के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का लाभ उठाने के महत्व को रेखांकित करते हुए वैज्ञानिक अनुसंधान और जनता के बीच अंतर को कम करने में इसकी भूमिका पर बल दिया।

दूरदर्शन नई दिल्ली के कार्यक्रम निर्माता श्री अंजय मिश्रा ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विशेषकर टेलीविजन पर विज्ञान कार्यक्रमों की प्रभावशीलता पर जोर दिया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञान कार्यक्रमों की प्रभावशीलता और प्रस्तुति को बढ़ाने के लिए तकनीकों तथा उपकरणों में अंतर्दृष्टि प्रदान की। अपनी चर्चा के दौरान, उन्होंने दूरदर्शन की प्रोग्रामिंग में एसएमसीसी के ऐसे उत्पादों को शामिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिसमें एसएमसीसी द्वारा किए गए प्रसार प्रयासों के प्रभाव को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डाला गया हो।

इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए' (भोपाल) के सहयोगी सम्पादक (एसोसिएट एडिटर) श्री मोहन सगोरिया ने लोकप्रिय विज्ञान लेखन की सावधानियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस बारे भी अच्छे सुझाव दिए कि हमें प्रिंट मीडिया, विशेषकर विज्ञान पत्रिका के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सामग्री का चयन कैसे करना चाहिए।

श्री अंजय मिश्रा (दूरदर्शन) ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में संचार विज्ञान के महत्व और बारीकियों को विस्तार से बताया श्री मोहन सगोरिया ने प्रिंट मीडिया में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सामग्री के प्रसार के दौरान सावधानियों पर चर्चा की

श्री मोहन सगोरिया ने प्रिंट मीडिया में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सामग्री के प्रसार के दौरान सावधानियों पर चर्चा की

विज्ञान मीडिया संचार प्रकोष्ठ (साइंस मिडिया कम्युनिकेशन सेल -एसएमसीसी) द्वारा संचालित इस कार्यशाला ने न केवल प्रतिभागियों को विज्ञान केंद्रित सामग्री निर्माण-प्रसार के परिष्कृत कौशल से सुसज्जित किया, बल्कि उन्हें दृश्यों और वीडियो सुविधाओं की वह गहन समझ भी प्रदान की जो विज्ञान संचार के क्षेत्र में प्रभावी सिद्ध होती हैं । इस प्रकार प्राप्त अंतर्दृष्टि से वैज्ञानिक जानकारी के अधिक प्रभावशाली और सुलभ संचार के लिए एसएमसीसी की क्षमताओं में वृद्धि होने की सम्भावना है।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में वैज्ञानिक और विज्ञान मीडिया संचार प्रकोष्ठ के प्रधान अन्वेषक डॉ. मनीष मोहन गोरे ने  एसएमसीसी के अधिदेश (मैंडेट), इसकी प्रमुख गतिविधियों और अभिविन्यास कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञानं और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और जनता के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। नवीन पहलों और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर वैज्ञानिक समुदाय एवं आम जनता के बीच की दूरी को पाटने का प्रयास करता है। इसका विज्ञान मीडिया संचार प्रकोष्ठ (साइंस मिडिया कम्युनिकेशन सेल - एसएमसीसी) विभिन्न मीडिया माध्यमों से भारतीय प्रयोगशालाओं की वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिक उपलब्धियों का प्रसार करने के लिए सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की एक वर्तमान पहल है।

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