सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) की ओर से आज विभिन्न राज्यों और केंद्रीय संस्थानों में 34 आवासीय छात्रावासों का उद्घाटन किया गया और आधारशिला रखी गई

Posted On: 29 FEB 2024 7:37PM by PIB Delhi

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने समाज में हाशिये पर रहने वालों के लिए शैक्षिक अवसरों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत पीएम-एजेएवाई के अंतर्गत अनुसूचित जाति श्रेणी के छात्रों के लिए शैक्षिक छात्रावासों के निर्माण/मरम्मत और ओबीसी श्रेणी के लड़कों एवं लड़कियों के लिए शैक्षिक छात्रावासों के निर्माण की योजनाएं लागू कर रहा है।

आज मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों और केंद्रीय संस्थानों में 34 आवासीय छात्रावासों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये छात्रावास, अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों की आवास की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यह समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह पहल न केवल बुनियादी ढांचागत आवश्यकताओं को पूरा करती है बल्कि इसका उद्देश्य सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाना भी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि समाज में हाशिये पर रहने वाले छात्रों को बिना किसी बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

29 फरवरी, 2024 को हुए उद्घाटन और शिलान्यास समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, मंत्रालय के सचिव श्री सौरभ गर्ग और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के सांसद और विधानसभा सदस्य मौजूद रहे। इस प्रकार की योजनाएं समाज में हाशिये पर रहने वालों की शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास को सामने लाता है।


मुख्य विशेषताएं :


उद्घाटन एवं शिलान्यास : आज कुल 34 छात्रावासों का उद्घाटन किया गया और 165.81 करोड़ रुपये की लागत से (इसमें एससी छात्रावासों के लिए 143.45 करोड़ रुपये और ओबीसी छात्रावासों के लिए 22.36 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है) आधारशिला रखी गई। इसमें कुल 5456 छात्रों को रहने की सुविधा मिलेगी। इनमें से 28 छात्रावास अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए हैं, जिनमें 3150 लड़कियों और 750 लड़कों के लिए आवास उपलब्ध हैं। 6 छात्रावास ओबीसी छात्रों के लिए समर्पित है, जिसमें 396 लड़कियों को सुविधाएं दी जाएंगी।


वित्तीय आवंटन : मंत्रालय ने इस पहल के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन आवंटित किए हैं। 2014-15 से 192 एससी छात्रावासों के निर्माण के लिए 385.94 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इनमें से 138 छात्रावास विशेष रूप से लड़कियों के लिए हैं, जिनमें 18637 विद्यार्थियों को आवास उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा ओबीसी लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावासों के निर्माण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 288.61 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिससे अब तक 20915 छात्र लाभान्वित हुए हैं।


शिक्षा को सशक्त बनाना : यह पहल सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए अनुकूल शिक्षण माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। शैक्षिक बुनियादी ढांचे में अंतर को कम करने और किफायती आवास प्रदान करके मंत्रालय का उद्देश्य शिक्षा में बाधाओं को कम करना और छात्रों को उनकी शैक्षणिक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना है।


शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में नामांकित 4.33 करोड़ छात्रों में से एससी छात्रों की हिस्सेदारी 15.3% थी जबकि ओबीसी छात्रों की कुल नामांकन में 37.8% हिस्सेदारी थी। एससी छात्र नामांकन में असाधारण प्रगति देखी गई। पिछले शैक्षणिक वर्ष में जहां 58.95 लाख विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था, वहीं 2021-22 में 66.23 लाख तक नामांकन हुए जो उल्लेखनीय वृद्धि का संकेत है। 2014-15 के बाद से अब तक 44% की समग्र बढ़ोतरी हुई है। एससी महिला नामांकन में वृद्धि भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह 2021-22 में बढ़कर 31.71 लाख हो गई। पिछले पांच वर्षों में इसमें 26.6% की वृद्धि हुई। कुल मिलाकर 2014-15 के बाद से अब तक 51% की समग्र बढ़ोतरी देखी गई है।


इसी तरह ओबीसी छात्रों के लिए नामांकन का आंकड़ा पिछले वर्ष के 1.48 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में लगभग 1.63 करोड़ हो गया, जो 2017-18 के बाद से 27.3% की वृद्धि को दिखाता है। 2014-15 के बाद से इसमें 45% का समग्र विस्तार हुआ है। ओबीसी महिला छात्रों का नामांकन भी 2020-21 में 72.88 लाख से बढ़कर 2021-22 में 78.19 लाख हो गया, जो 2017-18 के बाद से 27.2% की वृद्धि है। 2014-15 के बाद से अब तक 49.3% की समग्र वृद्धि दर्शाता है।

यह प्रगति सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में पर्याप्त सुधार का संकेत देती है। 2021-22 में एससी छात्रों के लिए जीईआर पिछले वर्ष के 23.1 से बढ़कर 25.9 हो गया। 2014-15 में यह 18.9 था, तब से अब तक इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसी तरह एससी महिला जीईआर 2020-21 में 23.9 से बढ़कर 2021-22 में 26 हो गई। 2014-15 में यह 18.1 था, ऐसे में इसमें भी उल्लेखनीय उन्नति देखी गई।


ये आंकड़े शिक्षा में लक्षित प्रयास के माध्यम से समावेशी विकास और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के समर्पण के ठोस प्रयासों को रेखांकित करते हैं। ये छात्रावास आशा और अवसर के प्रतीक के रूप में हैं। इसलिए शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के साथ प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए मंत्रालय अपने संकल्प पर दृढ़ है।

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एमजी/एआर/आरकेजे


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