वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
सेवाओं पर घरेलू नियमन: बहुपक्षवाद के लिए एक बड़ी जीत
Posted On:
27 FEB 2024 9:26PM by PIB Delhi
जनवरी 2023 तक 61 डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) सदस्य, जो सेवा घरेलू विनियमों पर संयुक्त वक्तव्य पहल (एसडीआर पर जेएसआई) के प्रतिभागी थे, ने अपने अद्यतन गेट्स अनुसूचियों के प्रमाणीकरण के लिए अनुरोध को अधिसूचित किया। इन प्रमाणन अनुरोधों पर एस/एल/84 प्रक्रियाओं के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत ने अपनी आपत्तियां दर्ज की थीं।
साथ ही, भारत ने इस बात को भी रेखांकित किया कि एसडीआर व्यवस्थाओं का विकास डब्ल्यूटीओ में एक अनिवार्य विषय है और घरेलू विनियमन पर कार्य दल (डब्ल्यूपीडीआर) इस भूमिका को निभाने के लिए गेट्स अनुच्छेद VI:4 के अनुसार बहुपक्षीय अनिवार्य निकाय है।
भारत ने स्पष्ट किया कि अपने गेट्स अनुसूचियों को अपडेट करने के इच्छुकों के लिए आगे बढ़ने को लेकर डब्ल्यूपीडीआर की मंजूरी जरूरी है।
इसके अलावा, भारत ने डब्ल्यूटीओ सदस्यों से निम्नलिखित प्रमुख तथ्यों पर अपने गेट्स अनुसूचियों को अपडेट करने की पुष्टि की मांग की:
- इन डब्ल्यूटीओ सदस्यों के अद्यतन जीएटीएस अनुसूचियों का प्रमाणीकरण संयुक्त वक्तव्य पहल (जेएसआई) सहित डब्ल्यूटीओ में परिणामों को शामिल करने के लिए एक दृष्टांत नहीं बनाता है।
- अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं गेट्स अनुच्छेद VI.4 के अनुसार, डब्ल्यूटीओ सदस्यों द्वारा किसी भी आवश्यक व्यवस्थाओं के विकास यानी बहुपक्षीय कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव के बिना हैं।
- डब्ल्यूटीओ सदस्यों की ओर से अपने गेट्स अनुसूचियों को अपडेट करने के लिए की जा रही अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को एमएफएनाइज्ड (एमएफएन- सबसे अधिक पसंदीदा राष्ट्र) किया जा रहा है, यानी सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है, यह उनके लिए भी किया जा रहा है, जो इन प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं। अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं डब्ल्यूटीओ सदस्यों के गेट्स के तहत अधिकारों को कम नहीं करती हैं और न ही दायित्वों में बदलाव करती हैं, जो इन अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं।
- अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं इन्हें पूरा करने वाले डब्ल्यूटीओ सदस्यों के गेट्स के तहत किसी भी दायित्व को कम नहीं करती हैं।
इन परामर्शों के परिणामस्वरूप जैसा कि भारत ने मांग की थी, इस मामले को जनवरी, 2024 में मंजूरी के लिए डब्ल्यूपीडीआर में लाया गया था। भारत की इन प्रमुख मांगों को उपरोक्त बैठक में दोहराया गया और इन डब्ल्यूटीओ सदस्यों के संशोधित प्रमाणन अनुरोधों में भी रेखांकित किया गया।
इस पर विचार-विमर्श के बाद डब्ल्यूपीडीआर उन डब्ल्यूटीओ सदस्यों के लिए आगे बढ़ने के रास्ते पर सहमत हुआ, जो अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं के तहत अपने गेट्स अनुसूचियों में घरेलू विनियमन पर विषयों को एकीकृत करना चाहते हैं।
डब्ल्यूपीडीआर की मंजूरी और प्रमुख तथ्यों की पुष्टि के साथ भारत इन डब्ल्यूटीओ सदस्यों के अद्यतन गेट्स कार्यक्रम के प्रमाणन पर अपनी आपत्तियों को वापस लेने पर सहमत हुआ।
इस बहुपक्षीय निकाय में बहुपक्षीय रूप से अनिवार्य विषय पर इस परिणाम के माध्यम से भारत ने यह सुनिश्चित किया कि डब्ल्यूटीओ का बहुपक्षीय चरित्र कमजोर न हो।
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एमजी/एआर/एचकेपी
(Release ID: 2009717)
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