उप राष्ट्रपति सचिवालय
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ईटानगर में अरुणाचल प्रदेश के 38वें स्‍थापना दिवस समारोह में उपराष्‍ट्रपति के संबोधन का पाठ (अंश)

Posted On: 20 FEB 2024 6:20PM by PIB Delhi

में टैगिन और वांचो जनजाति को उप-राष्ट्रपति निवास, दिल्ली में आने का सुझाव देता हूं। वो मेरे अतिथि होगे, उनकी संपूर्ण व्यवस्था उपराष्ट्रपति निवास करेगा और संसद के थिएटर में उनका प्रदर्शन होगा। मेरा बहुत मन था कि में यहां टेगिन और वांची ट्राइब का प्रदर्शन देखता किंतु मुझे बताया गया कि मौसम थोड़ा बदल रहा है और इसमें कई बार परेशानियां हो रही हैं। और यह दस दिन में होगा इसमें ज्यादा देर नहीं होगी और उसकी एक बहुत अच्छी डॉक्यूमेंट्री बनाएंगे। यहां की कमी को में पूरा करूंगा।

मुझे अरुणाचल प्रदेश की इस धन्य भूमि के लोगों के बीच आकर सुशी हो रही है। में आपकी खुशी साझा करता हूँ। यह हम सभी के लिए खुशी का मौका है।ऐसे राज्य में रहना सुखद है जहां भारत में सूर्य की पहली किरणें पड़ती हैं।

कितना अच्छा लगता है, सूर्य देवता की पहली किरण आपके यहाँ की है, मैंअभिभूत हूँ। मैं मिजोरम के लोगों को भी बधाई देना चाहता हूं जिसका स्थापना दिवस आज ही है।

हमारे देश में अष्ट-लक्ष्मी का जो परिवर्तन देख रहे हैं वो बहुत ही सरहानीय है। भारत के प्रधानमंत्री ने एक नई नीति की शुरुआत की। 90 के दशक में यह नीति शुरू हुई थी। लुक ईस्ट (पूर्व की ओर देखो) उन्होंने इसमें बड़े बदलाव किए और कहा कि सिर्फ देखो मत एक्ट भी करो। इसके सार्थक परिणाम निकले है।

हमारी अष्ट-लक्ष्मी भारत के रत्न हैं। उगते सूर्य के तेज से आई अष्ट-लक्ष्मी सदैव चमकती रहें और देश को शांति एवं प्रगति के पथ पर अग्रसर करें।

और जब अरुणाचल प्रदेश की बात करता हूं, तो प्राचीन परिदृश्य को देखकर अच्छा लगता है, आखों को सुहाता है  हरे भरे पहाड़ और हरे-भरे वन,आखिरपर्यटक को इससे ज्यादा क्या चाहिए। अरूणाचल प्रदेश अपने आप में भारत का प्रतिबिंब है।

प्रधानमंत्री जी ने अक्टूबर 2018 को49 वें एपिसोड में मन की बात में कहा था,कि अरूणाचल प्रदेश का मिशमी समुदाय की परंपरा टाइगर के साथ एक खास पहचान है, यह उदाहरण कहीं और नहीं मिलेगा।

यह सह-अस्तित्व का उदाहरण है जो हमारी सांस्कृतिक विरासत है।

मित्रों। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अरुणाचल प्रदेश के लोग प्रकृति माँ और उसके असंख्य रूपों की पूजा करते हैं। आज के समय में पूरी दुनिया में सभी एक ही चर्चा करते है- क्लाइमेट चेंज को कंट्रोल करो। आपने जो कर के दिखाया है वो सराहनीय है। इसका अनुकरण सभी को करना चाहिए!

और में पिछले दशक की बात कर रहा हूं, यहां ऐसे प्रबुद्ध लोगों के बारे में विचार किया जा रहा है जिन्होंने शिल्प, सामुदायिक कार्य और सामाजिक सेवा में अपना योगदान दिया है। यहां के प्रतिभाशाली सात लोगों को पद्यम पुरस्कार दिए गए हैं। यह परिवर्तन का एक अंदाज है कि देश के किसी भी कोने में भी कोई व्यक्ति प्रतिभाशाली हो उसे चुम्बक के तरीके से पकड़ा जा सकता है। कोई सिफारिश और संरक्षण की आवश्यकता नहीं है। यह बदलते भारत की नई तस्वीर है। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र से जिन सात लोगों को पद्म सामान मिला है में उनका अभिनंदन करता हूं।

दोस्तों। जब हमारी परंपराओं की बात होती है, संस्कृति की बात होती है तो पुरानी परंपराओं में जाएंगे तो प्रभु पर्वत का जिक्र आता है। उनकी संगति परशुराम और वेद व्यास जैसे ऋषियों से थी।

अरुणाचल प्रदेश श्री कृष्ण और रूकमणि की भूमि है क्योंकि वे इस भूमि से जुड़े थे।

उत्तर-पूर्व के बिना भारत की संस्कृति अधूरी है। और अच्छा लग रहा है कि अब वो पूरी हो रही है। जो कुछ सोचा था, समझा था वो हकीकत आज हमारे सामने है। सरकार के जो सार्थक प्रयास हैं और राज्य सरकार जो यहां केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है यह सहकारी संघवाद का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री का विजन बहुत ही तेज गति के साथ  गति शक्ति के आधार पर इस क्षेत्र में निष्पादित किया जा रहा है। हम जो यहां प्रगति देख रहे है- बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, रेल, सड़क और हवा यहां अभूतपूर्व वृद्धि, तेजी से हो रही है। ये असली भारत की तस्वीर है।

पिछले दस वर्षों में जो कुछ भी किया गया है, उससे यहां के हालात सकारात्मक रूप से बढ़े हैं। आम आदमी को संतोष मिला है और हम गौरवान्वित भारतीय बन गए है क्योंकि हम उस व्यवस्था का हिस्सा है जब अमृत काल में हम अपने देश की प्रगति को देख रहे है।

मैं आपको बताना बाहता हूं कि मैं कभी नहीं भूल सकता जब एक बार उप- राष्ट्रपति निवास में मेनचुका घाटी के कुछ छात्र आए थे। मैं उनकी प्रतिभा और सोच को साथ लेकर दंग रह गया हूं, जिसके लिए में भारतीय सेना को साधुवाद देता हूं। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय एकता यात्रा में आए हर एक लड़के लड़की ने जो काम किया, जो गाने उन्होंने सुनाए, यहां की संस्कृति का प्रदर्शन करते हुए वे गाने आज भी मेरे कानों पर गूंज रहे है।

राज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैंने एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें देश के कोने-कोने से लड़के-लड़‌कियों को बुलाया जाता है। राज्यसभा में इंटर्न का काम दूं ताकि वो राज्यसभा और सदन को देख सकें।

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि जो निमंत्रण मैंने यहां की टेगिन और वाचो जनजाति को दिया है वही निमंत्रण मैंने यहां के बच्चों को दिया है और वहां की पांच यूनिवर्सिटी के बच्चे दिल्ली आए, वे मेरे मेहमान बने, उन्होंने संसद को देखा और अपने प्रदेश को गौरवान्कित किया। मेरा जुड़ाव आज अरुणाचल प्रदेश से और गहरा हो गया है।

एक तरह से में यहां अपना दिल छोड़कर जा रहा हूं क्योंकि जो कुछ मैंने यहां देखा वह दिमाग और दिल को एक साथ प्रभावित करता है।

प्रधानमंत्री जी ने एक बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया है, उन्होंने वाईब्रेंट विलेज स्कीम से नजरिया बदला है। जो गांव हमारी सीमा पर है वो आखिरी गांव नहीं है, वे पहले गांव है। माननीय मुख्यमंत्री जी में जल्द ही आपके एक वाइब्रेंट विलेज में आने का प्रयास करूंगा।

दोस्तों। आज देखिए दुनिया में भारत की कितनी चमक-दमक है। हमारी अर्थव्यवस्था कहां से कहां पहुंच गई है। कहां हम उन देशों में थे जो नीचे से पाँच थे, आज हम ऊपर पांच से है। और यह पाँचवीं आसान नहीं है, इसमें भी हम कनाडा, ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ देंगे और आने वाले दो साल में जापान और जर्मनी भी पीछे रह जायेंगे। हम तीसरी महाशक्ति बनेंगे। ये हमारी नीतियां है, ये हमारा नजरिया है। इस जगह की बात करें तो यहां का बहुत बड़ा असर पड़ सकता है क्योंकि यहां जिस भी चीज का उत्पादन होता है वह ऑर्गनिक है, प्रामाणिक है। मन को लुभाने वाली है। उसका मार्केट नेशनल और इंटरनेशनल है और मैंमानता हूं कि सरकारी कंपनियों के प्रभाव के तहत इसमें और बढ़ोतरी होगी।

पिछले सात वर्षों की बात करें तो, अरुणाचल प्रदेश में सड़क की लंबाई में 64% की वृद्धि हुई है। 20 हजार किमी की सड़क पिछले सात साल में बनी है, यह आसान काम नहीं है औ इसका असर हर व्यक्ति पर पड़ेगा। अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे और ट्रांस अरुणाचल हाईवे को चालू कर दिया गया है। देश के बाकी हिस्सों से कितनी बड़ी कनेक्टिविटी हो गई। दिल तो पहले हीमिला हुआ था, अब आवागमन भी आसान हो गया है।

चुनौतीपूर्ण स्थताकृति के बावजूद, दिबांग घाटी जिले में रोइंग हुनली-अनीनी रोड को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसका सीधा असर यह है कि जो अंतिम तक्ष्य है वह अंतिम लक्ष्य भी हासिल कर लिया गया है।

होलोंगी में हाल ही में डोनयी पोली हवाई अड्डे के अलावा, राज्य के भीतर तीन परिचालित हवाई अड्डे हैं। सात उन्नत लैंडिग ग्राउंड हैं और प्रांत के अंदर 25 ऐसी जगहें हैं जहांहेलीकाप्टर की लैंडिंग हो सकती है। यह विकास का एक संकेत है। केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय ड्रोन नीति के साथ दूर दराज के इलाकों में भी कोई सामान पहुंचाना पड़ेगा, तो ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। यह हमारे बदलते भारत की तस्वीर है।

आप अंदाजा लगाइये है, पूरी दुनिया ने हमारे जी-20 को देखा हमारी चमक-दमक हमारी संस्कृति को देखा। पूरी दुनिया ने हमें सलाम किया, पूरी दुनिया के बड़े बड़े नेता आये। आपके यहां ईटानगर में भी जी-20 का कार्यक्रम हुआ था जिसकी थीम इनोवेशन थी। इसकी गूंज बहुत जगह जाती है, इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कितनी सही जगह यह थीम तैयार की गई, यहां से इनोवेशन एग्रीकल्चर में आगे बढ़ेगा, टूरिज्म में आगे बढ़ेगा।

पहले दुनिया सोचती थी कि भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे बचाएं।  भारत का विकास कब होगा यहां का नामांकन तो बहुत ज्यादा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लेकर विश्व बैंक में भारत को चमकता सितारा कहा जात है। भारत विश्व के पांच प्रमुख देशों में से एक है। मनी ट्रांसफर के रूप में भारत का बनाया मैकेनिज्म यूपीआई दुनिया भर में अपनाया जा रहा है।

पहले एक समय था जब साइकल के ऊपर हमारे रॉकेट के पार्टस ले जाने की फोटो आती थी मगर आज के समय में 400 से अधिक सैटेलाइट हमारे इसरो ने लॉन्च किए हैं। 23 अगस्त का दिन भला कौन भूल सकता है जब चंद्रयान-3 चांद के उस भू-भाग पर उतरा जहां आज तक कोई देश नहीं पहुंचा। यह हमारी कार्यक्षमता है।

अमृत काल का यह काल हमें दिखाता है कि वर्ष 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र होगा। इसके सिपहसालार मेरे सामने है आज के नवयुवक आज के नवयुवती। मुझे कोई संदेह नहीं है किकिसी भी नजरिए से देखें तो भारत का भविष्य दुनिया के किसी भी देश से सबसे ज्यादा उज्जवल है। यहां शांति का विकास है, हर व्यक्ति को आय के अनेक साधन उपलब्ध है।

आज का दिन आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, आज आपका राज्यस्थापना का दिन है। मैं एक बार फिर आप सभी को नमन करता हू,. प्रणाम करता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। आप सदैव धन्य रहें।

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एमजी/एआर/आईपीएस/जीआरएस




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