संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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दूरसंचार सचिव ने प्रौद्योगिकी अपनाने और वाणिज्यिक व्यवहार्यता को आगे बढ़ाने में मानकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया


उन्होंने अभूतपूर्व नवाचारों को चलाने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी में स्टार्टअप्स  का समर्थन करने के लिए दूरसंचार विभाग ( डीओटी) की प्रतिबद्धता की पुष्टि की

डॉ. नीरज मित्तल ने दो दिवसीय दूसरे अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम संचार सम्मेलन (कॉन्क्लेव )का उद्घाटन किया

इस कॉन्क्लेव का आयोजन दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी ), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी- डीओटी) और  दूरसंचार मानक विकास समिति भारत (टीएसडीएसआई )द्वारा किया गया है

कॉन्क्लेव का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योगों एवं  सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और मानकीकरण गतिविधियों को बढ़ावा देना है

Posted On: 15 FEB 2024 6:21PM by PIB Delhi

दूरसंचार विभाग के सचिव (दूरसंचार) और डीसीसी के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल ने आज कहा कि प्रौद्योगिकी अपनाने और वाणिज्यिक व्यवहार्यता को आगे बढ़ाने में मानकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी) के लिए मानक स्थापित करने में दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) के प्रयासों की सराहना की। डॉ. मित्तल विज्ञान भवन में आयोजित "दूसरे अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम संचार सम्मेलन (कॉन्क्लेव)" में उद्घाटन भाषण दे रहे थे। डॉ. मित्तल ने इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद और भारत के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में महानिदेशक-प्रौद्योगिकी प्रबंधन  डॉ. सुब्रत रक्षित और दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) की प्रमुख  श्रीमती तृप्ति सक्सेना की उपस्थिति में किया।

 

 

दो दिवसीय कॉन्क्लेव का आयोजन दूरसंचार विभाग के अंतर्गत तहत दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डीओटी) और दूरसंचार मानक विकास समिति भारत (टीएसडीएसआई )के सहयोग से किया जा रहा है। यह कॉन्क्लेव भारत को क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने के प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप है।

क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नेतृत्व करने की भारत की क्षमता पर बल  देते हुए, विश्व भर में देश के अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयासों से प्राप्त आत्मविश्वास का उल्लेख करते  हुए  डॉ. नीरज मित्तल ने क्वांटम स्मृति (मेमोरी) प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप्स के उस महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला, जो भारत में नवाचार को प्रेरित करने वाली उद्यमशीलता की भावना को प्रदर्शित करता है। .

डॉ. नीरज मित्तल ने उच्च-प्रौद्योगिकी परियोजनाओं में वैश्विक सहयोग और मार्गदर्शन की सुविधा के लिए पैन-आईआईटी यूएसए नेटवर्क के साथ एक समझौता ज्ञापन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि  दूरसंचार विभाग क्वांटम प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप्स  का समर्थन करने, अभूतपूर्व नवाचारों को चलाने और वैश्विक क्वांटम परिदृश्य में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाने की उनकी क्षमता को पहचानने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। संचार सचिव ने सभी हितधारकों के बीच जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए पहल करने का आह्वान करते हुए, आम जनता के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी के रहस्यों को उजागर करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग (डीओटी)  उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ   क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अधिक प्रगति के लिए तत्पर है।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञ एक साथ आए, जिनमें वैश्विक विशेषज्ञ और प्रमुख शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, उद्योगों / स्टार्ट-अप्स , क्वांटम संचार के भविष्य को आकार देने वाले सरकारी संगठनों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजीज) के क्षेत्र में सहयोगात्मक विकास को बढ़ावा देना और मानकीकरण गतिविधियों को बढ़ावा देना है। कॉन्क्लेव में क्वांटम कुंजी वितरण प्रणाली, क्वांटम-सुरक्षित सुरक्षित आईपी फोन, हार्डवेयर सुरक्षा मॉड्यूल, क्वांटम चिप सेट, क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर इत्यादि सहित क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न समाधान प्रस्तुत करने वाले निम्नलिखित संस्थानों / उद्योगों / स्टार्ट-अप्स  के प्रदर्शन भी शामिल होंगे :

1.टेलीमैटिक्स के विकास केंद्र

2.क्यूएनयू   लैब्स प्रा. लिमिटेड

3. क्यूपीआईएआई  इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

4.सुपरक्यू टेक्नोलॉजीज इंडिया प्रा. लिमिटेड

5.थेल्स समूह

6.सिलिकोफ़ेलर क्वांटम

7.कीसाइट टेक्नोलॉजीज

8.स्काइटेल इंडिया प्रा. लिमिटेड

पृष्ठभूमि

दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डीओटी) और दूरसंचार मानक विकास समिति भारत (टीएसडीएसआई) के सहयोग से पिछले वर्ष मार्च में आयोजित "प्रथम अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम संचार कॉन्क्लेव" एक शानदार सफलता थी जिसमे  राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने क्वांटम टेक्नोलॉजीज के रोडमैप और विकास के विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, वित्त, दूरसंचार, रक्षा में उनके संभावित प्रभाव और अनुप्रयोगों  पर अंतर्दृष्टि साझा की थी । इसकी  विस्तृत रिपोर्ट यहां उपलब्ध है :

https://tec.gov.in/pdf/6GT/IQCC_Released_by_Hon'ble_MoS.pdf

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