पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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श्री सर्बानंद सोनोवाल कल ग्‍लोबल मेरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) 2023 के समझौता ज्ञापनों को लागू करने के लिए हितधारकों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे


आईआईटी चेन्नई में सागर आंकलन दिशानिर्देश, जीएमआईएस रिपोर्ट और ड्रेजिंग टेक्नोलॉजी में एम. टेक प्रोग्राम लॉंच किया जाएगा

Posted On: 15 FEB 2024 5:05PM by PIB Delhi

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय कल यहां ग्लोबल मेरीटाइम इंडिया समिट 2023 में समझौता ज्ञापनों को लागू करने के लिए हितधारकों की बैठक आयोजित करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य ग्लोबल मेरीटाइम इंडिया समिट 2023 (जीएमआईएस 2023) के दौरान हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को भारत की महत्वाकांक्षी समुद्री विजन को साकार करने के लिए कार्य योजनाओं में बदलने के लिए उत्प्रेरित करना है। कार्यक्रम में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री श्रीपद वाई. नाइक, तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर, उपस्थित रहेंगे।

हितधारकों की होने वाली बैठक का उद्देश्य जीएमआईएस 2023 के दौरान हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापनों को लागू करने के काम को सुविधाजनक बनाकर इस गति को आगे बढ़ाना है। यह आयोजन खुली चर्चा के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, हितधारकों से विचारों और सुझावों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके और समझौता ज्ञापनों में दिए गए उद्देश्यों को साकार करने के लिए आवश्यक समर्थन या नीतिगत हस्तक्षेपों को चिन्‍हित किया जा सके।

इस आयोजन के दौरान सागर आंकलन दिशानिर्देश; जीएमआईएस रिपोर्ट, और आईआईटी चेन्नई में ड्रेजिंग टेक्नोलॉजी में एमटेक प्रोग्राम भी लॉन्च किया जाएगा।

जीएमआईएस 2023 विश्व के सबसे बड़े समुद्री शिखर सम्मेलनों में से एक के रूप में उभरा है, जिसने तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 10 लाख करोड़ रुपए की रिकॉर्ड निवेश प्रतिबद्धता को आकर्षित किया है। जीएमआईएस 2023 की सफलता को 8.35 लाख करोड़ रुपए की निवेश प्रतिबद्धता के साथ 360 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके और 1.68 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त निवेश परियोजनाओं की घोषणा से विशिष्‍ट रूप दिया गया। इन समझौता ज्ञापनों में समुद्री क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें बंदरगाह विकास और आधुनिकीकरण से लेकर हरित हाइड्रोजन और अमोनिया, बंदरगाह नेतृत्व वाले विकास, क्रूज क्षेत्र, व्यापार और वाणिज्य, जहाज निर्माण तथा ज्ञान साझा करना शामिल है।

भारतीय बंदरगाहों के कार्य प्रदर्शन के राष्ट्रीय मानकीकरण के लिए "सागर आकलान" दिशानिर्देश सभी भारतीय बंदरगाहों पर लागू होंगे। इसका उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों की मैपिंग और मानकीकरण– लॉजिस्टिक कार्य प्रदर्शन और दक्षता, मानकों, परिभाषाओं तथा कार्य प्रदर्शन का वैश्विक मानकों के साथ सामंजस्‍य, स्‍पर्धा में सुधार, दक्षता तथा सुधार, उत्पादकता, स्थिरता और ग्राहक संतुष्टि पर फोकस के साथ बंदरगाह क्षेत्र के समग्र प्रदर्शन में सुधार करना है।

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