मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने आज नई दिल्ली में एएचआईडीएफ योजना के नए स्वरूप का शुभारंभ किया

Posted On: 14 FEB 2024 5:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री परषोत्तम रूपाला ने आज नई दिल्ली में एएचआईडीएफ योजना के नए स्वरूप की शुरुआत की और एएचआईडीएफ पर रेडियो जिंगल जारी किया। अपने संबोधन में श्री परषोत्तम रूपाला ने बताया कि यह योजना कोविड काल के दौरान शुरू की गई थी जो पूरे देश के लिए कठिन समय था। उन्होंने कहा कि इस योजना को नया स्वरूप दिया गया है और इसे अगले 3 वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। उद्योग, एफपीओ, डेयरी सहकारी समितियों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।

 

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कैबिनेट ने 1 फरवरी 2024 को अपनी बैठक में 29610 करोड़ रुपये की लागत के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत एएचआईडीएफ के पुनर्गठन को मंजूरी दी। अब इस योजना के लिए 15000 करोड़ रुपए की जगह कुल फंड 29610 करोड़ रुपए का होगा। योजना के इस नए स्वरूप को 31 मार्च 2023 से 2025-26 तक तीन वर्षों की अगली अवधि के लिए लागू किया जाएगा। इस नए रूप में, डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को शामिल किया गया है। अब डेयरी सहकारी समितियों को डीआईडीएफ में मिलने वाली 2.5% की बजाय एएचआईडीएफ के तहत 3% की ब्याज छूट का लाभ मिलेगा। डेयरी सहकारी को एएचआईडीएफ के क्रेडिट गारंटी फंड के तहत क्रेडिट गारंटी सहायता भी मिलेगी। यह योजना डेयरी सहकारी समितियों को नवीनतम प्रोसेसिंग टेक्नॉलजी के साथ अपने प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने में मदद करेगी। इससे देश में बड़ी संख्या में दूध उत्पादकों को फायदा होगा।

 

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आज उद्घाटन समारोह में उद्योग संघ, एनडीडीबी, डेयरी सहकारी समितियां, एफपीओ और उत्तर पूर्वी राज्यों के अधिकारी भी उपस्थित थे। बातचीत के दौरान, पात्र संस्थाओं में से एक एबीआईएस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पशुधन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा बनाने में योजना की भूमिका की सराहना की और कहा कि वे बुनियादी ढांचे के निर्माण में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। दिशाला लाइवलीहुड प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, एफपीओ ने बताया कि उन्होंने मंथन संगठन के सहयोग से एएचआईडीएफ के तहत प्रति दिन 10000 लीटर की क्षमता के साथ सीहोर, मध्य प्रदेश में एक डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन परियोजना स्थापित की है। उन्होंने विभाग से 1.2 लाख ब्याज अनुदान प्राप्त किया है। अंबा फीड ने बताया कि उन्होंने एएचआईडीएफ के तहत कोयंबटूर में 120000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष का एनिमल फीड प्लांट  स्थापित किया है।

 

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नई योजना के तहत निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • 8 वर्ष तक देय 3% की ब्याज छूट
  • व्यक्ति, एफपीओ, डेयरी सहकारी समितियां, निजी कंपनियां, सेक्शन 8 कंपनियां, एमएसएमई
  • क्रेडिट गारंटी अवधि ऋण के 25% तक कवर करती है
  • ऋण राशि पर कोई सीमा नहीं है
  • अनुमानित/वास्तविक परियोजना लागत का 90% तक ऋण की सुविधा
  • अन्य मंत्रालयों या राज्य स्तरीय योजनाओं की पूंजीगत सब्सिडी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाना भी शामिल
  • ऑनलाइन पोर्टल www.ahidf.udaymitra.in के माध्यम से आसान आवेदन प्रक्रिया

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पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना 24 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान पहल के तहत शुरू की गई थी। तीन वर्षों की अल्प अवधि में, योजना को देश के हर कोने से सराहनीय प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि हमें 5000 से अधिक परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। डेयरी प्रोसेसिंग के तहत 38.66 लाख एमटीपीए क्षमता बनाई गई है, जिसमें डेयरी प्रोसेसिंग सेक्टर में कुल निवेश 4803 करोड़ रुपए किया गया है। मीट प्रोसेसिंग के तहत कुल 1052 करोड़ रुपए के निवेश से 11.06 लाख एमटीपीए क्षमता सृजित की गई। पशु फीड प्लांट के तहत अब तक 70.78 लाख एमटीपीए क्षमता बनाई गई है, जिसमें कुल 7860 गायों/भैंसों/सूअरों के लिए नस्ल सुधार फार्मों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, प्रति वर्ष 24.42 करोड़ पोल्ट्री पक्षियों/चूजों की क्षमता वाले आधुनिक पोल्ट्री फार्म को 68.46 करोड़ अंडे की क्षमता तक पहुंचाने के लिए 2043 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। नस्ल सुधार क्षेत्र में कुल 879 करोड़ रुपए का  निवेश किया गया है। पशु चिकित्सा वैक्सीन मैन्युफेक्चरिंग सुविधा के तहत अब तक 73 करोड़ रुपए के निवेश का लाभ उठाया जा चुका है। योजना के परिणामस्वरूप, अब तक लगभग 15 लाख रोजगार उत्पन्न हुए हैं। योजना की कार्यान्वयन अवधि के दौरान कुल मिलाकर 8903 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। उद्योगों के अलावा अनेक छोटे एवं सीमांत किसान भी लाभान्वित हुए हैं।

योजना के पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए डीएडीएच ने आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए www.ahidf.udyamimitra.in पोर्टल बनाया है। पोर्टल से योजना के परेशानी मुक्त और पारदर्शी कार्यान्वयन में मदद मिली है।

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