रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय - वर्षांत समीक्षा 2023


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के एक मजबूत, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिहाज से 2023 महत्वपूर्ण साल रहा

रिकॉर्ड रक्षा निर्यात, सर्वकालिक उत्पादन और सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों में वस्तुओं की संख्या में वृद्धि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान में तैनाती से लेकर लड़ाकू यूनिटों और नौसेना के युद्धपोतों की कमान संभालने तक, नारी शक्ति ने सैन्य कौशल का एक नया मानक स्थापित किया

Posted On: 22 DEC 2023 12:22PM by PIB Delhi

2023, रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था। एक मजबूत, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए। रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए। देश ने इस साल रिकॉर्ड रक्षा निर्यात और अब तक का सबसे ज्यादा रक्षा उत्पादन देखा। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के मार्गदर्शन में सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, नारी शक्ति का उपयोग और पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित करना रक्षा मंत्रालय के कामकाज के मूल में रहा है और ये सब काम अभूतपूर्व रफ्तार और जोश के साथ किए गए।

रक्षा में आत्मनिर्भरता

  • सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 'स्वावलंबन 2.0' के पूर्ण सत्र के दौरान सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) की 5वीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की, जिसमें 98 वस्तुओं को शामिल किया गया है। इस सूची में बेहद जटिल प्रणालियां, सेंसर, हथियारों और गोला-बारूद को शामिल किया गया है। इन सभी वस्तुओं को रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार स्वदेशी माध्यमों से खरीदा जाएगा। इससे पहले डीएमए ने चार सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की थी, जिसमें 411 सैन्य वस्तुएं थीं। इसके अलावा, रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने चार सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों (पीआईएल) को अधिसूचित किया है, जिसमें रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) के लिए लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट/उप-प्रणाली/स्पेयर्स और पुर्जे सहित कुल 4,666 वस्तुएं शामिल हैं। 928 वस्तुओं वाली चौथी पीआईएल इस साल डीडीपी की ओर से जारी की गई थी।

 

  • रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन: वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 95,000 करोड़ रुपये था। सरकार देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ाने और इस क्षेत्र की चुनौतियों को कम करने के लिए रक्षा उद्योग और उनके संघों के साथ लगातार काम कर रही है। आपूर्ति श्रृंखला में एमएसएमई और स्टार्टअप्स के एकीकरण सहित व्यवसाय सुगमता जैसे उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं। इन नीतिगत बदलावों के कारण एमएसएमई और स्टार्टअप्स समेत कई उद्योग रक्षा डिजाइन, विकास और उत्पादन में आगे आ रहे हैं और सरकार द्वारा पिछले सात-आठ वर्षों में उद्योगों को जारी किए गए रक्षा लाइसेंसों की संख्या में करीब 200% की वृद्धि हुई है।

 

  • रिकॉर्ड रक्षा निर्यात: सरकार की नीतिगत पहलों और रक्षा उद्योग के अभूतपूर्व योगदान की बदौलत भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 16,000 करोड़ रुपये के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। यह 2016-17 के बाद से 10 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। भारत अब 85 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है। भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 कंपनियों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाई है। भारत आज डॉर्नियर-228, 155 एमएम एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, बख्तरबंद गाड़ियां, पिनाक रॉकेट और लॉन्चर, एम्युनिशन, थर्मल इमेजर, बॉडी आर्मर के साथ-साथ लाइन रिप्लेसिएबिल यूनिट्स और एवियॉनिक्स एवं स्मॉल आर्म्स के हिस्से और पुर्जे जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स का निर्यात करता है। दुनिया में एलसीए- तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर, एमआरओ गतिविधियों की मांग बढ़ रही है।

 

  • घरेलू उद्योग के लिए अलग बजट: वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत (लगभग एक लाख करोड़ रुपये) घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है, जो 2022-23 में 68 प्रतिशत था। रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में 14वें एयरो इंडिया समारोह के दौरान इसकी घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2023-24 में, रक्षा मंत्रालय को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कुल बजट (45.03 लाख करोड़ रुपये) का 13.18 प्रतिशत है। आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित पूंजी खर्च को बढ़ाकर 1.63 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
  • एचएएल हेलिकॉप्टर फैक्ट्री: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के तुमकुर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हेलिकॉप्टर फैक्ट्री देश को समर्पित की। यह फैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग फसिलिटी है। शुरुआत में यह लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन करेगी। एलयूएच स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित तीन- टन वर्ग का उच्च गतिशीलता की अनूठी विशेषताओं वाला एक इंजन वाला बहुउद्देश्यीय यूटिलिटी हेलिकॉप्टर है। शुरू में, यह फैक्ट्री हर साल लगभग 30 हेलिकॉप्टरों का उत्पादन करेगी और इसे चरणबद्ध तरीके से प्रति वर्ष 60 फिर 90 तक बढ़ाया जा सकता है।
  • पीएम की तेजस उड़ान: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर में बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा डिजाइन, विकसित और बनाए ट्विन-सीटर लाइट कॉम्बैट फाइटर एयरक्राफ्ट ‘तेजस’ में उड़ान भरी। यह उड़ान एयरक्राफ्ट सिस्टम्स टेस्टिंग प्रतिष्ठान, बेंगलुरु से भरी गई थी। 30 मिनट की उड़ान के दौरान प्रधानमंत्री के सामने तेजस की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। प्रधानमंत्री ने एलसीए तेजस की प्रोडेक्शन फसिलिटीज का भी दौरा किया। उन्हें 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एचएएल में किए जा रहे प्रौद्योगिकी संबंधी कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।

 

  • एलसीए तेजस: बेंगलुरु में रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट की उपस्थिति में एचएएल ने पहला ट्विन-सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस' भारतीय वायुसेना को सौंपा। यह हल्का, हर मौसम में काम आने वाला बहुउद्देशीय 4.5 जनरेशन का विमान है, जिसे आईएएफ की प्रशिक्षण आवश्यकताओं में सहयोग करने और जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान की भूमिका निभाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह समकालीन कॉन्सेप्ट और प्रौद्योगिकियों पर आधारित है जैसे- स्टेटिक स्टेबिलिटी, क्वाड्रप्लेक्स फ्लाई- बाय- वायर उड़ान नियंत्रण, केयरफ्री मैनुअरिंग, उन्नत ग्लास कॉकपिट, एकीकृत डिजिटल एवियॉनिक्स सिस्टम और एयरफ्रेम के लिए उन्नत मिश्रित सामग्री। आईएएफ ने एचएएल को 83 एलसीए का ऑर्डर दिया है।

 

  • सी-295 परिवहन विमान: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में पहले सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। विमान को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस. ए., स्पेन के बीच सहयोग के माध्यम से शामिल किया जा रहा है। उड़ने की स्थिति में 15 और विमानों की डिलिवरी की जाएगी। ये अगस्त 2025 तक मिल सकते हैं। बाकी बचे 40 विमानों का निर्माण सी-295 परिवहन विमान निर्माण कारखाने में किया जाएगा, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री ने वडोदरा (गुजरात) में अक्टूबर 2022 में रखी थी। पहला मेड इन इंडिया विमान सितंबर 2026 से मिल सकता है। यह मध्यम लिफ्ट टैक्टिकल एयरक्राफ्ट है, जो लैंडिंग ग्राउंड न बने होने के बावजूद उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है। यह एचएस-748 एवरो विमान की जगह लेगा।

रक्षा खरीद

  • रक्षा अधिग्रहण परिषद: 2023 में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अपनी बैठकों में सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल तैयारियों को बढ़ाने के लिए कुल 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
  1. नवंबर में आयोजित एक बैठक में, डीएसी ने 2.23 लाख करोड़ रुपये के कई पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) के संबंध में अपनी मंजूरी दी। 2.20 लाख करोड़ रुपये की ये खरीद (कुल एओएन राशि का 98%) घरेलू उद्योगों से की जाएगी। एचएएल से हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर और हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए खरीदने को मंजूरी मिल गई। एचएएल से एसयू-30 एमकेआई विमान को स्वदेशी रूप से अपग्रेड करने के लिए भी डीएसी ने एओएन प्रदान किया है। भारतीय नौसेना के प्लेटफॉर्म के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों को भी मंजूरी दी गई। भारतीय फील्ड गन की जगह लेने के लिए टोड गन सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी गई।
  2. जुलाई में, डीएसी ने अंतर-सरकारी समझौते के तहत फ्रांस की सरकार से भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया। इसमें संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिमुलेटर, स्पेयर, चालक दल प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक सहयोग आदि शामिल हैं।
  3. जून में, डीएसी ने विदेशी सैन्य बिक्री (एफएमएस) के जरिए अमेरिका से तीनों सेनाओं के लिए 31 एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन) हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (एचएएलई) रिमोट से संचालित पायलट एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) की खरीद को मंजूरी दी। एओएन में संबंधित उपकरणों के साथ यूएवी की संख्या भी शामिल है।
  4. मार्च में डीएसी ने भारतीय-आईडीडीएम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और बने) खरीद के तहत 70,500 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी के लिए एओएन को मंजूरी दी। 56,000 करोड़ रुपये मूल्य की ब्रह्मोस मिसाइलें, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलिकॉप्टर-मैरीटाइम को भारतीय नौसेना के लिए मंजूरी दी गई। भारतीय वायु सेना के लिए लंबी दूरी के स्टैंड-ऑफ हथियार को भी मंजूरी मिल गई जिसे एसयू-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट पर तैनात किया जाएगा। भारतीय सेना के लिए हाई मोबिलिटी और गन टोइंग गाड़ियों के साथ 155 एमएम/52 कैलिबर एटीएजीएस की खरीद को भी मंजूरी मिल गई। एचएएल से भारतीय तटरक्षक बल के लिए एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर एमके-तीन की खरीद को भी मंजूरी दे दी गई।
  5. सितंबर में डीएसी ने 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए एओएन को मंजूरी दे दी। हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों, एकीकृत निगरानी और टारगेटिंग सिस्टम और अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को मंजूरी मिल गई। डॉर्नियर विमान को अपग्रेड करने के साथ ही कम दूरी की हवा से सतह पर मार करने वाली ध्रुवास्त्र मिसाइल और 12 एसयू-30 एमकेआई विमानों की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
  6. जनवरी में भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी में खरीद के तहत 4,276 करोड़ रुपये के भारतीय सेना के लिए दो और भारतीय नौसेना के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। हेलीना (एचईएलआईएनए) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों, लॉन्चरों और संबंधित सहायक उपकरणों की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया गया। संबंधित उपकरणों का एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर में इस्तेमाल किया जाएगा। डीआरडीओ की ओर से डिजाइन और विकास के तहत वीएसएचओआरएडी (आईआर होमिंग) मिसाइल प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दी गई। भारतीय नौसेना के लिए शिवालिक क्लास के जहाजों और अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के लिए ब्रह्मोस लॉन्चर और फायर कंट्रोल सिस्टम की खरीद के लिए भी डीएसी ने मंजूरी दी।
  7. अगस्त में डीएसी ने करीब 7,800 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए एओएन को स्वीकृति दी। वायु सेना की ताकत बढ़ाने के लिए डीएसी ने भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी में खरीद के तहत एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की खरीद और इंस्टॉलेशन के लिए एओएन को मंजूरी दी। डीएसी ने मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री और बख्तरबंद रेजिमेंटों के लिए ग्राउंड-बेस्ड ऑटोनॉमस सिस्टम की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है। 7.62x51 एमएम लाइट मशीन गन और पुल बिछाने वाले टैंक की खरीद के प्रस्तावों को भी आगे बढ़ाया गया।

 

  • बीईएल के साथ अनुबंधः सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 17,176 करोड़ रुपये के कई अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। 2,800 करोड़ रुपये से अधिक का पहला अनुबंध भारतीय वायु सेना को मीडियम पावर के रडार 'अरुध्रा' की आपूर्ति से संबंधित है। करीब 950 करोड़ रुपये का दूसरा अनुबंध 129 डीआर-118 रडार वार्निंग रिसीवर से संबंधित है। करीब 3,000 करोड़ रुपये मूल्य का तीसरा अनुबंध दो एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम 'प्रोजेक्ट हिमशक्ति' की खरीद को लेकर है। 2,400 करोड़ रुपये के दो अन्य अनुबंध भारतीय सेना के लिए स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण एवं रिपोर्टिंग सिस्टम 'प्रोजेक्ट आकाशतीर' और भारतीय नौसेना के लिए सारंग इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर सिस्टम की खरीद को लेकर हैं। खरीद (भारतीय-आईडीएमएम) श्रेणी के तहत 1,700 करोड़ रुपये से अधिक में भारतीय नौसेना के लिए 13 लिंक्स-यू2 अग्नि नियंत्रण प्रणालियों के लिए भी बीईएल के साथ अनुबंध किया गया। भारतीय सेना को हथियारों का पता लगाने वाली रडार प्रणाली स्वाति (मैदान) के लिए बीईएल के साथ 990 करोड़ रुपये के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय सेना के लिए कुल 5,336 करोड़ रुपये की लागत से 10 साल की अवधि के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ्यूजों की खरीद के लिए बीईएल के साथ एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। ये फैसले 'आत्मनिर्भर भारत' की भावना को साकार करते हैं और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में देश को आगे ले जाते हैं।

 

  • एचटीटी-40 सामान्य प्रशिक्षण विमान: भारतीय वायु सेना के लिए 6,828.36 करोड़ रुपये की लागत से 70 एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर विमान की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। विमान की आपूर्ति छह साल में की जाएगी। एचटीटी-40 एक टर्बो प्रॉप विमान है और इसे कम स्पीड में उड़ने के साथ ही बेहतरीन क्वालिटी और प्रशिक्षण क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसमें करीब 56% स्वदेशी सामग्री लगी है, जो प्रमुख पुर्जों और उप-प्रणालियों के स्वदेशीकरण के जरिए आगे 60% से अधिक हो जाएगी। एचएएल की आपूर्ति श्रृंखला में एमएसएमई सहित घरेलू निजी उद्योग शामिल हैं। इसके पास 100 से अधिक एमएसएमई के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने की क्षमता है।

 

  • कैडेट प्रशिक्षण जहाजः खरीद (भारतीय-आईडीडीएम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित)) श्रेणी के तहत रक्षा मंत्रालय ने नई दिल्ली में 3,100 करोड़ रुपये से अधिक के तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। ये जहाज भारतीय नौसेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बुनियादी प्रशिक्षण के बाद महिलाओं सहित ऑफिसर कैडेटों के समुद्री प्रशिक्षण में काम आएंगे। इन जहाजों को संकटग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने, खोज एवं बचाव और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए भी तैनात किया जा सकता है। जहाजों की डिलीवरी 2026 से शुरू होगी। इस परियोजना में साढ़े चार वर्षों में 22.5 लाख मानव-दिवसों का रोजगार उपलब्ध कराने की क्षमता है। यह एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और उससे संबद्ध उद्योगों की सक्रिय रूप से भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।

 

  • डॉर्नियर-228 विमान: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 667 करोड़ रुपये की लागत से छह डॉर्नियर-228 विमानों की खरीद के लिए एचएएल से अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस विमान का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना रूट ट्रांसपोर्ट भूमिका और संचार से संबंधित कार्यों में करती रही है। बाद में इसका उपयोग भारतीय वायुसेना के परिवहन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भी किया गया है। अब उन्नत ईंधन- कुशल इंजन के साथ-साथ पांच ब्लेड वाले मिश्रित प्रोपेलर के साथ छह विमानों की खरीद की जाएगी।

 

  • उन्नत आकाश हथियार प्रणाली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली (एडब्ल्यूएस) की खरीद के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड के साथ 8,160 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह आर्मी एयर डिफेंस की तीसरी और चौथी रेजिमेंट के लिए एडब्ल्यूएस की खरीद के लिए है, जिसमें अपग्रेड के साथ लॉन्चर और लाइव मिसाइल, ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट, वाहन और बुनियादी ढांचे शामिल हैं। एडब्ल्यूएस एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे स्वदेशी रूप से डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है। परियोजना में कुल स्वदेशी सामग्री 82% है जिसे 2026-27 तक बढ़ाकर 93% कर दिया जाएगा।

 

  • अपतटीय गश्ती पोत और मिसाइल पोतः रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोतों और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल पोतों (एनजीएमवी) की खरीद के लिए भारतीय शिपयार्ड्स के साथ अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। इस पर खर्च करीब 19, 600 करोड़ आएगा। खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के अंतर्गत 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज की खरीद के अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता के साथ हस्ताक्षर किए गए। जीएसएल 11 जहाजों में से सात को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित कर बनाएगा जबकि चार जीआरएसई बनाएगा। जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 से शुरू होगी। 9,805 करोड़ रुपये की लागत में छह अगली पीढ़ी के मिसाइल पोतों की खरीद के अनुबंध पर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किए गए। इन जहाजों की डिलीवरी मार्च 2027 से शुरू होगी। एनजीएमवी भारी हथियारों से लैस युद्धपोत होंगे जिनमें स्टील्थ, हाई स्पीड और आक्रामक क्षमता होगी।

 

  • फ्लीट सपोर्ट शिपः रक्षा मंत्रालय ने करीब 19,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) के लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। एफएसएस को ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार के साथ समुद्र में बेड़े की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैनात किया जाएगा। इससे भारतीय नौसेना का बेड़ा बंदरगाह पर लौटे बिना लंबे समय तक काम कर सकेगा। इन जहाजों को लोगों को निकालने और एचएडीआर ऑपरेशन के लिए भी तैनात किया जा सकता है। 44,000 टन के ये जहाज भारतीय शिपयार्ड द्वारा भारत में बनाए जाने वाले अपनी तरह के पहले जहाज होंगे। इस परियोजना से आठ साल की अवधि में लगभग 168.8 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा।

 

  • उन्नत सुपर रैपिड गन माउंटः खरीद (भारतीय) श्रेणी के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय ने 2,956.89 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित उपकरणों के साथ 16 अपग्रेडेड सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, हरिद्वार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। उन्नत एसआरजीएम एक मीडियम कैलिबर की मिसाइल-रोधी/विमान-रोधी पॉइंट रक्षा हथियार प्रणाली है, जो लगातार फायर और उच्च सटीकता प्रदान करती है। एसआरजीएम को भारतीय नौसेना के मौजूदा और नव-निर्मित जहाजों पर मझगांव डॉक एंड शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा स्थापित किया जाएगा।

 

  • लाइफ सर्टिफिकेशन के साथ आईएनएस शंकुश की रीफिटिंग: रक्षा मंत्रालय ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई के साथ सब-सरफेस किलर श्रेणी की पनडुब्बी 'आईएनएस शंकुश' के लाइफ सर्टिफिकेशन के साथ मीडियम रीफिटिंग के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी कुल लागत 2725 करोड़ रुपये है। पनडुब्बी के लाइफ सर्टिफिकेट के साथ रीफिटिंग करने के बाद 2026 में इसे सौंप दिया जाएगा। रीफिटिंग कार्य पूरा होने के बाद आईएनएस शंकुश युद्धक गतिविधियों के लिए तैयार हो जाएगी और उन्नत युद्धक क्षमता के साथ इसे भारतीय नौसेना के सक्रिय बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।

 

  • रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनर: रक्षा उपकरणों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्रालय ने 5/7.5 टन रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनरों की (1,035 संख्या) खरीद के लिए आईसीओएमएम टेली लिमिटेड हैदराबाद के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। खरीद (भारतीय) श्रेणी के अंतर्गत करीब 500 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ है। कंटेनरों की डिलीवरी चालू वित्त वर्ष 2023-24 से शुरू होने वाली है।

 

  • आईसीजी के लिए उन्नत डॉर्नियर विमानः रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए संबंधित इंजीनियरिंग सहायता पैकेज के साथ दो डॉर्नियर विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 458.87 करोड़ रुपये के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इन विमानों को खरीद (भारतीय) श्रेणी के तहत खरीदा जाएगा। विमान में ग्लास कॉकपिट, समुद्री गश्ती रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिक इन्फ्रा-रेड उपकरण, मिशन प्रबंधन प्रणाली आदि जैसे कई उन्नत उपकरण लगे होंगे।

 

  • 300वां आईडीईएक्स अनुबंधः 300वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के साथ ही रक्षा मंत्रालय की महत्वपूर्ण पहल इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) ने एक मील का पत्थर तय किया है। अग्निट सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया यह अनुबंध उन्नत गैलियम नाइट्राइड सेमीकंडक्टर्स के डिजाइन और विकास से संबंधित है, जो रडार से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर जैमर तक रक्षा अनुप्रयोगों में वायरलेस ट्रांसमीटरों की अगली पीढ़ी के लिए जरूरी है। इससे स्वदेशी डिजाइन एवं विकास क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे निर्यात समेत रक्षा क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।

सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर

  • बुनियादी ढांचे वाली परियोजनाएं: इस साल रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 118 बुनियादी ढांचे वाली परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। सितंबर में उन्होंने 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की 90 अवसंरचना परियोजनाओं का शुभारंभ किया। जम्मू में एक कार्यक्रम के दौरान इन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इनमें अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग, दो एयरफील्ड, दो हेलीपैड, 22 सड़कें और 63 पुल शामिल हैं। इन 90 परियोजनाओं में से 36 अरुणाचल प्रदेश में, 26 लद्दाख में, 11 जम्मू-कश्मीर में, पांच मिजोरम में, तीन हिमाचल प्रदेश में, दो-दो सिक्किम-उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और एक-एक नगालैंड, राजस्थान और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में हैं। बीआरओ ने इन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर इनमें से अधिकांश को एक ही वर्किंग सीजन में पूरा किया गया। जनवरी में अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिनकियोंग रोड पर सियोम पुल पर आयोजित कार्यक्रम में 724 करोड़ रुपये की 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था। इनमें सियोम पुल सहित 22 पुल, उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के सात सीमावर्ती राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में तीन सड़कें और तीन अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख में, पांच अरुणाचल प्रदेश में, जम्मू और कश्मीर में चार, सिक्किम-पंजाब और उत्तराखंड में तीन-तीन और राजस्थान में दो हैं। इसके अलावा तीन टेलीमेडिसिन नोड्स (दो लद्दाख में और एक मिजोरम में) का उद्घाटन किया गया।
  • बजटः वित्त वर्ष 2022-23 में बीआरओ का बजट खर्च 12,340 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पिछले दो वर्षों में जीएस कैपिटल हेड के तहत आवंटित धन में 100% की वृद्धि हुई, जो अब 5,000 करोड़ रुपये है।
  • सड़कें: मौजूदा वर्ष में 601 किमी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। भारत-चीन सीमा सड़कों और उत्तरी सीमाओं पर अन्य सभी महत्वपूर्ण सड़कों पर काफी प्रगति हुई है। नीमू-पदम दारचा रोड, गुंजी-कुट्टी-जोलिंगकोंग रोड, बालीपारा- चारद्वार- तवांग रोड, टीसीसी-ताकसिंग रोड, टीसीसी-माजा रोड आदि महत्वपूर्ण सड़कों पर काम तेजी से हो रहा है। आजादी के बाद पहली बार हापोली- सरली- हुरी रोड पर ब्लैकटॉपिंग के लिए प्रधानमंत्री ने बीआरओ के काम की सराहना की।

(ए) रकनी- उस्ताद- फरकियां गली रोड (जम्मू-कश्मीर): शमशबरी रिज से लगती 38.25 किमी लंबी इस सड़क पर काम पूरा हो गया। यह सड़क साधना पास और फरकियां गली के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

(बी) श्रीनगर- बारामूला- उरी रोड (पीकेजी IV) (जम्मू-कश्मीर): सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचडीएल से एनएचडीएल (पीएस) बारामूला और उरी के बीच (44.10 किमी) एनएच-01 को अपग्रेड करने की स्वीकृति दी थी।

(सी) डीबीओ रोड (लद्दाख) की वैकल्पिक कनेक्टविटी:

  • रोड ससोमा- सासेर ला (52.4 किमी): सितंबर में सर्फेसिंग प्रगति पर थी और अगले वर्किंग सीजन में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
  • रोड सासेर ला- सासेर ब्रांगसा (16 किमी): कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है। सर्फेसिंग और स्थायी कार्य प्रगति पर है।
  • रोड सासेर ब्रांगसा- मोरको (18 किमी): इस सड़क पर काम अच्छी तरह से चल रहा है। अक्टूबर 2022 में कनेक्टिविटी स्थापित की गई थी। वर्तमान में 10.50 किमी तक ब्लैक टॉपिंग का काम पूरा हो चुका है और बैलेंस सर्फेसिंग प्रगति पर है।
  • रोड सासेर ब्रांगसा- गैप्सन (41.97 किमी): कनेक्टिविटी अक्टूबर में स्थापित हो गई थी और स्थायी एवं सर्फेसिंग का काम प्रगति पर है।

(डी) चुशूल- डूंगटी- फुक्चे- डेमचोक रोड (लद्दाख): रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 114.5 किमी लंबी सड़क पर इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड के तहत काम चल रहा है। 100.8 किमी का काम पूरा हो चुका है और स्थायी कार्य प्रगति पर है।

(ई) गुनी- कुट्टी- जोलिंगकांग रोड (उत्तराखंड): 36.3 किमी लंबी इस सड़क पर काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। सर्फेसिंग का काम जोरों पर चल रहा है। यह सड़क लाखों भक्तों के लिए आदि कैलाश की आध्यात्मिक यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगी।

(एफ) रोड घाटियाबागढ़- लखनपुर- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड): भारतमाला परियोजना के तहत 81.30 किमी लंबी सड़क की मरम्मत के लिए डीपीआर स्वीकृत हुई और निविदा कार्य प्रगति पर है।

(जी) न्यू सोबला- तिडांग रोड (उत्तराखंड): गृह मंत्रालय (एमएचए) ने करीब 46.58 किमी लंबी न्यू सोबला- तिडांग रोड को आगे विकास एवं रखरखाव के लिए बीआरओ को सौंपा है। ज्यादातर फॉर्मेशन कार्य पूरा हो चुका है।

  • एमएचए: अरुणाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट अरुणांक के तहत निर्माण के लिए गृह मंत्रालय ने कुल 255 किमी लंबी चार सड़कों को मंजूरी दी है।
  • प्रधानमंत्री का उत्तराखंड दौराः प्रधानमंत्री ने 14 अक्टूबर 2023 को जोलिंगकांग का दौरा किया और बीआरओ कर्मियों के साथ बातचीत की। साथ ही उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने वाले बीआरओ कर्मियों की सेवाओं की सराहना भी की।
  • सिक्किम में ग्लेशियल लेक से आई बाढ़: अक्टूबर में सिक्किम में दक्षिण लोनाक झील का दक्षिणी तट टूट गया था और बड़ी मात्रा में पानी आने से बाढ़ आ गई थी। इस कारण उत्तरी सिक्किम में सड़क अवसंरचना को काफी नुकसान पहुंचा। सात सड़कों का करीब 16 किमी का हिस्सा और 15 पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे। बीआरओ ने संपर्क बहाल करने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया। मरम्मत के ये काम समयबद्ध और परिणाम-उन्मुख तरीके से किए जा रहे हैं।

सुरंगें

  • इस समय बीआरओ 20 सुरंगों पर काम कर रहा है, जिसमें से 10 निर्माणाधीन और 10 योजना के चरण में हैं। सितंबर में रक्षा मंत्री ने बी-सी-टी रोड (अरुणाचल प्रदेश) पर 500 मीटर लंबी नेचिफु सुरंग राष्ट्र को समर्पित की थी। इसके अलावा 4.1 किमी लंबी शिंकू ला सुरंग का निर्माण जल्द शुरू होने की संभावना है, जो बनने के बाद 15,855 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
  • सेला सुरंगः इस परियोजना के तहत अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा- चारदुआर- तवांग रोड पर ट्विन ट्यूब डिजाइन में दो सुरंगें बन रही हैं. इसके बनने से आठ किमी से अधिक दूरी घट जाएगी और सेला दर्रे की चढ़ाई से बचते हुए यात्रा का समय एक घंटे तक कम हो जाएगा. इससे तवांग के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी मिल जाएगी. सुरंग जल्द पूरी होने वाली है और इसके बनने पर 13,800 फीट की ऊंचाई पर यह दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की हाईवे टनल होगी।
  • कंडी सुरंग (जम्मू-कश्मीर): प्रतिकूल मौसम के बावजूद अखनूर से पुंछ रोड पर एनएच-144ए पर 260 मीटर लंबी कंडी सुरंग का निर्माण अक्टूबर में पूरा हो गया। इसका काम मार्च में शुरू हुआ था। यह सुरंग सड़क की लंबाई 2.5 किमी कम कर देगी और जम्मू से पुंछ तक कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

पुल:

  • इस साल 3,179 मीटर पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा पिछले दो वर्षों में 22 पुलों की मरम्मत और पूरा करने का काम किया गया। कम भार वाले पुराने बेली पुलों का तेजी से विकल्प तैयार करने के लिए 60 मॉड्यूलर डबल लेन सीएल 70 पुलों के लिए जीआरएसई के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। अब तक ऐसे 20 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा निम्नलिखित स्थायी पुल तैयार हो गए हैं और यातायात के लिए खोला जाना बाकी है।
    • श्योक नदी (लद्दाख) पर स्थायी पुल: करीब 15,300 फीट की ऊंचाई पर श्योक नदी पर सासेर ब्रांगसा में 345.70 मीटर के इस पुल की योजना मार्च में बनाई गई थी। अक्टूबर में निर्माण कार्य एक सीजन में पूरा कर लिया गया, जो इस ऊंचाई पर एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।
    • भूटान में बीआरओ का काम: भूटान में चुज़ोम-हा पर दो डबल लेन स्टील मॉड्यूलर पुलों (शाफेल और काना) का उद्घाटन अक्टूबर में बुनियादी ढांचा एवं परिवहन मंत्री ल्योनपो दोरजी शेरिंग ने किया था। केवल तीन महीने में इन पुलों का निर्माण किया गया। इसके अलावा दारंगा से त्राशीगांग तक सड़क पर त्राशीगांग के मेयर ने 24 मीटर लंबे आरसीसी डबल लेन स्थायी पुल का भी उद्घाटन किया।

एयरफील्ड: सितंबर में रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल में बैरकपुर और बागडोगरा हवाई क्षेत्र राष्ट्र को समर्पित किए। पूर्वी लद्दाख में हाल ही में घोषित न्योमा एयरफील्ड पर विकास काम शुरू हो गया है।

नई प्रौद्योगिकियां: सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण कार्य को गति देने के लिए बीआरओ ने कई नई तकनीकों और उपकरणों को शामिल किया है, जैसे सड़कों की सर्फेसिंग के लिए सीमेंट के बेस, जियो सेल्स का उपयोग, एम 50 इंटर लॉकिंग कंक्रीट ब्लॉक का इस्तेमाल, जियो-सिंथेटिक सामग्री और प्री-कास्ट कंक्रीट तकनीक का इस्तेमाल कर ढलान तैयार करना।

दर्रों को जल्दी खोलना: बीआरओ ने सीमाओं से लगती रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों पर दर्रों को जल्दी खोलना सुनिश्चित किया है, जिससे रक्षा तैयारियों में वृद्धि हुई है।

सड़क सुरक्षा ऑडिट: बीआरओ की सभी परियोजनाओं में ब्लैक स्पॉट (हादसे के लिहाज से संवेदनशील जगह) को कम करने के लिए सड़क सुरक्षा ऑडिट और सुधार कार्य चल रहे हैं। अब तक देशभर में करीब 17,265 किमी सड़कों का ऑडिट किया जा चुका है। सड़क सुरक्षा में क्षमता निर्माण के हिस्से के रूप में पांच बीआरओ अधिकारियों ने आईआईटी दिल्ली में 14 हफ्ते का एडवांस्ड सड़क सुरक्षा प्रमाणन कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया।

हरित पहलः भारत के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में आगे रहने के लिए, बीआरओ पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण पर फोकस कर रहा है। ऊर्जा कुशल आवास नियमों के तहत लेह में ऊर्जा कुशल आवास, कैजुअल पेड मजदूरों (सीपीएल) एवं कार्यस्थलों पर बीआरओ कर्मियों के लिए नेट कार्बन तटस्थ आवास इस दिशा में की गई कुछ पहल हैं।

सिलक्यारा सुरंग (उत्तराखंड) में बीआरओ की तरफ से बचाव अभियान: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एनएच-134 पर एनएचआईडीसीएल द्वारा बनाई जा रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा नवंबर में ढह गया था, जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे। राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास के तहत, बीआरओ ने 1,150 मीटर लंबवत ड्रिलिंग के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण शुरू किया। इस सड़क को 48 घंटे के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया। फंसे श्रमिकों को नवंबर में ही बचा लिया गया था।

अमरनाथ यात्रा ट्रैकों की बहाली: अमरनाथ यात्रा ट्रैक के अपग्रेडेशन का दूसरा चरण सितंबर में शुरू हुआ। बालटाल ट्रैक को फिर से दुरुस्त किया गया है और बीआरओ ने संगम बेस के जरिए पवित्र गुफा तक गाड़ी से आना जाना संभव किया है। इस प्रकार आवश्यक आपूर्ति करने के लिए ट्रैक को पर्याप्त रूप से चौड़ा किया गया है। इसके अलावा काली माता ट्रैक को अपग्रेड करने का काम प्रगति पर है और 2024 में अमरनाथ यात्रा से पहले आवश्यक वाहनों की आवाजाही के लिए इसे चालू कर दिया जाएगा।

पार्थिव शरीर से संबंधित प्रावधानों का विस्तार: रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स के कर्मियों के लिए उपलब्ध 'पार्थिव शरीर को संरक्षित करने और परिवहन' के मौजूदा प्रावधानों को कैजुअल वेतनभोगी श्रमिकों (सीपीएल) तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने सीपीएल के अंतिम संस्कार के खर्च को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने को भी मंजूरी दी है। बीआरओ परियोजनाओं में सरकारी ड्यूटी के दौरान अगर किसी सीपीएल की मृत्यु होती है और अंतिम संस्कार कार्यस्थल पर किया जा रहा है तो अंतिम संस्‍कार का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

प्रशिक्षण परिसर: रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने बीआरओ के 64वें स्थापना दिवस के दौरान पुणे में सीमा सड़क संगठन तकनीकी प्रशिक्षण परिसर और एक स्वचालित ड्राइविंग ट्रैक का उद्घाटन किया। बीआरओ कर्मियों के लिए ये सुविधाएं प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाएंगी और उन्हें विभिन्न चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद करेंगी। 'डिजिटल इंडिया' पहल के हिस्से के रूप में विकसित बीआरओ-केंद्रित सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया गया। ये सॉफ्टवेयर- भर्ती प्रबंधन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक मापन बुक और कार्य प्रबंधन प्रणाली- को बीआरओ के कामकाज के विभिन्न पहलुओं को स्वचालित करने के लिए विकसित किया गया है जिससे सुचारू ढंग से तेज उत्पादन और पारदर्शिता में वृद्धि हो सके। स्वदेशी क्लास 70आर डबल लेन मॉड्यूलर पुलों के निर्माण के लिए बीआरओ और जीआरएसई के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ये पुल सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत करेंगे।

नारी शक्ति

  • जनवरी में कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर के कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। सियाचिन बैटल स्कूल में इंडक्शन प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद दिसंबर में कैप्टन गीतिका कौल सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनीं। कुछ दिनों के बाद कैप्टन फातिमा वसीम सियाचिन ग्लेशियर पर एक ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनीं।
  • महिला अधिकारियों की यूनिट कमान शुरू हो गई है। इनमें जबरदस्त क्षमता है और यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास हो रहे हैं कि उचित मार्गदर्शन और सहयोग से इस अवसर का पूरा लाभ उठाया जा सके। आर्म्स एंड सर्विसेज में महिलाओं को जेसीओ/ओआर के तौर पर शामिल करने पर अध्ययन चल रहा है।
  • भारतीय नौसेना के युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली को नामित किया गया।
  • तोपखाना रेजिमेंट में महिला अधिकारियों को शामिल करने की पहल आगे बढ़ रही है। 2023 में तोपखाना रेजिमेंट में 10 महिला अधिकारियों को शामिल किया गया। 
  • भारतीय वायु सेना ने पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने के लिए ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को तैनात किया। वह आईएएफ की किसी लड़ाकू यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला हैं।
  • स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाधी को गवर्नर (मिजोरम) की पहली महिला एडीसी के रूप में नामित किया गया।
  • आर्मी मेडिकल कोर की अधिकारी कर्नल सुनीता सशस्त्र बलों के सबसे बड़े ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर (दिल्ली कैंट के आर्म्ड फोर्सेज ट्रांसफ्यूजन सेंटर) की कमान संभालने वाली पहली महिला बनीं।
  • एयर मार्शल साधना एस नायर डीजी सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा कार्यालय में महानिदेशक अस्पताल सेवाएं (सशस्त्र बल) नियुक्त की गईं। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं।
  • रीमाउंट एंड वेटरनरी कोर (आरवीसी) में महिला अधिकारियों को शामिल करने की प्रक्रिया मार्च में शुरू हुई। इस साल आरवीसी में चार महिलाओं को शामिल किया गया है।
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में सेना की 30 गर्ल कैडेटों का प्रशिक्षण चल रहा है।
  • रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और हवाई योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के समान मातृत्व, बच्चे की देखभाल और बच्चे को गोद लेने के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

 

 

 

भूतपूर्व सैनिक कल्याण

पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को जरूरी राहत पहुंचाने के लिए इस वर्ष के दौरान किए गए प्रमुख नीतिगत निर्णय, हालिया पहल/उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत सशस्त्र बल पेंशन भोगियों/पारिवारिक पेंशन भोगियों की पेंशन में संशोधन के लिए सरकार का 01 जुलाई 2019 का आदेश दिनांक 04.01.2023 को जारी किया गया। 25.13 लाख से अधिक सशस्त्र बल पेंशन भोगी/पारिवारिक पेंशन भोगी इससे लाभान्वित हुए हैं। संशोधन के कार्यान्वयन के लिए 31% महंगाई राहत की दर से लगभग 8,450 करोड़ रुपये के अनुमानित अतिरिक्त वार्षिक व्यय की गणना की गई है। । इसका लाभ युद्ध में शहीदों की विधवाओं और विकलांग पेंशन भोगियों सहित पारिवारिक पेंशन भोगियों को भी दिया गया। भारत सरकार ने नवंबर 2015 में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। 1 जुलाई 2014 से ओआरओपी लागू करने के लिए 7 नवंबर 2015 को आदेश जारी किए गए थे। पिछले 9 वर्षों में इस योजना पर अब तक लगभग 93,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जा चुके हैं और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ से अधिक जा सकता है। ओआरओपी ने पूर्व सैनिकों की आय में वृद्धि की है जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ी है और जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित हुई है।

 

  • सरकार ने 21 सितंबर 2023 को सशस्त्र बल कर्मियों के लिए हताहत पेंशन और विकलांगता मुआवजा राशि तथा चिकित्सा अधिकारियों के लिए गाइड के पात्रता नियम (ईआर) - 2023 जारी किए। इसे 2017 में कैबिनेट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार किया गया है, जिसमें विकलांगता को परिभाषित करने की प्रक्रिया एवं शर्तें, विकलांगता की डिग्री का आकलन और पेंशन में विकलांगता तत्व का निर्धारण सिविल और रक्षा पक्ष में एक समान होगा। इसमें एक समान मेडिकल बोर्ड का गठन करना भी शामिल होगा।

 

  • सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) से वित्त पोषित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में 11 अगस्त 2023 से वित्तीय सहायता में वृद्धि की गई। ईएसएम विधवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण अनुदान राशि 20,000/- से 50,000/- रुपये (एक बार) तक बढ़ा दी गई है। गैर-पेंशन भोगी ईएसएम/उनकी विधवाओं के लिए चिकित्सा अनुदान 30,000/- से रुपये बढ़ाकर 50,000/- रुपये कर दिया गया है। गैर-पेंशन भोगी ईएसएम/उनकी विधवाओं के लिए गंभीर बीमारी अनुदान 1,25,000/- से बढ़ाकर 1,50,000/-(एक बार) कर दिया गया है।

 

  • वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) से 250 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है और इस पहल के माध्यम से कुल 2.35 लाख ईएसएम लाभान्वित हुए हैं।
  • प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएस) के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 15,655 लाभार्थियों को 52.54 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।
  • वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ईसीएचएस के लिए 6,929.07 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। यह किसी भी वित्तीय वर्ष में ईसीएचएस के लिए अब तक का सबसे अधिक बजट आवंटन है। इससे पैनल में शामिल अस्पतालों के बिलों और व्यक्तिगत दावों के काफी लंबित मामलों को निपटाने में मदद मिली है।
  • सरकार ने अपने दिनांक 05 अप्रैल 2023 के आदेश में 17 नवंबर 2016 से पहले ईसीएचएस में शामिल और 16/32 केबी ईसीएचएस कार्ड या अस्थायी पर्ची रखने वाले सेना डाक सेवा (एपीएस) के मौजूदा ईसीएचएस लाभार्थियों को ईसीएचएस सदस्यता की पुष्टि करने का निर्णय लिया है।
  • वर्ष 2023 के दौरान कुल 39,380 पूर्व सैनिकों (ईएसएम) का पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) के माध्यम से पुनर्वास कराया गया है। इनमें से लगभग 32,000 को सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार दिया गया है। आने वाले वर्षों में इसके बढ़ने का अनुमान है। इसका उद्देश्य कॉर्पोरेट क्षेत्र में ईएसएम को फिर से रोजगार की सुविधा प्रदान करना और स्वरोजगार के लिए योजनाओं के माध्यम से नौकरियां उपलब्ध कराना है।
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत पूर्व सैनिकों को सामान्य प्रोत्साहन (मासिक खरीद के 15% की दर से 5 लाख रुपये) के अलावा 2 लाख रुपये के एकमुश्त अनुदान का विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। इसका उद्देश्य सभी के लाभ के लिए सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की खातिर राष्ट्रव्यापी जेनेरिक मेडिसिन फार्मेसियों की स्थापना करना है। पूर्व सैनिक इस उद्देश्य के लिए डीजीआर द्वारा जारी 'पात्रता प्रमाणपत्र' के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं।

प्रमुख कार्यक्रम

  • 14 जनवरी, 2023 को सातवां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया गया। इस समारोह को और विस्तार दिया गया है। इस साल नौ स्थानों पर प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने देहरादून में मुख्य समारोह की अध्यक्षता की।
  • 13 फरवरी 2023 को एयरो इंडिया कन्वेंशन हॉल, बैंगलोर में 'वेटरंस रिहैबिलिटेशन, वेलफेयर एंड मेडिकल केयर के लिए हार्नेसिंग पार्टनरशिप' पर एक सेमिनार आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने की और इसमें कॉर्पोरेट, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, फाउंडेशन और अन्य प्रमुख उद्यमों के लगभग 130 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 11 अप्रैल 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी। दोपहर के भोजन के बाद सचिव (ईएसडब्ल्यू) की अध्यक्षता में राज्य सैनिक बोर्ड (आरएसबी) के निदेशकों की बैठक हुई।
  • 25 अप्रैल 2023 को सचिव ईएसडब्ल्यू ने पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) द्वारा प्रकाशित 'डायरेक्टरी ऑफ इक्वेशन' यानी 'समीकरण निर्देशिका' का एक अपडेट संस्करण जारी किया।

 

  • 6 जुलाई 2023 को रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा विभाग द्वारा नई दिल्ली (डीआरडीओ भवन) में एक दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया गया। चर्चा में शामिल बिंदुओं में बेहतर पेंशन सेवाओं के लिए सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा (स्पर्श), रोजगार क्षमता में सुधार करके वेटरंस का पुनर्वास और वेटरंस द्वारा सूक्ष्म उद्यमों की शुरुआत के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और वेटरंस की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार प्रमुख रहे।
  • डीईएसडब्ल्यू ने 2023 के अक्टूबर महीने के दौरान अपने संबद्ध कार्यालयों और उनके क्षेत्रीय प्रतिष्ठानों में लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान (एससीडीपीएम 3.0) के तहत सफाई अभियान भी चलाया। अभियान ने लंबित मामलों को कम करने, कार्यालय की समग्र सफाई और स्थलों के प्रभावी प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया।

रक्षा उत्पादन विभाग

रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के निरंतर प्रयास और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा आयात घटाने के लिए, डीडीपी ने 12 मई, 2023 को 928 वस्तुओं की चौथी पीआईएल अधिसूचित की, जिसमें एलआरयू/उप-प्रणालियां/समयबद्ध स्वदेशीकरण के लिए असेंबली/सब-असेंबली, कच्चा माल, कम मूल्य वाले महत्वपूर्ण पुर्जे और डीपीएसयू के घटक शामिल हैं। इन वस्तुओं को दिसंबर 2023 से दिसंबर 2029 की समयसीमा के भीतर स्वदेशीकृत किया जाना है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 173 पीआईएल वस्तुओं सहित सृजन पोर्टल की 4500 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है।

  • आयात के स्थान पर रखने के लिए एमएसएमई/स्टार्टअप/उद्योग को विकास सहायता प्रदान करने की खातिर उद्योग इंटरफेस के साथ डीपीएसयू/सेवाओं के लिए चल रहे स्वदेशीकरण पोर्टल (wwwsrijandefence.gov.in) को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था।
  • सृजन पोर्टल के लॉन्च के बाद से 3 वर्षों की अवधि के दौरान रक्षा मंत्रालय ने 10,451 वस्तुओं का सफलतापूर्वक स्वदेशीकरण किया है। उद्योग द्वारा स्वदेशीकरण के लिए डीपीएसयू और सेवा मुख्यालय द्वारा सृजन पोर्टल पर 34,000 से अधिक आइटम अपलोड किए गए थे। इसमें डीडीपी द्वारा अधिसूचित पीआईएल (जनहित याचिकाओं) के तहत 4,666 आइटम शामिल हैं।
  • रक्षा उपकरण/इन्वेंट्री का मानकीकरण (स्टैंडर्डाइजेशन) विशेष उपकरण/प्रौद्योगिकियों से निपटने वाली 13 मानकीकरण उप-समितियों के माध्यम से किया जाता है। 2023 के दौरान, समुद्री उपकरणों के लिए मानक तैयार करने के लिए एक नई मानकीकरण उप-समिति यानी समुद्री उपकरण मानकीकरण उप-समिति का गठन किया गया था।
  • 2023 में पुणे और बदरपुर (नई दिल्ली) स्थित दो प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से तीनों सेनाओं, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू), सीलबंद विवरण रखने वाले प्राधिकरण (एएचएसपी), आयुध कारखानों और सिविल इंडस्ट्रीज के 333 कर्मियों को मानकीकरण और संहिताकरण पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
  • बेंगलुरु, कर्नाटक में 13 से 17 फरवरी तक एयरो इंडिया-2023 का 14वां संस्करण आयोजित किया गया था। यह 1996 में अपनी स्थापना के बाद से 100 से अधिक देशों, 809 प्रदर्शकों के साथ अब तक का सबसे बड़ा संस्करण रहा। पहली बार 53 विमानों के साथ फ्लाई पास्ट कर हमने वैश्विक जगत के सामने हमारी वायु शक्ति का प्रदर्शन किया। 5 दिन में कुल 7 लाख से अधिक लोग इस एयर शो को देखने आए।
  • एयरो इंडिया-2023 में स्टार्ट-अप का प्रमोशन फोकस का क्षेत्र रहा, जिसमें भारतीय स्टार्ट-अप को एक विशेष आईडीईएक्स (iDEX) पवेलियन, इंडिया पवेलियन और चीफ ऑफ एयर स्टाफ कॉन्क्लेव में प्रदर्शित किया गया था। इस दौरान वार्षिक स्टार्ट-अप कार्यक्रम 'मंथन' भी आयोजित किया गया। इस दौरान पहले आईडीईएक्स इन्वेस्टर हब (आईआईएच) में 200 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिबद्धताएं जाहिर की गई।
  • 'बंधन' समारोह में बी2बी साझेदारियां बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास किया गया और 75,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 250 से अधिक ऐसी साझेदारियों को अंतिम रूप दिया गया। यह साझेदारी कंपनियों के बीच व्यापार, टीओटी और संयुक्त विकास के लिए आकर्षण बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

रक्षा निर्यातः

विभिन्न हितधारकों से प्राप्त निर्यात लीड को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत भारतीय रक्षा निर्यातकों तक प्रसारित किया जा रहा है। यह सुविधा भारतीय रक्षा निर्यातकों को अन्य देशों में उत्पन्न होने वाले निर्यात अवसरों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद करती है। प्रसारित निर्यात लीडों की ऑनलाइन निगरानी/फॉलोअप के लिए भारतीय उद्योग के फीडबैक तंत्र के साथ ऑनलाइन पोर्टल को अपग्रेड किया गया है। जनवरी 2023 से पोर्टल के माध्यम से कुल 245 लीड प्रसारित किए गए हैं।

  1. फरवरी 2023 में एयरो-इंडिया 2023 के दौरान रक्षा मंत्री द्वारा 'एबव होराइजंस: ए ग्लिम्पस ऑफ इंडियन एयरो इंडस्ट्री' नामक एक कॉफी टेबल बुक जारी की गई थी।
  • ii. रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संघों के माध्यम से डीडीपी, एमओडी के तत्वावधान में मित्रवत विदेशी देशों (एफएफसी) के साथ वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं। जनवरी 2023 से अब तक कुल 26 वेबिनार आयोजित किए जा चुके हैं।
  1. रक्षा क्षेत्र में 'ब्रांड इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अताशे (डीए) को वित्तीय सहायता की एक योजना रक्षा मंत्री द्वारा नवंबर 2023 में अनुमोदित की गई है। इस योजना के तहत सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों के स्वदेशी रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डीए को अनिवार्य किया गया है। भारतीय मिशनों को वित्तीय अनुदान बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 64 देशों के डीए को कुल 3.76 करोड़ रुपये  आवंटित किए गए हैं।
  • iv. सैन्य योगदान देने वाले देशों को संयुक्त राष्ट्र आकस्मिक स्वामित्व वाले उपकरण (सीओई) के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रक्षा कंपनियों की सुविधा और सहायता के लिए एक संस्थागत सहायता तंत्र बनाया गया है।
  1. रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए भारत की रक्षा निर्यात रणनीति के अनुरूप, इस विभाग द्वारा वर्ष के दौरान 73 देशों को 1310 निर्यात प्राधिकार जारी किए गए, जिनका मूल्य 13345 करोड़ रुपये है।

इस वर्ष के दौरान आईडीईएक्स चैलेंजेज के 101 विजेता घोषित किए गए, 131 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए और 15 प्रोटोटाइप विकसित किए गए। डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंजेज (डीआईएससी) के तीन संस्करण यानी डीआईएससी 8, डीआईएससी 9 और डीआईएससी एक्स लॉन्च किए गए। ओपन चैलेंज के तीन संस्करण, यानी ओसी 7, ओसी 8 और ओसी 9 भी लॉन्च किए गए।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में आईडीईएक्स ने 20-21 जून 2023 को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में भारत-अमेरिका डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (आईएनडीयूएस-एक्स) कार्यक्रम का आयोजन किया। यह पहल स्टार्ट-अप इको-सिस्टम, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करेगी।

आईडीईएक्स इन्वेस्टर हब (आईआईएच) आईटीआई ग्रोथ अपॉर्चुनिटीज फंड (इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट ऑफ इंडिया ग्रुप का एक वेंचर कैपिटल फंड) के माध्यम से 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग लाया, जिससे कुल आईआईएच राशि 260 करोड़ रुपये हो गई।

4 नवंबर, 2013 को ‘स्वावलंबन 2023’ कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने निम्नलिखित को लॉन्च कियाः

  1. डीआईएससी एक्स के 76 चैलेंजेज के साथ ही आईडीईएक्स 4 फौजी के तहत 5 समस्या विवरण और 'आईएनडीयूएस-एक्स म्यूचुअल प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड कोलैबोरेटिव टेक्नोलॉजीज' (इम्पैक्ट) के तहत पहले दो चैलेंजेज आईडीईएक्स और अमेरिका के रक्षा विभाग (यूएस, डीओडी) की ओर से संयुक्त रूप से लॉन्च किए गए। 
  • ii. आडीईएक्स- टेक्नोलॉजी के लिए नेवी वेंचर (आईएनवेंट): नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गेनाइजेशन (एनआईआईओ) और डिफेंस इनोवेशन ऑर्गेनाइजेशन (डीआईओ) ने आडीईएक्स इन्वेस्टर हब (आईआईएच) के माध्यम से डिफेंस इकोसिस्टम में वेंचर कैपिटल के निवेश की सुविधा पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) किया है।

रक्षा प्रणालियों का स्वदेशी डिजाइन एवं विकास रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 के तहत मिले 'मेक प्रोसीजर' यानी बनाओ प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है। वर्ष 2023 में 18 परियोजनाओं को 'सैद्धांतिक अनुमोदन' प्रदान किया गया है, जिससे कुल परियोजनाओं की संख्या 149 हो गई है। इसके अलावा इस वर्ष 11 परियोजनाओं को आवश्यकता का समझौता (एओएन) प्रदान किया गया है, जिससे एओएन परियोजनाओं की संख्या 60 हो गई है।

प्रत्येक डीआईसी में 10,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करने के इरादे से देश में रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) में नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने उद्योगों  के साथ 138 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यूपीडीआईसी में 2656 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश किया गया है। तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे (टीएनडीआईसी) में नोडल एजेंसी तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम (टीआईडीसीओ) ने 57 एमओयू के माध्यम से व्यवस्था की है। वास्तविक निवेश रु। टीएनडीआईसी में 4085 करोड़ का वास्तविक निवेश किया गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 फरवरी 23 को तुमकुरु में एचएएल की नई हेलिकॉप्टर फैक्ट्री राष्ट्र को समर्पित की। इसी कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने एचएएल के स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का अनावरण किया।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 11 जुलाई 23 को मलेशिया के कुआलालंपुर में एचएएल के पहले विदेशी क्षेत्रीय मार्केटिंग ऑफिस का उद्घाटन किया।

एचएएल को (वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए) कर्नाटक सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से 22 जुलाई 23 को 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया अंडरटेकिंग एक्सपोर्टर' श्रेणी में 'राज्य निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार' मिला।

एचएएल ने चंद्रयान-3 की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें 30 प्रकार की रिवेटेड संरचना, छह प्रकार की वेल्डेड संरचना और उपग्रह की बस संरचना रोवर, लैंडर और कास्टिंग और फोर्जिंग की समय पर डिलीवरी शामिल है। इसके काफी सराहना मिली।

स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र को 23 अगस्त 23 को गोवा के तट से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) एलएसपी-7 से सफलतापूर्वक दागा गया। परीक्षण के सभी उद्देश्य पूरे किए गए। यह एडीए और एचएएल का संयुक्त प्रयास था।

एचएएल को मेक-इन-इंडिया प्रोजेक्ट के रूप में देश में बनने वाले 'सीएआर21 सबपार्ट जी' के तहत हिंदुस्तान 228 विमानों के श्रृंखलाबद्ध उत्पादन  के लिए डीजीसीए की मंजूरी मिली और

हिंदुस्तान-228 विमान पर एएमई टाइप रेटेड लाइसेंस प्रदान करने के लिए श्रेणी बी1 और बी2 के तहत सीएआर147 के तहत 'मेंटीनेंस टाइप ट्रेनिंग सर्टिफिकेट' यानी 'रखरखाव प्रकार प्रशिक्षण प्रमाणपत्र' प्राप्त हुआ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 नवंबर 2023 को एचएएल बैंगलोर का दौरा किया और एलसीए तेजस ट्विन सीटर विमान पर उड़ान भरी। वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हमारे घरेलू प्रौद्योगिकी चमत्कार-तेजस में उड़ान भरी।

बीईएल और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित और स्थापित स्वदेशी हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएएस) का उद्घाटन और सम्मिलन 27 अक्टूबर 2023 को भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर किया गया।

भारतीय नौसेना द्वारा 6 जून, 2023 को पोत से लॉन्च किए जाने वाले पनडुब्बी रोधी भारी वजन वाले टॉरपीडो (एचडब्ल्यूटी) वरुणास्त्र का सफल कॉम्बैट ट्रायल यानी जंगी परीक्षण किया गया। इसे देश में ही विकसित किया गया है। इस टॉरपीडो को एक पनडुब्बी से दागा गया और उसने पानी के अंदर एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक हमला किया, जिससे युद्ध की क्षमता का प्रदर्शन हुआ और यह नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम था। बीडीएल ने इस टारपीडो का निर्माण और आपूर्ति की है और इसके एकीकरण, समुद्री परीक्षणों के लिए टारपीडो की तैयारी और जहाज पर फायरिंग से जुड़ा है।

बीडीएल ने फरवरी 2023 में आयोजित एयरो इंडिया में बंधन कार्यक्रम के दौरान तीन नए उत्पाद यानी वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल एसआरएसएएम), बीएमपी दो के लिए एसएएल सीकर एटीजीएम और ड्रोन डिलीवरेड मिसाइल (जिश्नू) लॉन्च किए।

बीडीएल ने 26.03.2023 को अमोघा-तीन नामक तीसरी पीढ़ी की फायर एंड फॉरगेट मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की फील्ड फायरिंग की।

बीईएल द्वारा विकसित आई-एटीएस (स्वदेशी-स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) प्रणाली को 18 फरवरी 2023 को औपचारिक रूप से संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी), शास्त्री पार्क से श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा रेड लाइन पर लॉन्च किया गया।

एमआईडीएचएएनआई यानी मिधानी स्वदेशी रूप से विकसित एसएनआई सी276 शीट एक प्रमुख संक्षारण प्रतिरोधी सामग्री है। निकल, मोलिब्डेनम, क्रोमियम और टंगस्टन के स्पर्श से मजबूत मिश्र धातु सी276, ग्रिप गैस शुद्धिकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑक्सीकरण और कम करने वाले वातावरण में उत्कृष्ट है। 9 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित भेल संवाद 3.0 में इस उपलब्धि की सराहना की गई। इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने मिधानी को सम्मानित किया।

मिधानी ने 6 वर्षों के भीतर स्वदेशी रूप से विकसित वैक्यूम आर्क रीमेल्टिंग (वीएआर) भट्टी में 1000वीं ऊष्मा विकसित की। यह मील का पत्थर आत्मनिर्भर भारत के प्रति मिधानी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मिधानी ने 13-17 फरवरी 2023 तक येलहंका, बेंगलुरु में आयोजित एयरो शो 'एयरो इंडिया 2023' के 14वें संस्करण में पांच नए विकसित उत्पाद लॉन्च किए और 11 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। यह एचएएल के साथ बीईएल द्वारा आयोजित किया गया था।

एमडीएल द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट-17ए के चौथे जहाज 'महेंद्रगिरि' को 01 सितंबर 2023 को उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ द्वारा लॉन्च किया गया।

एमडीएल के 250वें वर्ष के अवसर पर रक्षा सचिव श्री गिरधर अरमाने ने 25 सितंबर 2023 को भारतीय डाक सेवाओं द्वारा जारी अनुकूलित कॉर्पोरेट एमडीएल टिकटों का अनावरण किया गया।

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और फाउंडेशन फॉर साइंस इनोवेशन एंड डेवलपमेंट, आईआईएससी बेंगलुरु ने जहाज निर्माण और रक्षा अनुप्रयोगों के क्षेत्र में एआई प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास एवं कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए 29 जुलाई 2023 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और केन्या के कैबिनेट सचिव रक्षा महामहिम अदन बेयर डुएले के बीच नई दिल्ली में आयोजित द्विपक्षीय बैठक के दौरान जीएसएल और केन्या शिपयार्ड लिमिटेड ने क्षमता निर्माण और जहाज डिजाइन एवं निर्माण में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

जीएसएल ने देश के पोत निर्माण उद्योग के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति का एक पूल बनाकर भारत सरकार की 'कौशल भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल में योगदान करते हुए पूर्व प्रशिक्षुओं के उन्नत प्रशिक्षण के लिए नीति पेश की है।

1393.55 करोड़ रुपये की कीमत का यार्ड 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑग्मेंटेशन प्लान' का काम पांच चरणों में किया गया और जीएसएल ने 31 मार्च 2023 को इसे सभी तरीकों से पूरा कर लिया है।

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए दो डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (डीएसवी) पहली बार किसी भारतीय यार्ड द्वारा भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे हैं।

एचएसएल को सर्वश्रेष्ठ जहाज मरम्मत कंपनी, सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी नवाचार और महिला नेतृत्व पुरस्कार की श्रेणियों में 3 इनमेक्स समुद्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

एवीएनएल कॉर्पोरेट कार्यालय, अवडी द्वारा प्रकाशित वार्षिक राजभाषा पत्रिका 'अवनि-प्रवाह' के पहले संस्करण को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (पीएसयू), चेन्नई द्वारा दूसरी सर्वश्रेष्ठ पत्रिका का पुरस्कार दिया गया है।

आईओएल ने मैसर्स बीईएमएल लिमिटेड जैसे विभिन्न पक्षों के साथ नए उत्पादों/प्रौद्योगिकियों के डिजाइन, विकास, निर्माण, उन्नयन आदि में सहयोग के लिए लगभग 6,100 करोड़ रुपये के 13 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय की नीति के अनुसरण में आईओएल ने सृजन पोर्टल का उपयोग कर कई पूर्व-आयात घटकों/सब-असेंबली का स्वदेशीकरण किया है। आईओएल ने डीएपी-2020 की मेक-दो योजना के तहत भारतीय निर्माताओं को 101 परियोजना मंजूरी आदेश दिए हैं। साथ ही 8 आरएफपी/ईओआई भी प्रकाशित किए गए हैं। आईओएल की पीआईएल1 में 189 वस्तुएं और पीआईएल3 सूचियों में 47 वस्तुएं हैं, जिनमें से 184 वस्तुओं का पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है। आईओएल ने आईडीईएक्स के तहत 5 नई प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को भी प्रायोजित किया है।

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर 31 अक्टूबर 2023 को सभी डीपीएसयू में 'रन फॉर यूनिटी' आयोजित की गई थी।

भारतीय सेना

  • ऑपरेशनल यानी परिचालन संबंधी तैयारी: भारतीय सेना ने उच्च स्तर की तैयारी बनाए रखी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलसी) समेत सभी सीमाओं पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित किया। उच्च प्रशिक्षण मानकों को बनाए रखते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते तथा भविष्य के खतरों की लगातार समीक्षा करते हुए लगातार आतंकवादी रोधी अभियान भी चलाए गए।
  • उत्तरी सीमाएं: एलएसी पर चल रहे गतिरोध से संबंधित राजनयिक और सैन्य प्रयासों के हिस्से के रूप में कोर कमांडर स्तर की बैठकों के 20 दौर और परामर्श तथा समन्वय के लिए 14 संबंधित कार्य-तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) बैठकें आयोजित की गई हैं। दोनों पक्ष प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक तंत्र के जरिये बातचीत और बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। भारतीय सेना ने एलएसी पर सभी क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए स्थापित सीमा तंत्र का इस्तेमाल किया है।
  • एलओसी और आतंकवाद विरोधी अभियान: महानिदेशालय सैन्य अभियान का मानना है कि फरवरी 2021 के बाद  नियंत्रण रेखा पर स्थिति में पहले के हिंसा के स्तर की तुलना में काफी सुधार हुआ है। अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल से किए गए अथक अभियानों के परिणामस्वरूप जी-20 बैठकें और अमरनाथ यात्रा जैसे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का सफल एवं किसी घटना के बगैर संचालन हुआ। 4.45 लाख यात्रियों ने अमरनाथ मंदिर का दौरा किया। जम्मू एवं कश्मीर में नवंबर 2023 तक दो करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन दर्ज किया गया है, जो वर्ष 2022 की संख्या से बहुत अधिक है। तालमेल के साथ चलाए गए आतंकवाद विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप 34 आतंकवादियों का सफाया हुआ और अंदरूनी इलाकों में चार आतंकवादियों को पकड़ा गया। नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की 18 कोशिशों को नाकाम किया गया, जिसमें हथियारों के बड़े भंडार की बरामदगी के अलावा 36 आतंकवादी मारे गए।
  • पूर्वोत्तरः देश के उग्रवाद प्रभावित उत्तर-पूर्वी हिस्से में भारतीय सेना और असम राइफल्स के दृढ़ और दयालु नजरिये की संतुलित मुद्रा  मूर्त-अमूर्त दोनों परिणामों के जरिये स्पष्ट हुई है। यह उग्रवादी समूहों के खिलाफ अभियानों के नतीजों, उग्रवादियों को मुख्यधारा में लाने और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए-1958) के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम करने के भारत सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय से परिलक्षित होता है। 1 जनवरी, 2023 से सेना, असम राइफल्स और राज्य पुलिस के समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप तीन कैडरों को निष्क्रिय किया गया, 233 कैडरों को पकड़ा गया, विभिन्न उग्रवादी समूहों के 186 कैडरों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया और विभिन्न प्रकार के 271 हथियारों की बरामदगी हुई। सुरक्षा बल भी क्षेत्र में नशीली दवाओं के खतरे को कम करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सेना ने असम राइफल्स, पुलिस और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर, आंतरिक इलाकों के साथ-साथ भारत-म्यांमार सीमा पर वर्ष के दौरान 1,567.55 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ और प्रतिबंधित सामग्री को सफलतापूर्वक बरामद किया।
  • मणिपुर: भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा स्थिति को नियंत्रित करने और बहुमूल्य जीवन, संपत्ति को बचाने तथा करीब 35,000 आंतरिक रूप से विस्थापित आबादी को सुरक्षित निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुरक्षा बल राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तटस्थ एवं पारदर्शी नजरिये के साथ नागरिक प्रशासन और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों की सहायता कर रहे हैं।

परिवर्तन का साल

  • 2023 भारतीय सेना के लिए परिवर्तन का साल है। परिवर्तन की प्रक्रिया पांच स्तंभों पर टिकी है- 'बल की संरचना एवं अनुकूलन', 'आधुनिकीकरण एवं प्रौद्योगिकी संचार', 'सिस्टम, प्रक्रियाएं और काम', 'मानव संसाधन प्रबंधन' और 'संयुक्तता और एकीकरण'।

बलों का पुनर्गठन एवं अनुकूलन

  • थियेटर कमांड से पहले एकजुटता और एकीकरण की दिशा में नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं।
  • ईडब्ल्यू ब्रिगेड्स के तहत अर्ली वारफेयर (ईडब्ल्यू) और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस इकाइयों के पुनर्गठन को औपचारिक रूप दिया गया है। अतिरिक्त ईडब्ल्यू बटालियनों की स्थापना का काम प्रगति पर है
  • निगरानी एवं लक्ष्य प्राप्ति (एसएटीए) इकाइयों का पुनर्गठन चल रहा है।
  • मुख्य कार्यों के लिए लड़ाकू जनशक्ति को पुनः संगठित करने के लिए गैर-प्रमुख सेवाओं की आउटसोर्सिंग प्रगति पर है।

आधुनिकीकरण एवं प्रौद्योगिकी का समावेश: उन्नयन, नए अधिग्रहण और विशिष्ट प्रौद्योगिकी के प्रसार के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। 'पारंपरिक' और 'नई' क्षमताओं के बीच सही संतुलन कायम रखा जा रहा है। समय पर और व्यावहारिक परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

85 पूंजीगत अनुबंधों का निष्कर्ष: चालू वित्तीय वर्ष में 12,343 करोड़ रुपये के कुल 85 पूंजीगत अनुबंध पूरे हुए हैं। इससे मोबिलाइजेशन, मारक क्षमता, संचार/गैर संचार, इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही (आईएसआर) और ड्रोन/काउंटर-ड्रोन सिस्टम के क्षेत्र में भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

आईडीईएक्स के माध्यम से आला प्रौद्योगिकी को शामिल करना: इस वर्ष 70 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं का अनुबंध किया गया है, जिससे संचार, आईएसआर और स्टील्थ प्रौद्योगिकी में बेहतरीन तकनीक को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल विकास को गति प्रदान करने की दिशा में भी एक कदम है।

5जी/6जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दोहन: भारतीय सेना ने डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एमसीटीई) सहित विभिन्न स्थानों पर 5जी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर सैन्य ग्रेड 5जी और 6जी प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। एमसीटीई को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक प्रमुख उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।

आपातकालीन खरीद: ईपी का उपयोग सामूहिक प्रशिक्षण की पूर्ति के अलावा उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर क्षमता बढ़ाने के लिए किया गया था। ईपी के तहत खरीदे गए उपकरणों का उपयोग क्षेत्रीय संरचनाओं द्वारा उनकी परिचालन दर्शन, टीटीपी और रखरखाव संबंधी जरूरतों को सुधारने के लिए किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-22 में 6,592 करोड़ रुपये की 68 परियोजनाएं खरीदी गईं, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-24 में 11,000 करोड़ रुपये की 73 परियोजनाएं खरीदी गई हैं।

मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन: भारतीय सेना ने 'मेक इन इंडिया' पहल को प्रोत्साहन दिया है। स्वदेशी रक्षा उद्योगों को मित्र देशों के सामने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए मंच प्रदान किया गया है। इसके लिए निम्नलिखित प्रयास किए गए हैं:-

  • अक्टूबर 2023 में थलसेना प्रमुख यानी सीओएएस की यात्रा के दौरान तंजानिया में एक मिनी डिफेंस एक्सपो आयोजित किया गया था (19 रक्षा उद्योगों ने भाग लिया)।
  • भारत में बहुपक्षीय कार्यक्रमों के दौरान डिफेंस एक्सपो, सेमिनार और रक्षा उद्योगों के दौरे का समन्वय किया गया। सितंबर 2023 में आईपीएसीसी के दौरान मानेकशॉ सेंटर में आयोजित उपकरण प्रदर्शनी में स्टार्ट-अप सहित 26 भारतीय रक्षा उद्योगों ने भाग लिया।
  • स्वदेशी रक्षा उद्योगों की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से रक्षा औद्योगिक केंद्रों में आर्मी-टू-आर्मी स्टॉफ टॉक (एएएसटी) आयोजित की जा रही है: -
  • मार्च 2023 में पुणे में वियतनाम के साथ एएएसटी का आयोजन किया गया था।
  • थाईलैंड के साथ सितंबर 2023 में सिकंदराबाद में एएएसटी का आयोजन किया गया।

 

प्रणाली, प्रक्रियाएं और कार्य: प्रणाली, प्रक्रियाएं और कार्य को स्तंभ बनाकर निम्नलिखित हासिल किया गया है:

 

  • प्रयासों को सही आकार देने पर ध्यान केंद्रित करना और कारोबार में सुगमताः ऑपरेशनल इनेबलमेंट यानी परिचालन सक्षमता के क्षेत्रों में बेहतर दक्षता को प्रभावित करने के लिए प्रमुख रूप से डिजिटल पहल की गई है।
  • राष्ट्रीय रसद नीति और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान: भारतीय सेना प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और एनएलपी के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भागीदार रही है। भारतीय सेना द्वारा की गई पहलों को राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप बनाने का प्रयास किया गया है। 180 अधिकारियों को एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षित किया गया है और बीआईएसएजी-एन के साथ अतिरिक्त प्रशिक्षण की योजना बनाई जा रही है। हेडक्वॉटर्स इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तत्वावधान में पीएम गति शक्ति के समान तीनों सेनाओं का भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टल बनाया जा रहा है।
  • स्पर्श: डिजिटलीकरण और लाभों को अधिक सुलभ बनाने के क्रम में स्पर्श को नए पेंशनभोगियों द्वारा अपनाया गया है क्योंकि लगभग 95% पुराने पेंशनभोगी स्पर्श में स्थानांतरित हो गए हैं। स्पर्श एक इंटरनेट आधारित स्वचालित परियोजना है जिसे पेंशन की मंजूरी, गणना, संशोधन और संवितरण के लिए सीजीडीए द्वारा आउटसोर्स किया गया है। परियोजना का उद्देश्य बैंकों, रक्षा पेंशन वितरण कार्यालयों और अन्य पेंशन वितरण एजेंसियों को अलग करके एकल स्रोत यानी पीसीडीए (पी) के माध्यम से 'सही समय पर सही व्यक्ति को सही पेंशन' देना है।

 

मानव संसाधन प्रबंधन:

  • शॉर्ट सर्विस कमीशन को और अधिक आकर्षक बनाना: वैश्विक रुझानों और अधिकार संबंधी पहलों को देखते हुए, भारतीय सेना एसएससी को और अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास कर रही है। एसएससी को आकर्षक बनाने के लिए तीनों सेनाओं के प्रस्ताव पर आधारित ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार किया गया है।
  • भारतीय सेना में महिलाएं: भारतीय सेना लैंगिक तटस्थता को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस क्षेत्र में निम्नलिखित प्रमुख उपलब्धियाँ रही हैं:
    • आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों (डब्ल्यूओ) को शामिल करने का कार्य प्रगति पर है। 2023 के दौरान 10 महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त किया गया।
    • रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर (आरवीसी) में डब्ल्यूओ को शामिल करने की प्रक्रिया मार्च 2023 में शुरू हुई। इस साल चार डब्ल्यूओ को आरवीसी में शामिल किया गया है।
    • 30 आर्मी गर्ल कैडेट्स राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं।
    • शस्त्र एवं सेनाओं में जेसीओ/ओआर के रूप में महिलाओं को शामिल करने पर अध्ययन चल रहा है।
    • पहली महिला अधिकारी की जनवरी 2023 में कुमार पोस्ट, सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल तैनाती की गई है।
  • महिला अधिकारियों के हाथों में कमान: इकाइयों की कमान महिला अधिकारियों के हाथ में देने की शुरुआत हो गई है। इसमें जबरदस्त क्षमता है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं कि पर्याप्त मार्गदर्शन और समर्थन से इस अवसर का लाभ उठाया जाए।
  • विदेशी पाठ्यक्रमों में जेसीओ/एनसीओ की भागीदारी: एक नई पहल के रूप में, विदेशी पाठ्यक्रमों में जेसीओ/एनसीओ की भागीदारी को पहले की 2-3 रिक्तियों से बढ़ाकर अब 13-14 रिक्तियों तक कर दिया गया है। इन पाठ्यक्रम रिक्तियों में से अधिकांश ब्रिटेन, मलयेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और फिलीपींस में हैं। सैन्य विशेष डोमेन (स्नाइपर, जंगल युद्ध, कमांडो और लड़ाकू प्रशिक्षण) में विशेषज्ञता और कौशल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • अग्निपथ योजनाः पहले दो बैचों (40,000) ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और आवंटित इकाइयों में तैनाती के अधीन हैं। अग्निवीरों (100 महिलाएं शामिल) ने दो समूहों में 40 रेजिमेंटल केंद्रों और प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण लिया। तीसरे बैच के 20,000 अग्निवीरों के लिए प्रशिक्षण 1 नवंबर 23 से शुरू हो गया है और चौथे बैच के लिए प्रशिक्षण जल्द ही शुरू होगा। पहले दो बैचों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक है और प्रशिक्षु वांछित मानकों पर खरे उतरे हैं। अग्निवीरों को देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए पर्सनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (पीडीपी) के अलावा बेसिक फाउंडेशन कोर्स और इन्फोटेक को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग (बीएमटी) के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है।
  • ईसीएचएस नेटवर्क विस्तार: ईसीएचएस ने समय के साथ विश्वसनीयता हासिल की है और पूरे भारत में 30 क्षेत्रीय केंद्रों और 433 पॉलीक्लिनिक्स और नेपाल के गोरखा डोमिसाइल सहित 58 लाख लाभार्थियों के साथ आकार और कद दोनों में वृद्धि हुई है। अधिक अस्पतालों को सूचीबद्ध करके इसकी प्रभावकारिता और पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • वीरांगना सेवा केंद्र: नवंबर 2022 में संचालित वीएसके को भारतीय सेना द्वारा विधवाओं और परिजनों के लिए सूचना-प्रसार, प्रश्न-प्रतिक्रिया और शिकायत-निवारण के लिए एक सक्रिय एकल खिड़की सुविधा के रूप में लॉन्च किया गया था। यह परियोजना विभिन्न हितधारकों को डिजिटल तकनीक की मदद से एक आम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ती है। यह प्रणाली सहायता प्राप्त करने के लिए टेली कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप, पोस्ट, ई-मेल और वॉक-इन के माध्यम से वीएसके से संपर्क करने के लिए विधवाओं/परिजनों को कई साधन प्रदान करती है। यह बहुत सफल रही है।
  • सैन्य कल्याण पुनर्वास संगठन द्वारा प्लेसमेंटः पिछले पांच वर्षों में, सैन्य कल्याण पुनर्वास संगठन (एडब्ल्यूपीओ) ने विभिन्न शिक्षा संस्थानों, स्वायत्त निकायों और सरकारी/अर्ध-सरकारी संगठनों में 1,439 अधिकारियों, 15,332 जेसीओ और 74,982 अन्य रैंकों पर सफलतापूर्वक नियुक्तियां कराई हैं।
  • संयुक्तता और एकीकरण: भारतीय सेना द्वारा भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के साथ घनिष्ठ समन्वय में संयुक्तता और एकीकरण का सही मायने में अनुसरण किया गया।
  • संचालन के साथ समन्वित योजना के लिए एक सामान्य परिचालन योजना प्रक्रिया शुरू की गई है। पारस्परिक आधार पर क्रॉस-पोस्टिंग शुरू हो गई है
  • ऑपरेशनल रिक्तियों में, 40 अधिकारियों को भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के प्रतिष्ठानों में तैनात किया गया है। 21 अधिकारियों को भारतीय वायु सेना में और 19 अधिकारियों को भारतीय नौसेना बिलेट्स में तैनात किया गया है।
  • स्टाफ रिक्तियों में, दो ब्रिगेडियर और आठ कर्नल को भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना बिलेट्स में तैनात किया गया है।
  • अनुदेशात्मक रिक्तियों में, नौ अधिकारियों को भारतीय वायु सेना (पांच) और भारतीय नौसेना (चार) में प्रशिक्षण संस्थान में तैनात किया जाना है।
  • सहयोगी सेवाओं के कामकाज के तौर-तरीकों को समझने के लिए अन्य सेवाओं के स्टेशन मुख्यालय और कमांड मुख्यालय के साथ सीमित अवधि के लिए अधिकारियों के क्रॉस-अटैचमेंट की योजना बनाई जा रही है।
  • मेजर जनरल और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए सामान्य वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट स्थापित की गई है।
  • तीन संयुक्त लॉजिस्टिक नोड्स स्थापित किए गए हैं और चार और नोड्स स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।
  • भारतीय सेना ने भारतीय सैन्य स्कूलों और कॉलेजों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के  संरक्षण में रहने वाले नाबालिगों के लिए सीटें साझा करने की पेशकश की है।
  • कॉमन डिजिटल मैप्स और जियो-रेफ सिस्टम के विकास की पहल चल रही है।
  • संयुक्त संचार संरचनाएं स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  • सामान्य स्टेशन सुविधाओं का क्रॉस-उपयोग प्रगति पर है। भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के परामर्श से सामान्य आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है।

रक्षा कूटनीति

  • सहयोग गतिविधियां: हाल के वर्षों में भारत के बढ़ते वैश्विक कद को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना द्वारा की जाने वाली रक्षा सहयोग गतिविधियों में काफी वृद्धि हुई है। मित्र देशों की बढ़ती संख्या ने भारतीय सेना के साथ जुड़ने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो व्यापक युद्ध अनुभव और अनुकरणीय प्रशिक्षण मानकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। आज की तारीख में, भारतीय सेना रक्षा सहयोग गतिविधियों के माध्यम से 110 देशों के साथ जुड़ रही है।
  • संयुक्त अभ्यास: भारतीय सेना 39 अभ्यासों में भाग ले रही है, जिनमें से 28 अभ्यासों में भारतीय सेना अग्रणी सेवा है। संयुक्त कौशल पर प्रोत्साहन और तैयार थियेटराजेशन को ध्यान में रखते हुए, आठ भारतीय सेना नेतृत्व अभ्यासों को दो सेनाओं और छह को तीनों सेनाओं के प्रारूप में परिवर्तित कर दिया गया है।
  • आईपीएसीसी, आईपीएएमएस और एसईएलएफ: भारतीय सेना ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में आम चुनौतियों की सामूहिक समझ बढ़ाने, विचारों का आदान-प्रदान करने और साझा लोकतांत्रिक सिद्धांतों और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बढ़ते कन्वर्जन्स पर आधारित मजबूत संबंध विकसित करने के प्रयास किए हैं। भारतीय और अमेरिकी सेना ने सितंबर में 13वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी), 47वें इंडो-पैसिफिक आर्मीज़ मैनेजमेंट सेमिनार (आईपीएएमएस) और 9वें सीनियर एनलिस्टेड लीडर्स फोरम (एसईएलएफ) की सह-मेजबानी की। इस आयोजन में तीस देशों ने भाग लिया और अभूतपूर्व संख्या में 18 देशों का प्रतिनिधित्व उनकी संबंधित सेनाओं के प्रमुखों द्वारा किया गया। इसके अलावा 12 देशों का प्रतिनिधित्व प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों द्वारा किया गया।

 

बहुपक्षीय मेलमिलाप/गतिविधियां: भारतीय सेना बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पिछले वर्ष किए गए कुछ प्रयासों में शामिल हैं:

  • ग्लोबल साउथ के लिए भारत के नेतृत्व और अफ्रीका के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देना।
  • मार्च 2023 में पुणे में उद्घाटन भारत-अफ्रीका सेना प्रमुख सम्मेलन (आईएसीसी) का आयोजन, 31 देशों की भागीदारी।
  • मार्च 2023 में पुणे में मानवीय खदान कार्रवाई और शांति स्थापना संचालन पर आधारित एएफआईएनडीईएक्स (2023) का आयोजन, 26 देशों के 124 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 

रणनीतिक माहौल को आकार देना: भारतीय सेना रणनीतिक माहौल को आकार देने के लिए रक्षा कूटनीति को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। पिछले एक वर्ष में ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, बांग्लादेश, ब्रिटेन, तंजानिया और कोरिया गणराज्य सहित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों की छह उच्च स्तरीय यात्राएं की गईं। इन यात्राओं के परिणामस्वरूप सार्थक चर्चा हुई और भारत की छवि को मजबूती मिली है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के वरिष्ठ नेतृत्व और सैन्य अधिकरियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों से रक्षा कूटनीति के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिली है।

 

अतिरिक्त रक्षा विंगों का पुनर्गठन और स्थापना: वर्तमान रणनीतिक माहौल के साथ तालमेल बिठाते हुए, रक्षा विंगों का पुनर्गठन भी किया गया है। रक्षा विंग के पुनर्गठन पर स्टडी पूरी होने के बाद, 2024 के अंत तक अल्जीरिया, इथियोपिया, मोजाम्बिक और पोलैंड में चार नए रक्षा विंग की स्थापना की जा रही है।

 

फ्रेंच बैस्टिल डे परेड: भारतीय सेना की टुकड़ी ने फ्रांस के पेरिस में बैस्टिल डे परेड 2023 में भाग लेने वाले तीनों सेनाओं के मार्चिंग दल का नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम में राजपूताना राइफल्स सेंटर के बैंड के साथ पंजाब रेजिमेंट की टुकड़ी ने भाग लिया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। 2009 के बाद बैस्टिल डे परेड में भारतीय सेना का यह दूसरा प्रतिनिधित्व था।

 

राष्ट्र निर्माण में योगदान

  • मिशन अमृत सरोवर: भारतीय सेना 450 तालाब बनाकर मिशन अमृत सरोवर की पहल में योगदान दे रही है। प्रत्येक क्षेत्रीय कमांड द्वारा 75 तालाबों का निर्माण किया जा रहा है या उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है।
  • राशन में बाजरा को अपनाना: 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित करने के अनुरूप, भारतीय सेना ने राशन में बाजरा को अपनाने के लिए उपाय किए हैं। राशन के मौजूदा पैमाने में अधिकृत गेहूं आटा साबुत भोजन/चावल के 25 प्रतिशत तक बाजरा आटा (क्रमशः बाजरा, ज्वार और रागी 10:10:05 पर) जारी करने की मंजूरी दी गई। खरीद शुरू हो गई है और बाजरे का आटा अब सभी रैंकों को जारी किया जा रहा है।
  • विद्यांजलि पहल: 134 आर्मी पब्लिक स्कूलों ने अपने आसपास के क्षेत्र में कम से कम एक सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल को अपनाया है जो मेंटर-मेंटी कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इस पहल के तहत कुल 160 स्कूलों को अपनाया गया है। जिन क्षेत्रों में सहायता प्रदान की जा रही है वे इस प्रकार हैं:
  • शिक्षकों और स्वयंसेवी अभिभावकों द्वारा क्रॉस विजिट सहित सॉफ्ट कौशल विकास।
  • विशेष रूप से बुनियादी साक्षरता विकसित करने और शिक्षण एवं सीखने की प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण।
  • समावेशी शिक्षा, प्रतिभाशाली बच्चे कार्यक्रम, वैज्ञानिक स्वभाव का निर्माण (अटल टिंकरिंग लैब्स, अंतरिक्ष और गणित प्रयोगशालाएं) और कला एकीकरण जैसी सेना कल्याण शिक्षा सोसायटी की विभिन्न पहलों के लिए गोद लिए गए स्कूलों के कर्मचारियों और बच्चों का एक्सपोजर।
  • खेल, वाद-विवाद और अन्य पाठ्येतर गतिविधियों में संयुक्त भागीदारी।
  • कौशल एकीकरण, परियोजना आधारित और प्रौद्योगिकी सहायता प्राप्त शिक्षण का एक्सपोजर।
  • डिजिटल संसाधनों के उपयोग के माध्यम से सर्वोत्तम प्रथाओं और सहयोग को साझा करना।

 

  • ऑपरेशन दोस्त: भारतीय सेना फील्ड अस्पताल ने फरवरी 2023 में इस्केंडरुन, हाटे प्रांत, तुर्की में एक आपदा राहत अस्पताल की स्थापना की। इसमें विभिन्न विशेषज्ञों और पैरामेडिक्स सहित 99 लोग शामिल थे। अस्पताल में एक ऑपरेशन थिएटर और ट्रॉमा केयर सेंटर शामिल था। विशेषज्ञों (मेडिकल, सर्जिकल, एनेस्थेटिस्ट, ऑर्थो, मैक्सिलोफेशियल और कम्युनिटी मेड) ने भूकंप पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान की। इसके अलावा, महिला रोगियों/हताहतों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एक महिला चिकित्सा अधिकारी को भी भेजा गया था। भारतीय सेना की इस एचएडीआर कार्रवाई ने हमारी राष्ट्रीय छवि को मजबूती देते हुए भारी सकारात्मक भावना अर्जित की।
  • एचएडीआर संचालन: नागरिक प्रशासन से प्राप्त मांग के आधार पर, भारतीय सेना ने 2023 में अब तक मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए देश के 13 राज्यों में 107 कॉलम (18 इंजीनियर टास्क फोर्स सहित) तैनात किए। ऐसे अभियानों में कुल 8,509 व्यक्तियों को बचाया गया था। ब्यौरा इस प्रकार हैं:

 

क्रम संख्या

मदद का प्रकार

राज्य

तैनात कॉलम

बचाए गए नागरिक

(ए)

बाढ़ राहत अभियान

असम

02

160

(बी)

 

उत्तराखंड

01

22

(सी)

 

पश्चिम बंगाल

01

69

(डी)

 

महाराष्ट्र

01

36

(ई)

 

हिमाचल प्रदेश

11

343

(एफ)

 

पंजाब

29

6989

(जी)

 

हरियाणा

05

324

(एच)

 

गुजरात

01

12

(आई)

 

जम्मू-कश्मीर

59 यात्रियों की निकासी

 

(जे)

 

दिल्ली

02

डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग और आईटीओ बैराज में मदद

(के)

लखनऊ में गिरी बहुमंजिला इमारतों के मलबे में फंसे नागरिकों का रेसक्यू

उत्तर प्रदेश

01

14

(एल)

एवलांच रेसक्यू ऑपरेशन

सिक्किम

01

20

(एम)

चुंगथांग में फंसे पर्यटकों को सहायता

सिक्किम

02

393

(एन)

चक्रवात बिपरजॉय

गुजरात

45

जरूरी सेवाओं की बहाली

(ओ)

चक्रवात मिचौंग

तमिलनाडू

02

232

 

प्रोजेक्ट उद्भव: प्राचीन भारतीय रणनीति विचार एवं संस्कृति पर अध्ययन के लिए भारतीय सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन (यूएसआई) की एक संयुक्त परियोजना चल रही है। कार्यक्रम का सार्वजनिक शुभारंभ 21 अक्टूबर 23 को किया गया था। परियोजना के हिस्से के रूप में कई सेमिनार, पैनल चर्चा और शोध प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं। यह परियोजना जनवरी 2024 में एक राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी जिसमें विषय से संबंधित कई प्रकाशनों का विमोचन भी शामिल होगा।

भारतीय नौसेना

  • भारतीय नौसेना (आईएन) ने 'स्वदेशीकरण के माध्यम से आत्मनिर्भरता' हासिल करने की दिशा में लगातार प्रयास किया है और 'राजस्व' मार्ग के तहत खरीद के अलावा सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे 'मेक', 'प्रौद्योगिकी विकास निधि' और 'रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार' के साथ मिलकर प्रयासों को समन्वित किया है। आईएन सरकारी योजनाओं के विशिष्ट लाभों का लाभ उठाने के लिए तीनों सेनाओं में अग्रणी रही है और हमारे स्वदेशीकरण कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित उद्योग भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है।
  • मेक स्कीम: आईएन डीएपी 2020 के अध्याय III के तहत कुल 38 मेक परियोजनाओं पर काम कर रही है। वर्तमान में मेक-II श्रेणी के तहत 26 परियोजनाएं, मेक I श्रेणी के तहत 10 परियोजनाएं और मेक III श्रेणी के तहत दो परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा, आठ मेक II संयुक्त परियोजनाओं को आईए और आईएएफ के साथ प्रमुख सेवाओं के रूप में संचालित किया जा रहा है। मेक II के तहत, 12 परियोजनाओं के लिए एओएन प्रदान किया गया है। नौ परियोजनाओं (400.84 करोड़ रुपये की लागत के लिए) के लिए प्रोटोटाइप विकास अनुबंध संपन्न हो चुके हैं और 03 परियोजना ईओआई चरण में हैं। शेष 14 परियोजनाएं व्यवहार्यता अध्ययन/एआईपी चरण के विभिन्न चरणों में हैं। मेक I के तहत, 02 परियोजनाओं के लिए एओएन प्रदान किया गया है, शेष 08 परियोजनाएं व्यवहार्यता अध्ययन/एआईपी चरण के विभिन्न चरणों में हैं। मेक III के तहत, दो परियोजनाएं हैं और वर्तमान में दोनों व्यवहार्यता अध्ययन चरण में हैं।
  • प्रौद्योगिकी विकास निधि: भारतीय नौसेना के ऑन बोर्ड प्लेटफार्मों पर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लाने के लिए, 'प्रौद्योगिकी विकास निधि' योजना के तहत 25 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। 34.92 करोड़ रुपये की लागत से 10 परियोजनाओं के लिए अनुबंध संपन्न हो चुका है। एक परियोजना सीएनसी चरण में है, आठ परियोजनाओं के लिए ईओआई मूल्यांकन प्रगति पर है और छह परियोजनाएं प्री-एओएन चरण में हैं।
  • संयुक्त आईडीईएक्स चुनौतियां: 'भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (आईएनडीयूएस-एक्स)' पहल के तहत भारत और अमेरिकी दोनों स्टार्टअप द्वारा विभिन्न आईडीईएक्स प्रस्तावों का आदान-प्रदान जुलाई 2023 में शुरू किया गया था। समुद्री क्षेत्र से संबंधित दो प्रस्ताव एनआईआईओ सेमिनार के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत श्री एरिक गार्सेटी और रक्षा मंत्री की उपस्थिति में लॉन्च किए गए थे।
  • आईडीईएक्स योजना: भारतीय नौसेना 59 स्टार्टअप के माध्यम से डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी) और ओपन चैलेंज (ओसी) श्रेणियों के तहत 41 समस्या विवरणों पर प्रगति कर रहा है।
  • विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करना: लंबी दूरी की सटीक हमले की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल किया जा रहा है। लक्ष्य भेदने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए जल और थल आधारित संस्करणों में लायटरिंग म्यूनिशन को शामिल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, ऑपरेशनल कैपेबिलिटी को बढ़ाने और संचालन में लचीलेपन को बढ़ाने के लिए कंटेनरीकृत मिसाइल प्रणालियों को शामिल किया जा रहा है।
  • 'स्वावलंबन 2023': स्वावलंबन 23 सेमिनार 04 से 05 अक्टूबर, 2023 तक भारत मंडप, प्रगति मैदान में निर्धारित किया गया था। सेमिनार का दूसरा दिन स्वदेशीकरण और आयुध पर इंटरैक्टिव सत्र पर केंद्रित था। सत्र II में 'स्वावलंबन 2.0 पर चर्चा के तहत भारतीय नौसेना का स्वदेशीकरण रोडमैप' विषय पर एक डेडीकेटेड बातचीत सत्र निर्धारित किया गया था। इसके लक्षित दर्शक मुख्य रूप से रक्षा क्षेत्र में निर्माता/आयात/निर्यात/सेवा उद्योग से थे। उपरोक्त सत्र में लगभग 300 उद्योग भागीदारों ने भाग लिया।
  • स्वदेशीकरण: नौसेना 'बायर्स नेवी' से 'बिल्डर्स नेवी' में बदल गई है, हमारे देश में विमान वाहक, विध्वंसक, स्टील्थ फ्रिगेट, कार्वेट, पनडुब्बियों और अन्य युद्ध पोतों का निर्माण किया जा रहा है। आज निर्माणाधीन 66 पोतों में से 64 का निर्माण भारत में हो रहा है। इसके अलावा, 24 पोतों और पनडुब्बियों के लिए एओएन प्रदान किया गया है, जिनका निर्माण भारतीय शिपयार्ड में करने की योजना है। वर्तमान में, भारतीय नौसेना ने फ्लोट सेगमेंट में लगभग 90%, मूव सेगमेंट में 60% और फाइट सेगमेंट में 50% स्वदेशीकरण हासिल किया है। भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर नौसेना बनने के लिए प्रतिबद्ध है। आज की तारीख में, हम इस लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं और सीएफवाई 2023-24 में भारतीय नौसेना के कैपिटल बजट का 80% भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के समर्थन में घरेलू खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।
  • 2023 में नए जहाज निर्माण अनुबंध: भारतीय शिपयार्डों के साथ कुल 41,742.37 करोड़ रुपये के पांच जहाज निर्माण अनुबंध संपन्न हुए हैं। छह महीने की अवधि के भीतर पांच जहाज निर्माण अनुबंधों का पूरा होना भारत सरकार द्वारा भारतीय नौसेना को दिए जा रहे महत्व का प्रमाण है। 25 जहाजों के निर्माण से अगले एक दशक में कुल 346.30 लाख मानव दिवस का रोजगार पैदा होगा और जहाज निर्माण गतिविधि में कई एमएसएमई शामिल होंगी।

 

इस वर्ष जहाजों/पनडुब्बियों को चालू करने के साथ-साथ चल रही पोत निर्माण परियोजनाओं की स्थिति नीचे दी गई है: -

 

कमीशन/डिलिवरी

ए. कलवरी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी 'आईएनएस वागीर' को नौसेना प्रमुख ने 23 जनवरी 2023 को एक कार्यक्रम में शामिल किया।

बी. मालदीव ने सीजी शिप हुरवे (ट्रिंकट श्रेणी) फास्ट अटैक क्राफ्ट को भारत को वापस कर दिया। भारत सरकार ने मालदीव को मई 2023 में नए हुरवे शिप के रूप में आईएनएस तारमुगली सौंपा है। उस जहाज को मरम्मत के बाद 14 दिसंबर 2023 को आईएनएस तारमुगली के रूप में भारतीय नौसेना में फिर से शामिल कर लिया गया।

सी. प्रोजेक्ट-15बी के तीसरे जहाज इम्फाल ने सफलतापूर्वक अपना समुद्री परीक्षण पूरा किया। आखिर में इसका 25 अगस्त 2023 को अंतिम मशीनरी परीक्षण किया गया। इस जहाज को 20 अक्टूबर 2023 को मेसर्स एमडीएल, मुंबई ने भारतीय नौसेना को सौंपा। इसे 26 दिसंबर 2023 को कमीशन किया जाना है।

डी. चार सर्वेक्षण पोत (बड़े) शिप में से पहला 'संधायक' (यार्ड 3025) 4 दिसंबर 2023 को मेसर्स जीआरएसई की ओर से भारतीय नौसेना को सौंपा गया। इस जहाज को जनवरी 2024 में शामिल किया जाएगा।

जहाजों का शुभारंभ

ए. प्रोजेक्ट पी17ए फ्रिगेट्स के तीसरे जीआरएसई जहाज विंध्यगिरी (यार्ड 3024) को 17 अगस्त 2023 को जीआरएसई, कोलकाता में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने लॉन्च किया।

बी. सर्वेक्षण पोत (बड़ा) का चौथा जहाज 'संशोधक' (यार्ड 3028) का शुभारंभ 13 जून 2023 को मेसर्स एल एंड टी कट्टुपल्ली में भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर ने किया।

सी. दो एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी)- एंड्रोथ (यार्ड 3035) और अंजदीप (यार्ड 3030) को जीआरएसई कोलकाता में क्रमशः 21 मार्च और 13 जून 2023 को लॉन्च किया गया। माहे (यार्ड 523), मालवन (यार्ड 524) और मैगरोल (यार्ड 525) नामक तीन और एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी का 30 नवंबर 2023 को सीएसएल, कोच्चि में एकसाथ शुभारंभ हुआ।

डी. 1 सितंबर 2023 को सात P17A जहाजों में से अंतिम यानी महेंद्रगिरी (यार्ड 12654) को मेसर्स एमडीएल, मुंबई में लॉन्च किया गया। भारत के उपराष्ट्रपति इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

ई. 31 अगस्त 2023 को पहला डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट ए-20 (यार्ड- 325) मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड कोलकाता में लॉन्च किया गया।

स्वदेशी कैरियर आईएनएस विक्रांत की प्रारंभिक परिचालन मंजूरी: 6 फरवरी 2023 को विमानन एकीकरण परीक्षण के तहत आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) और मिग-29के विमान की सफलतापूर्वक पहली लैंडिंग की गई। स्वदेशी एलसीए (नौसेना) की पहले दिन की लैंडिंग ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमान वाहक के डिजाइन, विकास, निर्माण और संचालन की भारत की क्षमता में 'आत्मनिर्भरता' का प्रदर्शन किया। आईएनएस विक्रांत ने 31 मई 2023 को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) पूरी की। इस आईओसी के साथ जहाज ने विमानन सुविधा परिसर को ठीक-ठीक साबित किया, मिग-29के की दिन और रात लैंडिंग हुई, नौसेना के सभी हेलीकॉप्टरों के लैंडिंग परीक्षण पूरे हुए।

लैंगिक तटस्थ बल

भारतीय नौसेना ने सच्चे अर्थों में लिंग-तटस्थ और समावेशी बल बनने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसने सभी शाखाओं में महिलाओं को शामिल करना शुरू कर दिया है। दिसंबर 2020 से युद्धपोतों पर महिलाओं को तैनात किया जा रहा है। पिछले दो दशकों में नौसेना में जितने भी नए जहाजों को शामिल किया गया है उसमें महिलाओं की विशिष्ट जरूरतों का ख्याल रखा गया है। इसके बाद लैंगिक रूप से तटस्थ और समावेशी बल बनने की दिशा में लिंग-विशिष्ट जरूरतों का सम्मान और सुविधा प्रदान कर नौसेना में महिलाओं के करियर की प्रगति के सभी रास्ते अब उपलब्ध हैं। इस संबंध में मुख्य बातें इस प्रकार से हैं:

(ए) महिलाओं को शामिल करना: भारतीय नौसेना ने जून 2023 से सभी शाखाओं में महिलाओं को शामिल करना शुरू कर दिया है। जहां तक एनडीए की बात है तो महिला कैडेटों का प्रवेश जून 2022 से शुरू है और भारतीय नौसेना को तीन रिक्तियां आवंटित की गई थीं। 24 जनवरी के बैच से एनडीए में महिला कैडेटों के लिए सीटों की संख्या तीन से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में महिला कैडेट अब '10+2 बीटेक' प्रवेश योजना के माध्यम से शामिल होने के लिए पात्र हैं। इसके लिए आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और उनका प्रशिक्षण जनवरी 2024 से शुरू होगा। इसके अलावा आईएनए में 'यूपीएससी/एनडीए प्रवेश' के माध्यम से महिलाओं को शामिल किया जाना जून 2024 से शुरू होगा।

(बी) महिला अधिकारियों का स्थायी कमीशन: भारतीय नौसेना में एसएससी महिला अधिकारी स्थायी कमीशन दिए जाने के विचार करने के लिए पात्र हैं। अब तक 63 महिला अधिकारियों (चिकित्सा और दंत चिकित्सा अधिकारियों को छोड़कर) को स्थायी कमीशन दिया गया है।

(सी) महिला अग्निवीर: अग्निवीरों के पहले बैच में 272 महिला उम्मीदवारों ने आईएनएस चिल्का में अपना सामान्य प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। अग्निवीर के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए महिला उम्मीदवारों की रुचि बढ़ रही है और दूसरे बैच में कुल 454 महिलाओं की भर्ती की गई है, जो इस समय आईएनएस चिल्का में प्रशिक्षण ले रही हैं। तीसरे अग्निवीर बैच का प्रशिक्षण शुरू होने के बाद 1000 से ज्यादा महिला अग्निवीर नौसेना में शामिल हो जाएंगी।

(डी) अग्रिम पंक्ति की युद्धक भूमिका में नियुक्ति: सभी समुद्री विशेषज्ञताओं के साथ महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के समान ही युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है। आगे ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय नौसेना ने महिलाओं को 'मार्कोस' का विकल्प चुनने की अनुमति दे दी है। यह भारतीय नौसेना में महिलाओं के लिए सभी कैडर खोलने की दिशा में बड़ा कदम है। एक महिला अधिकारी को पहली बार युद्धपोत आईएनएस ट्रिंकट का कमांडिंग ऑफिसर भी नियुक्त किया गया।

(ई) हेलिकॉप्टरों पर नौसेना वायु संचालन (एनएओ) अधिकारी: 2019 तक महिला अधिकारियों को केवल तटीय विमानों के लिए पायलट और एनएओओ के रूप में नियुक्त किया जा रहा था। हालांकि पुरुष अधिकारियों के समान महिलाओं को नियुक्त करने के लिए 2020 से महिला अधिकारियों को हेलिकॉप्टरों में विशेषज्ञ एनएओओ के रूप में भी शामिल किया गया है, इसमें जहाज आधारित उड़ानें संचालित होंगी।

(एफ) प्रोवोस्ट विशेषज्ञता: 2020 से महिला अधिकारियों के लिए प्रोवोस्ट विशेषज्ञता खोल दी गई है और पहली महिला प्रोवोस्ट अधिकारी एट-आर्म्स पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद मार्च 2021 में शामिल हुई।

(जी) आरपीए स्ट्रीम: महिला अधिकारी अब दूर से संचालित एयरक्राफ्ट (आरपीए) स्ट्रीम में शामिल हो सकती हैं और मार्च 2021 में पहली महिला अधिकारी आरपीए स्क्वॉड्रन में शामिल हुई।

(एच) विदेश तैनाती: महिला एनएओ अधिकारी को डॉर्नियर एयर-क्रू के तौर पर दूर समुद्र में भेजा जा रहा है। वैसे, एक साल के बाद विमान चालक दल (एयर क्रू) को बदला जाता है लेकिन चयन योग्यता में कम से कम एक महिला अधिकारी को शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा, महिला अधिकारियों को मोबाइल प्रशिक्षण दलों और अन्य विदेशी सहयोग अभियानों के तहत कम अवधि के लिए विदेश में भी तैनात किया जाता है।

ए. नौसेना से बाहर भागीदारी: भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों ने निम्नलिखित गतिविधियों/ मंचों/ चर्चा पैनलों में हिस्सा लिया:

  • न्यूज एक्स पैनल चर्चा में पांच अधिकारियों ने प्रतिनिधित्व किया।
  • यूएसआई, नई दिल्ली में शांति अभियानों में महिलाएं, शांति और सुरक्षा पर चर्चा में एक अधिकारी ने भागीदारी की।
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीएनबीसी टीवी 18 द्वारा एक अधिकारी और इंडिया टीवी द्वारा दो अधिकारियों का अभिनंदन।
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कारों के दौरान दो अधिकारियों का सम्मान।
  • जी20 चर्चाओं में 10 महिला अधिकारियों की भागीदारी।

 

लिंग-तटस्थ भाषा अपनाना:

सेवा में सभी मौखिक एवं गैर-मौखिक पत्राचार में लिंग-तटस्थ भाषा अपनाने के लिए एक संस्थागत नीति जारी की गई है जिससे लैंगिक रूढ़िवादी विचारों से बचा जा सके। लैंगिक समानता और समावेशिता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सभी प्रकार के पत्राचार में लिंग-तटस्थ भाषा को अपनाना भारतीय नौसेना की विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परिचालन तैनाती

  • देश के समुद्री हितों की रक्षा करने और हिंद महासागर में महत्वपूर्ण समुद्री महत्व के क्षेत्रों में लगातार उपस्थिति बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मिशन आधारित तैनाती की है। ये तैनातियां प्रधानमंत्री के 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)' दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। भारतीय नौसेना के जहाजों और विमानों को नियमित रूप से ओमान की खाड़ी/फारस की खाड़ी, अदन की खाड़ी/लाल सागर, दक्षिण और मध्य हिंद महासागर क्षेत्र, सुंडा जलडमरूमध्य, अंडमान सागर/मलक्का जलडमरूमध्य और बंगाल की खाड़ी के उत्तरी क्षेत्र में तैनात किया जाता है। क्षमता विकास और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिए इन तैनातियों ने समुद्री जागरूकता, हिंद महासागर क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में त्वरित मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर), भारतीय और अंतरराष्ट्रीय समुद्री समुदाय की सुरक्षा और मित्र देश की नौसेनाओं के साथ परिचालन संबंधों को बढ़ावा दिया।

 

  • आईएफएमवी के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए 2008 में अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ गश्त लगाना शुरू किया गया था। 2008 के बाद से अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना के 107 जहाजों को तैनात किया जा चुका है।

 

  • होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते गुजरने वाले आईएफएमवी (भारतीय जहाज) के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा संचालन कोड (ऑपरेशन संकल्प) 2019 में शुरू किया गया था। जून 2019 से भारतीय नौसेना ने 41 युद्धपोतों को तैनात किया है और 503 आईएफएमवी पर करीब 624 लाख टन माल की सुरक्षा की।

 

  • साल 2023 में भारतीय नौसेना ने अरब सागर में हेरोइन की बड़ी खेप को रोका। 10 मई 2023 को एक नार्कोटिक्स विरोधी ऑपरेशन (एएनओ) के तहत 12,000 करोड़ रुपये मूल्य का 2500 किग्रा प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया। अप्रैल 2021 से भारतीय नौसेना ने ऐसे 12 अभियान चलाए। पिछले तीन साल में छह अभियानों में 29000 करोड़ (करीब 3.5 अरब डॉलर) मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं।

 

  • आईएनएस हंस, गोवा के पी8आई विमान को सेना/वायुसेना के सहयोग में कई बार निगरानी के लिए उत्तरी क्षेत्र में तैनात किया गया। इस तरह की तैनाती तीनों बलों के बीच बिना किसी बाधा के संचालन को सुनिश्चित करती है और संयुक्त कौशल को प्रोत्साहित करती है।

 

  • 21 सितंबर 2023 को नौसेना का विशेष युद्धाभ्यास हुआ, जिसमें कॉम्बैट फ्री फॉल (सीएफएफ) के साथ आसमान से गिराई जा सकने वाली नौका (रिजिड हल इन्फ्लेटेबल बोट्स ड्रॉप, एडीआर) अभियान शामिल था।

 

  • जून 2023 की शुरुआत में भारतीय नौसेना ने गोवा तट से अपने दोनों विमान वाहक पोतों के साथ पहला परिचालन किया। पश्चिमी नौसेना कमान ने बड़ी संख्या में पोत से उड़ान भरने वाले विमानों को उतारा, जिसमें कई प्रकार के 20 हेलिकॉप्टर शामिल थे। इनमें स्वदेश में निर्मित एएलएच एमके-तीन हेलिकॉप्टर और हाल में शामिल एमएच 60आर शामिल थे। यह आयोजन भारतीय नौसेना की तेजी से बढ़ती समुद्री क्षमता का एक जबर्दस्त प्रदर्शन था और इसने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा।

 

  • 24 जुलाई 2023 से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी वागीर को ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल में लंबी दूरी की तैनाती में तैनात किया गया था। पनडुब्बी चालक दल ने ओटीआर के दौरान फ्रेमेंटल में (20-23 अगस्त 2023 और 25-28 अगस्त 2023) ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। अक्टूबर 2023 की शुरुआत में पनडुब्बी विशाखापत्तनम लौट आई।

 

  • 21 अक्टूबर 2023 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) श्रीहरिकोटा से टेस्ट वीकल एबॉर्ट मिशन (टीवी-डी1) लॉन्च किया गया। टीवी-डी1 प्रक्षेपण का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मिशन रद्द होने पर (जब क्रू मॉड्यूल वायुमंडलीय सीमा में हो) क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) की दक्षता को सुनिश्चित करना था। प्रक्षेपण और सफलतापूर्वक अलग होने के बाद, क्रू मॉड्यूल की रिकवरी और प्रक्षेपण की रिकॉर्डिंग (इसरो के लिए आवश्यक) भारतीय नौसेना ने सफलतापूर्वक की। आईएनएस शक्ति ने चालक दल के मॉड्यूल को बरामद किया, जिसे बाद में चेन्नई में उतारा गया। चालक दल मॉड्यूल के नीचे आने वाले चरण का वीडियो भी एसडीएससी पर लाइव स्ट्रीम किया गया। मिशन के लिए नौसेना के तीन जहाज (शक्ति, घड़ियाल और बत्तीमाल्व), एससीआई सरस्वती, एक एचएएलई यूएवी और एक चेतक हेलिकॉप्टर तैनात किए गए थे।

 

  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 के लिए आयुष मंत्रालय के साथ भागीदारी में भारत सरकार की पहल 'ओशन रिंग ऑफ योग' (एकता और एकजुटता का प्रतीक) और विदेश मंत्रालय के तहत, भारतीय नौसेना ने 19 जहाजों पर करीब 3,500 नौसेना कर्मियों को तैनात किया। इन जहाजों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों जलक्षेत्रों में ‘योग दूत’ के रूप में 35,000 किमी से अधिक की यात्रा की। इसमें विदेशी बंदरगाहों/अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में भारतीय नौसेना के 11 जहाजों पर 2400 से अधिक कर्मी शामिल हैं।

क्रमांक

दिनांक

जहाज

देश

क.

जून 16–19, 2023

शिवालिक

जकार्ता, इंडोनेशिया

ख.

जून 19– 22, 2023

त्रिशूल

टोमासीना, मेडागास्कर

   ग.

जून 19–22, 2023

वागीर

कोलंबो, श्रीलंका

  घ.

जून 19–22, 2023

तरकश

मस्कट, ओमान

ड़

जून 19–22, 2023

किलटन

चट्टोग्राम, बांग्लादेश

   च

जून 21–24, 2023

दीपक

सफागा, मिस्र

   छ.

जून 20–22, 2023

चेन्नई

सफागा, मिस्र

   ज.

जून 20–22, 2023

ब्रह्मपुत्र

दुबई, यूएई

   क.

जून 20–22, 2023

सुमित्रा

फुकेट, थाईलैंड

   ख.

जून 20–23, 2023

सुनयना

मोम्बासा, केन्या

   ग.

जून 20, 2023

सरयू

मालडेप

 

  • भारतीय नौसेना का थिएटर रेडिनेस ऑपरेशनल लेवल एक्सरसाइज (ट्रोपेक्स) प्रमुख द्विवार्षिक अभ्यास है, जो जनवरी से फरवरी, 2023 तक हिंद महासागर क्षेत्र में हुआ। दूसरी सेवाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी के साथ 150 से अधिक युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों ने व्यापक ऑपरेशन में हिस्सा लिया। कोच्चि में अभ्यास का समापन हुआ।
  • नेवल एन्क्लेव काकीनाडा में तीनों सेनाओं का अभ्यास (एएमपीएचईएक्स 23) आयोजित किया गया। इसका माउंटिंग बेस विशाखापत्तनम था। 800 से अधिक सैनिकों के साथ भारतीय सेना के फोर्स स्तर पर यह सबसे बड़ा अभ्यास था (अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी)। इसके अलावा बड़ी संख्या में ए और बी प्रकार के वाहनों की लोडिंग भी की गई, जो अब तक के किसी भी एम्फेक्स में सबसे अधिक थी।
  • भारतीय नौसेना के जलयात्रा पोत तारिणी को 22 नवंबर 2022 से पांच चालक दल के साथ (दो महिला अधिकारियों समेत) समुद्री अभियान के लिए रवाना किया गया। तारिणी ने दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका तक (केप से रियो रेस) 17,000 समुद्री मील की अंतर-महाद्वीपीय यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की। 23 मई 2023 को आईएनएस मंडोवी में आईएनएसवी तारिणी के चालक दल के लिए भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी भी उपस्थित थीं।

मित्र देशों के साथ अभ्यास

  • भारतीय नौसेना के जहाजों कोलकाता, सह्याद्री और पी8आई ने अमेरिकी नौसेना, जेएमएसडीएफ और आरएएन के जहाजों और विमानों के साथ मालाबार-23 अभ्यास के 31वें संस्करण में हिस्सा लिया। 11 से 23 अगस्त 2023 तक सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में यह अभ्यास आयोजित हुआ। मालाबार-23 दो चरणों में आयोजित हुआ। हार्बर चरण 11-15 अगस्त 2023 में हुआ जिसमें क्रॉस डेक यात्रा, प्री-सेल सम्मेलन और प्रतिनिधिमंडल दौरा शामिल था। इसके बाद समुद्री चरण 16 से 21 अगस्त 2023 तक हुआ जिसमें विभिन्न सतह, उप-सतह और हवाई अभ्यास शामिल थे, जिसमें भाग लेने वाले सभी देशों की यूनिटें शामिल हुईं। जहाजों ने सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी हिस्सा लिया।
  • मिग 29के, पी8आई, डॉर्नियर, एएलएच और सी किंग विमानों के साथ भारतीय नौसेना के जहाजों (चेन्नई और तेग) ने फ्रांसीसी नौसेना कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (चार्ल्स डी गॉल, फोरबिन, प्रोवेंस और मार्नी) के साथ वरुण-23 युद्धाभ्यास के 21वें संस्करण में हिस्सा लिया। गोवा तट के पास 15 से 20 जनवरी 2023 तक अभ्यास में समुद्री गश्ती विमान अटलांटिक 2 भी शामिल था। इसमें फ्रांस नौसेना के जहाजों चार्ल्स डी गॉल, फोरबिन और प्रोवेंस ने गोवा में प्रवेश किया जबकि मार्नी ने हार्बर फेज के लिए मुंबई में प्रवेश किया। आईएनएस हंस, गोवा से फ्रांसीसी विमान अटलांटिक, ए330 एमआरटीटी और ए400एम संचालित किए गए।
  • भारतीय नौसेना के जहाजों- सह्याद्री और ज्योति ने 13 से 14 मार्च 2023 तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में आयोजित बहुपक्षीय अभ्यास ला पेरोज के तीसरे संस्करण में हिस्सा लिया। छह देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, जापान, यूके और यूएसए) के आठ युद्धपोतों ने अभ्यास में हिस्सा लिया।
  • सी ड्रैगन अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक बहुपक्षीय एयर एएसडब्ल्यू अभ्यास है। भारतीय नौसेना के पी8आई विमान ने 15 से 29 मार्च 2023 तक गुआम, यूएसए में एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) थिएटर एक्सरसाइज सी ड्रैगन 23 के पांचवें संस्करण में हिस्सा लिया। चार देशों (यूएसए, जापान, कनाडा और दक्षिण कोरिया) के समुद्री गश्ती विमान (एमपीए) और यूएसएस हैंपटन (लॉस एंजिलिस क्लास एसएसएन) ने अभ्यास में हिस्सा लिया।
  • भारतीय नौसेना के जहाज त्रिशूल और डॉर्नियर विमान ने 20 से 22 मार्च 2023 तक मुंबई तट के पास रॉयल नेवी के जहाज एचएमएस लैंकेस्टर के साथ वार्षिक द्विपक्षीय समुद्रीय अभ्यास कोंकण 23 में भाग लिया। दोनों जहाजों ने मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाने और सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने के लिए समुद्री अभ्यास किया। अभ्यास में हवाई, सतह और उप-सतह समुद्री संचालन के सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया।
  • भारतीय नौसेना के जहाज दिल्ली और सतपुड़ा ने पी8आई विमान के साथ 2 मई से 8 मई 2023 तक सिंगापुर में आयोजित पहले आसियान भारत समुद्री अभ्यास (एआईएमई) और अंतरराष्ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी (आईएमडीईएक्स) में हिस्सा लिया।
  • आईएनएस सुमेधा ने 6 से 13 सितंबर 2023 तक भूमध्य सागर में बहुपक्षीय तीनों सेवाओं के अभ्यास ब्राइट स्टार 23 में हिस्सा लिया। यह अभ्यास बंदरगाह और समुद्री, दो चरणों में आयोजित किया गया।
  • भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना 2005 से संयुक्त बचाव अभ्यास में हिस्सा ले रही है। सालवेक्स अभ्यास का सातवां संस्करण 26 जून से 6 जुलाई 2023 तक कोच्चि में आयोजित हुआ। अभ्यास पूरा होने तक यूएसएनएस साल्वर (टी-एआरए 52) कोच्चि के बंदरगाह पर ही रुका।
  • भारतीय नौसेना के जहाज सावित्री और किलटन ने श्रीलंका की नौसेना के जहाज विजयबाहु और समुद्र के साथ द्विपक्षीय अभ्यास स्लाईनेक्स 23 में हिस्सा लिया। यह अभ्यास कोलंबो में 3 से 8 अप्रैल 2023 तक हुआ। स्लाईनेक्स 23 के हिस्से के रूप में दोनों देशों के बीच 3 अप्रैल से 6 अप्रैल 2023 के बीच आईएन एसएलएन एसएफ अभ्यास भी हुआ।
  • 15 से 19 मई 2023 तक एक डॉर्नियर विमान के साथ आईएनएस कवारत्ती ने इंडोनेशिया के बाटम में समुद्र शक्ति 23 अभ्यास के चौथे संस्करण में हिस्सा लिया।
  • एक डॉर्नियर विमान के साथ भारतीय नौसेना के जहाज तरकश और सुभद्रा ने 21 से 25 मई 2023 तक सऊदी अरब के अल जुबैल में आयोजित अल-मोहद अल-हिंदी द्विपक्षीय युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। इसमें रॉयल सऊदी नौसेना के जहाज बद्र, अब्दुल अजीज और दो एचआईएस-32 एफएसी, एक समुद्री गश्ती विमान, एमएच60आर हेलिकॉप्टर और करायल यूएवी ने हिस्सा लिया।
  • आईएनएस तरकश ने 6 से 8 जून 2023 तक ओमान की खाड़ी में एफएस सरकॉफ और समुद्री गश्ती विमान एक्स-यूएई के साथ भारत-फ्रांस-यूएई त्रिपक्षीय अभ्यास में हिस्सा लिया।
  • ओमान की खाड़ी में पहला भारत-फ्रांस-यूएई त्रिपक्षीय पासेक्स 7 से 8 जून 2023 तक आयोजित किया गया। आईएनएस तरकश, एफएस सरकॉफ और यूएई नेवी हेलिकॉप्टर (पैंथर) ने हिस्सा लिया। आईएनएस सतपुड़ा ने 4 से 8 जून 2023 तक इंडोनेशिया के मकासर में बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास कोमोडो-23 के चौथे संस्करण में हिस्सा लिया। इस अभ्यास में 36 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया। इसे बोर्नियो व सुलावेसी के बीच आयोजित किया गया।
  • ऑसइंडेक्स का पांचवां संस्करण 22 से 25 अगस्त 2023 तक सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। भारतीय नौसेना के जहाज सह्याद्रि और कोलकाता ने रॉयल ऑस्ट्रेलिया नेवी के एचएमएएस चौल्स और एचएमएएस ब्रिस्बेन के साथ अभ्यास में हिस्सा लिया। जहाजों और उनके हेलिकॉप्टरों के अलावा अभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना के लड़ाकू विमानों और समुद्री गश्ती विमानों ने भी भागीदारी की।
  • पनडुब्बी सिंधुकेसरी और पी8आई विमान के साथ भारतीय नौसेना के जहाज रणविजय और कवारत्ती ने सिंबेक्स-23 के 30वें संस्करण में हिस्सा लिया। 20 से 27 सितंबर 2023 तक सिंगापुर के तट पर इस अभ्यास में सिंगापुर नौसेना के जहाज स्टालवार्ट, वेलोर, पनडुब्बी इनविंसिबल और फोक्कर विमान ने हिस्सा लिया।

विदेशी सरकारों को सहायता

• क्षमता निर्माण के लिए आईएनएस तारमुगली को 02 मई, 2023 को मालदीव को सौंप दिया गया। जहाज को एमसीजीएस हुरावी के रूप में मालदीव की नौसेना में फिर से शामिल किया गया। इस समारोह में रक्षा मंत्री ने भाग लिया। इसके अलावा एक लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए) भी मालदीव को सौंपा गया।

• आईएनएस कृपाण को सेवामुक्त कर 22 जुलाई, 2023 को वियतनाम के कैम रान में वियतनाम पीपुल्स नेवी (वीपीएन) को सौंपा गया। इस अवसर पर चीफ ऑफ नेवल स्टॉफ और वियतनाम पीपुल्स नेवी के डिप्टी सी-इन-सी और चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल फाम मान्ह हंग उपस्थित थे। चीफ ऑफ नेवल स्टॉफ ने वीपीएन के सी-इन-सी वाइस एडमिरल ट्रान थान नघिएम के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए हाई फोंग में वीपीएन मुख्यालय का भी दौरा किया। कृपाण का स्थानांतरण हिंद महासागर यानी आईओआर में 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' के रूप में भारतीय नौसेना के रुतबे का प्रतीक है और यह दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक साबित होगा।

• मित्रवत विदेशी राष्ट्रों को सहायता प्रदान करने की दिशा में, भारतीय नौसेना मॉरीशस से एमसीजीएस विक्ट्री की मरम्मत का कार्य कर रही है। इसके अलावा, आईएनएस शारदा ने पोर्ट लुइस, मॉरीशस से विशाखापत्तनम तक एमसीजीएस विक्ट्री को खींचने के लिए टोइंग ऑपरेशन चलाया।

• सूरीनाम के सशस्त्र बलों की जरूरतों की पहचान और मूल्यांकन करने के लिए 23 जुलाई को सूरीनाम में तीनों सेनाओं के एक स्कोपिंग प्रतिनिधिमंडल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। नौसेना के मोर्चे पर, सूरीनाम की ओर से 06एक्स पेट्रोल क्राफ्ट की मरम्मत के लिए तकनीकी सहायता पर ध्यान दिया गया और उसके अनुसार उपयुक्त तकनीकी टीम को तैनात करने की योजना बनाई गई है।

• श्रीलंकाई नौसेना (एसएलएन) की मौजूदा परीक्षण टीम के बुनियादी ढांचे का आकलन करने और भारतीय नौसेना की इकाइयों के समान श्रीलंकाई नौसेना की परीक्षण इकाई की स्थापना के सांकेतिक उपायों के लिए फरवरी 2023 में भारतीय नौसेना की एक पांच सदस्यीय तकनीकी टीम को श्रीलंका में प्रतिनियुक्त किया गया। इसके फॉलोअप में श्रीलंका की नौसेना के अनुरोध पर भारतीय नौसेना भारत में एसएलएन के लिए अनुकूलित पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा उपहार में दिए गए जहाजों की अधिकतम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एसएलएन को 1.7 करोड़ रुपये बतौर गिफ्ट दिए गए हैं।

• भारतीय नौसेना ने अब तक 25 देशों और एक बहुराष्ट्रीय निर्माता के साथ डब्ल्यूएसआईई समझौतों को आगे बढ़ाया है। जबकि कई अन्य मित्रवत राष्ट्रों के साथ ऐसे समझौतों पर प्रगति हो रही है। 9 अक्टूबर, 2023 को तंजानिया के साथ एक डब्ल्यूएसआईई समझौता हुआ है।

• प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना के पोत तिर, सुजाता और सीजीएस सारथी का उपयोग विदेशी तैनाती के दौरान विदेशी सहयोग बढ़ाने के अलावा राष्ट्रों को सहायता प्रदान करने के लिए इस प्रकार किया गया था: -

ए) 9/10 मार्च, 2023 को एक ग्राउंडेड मछली पकड़ने वाली नौका से प्रदूषकों को हटाने के लिए मॉरीशस तटरक्षक को सहायता।

बी) मॉरीशस (मार्च 08 - 10 और मार्च 14 - 16, 2023) और मोजाम्बिक (21-23 मार्च, 2023) से संयुक्त ईईजेड निगरानी।

सी) एचएएल, बेंगलुरु में रखरखाव/मरम्मत के लिए सेशेल्स (पोर्ट विक्टोरिया) से दो डोर्नियर इंजनों का भारत में ट्रांस-शिपमेंट। मेडागास्कर में विदेशी सहयोग गतिविधियों के अलावा महत्वपूर्ण पुर्जे सेशेल्स तटरक्षक को सौंपे गए।

एचएडीआर और एसएआर संचालन

• सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच सैन्य संघर्ष के कारण सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' चलाया गया। सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के राष्ट्रीय प्रयास में योगदान देने के लिए, एचएडीआर वस्तुओं एवं चिकित्सा टीमों के साथ तीन मिशन जहाजों अर्थात तेग, तरकश और सुमेधा को लाल सागर की ओर मोड़ दिया गया। एक चुनौतीपूर्ण मिशन में, तट पर किसी भी सहायक बुनियादी ढांचे के अभाव में, आने वाले पहले जहाज सुमेधा ने बहादुरी से युद्धक्षेत्र में प्रवेश किया और गैर-युद्धक निकासी अभियान चलाया। इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय परिवेश में भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को प्रदर्शित किया और एक मिसाल कायम करते हुए नागरिकों को अपने साथ ले जाने वाली पहली नौसेना बन गई। इसके बाद, चीन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित विभिन्न बहुराष्ट्रीय बलों ने भी निकासी का काम किया। 25 अप्रैल, 2023 को पोर्ट सूडान हवाई क्षेत्र में सी-130 विमान की पहली लैंडिंग के दौरान भारतीय नौसेना ने मार्कोस द्वारा सुरक्षा कवर भी प्रदान किया। नौसेना के तीन जहाजों द्वारा कुल 1490 भारतीय नागरिकों को निकाला गया।

14 मई, 2023 को म्यांमार के सितवे में भीषण चक्रवाती तूफान मोचा से हुई तबाही के बाद भारत ने म्यांमार को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री प्रदान करने के लिए मिशन सागर के हिस्से के रूप में 'ऑपरेशन करुणा' शुरू किया। 18 से 20 मई, 2023 तक एचएडीआर वस्तुओं के परिवहन के लिए भारतीय नौसेना के चार पोतों अर्थात् शिवालिक, कामोर्टा, सावित्री और घड़ियाल को म्यांमार के यंगून में तैनात किया गया था। इस ऑपरेशन में पोर्टेबल कंटेनरीकृत मेडिकल सुविधा (पीसीएमएफ), 10 एचएडीआर ब्रिक्स, दवाएं एवं सामान की लोडिंग और एक अति विशिष्ट टीम शामिल थी। इसमें चिकित्सा अधिकारी, विशेषज्ञ अधिकारी और नर्सिंग स्टाफ थे। तत्काल स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान के अलावा, भारतीय नौसेना की टीमों ने ट्रॉमा केयर, बुनियादी जीवन रक्षण, प्राथमिक चिकित्सा और रोगियों के परिवहन के लिए कार्रवाई की। इसके साथ ही लेक्चर भी आयोजित एवं संचालित किए। 

• पी8आई विमान को चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज लू पेंग युआन यू 028 की खोज के लिए 17 और 18 मई, 2023 को एक कम खतरे वाले मिशन पर भेजा गया था। पी8आई ने पलटे हुए चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज लू पेंग युआन यू 028 और एक लाइफ रॉफ्ट को देखा। इसके बाद क्षेत्र में सक्रिय पीएलए (एन) के 44वें एपीईएफ को हालात की जानकारी दी गई। यह पहला अवसर था जब भारतीय नौसेना के किसी विमान ने किसी चीनी जहाज को एसएआर सहायता प्रदान की। इसने संकट के समय सबसे पहले रिस्पांस करने और हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में भारतीय नौसेना की भूमिका की पुष्टि की।

• 02 मार्च, 2023 को ब्रह्मपुरम, कोच्चि (नौसेना बेस, आईएनएस वेंडुरुथी से 21 किलोमीटर) में ठोस अपशिष्ट डंपिंग यार्ड में भीषण आग लग गई, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों का जहरीले धुएं के कारण दम घुटने लगा। नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर भारतीय नौसेना ने 2 से 14 मार्च, 2023 तक अग्निशमन टीमों की सहायता की। बड़े क्षेत्र में हवाई तरल को फैलाने (एलएएएलडीई) के लिए हेलीकॉप्टरों के उपयोग और हवाई निगरानी के जरिये अग्निशमन प्रयासों में स्थानीय अधिकारियों को मदद मुहैया कराई गई।

• सिविल अथॉरिटी के अनुरोध पर 5 से 7 अक्टूबर, 2023 तक कन्याकुमारी के पास एक डूबी हुई नाव में मछुआरों की खोज और उनकी बरामदगी के लिए गोताखोरों द्वारा सहायता प्रदान की गई। आईएनएस जमुना को उसके अभिन्न उपकरणों के साथ खोज के काम में लगाया गया और व्यापक खोज के बाद मछली पकड़ने वाली नौका का पता लगा। एक समन्वित अभियान में आईएनएस निरीक्षक ने 60 मीटर की गहराई पर गोताखोरी अभियान चलाया और डूबी हुई नाव से एक मछुआरे के शव को बरामद किया, जिसे स्थानीय लोगों को सौंप दिया गया।

• 10 जुलाई, 2023 को जिला प्रशासन के अनुरोध पर, पांच गोताखोरों की टीम को मुथला पोझी ब्रिज, त्रिवेंद्रम (कोच्चि से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण) में एसएआर सहायता देने के लिए तैनात किया गया था, जहां एक मछली पकड़ने वाली नाव  के डूबने की सूचना मिली थी। इसमें चार लोग सवार थे। 11 जुलाई, 2023 को  आईएन डोर्नियर पूर्व नाम गरुड़ द्वारा हवाई खोज भी की गई। नौसेना के गोताखोरों ने नदी से दो लोगों के शव बरामद किए। इसके अलावा, 17 जुलाई, 2023 को, बंगाल की खाड़ी में तैनात एक भारतीय नौसेना के यूनिट मिशन ने चेन्नई के लगभग 100 नॉटिकल मील पूर्व से 3 मछली पकड़ने वाले जहाजों (36 मछुआरों) को बचाया। मछली पकड़ने वाली नौका को भी नौसेना की इकाई ने अपने कब्जे में ले लिया। नौसेना का पोत तीनों मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ 28 जुलाई, 2023 को चेन्नई पहुंचा।

• 21 मार्च, 2023 को, नौसेना के पोत करुवा को भारत-पाक आईएमबीएल के पास तैनाती के दौरान भारतीय मत्स्य नौका (आईएफवी) नीलकंठ के इंजन कक्ष में व्यापक क्षति और पानी भरने के खतरे का संदेश मिला। जहाज ने संकट कॉल का तुरंत जवाब दिया और घटनास्थल पर पहुंचा। पानी के भराव को रोकने और नौका को समुद्र में चलने योग्य बनाने के लिए जहाज द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की गई और बाद में संकटग्रस्त नौका को एक अन्य मछली पकड़ने वाली नौका द्वारा सुरक्षित बंदरगाह तक खींच लिया गया।

अन्य प्रमुख घटनाएं

 

• आईएनएस द्रोणाचार्य को नौसेना और राष्ट्र के प्रति इसकी उत्कृष्ट सेवा के सम्मान में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा 16 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया।

• राष्ट्रपति ने 16 मार्च, 2023 को आईएनएस विक्रांत का दौरा किया।

• उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने 28 अक्टूबर, 2023 को पूर्वी नौसेना कमान का दौरा किया। उपराष्ट्रपति ने आईएनएस डेगा में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और ईएनसी के मुख्यालय परिसर में एक पौधा लगाया। उन्हें नौसेना डॉकयार्ड में सुविधाओं के बारे में जानने और जानकारी देने के लिए बंदरगाह में भी ले जाया गया।

• नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में इस क्षेत्र में समुद्री खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना की विश्वसनीय नौसैन्य शक्ति और तैयारियों को प्रदर्शित करने के लिए नौसेना के अग्रिम पंक्ति के जहाजों/विमानों द्वारा 4 दिसंबर, 2023 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एक ऑपरेशनल डेमो का आयोजन किया गया। दिल्ली के अलावा विभिन्न शहरों में प्रत्येक सेवा से संबंधित सेवा दिवस मनाने की सरकारी नीति के अनुरूप यह डेमो आयोजित किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उपस्थित थे।

• रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मार्च में भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं की समीक्षा की। उन्होंने नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत की और समुद्र में परिचालन प्रदर्शनों को देखा, जिसमें देश के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए बहुआयामी मिशन शुरू करने की नौसेना की क्षमता पर प्रकाश डाला गया।

• जून महीने में रक्षा मंत्री ने विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस के अवसर पर कोच्चि में सर्वेक्षण जहाजों का दौरा किया। 21 जून, 2023 को 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रक्षा मंत्री ने नौसेना कर्मियों के साथ विक्रांत पोत पर योग किया।

 

खेल/पुरस्कार

भारतीय नौसेना के 15 खिलाड़ियों और दो अधिकारियों ने 23 सितंबर से 8 अक्टूबर, 2023 तक चीन के हांगझू, में आयोजित एशियाई खेल 2023 में देश का प्रतिनिधित्व किया। यह एशियाई खेलों में अब तक का सबसे बड़ा दल था। पदक विजेताओं का विवरण इस प्रकार है:-

क्रमांक

नाम, रैंक और पी. नंबर

स्पर्धा

टिप्पणी

ए.

मो. अनस, सीपीओ (आरपी), 242454-एच

एथलेटिक्स

 

1 गोल्ड एवं 1 सिल्वर मेडल

बी.

मो. अजमल, एजी पीओ (जीडब्ल्यू), 256514-एन

एथलेटिक्स

1 गोल्ड एवं 1 सिल्वर मेडल

सी.

टीपीएस तूर, सीपीओ (पीटी), 195225-डब्ल्यू

एथलेटिक्स

गोल्ड मेडल

डी.

परमिंदर सिंह, एजी पीओ (पीटी), 195244-एन

रोविंग

ब्रांज मेडल

ई.

सतनाम सिंह, एजी पीओ (यूडब्ल्यू), 256518-वाई

ब्रांज मेडल

 

 

  • साल के दौरान अन्य प्रमुख खेल उपलब्धियां नीचे तालिका में दी गई हैं -

क्रमांक

स्पर्धा

दिनांक एवं स्थान

नाम

रैंक

टिप्पणी

ए.

एशियन जूनियर अंडर-23 कनोय स्प्रिंट एवं तीसरी एशियन पैरा कनोय चैंपियनशिप 2023

26 - 30 अप्रैल 23

समरकंद, उज्बेकिस्तान

पीएच ज्ञानेश्वर सिंह

एलओजी  II (एसटीडी)

ब्रांज

एन रिबासन सिंह

एसएसआर/यूटी

गोल्ड

बी.

अंडर-23 एशियन सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप 2023

14 - 18 जून 23 बिश्केक, किर्गिस्तान.

शुभम

पीओ (यूएस)

ब्रांज

सी.

11वीं एशियन कब्बडी चैंपियनशिप 2023

25 जून - 01 जुलाई 23 बुसान, कोरिया गणराज्य

सुरजीत

एमसीपीओ II (जीडब्ल्यू)

गोल्ड

डी.

25वीं एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023

12 - 16 जुलाई 23 बैंकाक, थाईलैंड

तजिंदर पाल सिंह तूर

सीपीओ (पीटी)

गोल्ड

विकास सिंह

पीओ एलओजी (एफएंडए)

ब्रांज

मो. अजमल

एजी पीओ (जीडब्ल्यू)

सिल्वर

ई.

कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2023

11 - 16 जुलाई 23 ग्रेटर नोएडा, उप्र

लवप्रीत सिंह

पीओ सीओएम (टीईएल)

सिल्वर

एफ.

अंडर-20 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2023

14 - 20 अगस्त 23 जॉर्डन, अम्मान सिटी

जयदीप

सीओएम II (टीईएल)

ब्रांज

जी.

आयन कॉर्निअनु एंड लाडिसलाउ साइमन अंतरराष्ट्रीय कुश्ती टूर्नामेंट

18 - 20 अगस्त 23 रोमानिया

नीरज

पीओ (पीटी)

ब्रांज

एच.

53वीं आईएसएसएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023

12 अगस्त - 01 सितंबर 23 बाकू, अजरबैजान

नीरज कुमार

पीओ एलओजी (एमएटी)

गोल्ड

 

 

  • ​भारतीय नौसेना के पोलो एवं घुड़सवारी दल, दिल्ली के पीओ (जीडब्ल्यू) मोहित भारतीय टेंट पेगिंग टीम के कप्तान थे, जिसने अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य (नौ भाग लेने वाले देशों के बीच) जीता था। इंटरनेशनल टेंट पेगिंग फेडरेशन (आईटीपीएफ) के तत्वावधान में इस स्पर्धा का आयोजन हुआ था। उन्होंने आईटीपीएफ के तत्वावधान में जुलाई 2023 में मॉस्को में आयोजित प्री-कर्सर चैंपियनशिप में भी भाग लिया और उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत टेंट पेगर' घोषित किया गया था।
  • वर्ष 2023 के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में नौसेना के खिलाड़ियों की समग्र पदक तालिका इस प्रकार है:-

स्पर्धा

हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या

गोल्ड

सिल्वर

ब्रांज

अंतरराष्ट्रीय

83

12

06

10

राष्ट्रीय

117

25

09

17

 

भारतीय वायु सेना

'आत्मनिर्भरता'

पुर्जों और प्रणालियों के स्वदेशीकरण का समर्थन करने के लिए निम्नलिखित उपाय शुरू किए गए हैं:

  • सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची: आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयास के अनुसरण में, रक्षा मंत्रालय समय-समय पर 'सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां' प्रख्यापित कर रहा है। पांचवीं जनहित याचिका अक्टूबर में 98 वस्तुओं के साथ जारी की गई थी, जिनमें से 13 भारतीय वायुसेना से संबंधित थीं।
  • सृजन रक्षा वेब पोर्टल: स्वदेशी के विकास के लिए व्यवहार्यता की तलाश में 630 पुर्जों की एक सूची www.srijandefence.gov.in वेबसाइट पर अपलोड की गई है। अब तक 78 कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।
  • अंतर सरकारी समझौता: भारत में रूसी मूल के पुर्जों के निर्माण के लिए भारत और रूस के बीच सितंबर में एक अंतर सरकारी समझौता यानी आईजीए पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसे फलीभूत करने के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा संयुक्त उद्यमों की एक श्रृंखला पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • उद्योग आउटरीच: भारतीय वायुसेना के उपयोगकर्ताओं और भारतीय रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों को समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने, उन्हें समझने और चर्चा करने के लिए एक साथ लाने की खातिर भारतीय वायुसेना के ठिकानों का दौरा करके उद्योग आउटरीच की योजना बनाई गई थी। सितंबर और अक्टूबर में क्रमशः वायु सेना स्टेशन बरेली और वायु सेना स्टेशन पुणे में दो उद्योग आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्टेशन अधिकारियों ने स्टेशन के भीतर विभिन्न अनुभागों को निर्देशित पर्यटन प्रदान करते हुए इस दौरे का आयोजन किया। उद्योग प्रतिनिधियों को अपने संबंधित क्षेत्रों में वायु सेना के विशेषज्ञों के साथ चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र में शामिल होने का मौका दिया गया, जिससे ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग की सुविधा मिली।
  • अंतरिक्ष उद्योग आउटरीच: भारतीय वायुसेना से संबंधित कुल 29 डेफस्पेस चुनौतियों (12 आईडीईएक्स और 17 मेक चुनौतियां) में से, 12 आईडीईएक्स के लिए हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी (एचपीएससी) की बैठक हुई। आठ डेफस्पेस चुनौतियों और एक खुली चुनौती के लिए आईडीईएक्स विजेताओं की घोषणा अक्टूबर में की गई। डीआईओ में चार आईडीईएक्स डेफस्पेस चुनौतियों के लिए विजेताओं का चयन प्रगति पर है। मेक I और II डेफस्पेस चुनौतियों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन प्रगति पर है। सभी मेक चुनौतियों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन पूरा करने के लिए पीडीसी 31 दिसंबर 23 है।
  • समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर: भारतीय वायुसेना ने आपसी हित के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास के सहयोग और प्रचार के लिए शिक्षा जगत, शैक्षिक संस्थानों और डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के साथ 21 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
  • एलएलएलडब्ल्यूआर के सीयू का स्वदेशीकरण: भारतीय वायुसेना के निम्न स्तर के हल्के वजन वाले रडार के रखरखाव और रखरखाव में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए, बीईएल के साथ तीन महत्वपूर्ण घटकों के डिजाइन और विकास के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। ऐसे ही एक घटक का उच्च ऊंचाई क्षेत्र में परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इनकी खरीद का मामला अब प्रगति पर है।
  • पैराशूट का स्वदेशीकरण: भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले लगभग 90-95% पायलट पैराशूट और ब्रेक पैराशूट को दो साल की समयसीमा के भीतर एडीआरडीई द्वारा स्वदेशीकृत किया गया है।
  • स्वदेशी 'मिनिएचर डेटोनेटिंग कॉर्ड': हॉक एयरक्राफ्ट कैनोपी सेवरेंस सिस्टम के लिए स्वदेशी मिनिएचर डेटोनेटिंग कॉर्ड (एमडीसी) का फायरिंग परीक्षण नवंबर में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। बेड़े में उपयोग के लिए उड़ान योग्यता मंजूरी प्रगति पर है। यह प्रयास आयातित एमडीसी की आपूर्ति में देरी को कम करेगा।
  • इलेक्ट्रिक ऑपरेटिंग फायर एक्सटिंगुइशर कार्ट्रिज का संशोधन: पहले के डिजाइन की गुणवत्ता संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ओएफ, खमरिया और एक्यूएडब्ल्यू (ए), खमरिया के माध्यम से संशोधन सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। संशोधित गाड़ियां जुलाई में सेवा में शामिल की गईं।
  • अनएक्सप्लोडेड ऑर्डिनेंस हैंडलिंग रोबोट का विकास: पानी काटने वाले जेट की तकनीक के साथ यूएक्सओ के निपटान के लिए यूएक्सओआर के विकास पर परियोजना आरएंडडीई (इंजीनियरिंग), पुणे के साथ शुरू की गई थी। अनुमोदित एएसक्यूआर के आधार पर तीन प्रोटोटाइप विकसित किए गए थे। यूएक्सओआर की खरीद एफटीपी के रास्ते की गई थी। सितंबर में यूएक्सओआर के लिए हाई-टेक रोबोटिक्स सिस्टम लिमिटेड, गुरुग्राम के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • एमआरएसएएम: इस वर्ष भारतीय वायुसेना में एमआरएसएएम प्रणाली की पांच फायरिंग इकाइयां और एक प्रशिक्षण केंद्र चालू किया गया है। सिस्टम सफलतापूर्वक तैनात कर लिया गया है।
  • प्रोजेक्ट एसएएमएआरः भारतीय वायुसेना ने प्रोजेक्ट एसएएमएआर के तहत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागने के लिए जमीन आधारित प्लेटफॉर्म के प्रोटोटाइप का सफलतापूर्वक स्वदेशीकरण किया है। एसएएमएआर फायरिंग यूनिट्स (एफयू) का निर्माण इस वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। एसएएमएआर एफयू को फील्ड इकाइयों तक पहुंचाया गया है और 23 दिसंबर को फायरिंग की योजना बनाई गई है।
  • आत्मनिर्भरता योजनाएं: रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिणामस्वरूप मरम्मत और ओवरहाल के लिए एयरो-इंजन, महत्वपूर्ण एवियोनिक्स और विशेषज्ञ डब्ल्यूपीएनएस जैसे प्रमुख एग्रीगेट्स विदेश नहीं भेजे जा सके। ऐसी स्थिति को न होने देने के लिए रूसी लड़ाकू, परिवहन और हेलीकॉप्टरों से संबंधित 44 शॉर्टलिस्टेड परियोजनाओं को निम्नलिखित श्रेणियों के तहत ओसीपीपी के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है:

ए. जीवन विस्तार

बी. एयरफ्रेम, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल रोटेबल्स, एवियोनिक्स, एएन 32, एमआई सीरीज हेलीकॉप्टरों के ईडब्ल्यू सिस्टम के लिए आरओएच प्रौद्योगिकियों का विकास और निष्पादन।

सी. रूसी एएलएम और रूसी एयरो इंजन और एवियोनिक्स की मरम्मत एवं नवीनीकरण।

डी. एवियोनिक एग्रीगेट्स का रिप्लेसमेंट

इ. उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों को शामिल करने के लिए एक व्यापक आत्मनिर्भरता योजना तैयार की गई है। यूपीईआईडीए के साथ नियमित बातचीत हो रही है। डोमेन विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और एमएसएमई/उद्योग भागीदारों की पहचान करने की व्यवहार्यता का पता लगाया जा रहा है। ओसीपीपी के तहत स्वदेशी परियोजनाओं को प्रकाश में लाने के लिए एओएम के नेतृत्व वाली भारतीय वायुसेना की टीम के साथ सितंबर में चेन्नई में टीआईडीसी के टियर-I उद्योगों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। भारतीय वायुसेना की स्वदेशीकरण की आवश्यकताओं पर उद्योगों का विस्तार से मूल्यांकन किया गया। टीम ने 13 सितंबर 23 को आईआईटी चेन्नई में रिसर्च पार्क का दौरा किया और इस काम को संभालने में सक्षम संभावित उद्योग भागीदारों के साथ बातचीत की।

नए अधिग्रहण एवं परीक्षण

ए-321 विमान: पूर्व स्वामित्व वाले एयरबस ए-321 को एईडब्ल्यूएंडसी भूमिका के लिए डीआरडीओ द्वारा एयर इंडिया से अधिग्रहित किया गया था। संशोधित होने से पहले वे भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग के लिए उपलब्ध हैं। विमान और एयरक्रू को जल्द से जल्द परिचालन में लाया गया और भारतीय वायुसेना ने मई 2023 से कूरियर संचालन शुरू कर दिया है। श्रीनगर, गुवाहाटी और बागडोगरा के लिए ए-321 की निर्धारित उड़ानों से भारतीय सेना की संवर्धित गतिविधि योजना और कोलकाता, चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर से कूरियर ऑपरेशन से एएनसी एओआर को लाभ हुआ है। भारतीय वायुसेना और गैर वायुसैन्यअड्डों पर एयर इंडिया द्वारा संचालन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

सी-295 विमान: पहला सी-295 मेगावाट एसी 20 सितंबर 23 को भारत आया और 25 सितंबर 23 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। पुराने एवरो एयरक्रॉफ्ट को सी-295 मेगावाट विमान से बदल दिया जाएगा। 24 मई से शेष एयरक्राफ्ट की डिलीवरी के साथ पहली इकाई के वर्ष 2024 के अंत तक काम शुरू कर देने की संभावना है। सी-295 बेड़े के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की एयरलिफ्ट क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और जमीनी बलों की चपलता में वृद्धि होगी।

एलसीए एमके1 ट्विन सीटर की आपूर्ति: ट्विन सीटर, एलसीए एमके1 आईओसी और एफओसी अनुबंधों की डिलीवरी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने 25 नवंबर 23 को ग्रुप कैप्टन डी मंडल के साथ एसपीटी-1 में उड़ान भरी। वह लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।

एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर विमान: एचटीटी-40 एक बेसिक ट्रेनर विमान है जिसका उपयोग एबी-इनिशियो पायलटों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। विमान को स्वदेशी रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। एचटीटी-40 की आपूर्ति के लिए अनुबंध पर 6 मार्च 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे। अनुबंध के अनुसार, विमान की डिलीवरी सितंबर 2025 से शुरू होगी।

डोर्नियर-228 विमान: डोर्नियर-228 हल्के वजन का परिवहन विमान है जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा संचार, मार्ग परिवहन और हताहतों की निकासी के लिए किया जाता है। इसका निर्माण स्थानीय स्तर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया जाता है। डोर्नियर-228 विमान और संबंधित उपकरणों की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर 10 मार्च 2023 को हस्ताक्षर किए गए।

 

एसयू-30 एमकेआई विमान के लिए डिजिटल रिसीवर-118 (डीआर-118) आरडब्ल्यूआर: एसयू-30 विमान के लिए संबंधित उपकरणों के साथ डिजिटल रिसीवर-118 (डीआर-118) आरडब्ल्यूआर के लिए मेसर्स बीईएल, बीसी के साथ एक अनुबंध पर 23 मार्च 23 को हस्ताक्षर किए गए हैं।

बी-777 एसी द्वारा वीवीआईपी ऑपरेशन: भारतीय वायुसेना ने 31 मार्च 23 से बी-777 एयरक्रॉफ्ट पर स्वतंत्र वीवीआईपी संचालन का काम संभाल लिया है। एक बड़ी उपलब्धि के रूप में वायुसेना ने आईएएफ द्वारा पूर्ण कॉकपिट पूरक के साथ दिल्ली से न्यूयॉर्क तक नॉनस्टॉप उड़ान भरी और यह उड़ान आगे वाशिंगटन और काहिरा तक पहुंची। एयरक्रू के अलावा, ग्राउंड हैंडलिंग, कैटरिंग अपलिफ्ट और इंजीनियरिंग सहायता सेवाओं को भी वायुसेना द्वारा स्वतंत्र रूप से संभाला गया।

पैरा परीक्षण और संचालन: एडीआरडीई प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के तहत सी-130जे और सी-17 विमानों के लिए एचडीएस विकसित कर रहा है। सीईएमआईएलएसी प्रमाणन और फिटमेंट परीक्षणों के बाद, एचडीएस (12 फीट प्लेटफ़ॉर्म) के लिए स्वीकृत कुल आठ परीक्षणों में से, सातवां एचडीएस परीक्षण 17 अक्टूबर 23 को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) में आयोजित किया गया था। यह परीक्षण सफल रहा और लोड निर्धारित लैंडिंग बिंदु पर सुरक्षित रूप से उतर गया।

सी-17 एयरक्रॉफ्ट से एडीआर और सीआरसीसी परीक्षण: भारतीय नौसेना और इसरो (टोरॉयडल बॉय इक्विपमेंट) के समन्वय के साथ सिंगल/ट्विन एडीआर (एयर ड्रॉपेबल रिजिड हल इन्फ्लेटेबल बोट) और सीआरआरसी (कॉम्बैट रबराइज्ड रेडिंग क्राफ्ट) के लिए उड़ान परीक्षण 2023 के सितंबर महीने में सी-17 एयरक्रॉफ्ट पर सफलतापूर्वक पूरे किए गए।

आकाश मिसाइल प्रणाली: उन्नत राजेंद्र एमके-II रडार का उपयोग करते हुए आकाश मिसाइल प्रणाली के तीन स्क्वाड्रन पिछले एक साल में चालू किए गए हैं। 23 दिसंबर तक अतिरिक्त आकाश स्क्वाड्रन शामिल किए जाने की संभावना है।

हेरॉन एमके II: हेरॉन एमके II आरपीए को भारतीय वायु सेना में शामिल और ऑपरेशनल किया गया है। यह प्रणाली उन्नत सेंसर और एवियोनिक्स सूट के साथ एसएटीसीओएम आधारित संचालन करने में सक्षम है। यह अधिक पेलोड ले जाने में सक्षम है और दुश्मन के इलाके में गहराई में छिपे लक्ष्य का पता लगा सकती है। इसके शामिल होने से वायुसेना की उच्च ऊंचाई पर दृष्टि सीमा से परे आईएसआर मिशन करने की क्षमता बढ़ गई है।

बाइसन (मिग 21 अपग्रेड) ड्रॉडाउन योजना: ड्रॉडाउन योजना को मंजूरी दे दी गई है और इस एयरक्रॉफ्ट वाले एक ऑपरेशनल स्क्वाड्रन को Su-30 एमकेआई के साथ फिर से सुसज्जित करना शुरू कर दिया गया है। एक और स्क्वाड्रन को आधुनिक तेजस एलसीए एमके-आईए से पुनः सुसज्जित करने की घोषणा की गई है।

हथियारों का एकीकरण: नई पीढ़ी की क्लोज कॉम्बैट मिसाइल को इस साल पहली बार दागा गया। लंबी दूरी की स्कैल्प मिसाइलें भी दागी गईं और उनका सत्यापन किया गया। अपाचे अटैक हेप्टर्स ने हवा में धीमी गति से चल रहे लक्ष्य के खिलाफ स्टिंगर एमएसएल की सफल फायरिंग भी की। भारतीय वायुसेना संपूर्ण लंबी दूरी की स्वदेशी अस्त्र बीवीआर मिसाइल को शामिल करने की दिशा में काम कर रही है, जिसके जल्द शुरू होने की संभावना है।

लंबी दूरी का मिशन: लंबी दूरी के मिशन आईओआर के काफी अंदर तक चलाए गए। समुद्र को नियंत्रण में रखने और हवाई क्षेत्र पर हावी होने के लिए भारतीय वायुसेना के हित के क्षेत्र को कवर करने के लिए कई अक्षों के साथ ये मिशन चलाए गए।

प्रशिक्षण और अभ्यास

भारतीय वायुसेना ने इस साल न केवल सहयोगी सेवाओं के साथ, बल्कि मित्रवत राष्ट्रों की वायु सेनाओं के साथ भी कड़ा अभ्यास जारी रखा। इनमें से कुछ को नीचे सूचीबद्ध किया गया है -

  • एक्स.-वीर गार्जियन-23: 12 से 27 जनवरी 2023 की अवधि में आयोजित यह भारत और जापान के बीच पहला हवाई अभ्यास था।
  • फ्रांस के साथ एक्स. पाससेक्स: 29 जनवरी 2023 को भारतीय वायुसेना ने आईओआर में विमानवाहक पोत 'चार्ल्स डी गॉल' पर फ्रांसीसी लड़ाकू विमान के साथ 'एक्स पाससेक्स' आयोजित किया।
  • संयुक्त अरब अमीरात में एक्स. डेजर्ट फ्लैग-8: भारतीय वायुसेना ने 24 फरवरी से 20 मार्च 2023 तक संयुक्त अरब अमीरात के अल-धफरा में 'एक्स डेजर्ट फ्लैग-8' में भाग लिया। यह किसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में तेजस की पहली भागीदारी थी।
  • एक्स. कोबरा वॉरियर-23: भारतीय वायुसेना ने 06-24 मार्च 2023 तक ब्रिटेन में बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास 'एक्स कोबरा वॉरियर-23' में भाग लिया। इस अभ्यास में पहली बार भारतीय वायुसेना के विमानों को सऊदी अरब से गुजरते हुए देखा गया।
  • एक्स कोप इंडिया-23: अमेरिकी वायुसेना और भारतीय वायुसेना ने 10 से 21 अप्रैल 2023 तक एएफएस कलाईकुंडा (लड़ाकू विमान) और पानागढ़ (परिवहन विमान) में 'एक्स कोप इंडिया-23' में भाग लिया। इसमें जापान के हवाई और आत्मरक्षा बल ने एक पर्यवेक्षक के तौर पर हिस्सा लिया।
  • एक्स. ओरियन-23: भारतीय वायुसेना ने 17 अप्रैल से 05 मई 2023 तक फ्रांस में बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'एक्स ओरियन-23' में भाग लिया। इस अभ्यास में वायुसेना के राफेल विमान सीधे फ्रांस से भारत पहुंचे।
  • एक्स. आईएनआईओसीएचओएस-23: वायुसेना ने 24 अप्रैल से 05 मई 2023 तक ग्रीस में एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'एक्स आईएनआईओसीएचओएस-23' में भाग लिया। यह भारत और ग्रीस के बीच पहला वायु अभ्यास था।
  • एक्स. ब्राइट स्टार-23: भारतीय वायुसेना ने 27 अगस्त से 16 सितंबर 23 तक मिस्र के साथ एक्स ब्राइट स्टार-23 में भाग लिया। भारतीय वायुसेना के मिग-29 लड़ाकू विमान भारत से सीधे मिस्र पहुंचे।

 एकीकृत अभ्यास और संयुक्त प्रशिक्षण

संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से सहयोगी सेवाओं के साथ निम्नलिखित प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित किए गए:-

  • एक्स. क्रांति महोत्सव 08 मई 23 से 10 मई 23 तक 01 एमएलएच के साथ।
  • फाइटर, आरपीए और एईडब्ल्यूएंडसी के साथ 10 मई 23 से 12 मई 23 तक एक्स चक्र दृष्टि-23 अभ्यास।
  • वायुसेना ने 08 मई 23 से 27 मई 23 तक 33 आर्मड, 16 रैपिड, 6(I) आर्मड ब्रिग्रेड और 47 इंजीनियरिंग ब्रिगेड के ईडब्ल्यूटी में भाग लिया, जिसमें वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सेना के साथ संचालन किया।
  • 10 मई से 25 मई 23 तक वेस्टर्न कमांड थिएटर स्पेशल ऑपरेशन का अभ्यास किया गया। इसमें परिवहन विमान के साथ हेलीकॉप्टर भी शामिल हुए। यह आरपीए और लड़ाकू अभियानों का भी गवाह बना।
  • 23-24 मई को सुखोई-30एमकेआई के साथ 2 कोर का ईडब्ल्यूटी अभ्यास।
  • 02 जून 23 को पश्चिमी समुद्र तट पर लड़ाकू विमानों, परिवहन और अवॉक्स के साथ लंबी दूरी के समुद्री हमले का अभ्यास।
  • भारतीय नौसेना ने वायुसेना के साथ 22 जुलाई से 16 अगस्त 2023 तक एयरफोर्स स्टेशन नलिया में मिग-29K टुकड़ी को तैनात किया।

वायुसेना ने योजना प्लान के दायरे में संयुक्त अभ्यास की भी सुविधा प्रदान की है, यह सहयोगी सेवाओं के साथ संयुक्त प्रशिक्षण को समन्वित करता है। इसका उद्देश्य संयुक्त माहौल में हवाई रणनीति और कोनोप्स का अभ्यास अथा समीक्षा करना है। इन अभ्यासों में एयरोस्पेस शक्ति के संयुक्त अनुप्रयोग के विकल्पों का अभ्यास किया गया। भारतीय वायुसेना द्वारा सहयोगी सेवाओं के साथ संयुक्त रूप से किए गए कुछ अभ्यास नीचे दिए गए हैं:-

क्रमांक

एक्सरसाइज

अवधि

ए.

एक्स. ट्रोपैक्स

22-24 फरवरी 23

बी.

एक्स. संयुक्त शक्ति विनाश

07-11 अगस्त 23

सी.

एक्स. मदद एनएसएल

18-19 सितंबर 23

डी.

ईएफओआरआई

29 सितंबर-06 अक्टूबर 23

ई.

डब्ल्यूएफओआरआई

02-13 अक्टूबर 23

एफ.

एक्स. मरून स्ट्राइक्स

20-21 अक्टूबर 23

जी.

एक्स. दक्षिण अवलोकन

21-22  अक्टूबर 23

एच.

एक्स. संयुक्त संकल्प

28  अक्टूबर  -03 नवंबर 23

आई.

एक्स. त्रि-शक्ति प्रहार

13-18 नवंबर 23

 

 

मानवीय सहायता और आपदा राहत

अंतरराष्ट्रीय एचएडीआर अभियान

(ए) तुर्किये और सीरिया में ऑपरेशन दोस्त-एचएडीआर: मध्य पूर्व के देश तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी 2023 की सुबह विनाशकारी भूकंप आया। भारतीय वायुसेना को तुरंत सतर्क किया गया और 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत तत्काल मदद और सहयोग शुरू कर दिया गया। 7 फरवरी 2023 की आधी रात पहले सी-17 विमान ने हिंडन से अदाना (तुर्किये) के लिए उड़ान भरी। इसके बाद चार और सी-17 विमान गए जबकि एक सी-130जे विमान को 5.8 टन चिकित्सा सामग्री के साथ दमिश्क (सीरिया) भेजा गया। 20 फरवरी 2023 तक ऑपरेशन जारी रहा। भारतीय वायुसेना के परिवहन बेड़े ने 28 उड़ानें (188 घंटे) भरीं और 307 टन सामान पहुंचाया। इसमें से 278 टन लोड तुर्किये जबकि 29 टन सीरिया के लिए एयरलिफ्ट किया गया।

(बी) ऑपरेशन कावेरी- सूडान में एचएडीआर: सूडान में सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच लड़ाई छिड़ने से करीबी 4000 भारतीय नागरिक और पीआईओ फंस गए। बेहद कम समय में भारतीय प्रवासियों को निकालने के लिए 19 अप्रैल 2023 को भारतीय वायुसेना ने हवाई अभियान शुरू किया। गरुड़ एसएफ टीमों के साथ सी-130जे और सी-17 को जरूरत पड़ने पर विशेष अभियान के लिए तैयार किया गया। शुरू में बचाव अभियान जेद्दा से पोर्ट सूडान के लिए प्रारंभ हुआ। इसके बाद 27 अप्रैल 2023 को रात में एक साहसिक मिशन के तहत भारतीय वायुसेना ने वाडी सैय्यदना हवाई अड्डे पर एक छोटी हवाई पट्टी से 121 भारतीयों को निकाला। चालक दल ने किसी तरह की अड़चन और हमले से बचने के लिए इलेक्ट्रो ऑप्टिकल-इन्फ्रा रेड का इस्तेमाल किया। गरुड़ कमांडो जमीन पर रहे और ईआरओ (इंजन रनिंग ऑपरेशन) योजना के तहत काम किया गया। भारतीय वायुसेना ने 22 उड़ानों (115 घंटे) के जरिए 2100 यात्रियों को सूडान से जेद्दा और 915 यात्रियों को जेद्दा से भारत पहुंचाया। इसमें 58 टन अन्य लोड भी था।

(सी) ऑपरेशन अजय (इजरायल-हमास संघर्ष): इजरायल और हमास के संघर्ष से प्रभावित फिलिस्तीनी नागरिकों की मदद के लिए ऑपरेशन अजय के तहत आईएएफ का पहला सी-17 विमान 22 अक्टूबर 2023 को रवाना हुआ। आईएएफ के सी-17 ने 6.5 टन चिकित्सा राहत सामग्री और 32 टन आपदा राहत सामग्री पहुंचाई। इसमें जरूरी जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल आइटम्स, टेंट, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, सैनिटरी यूटिलिटीज और दूसरी आवश्यक चीजों के अलावा पानी साफ करने वाली गोलियां शामिल थीं। ये चिकित्सा राहत सामग्रियां गाजा में बांटने के लिए अल-अरीश (मिस्र) में रेड क्रिसेंट को सौंपी गईं। 

(डी) एचएडीआर ऑपरेशन- नेपाल: 3 नवंबर 2023 को नेपाल में एक विनाशकारी भूकंप आया। इसमें जानमाल का भारी नुकसान हुआ। नेपाल के प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सहायता पहुंचाने की योजना बनाई गई और नेपालगंज जैसे छोटे रनवे पर विमान उतारे गए। भारतीय वायुसेना का सी-130जे 5-6 नवंबर 23 को नेपालगंज में एनडीआरएफ राहत उपकरण और एचएलएल औषधीय सामग्री लेकर उतरा। सबसे पहले मदद लेकर पहुंचने वाले देश के तौर पर भूकंप प्रभावित परिवारों के लिए आवश्यक चिकित्सा और स्वच्छता आपूर्ति, टेंट और दूसरी राहत सामग्री पहुंचाई गई। भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान ने नेपालगंज में दिन/रात अभियान चलाया और 2 उड़ानों (07:55 घंटे) से 21 टन राहत सामग्री को एयरलिफ्ट किया गया।

देश में एचएडीआर अभियान-

(ए) एचएडीआर अभियान- केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख: भारी बर्फबारी के चलते जब सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया तो फरवरी 2023 में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में एक महत्वपूर्ण लिंक के रूप में काम किया। 15 फरवरी 2023 को हेलीकॉप्टरों से फंसे हुए यात्रियों को जांस्कर से लेह एयरलिफ्ट किया गया। इस अभियान में चिनूक और एमआई-17 1वी हेलीकॉप्टरों की मदद से 200 यात्रियों को पहुंचाया गया।

(बी) गोवा में आपदा राहत अभियान (वन में आग): 8 मार्च 2023 को गोवा सरकार ने भारतीय वायुसेना से राज्य के सुदूर जंगल में लगी आग बुझाने के लिए मदद का अनुरोध किया। इस व्यापक अभियान के लिए एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया। 14 मार्च 2023 तक 20 उड़ानों के जरिए हेलीकॉप्टरों से 1,40,000 लीटर पानी डाला गया।

(सी) तमिलनाडु में आपदा राहत अभियान (वन में आग): 15 अप्रैल 2023 को तमिलनाडु सरकार ने कोयंबटूर के मदुक्करई रेंज के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना से मदद मांगी। इस अभियान में एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों ने 16 अप्रैल 2023 को 22,450 लीटर पानी डाला।

(डी) हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत अभियान (बाढ़ राहत): हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान के बाद भारतीय वायुसेना ने एमआई-17 वी5 और चीतल हेलीकॉप्टरों को तैनात किया। चंद्रताल और समुंदर टापू में बचाव अभियान चलाया गया। आईएएफ ने आपदा राहत दल को साथ लिया और राशन, दवाएं और आवश्यक चीजें पहुंचाईं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री और अंतर-मंत्रालयी दलों को लेकर भी आईएएफ के विमान उड़े। 11 जुलाई 2023 को शुरू हुआ राहत कार्य 30 सितंबर 2023 तक जारी रहा। 275 उड़ानों (138 घंटे) के जरिए 68 टन राहत सामग्री और 1355 नागरिकों को एयरलिफ्ट किया गया।

(ई) अंबाला में आपदा राहत अभियान (बाढ़ राहत): जुलाई 2023 के दूसरे सप्ताह में अंबाला (पंजाब) के आसपास के कई गांवों में भीषण बाढ़ आई। 14 से 17 जुलाई 2023 तक एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को आपदा राहत अभियान में तैनात किया गया और प्रभावित नागरिकों के लिए जरूरी चीजें गिराई गईं। 10 उड़ानों में 10 टन राहत सामग्री और 14 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया।

(एफ) यवतमाल में आपदा राहत अभियान (बाढ़ राहत): 22 जुलाई 2023 को रायपुर से एक एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर को रवाना किया गया, जिसने महाराष्ट्र के यवतमाल में फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए पांच उड़ानें भरीं।

(जी) तेलंगाना में आपदा राहत अभियान (बाढ़ राहत): 27 से 30 जुलाई 2023 तक बाढ़ राहत अभियान के लिए वारंगल में दो चेतक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया। इसके तहत 25 उड़ानें (22 घंटे) हुईं और सात लोगों को भी बचाया गया।

(एच) सिक्किम में आपदा राहत अभियान (बाढ़ राहत): सिक्किम के कई जिले 4 अक्टूबर 2023 को अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए। बागडोगरा में एचएडीआर ऑपरेशन केंद्र स्थापित किया गया। राज्य सरकार की जरूरत के हिसाब से हेलीकॉप्टरों की तैनाती की गई। आपदा राहत मिशन के लिए आईएएफ ने चिनूक सहित लगभग सभी बेड़ों को तैनात किया। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 287 उड़ानें (125 घंटे) भरीं और 205 टन सामग्री पहुंचाई। इसके जरिए 3027 लोगों को बचाया गया, जिसमें थाईलैंड, बेल्जियम, रूस, बांग्लादेश और अमेरिका के विदेशी नागरिक शामिल थे।

(आई) उत्तराखंड में सुरंग बचाव अभियानः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर 2023 को ढह गया जिससे 41 श्रमिक अंदर फंस गए। 15 नवंबर 2023 को भारतीय वायुसेना ने 27.5 टन महत्वपूर्ण भारी उपकरण, बचाव लोड और विशेषज्ञों को धरासु एएलजी एयरलिफ्ट करने के लिए तीन सी-130जे तैनात किए। यह लैंडिंग ग्राउंड 2013 से ही इस्तेमाल में नहीं था। 17 से 27 नवंबर 2023 के बीच इंदौर से भारी आगर मशीन, पुणे से डीआरडीओ रोबोट और मुंबई से ड्रिल बिट और मेटल वायर लोड को देहरादून लाया गया। 29 नवंबर 2023 को चिनूक हेलीकॉप्टर ने बचाए गए सभी 41 श्रमिकों को एम्स ऋषिकेश पहुंचाया। बहुत कम समय के नोटिस पर पहुंचे सी-130, सी-17, डोर्नियर, एएन-32 और चिनूक ने अपने कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। भारतीय वायुसेना के विमानों ने 104 टन भार उठाते हुए 79 घंटे से ज्यादा समय तक काम किया।

राष्ट्र निर्माण एवं आंतरिक सुरक्षा

  • मणिपुर की स्थिति: मणिपुर में हालात पर काबू पाने में सहयोग के लिए भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर हिंडन, रांची, कोलकाता, अगरतला, कुंभीग्राम, गुवाहाटी और मोहनबाड़ी से इंफाल तक सीआरपीएफ, बीएसएफ, भारतीय सेना और असम राइफल्स की टीमों को एयरलिफ्ट और तैनात करने के लिए अपने परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया। 23 मई 2023 से शुरू हुई भारतीय वायुसेना की कार्रवाई 25 सितंबर 2023 तक जारी रही। 605 उड़ानों (399 घंटे) में हवाई मार्ग से 10,120 सैनिक और 652 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई।
  • हरियाणा की स्थिति: भारतीय वायुसेना ने हरियाणा के नूंह में स्थिति पर नियंत्रण के लिए सीआरपीएफ और आरएएफ सैनिकों को एयरलिफ्ट और तैनाती के लिए सी-130, सी-17 और आईएल-76 विमान तैनात किए। रातोंरात ऑपरेशन (18 उड़ानें/18:30 घंटे) में जम्मू, प्रयागराज और हिंडन से 824 सैनिकों को (58 टन लोड के साथ) एयरलिफ्ट और तैनात किया गया।
  • जी-20 से संबंधित कार्य: सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए विभिन्न परिचालन कार्यों में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का व्यापक स्तर पर उपयोग किया गया। इनका इस्तेमाल ओआरपी ड्यूटी, डीआईएडीसी ड्यूटी, सीएएसईवीएसी/ आपातकालीन प्रतिक्रिया और NSG कार्यों के लिए किया गया।
  • छत्तीसगढ़ में चुनाव: नवंबर में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय वायुसेना को चुनाव अधिकारियों को हवाई मार्ग से पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। आईएएफ के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने 404 उड़ानें (194 घंटे) भरीं। इसके जरिए 1,707 कर्मियों और ईवीएम आदि के 15 टन भार को एयरलिफ्ट किया गया।
  • पीएम केदारनाथ पुनर्विकास परियोजना: भारतीय वायुसेना ने 'पीएम केदारनाथ पुनर्विकास परियोजना' के लिए 31 अक्टूबर 2022 से एक चिनूक हेलीकॉप्टर को तैनात किया है। 31 मार्च 2023 तक लटकाकर सामान पहुंचाए जाने के ऑपरेशन के तहत 500 टन के प्रारंभिक अनुमानित भार के मुकाबले 575 टन भार एयरलिफ्ट किया गया। 12 नवंबर 2023 तक प्रोजेक्ट के तहत 866 टन भार एयरलिफ्ट किया गया है।
  • आरएलवी परीक्षण: इसरो के वैज्ञानिक मिशन के लिए भारतीय वायुसेना ने अपने हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। चिनूक हेलीकॉप्टर ने 2 अप्रैल 2023 को चित्रदुर्ग में इसरो आरएलवी परीक्षणों के लिए 25 उड़ानें भरीं।

अग्निपथ योजना

भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना सफलतापूर्वक लागू की है और अग्निवीरवायु से संबंधित डेटा के डिजिटलीकरण में आगे रही है। 2888 अग्निवीरवायु के पहले बैच ने विशेष प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और विभिन्न वायुसेना अड्डों पर तैनात हैं। इनमें 2743 अग्निवीरवायु और 145 अग्निवीरवायु (गैर-लड़ाकू) शामिल हैं। दूसरा और तीसरा बैच क्रमशः फरवरी और अगस्त 2024 में पासआउट होगा और यूनिटों को रिपोर्ट करेगा।

आईडीईएक्स डिस्क और ओसी (खुली चुनौती)

2023 में दो डिस्क एडिशन और दो ओसी एडिशन शुरू किए गए। एयरो इंडिया 2023 के दौरान रक्षा मंत्री ने डिस्क 9 लॉन्च किया। यह डिस्क (डीआईएससी) एडिशन साइबर सुरक्षा से संबंधित था। आईएएफ ने इस संस्करण में चार प्रस्तावों को शॉर्टलिस्ट किया था। डीआईएससी का 10वां संस्करण रक्षा मंत्री ने 4 अक्टूबर 2023 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में लॉन्च किया। दसवें संस्करण में भारतीय वायुसेना की ओर से 12 डिस्क चैलेंज और 2 प्राइम चैलेंज शुरू किए गए। स्टार्टअप्स की ओर से ओपन चैलेंज ओसी 8.0 और ओसी 9.0 के रूप में आईएएफ के साथ साझा किया गया। ओसी 8.0 के तहत तीन प्रस्तावों को शॉर्टलिस्ट किया गया था और इस समय ओसी 9.0 और डीआईएससी 10 के लिए यूजर द्वारा प्रस्तावों की शॉर्टलिस्टिंग चल रही है।

एयरो इंडिया 23

एयरो इंडिया-23 का 14वां संस्करण 13 से 17 फरवरी 2023 तक एएफएस यलहंका में आयोजित किया गया। राज्य सरकार से समन्वय के साथ वायुसेना को लोकेशन प्रबंधन, उड़ान प्रदर्शन के संचालन, स्टेटिक डिस्प्ले, सुरक्षा, स्टेशन के भीतर आपदा प्रबंधन, चिकित्सा सेवाएं और आग से बचाव के उपायों का काम सौंपा गया था। उद्घाटन दिवस पर भारतीय वायुसेना के 13 फॉर्मेशन का फ्लाई पास्ट और आईएएफ, आईए, आईसीजी और आईएन द्वारा उड़ाए गए स्वदेशी विमानों (पी-81 को छोड़कर) का फ्लाई पास्ट विशेष आकर्षण रहे। कई दिशाओं की ओर से फ्लाई-पास्ट ने कार्यक्रम के दौरान लोगों के रोमांच को और भी बढ़ा दिया। फ्लाइंग डिस्प्ले व्यावसायिक दिनों में केवल एक बार और सार्वजनिक दिनों के दौरान दो बार आयोजित किया गया।

भारत ड्रोन शक्ति- 2023

भारतीय वायुसेना और भारतीय ड्रोन संघ (डीएफआई) ने हिंडन हवाई अड्डे पर 25 सितंबर 2023 को संयुक्त रूप से एक ड्रोन प्रदर्शनी- सह- प्रदर्शन कार्यक्रम 'भारत ड्रोन शक्ति 2023' आयोजित किया। इसका उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया। यह दो दिन का कार्यक्रम था। इसमें देशभर के 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्ट-अप शामिल हुए, जिन्होंने हवाई प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के जरिए भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमताओं का प्रदर्शन किया। यह आयोजन साल 2030 तक भारत को प्रमुख ड्रोन हब बनाने की सरकार की पहल में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यहां दिखाए गए ड्रोन को विभिन्न प्रकार के सैन्य और असैन्य इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इस आयोजन की सह-मेजबानी कर भारतीय वायुसेना देश में ड्रोन पारिस्थितिकी को मजबूत करना चाहती है।

कॉम्बैट स्क्वाड्रन की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर

हेलीकॉप्टर पायलट ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी 27 मार्च 2023 को भारतीय वायुसेना में लड़ाकू इकाई का नेतृत्व करने वाली उड़ान शाखा की पहली महिला बनीं। वह उड़ान शाखा में पहली महिला क्यूएफआई भी हैं। उन्हें चेतक हेलीकॉप्टर पर 1935 घंटे के साथ 2800 घंटों से भी अधिक उड़ान का अनुभव है।

महिला सशक्तिकरण

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय वायुसेना ने पहली बार महिलाओं को दूसरे रैंकों में महिला अग्निवीरवायु के रूप में शामिल किया है। इस समय एटीएस बेलगावी में 154 महिला अग्निवीरवायु का प्रशिक्षण चल रहा है। 300 महिला उम्मीदवारों को 02/2023 बैच में अग्निवीरवायु के रूप में शामिल करने की योजना है।

वायु सेना दिवस 2023

वायुसेना दिवस परेड पारंपरिक रूप से एएफ स्टेशन हिंडन में आयोजित की जाती रही है लेकिन इस साल यह एएफ स्टेशन प्रयागराज में आयोजित की गई। भारतीय वायुसेना की ताकत को दिखाने और युवाओं (संभावित अग्निवीरों सहित) को भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए यह कार्यक्रम आम जनता के लिए भी खुला था। अग्निवीरवायु महिलाओं के एक दल ने भी वायुसेना दिवस परेड 2023 में हिस्सा लिया। परेड की कमान ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने संभाली। वायुसेना दिवस 2023 के तहत निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए गए:

  • 30 सितंबर 2023 को भोपाल (भोजताल झील के ऊपर) में हवाई प्रदर्शन।
  • प्रयागराज के वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना दिवस परेड का आयोजन।
  • ओडी फोर्ट, त्रिवेणी संगम, प्रयागराज में हवाई प्रदर्शन।

एक नए आईएएफ प्रतीक का अनावरण किया गया। निचले दाएं कैंटन में भारतीय तिरंगे वाले यूनियन जैक और आईएएफ तिरंगे राउंडेल वाले आरएएफ राउंडल्स की जगह भारतीय वायुसेना का नया प्रतीक बनाया गया है। यह नया आईएएफ ध्वज भारतीय वायुसेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करता है। अब एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायुसेना क्रेस्ट शामिल किया गया है। आईएएफ क्रेस्ट में राष्ट्रीय प्रतीक है। इसके शीर्ष पर अशोक सिंह है जिसके नीचे देवनागरी में 'सत्यमेव जयते' अंकित है। अशोक सिंह के नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फैले हुए है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी ईगल को घेरे है, जिस पर लिखा है 'भारतीय वायु सेना'। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है। आईएएफ का आदर्श वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है। इसका अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना'।

बैस्टिल डे परेड

14 जुलाई 2023 को पेरिस में बैस्टिल डे परेड 2023 के दौरान भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दस्ते ने तीनों सेवाओं की टुकड़ी के हिस्से के रूप में भाग लिया। भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दस्ते की कमान स्क्वाड्रन लीडर सिंधु विजय कुमार रेड्डी ने संभाली। परेड देखने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी पहुंचे थे। वह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। बैस्टिल डे पर पेरिस के आसमान में हुए फ्लाईपास्ट में भी आईएएफ शामिल थी, जिसने 101 स्क्वाड्रन के तीन राफेल विमानों के साथ शिरकत की। भारतीय वायुसेना ने इस अवसर पर अपनी रणनीतिक क्षमता और अभ्यास का प्रदर्शन किया। इसमें राफेल विमानों का भारत से फ्रांस तक बिना रुके उड़ान भरना, मित्र देशों के एएआर एसी (आसमान में ही तेल भरने की क्षमता) का उपयोग करने सहित कई मिड-एयर रिफ्यूलिंग शामिल हैं। यह भारतीय वायु सेना की इन देशों की सेनाओं के साथ संयुक्त ऑपरेशन की क्षमता को भी दिखाता है।

दुबई एयर शो

भारतीय वायु सेना ने 13 से 17 नवंबर 2023 तक दुबई एयर शो में हिस्सा लिया। आईएएफ की टुकड़ी में 5 सारंग (एएलएच एमके-I) विमान और 3 तेजस (एलसीए एमके-I) विमान शामिल थे।

विशेष अभियान 3.0

साल 2021 और 2022 में आयोजित विशेष अभियान 1.0 और 2.0 की तर्ज पर दो से 31 अक्टूबर 2023 तक सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता के लिए विशेष अभियान 3.0 आयोजित करने और लंबित मामलों के निपटारे के लिए भारत सरकार से निर्देश मिले थे। विशेष अभियान 3.0 के तहत आईएएफ के सभी कमान मुख्यालयों से मिली जानकारी के अनुसार 1712.09 टन स्क्रैप का निपटारा किया गया।

हर घर तिरंगा

13 से 15 अगस्त 2023 तक यह अभियान स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में चलाया गया। हवाई योद्धाओं और उनके परिवारों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें हिस्सा लिया, जो राष्ट्रीयता की भावना और हमारे राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

राशन में बाजरे को शामिल करना

मोटे अनाज (बाजरा/ज्वार/रागी) को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के दृष्टिकोण के तहत राशन में विकल्प के रूप में शामिल किया गया है।

डिजिटलीकरण

  • ई-एमएमएस: डिजिटल परिवर्तन के लिए सरकार की पहलों के अनुरूप भारतीय वायु सेना ने ई-रखरखाव प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से रखरखाव गतिविधियों की रिकॉर्डिंग के लिए डिजिटल तरीके की ओर रुख किया है। रक्षा मंत्री ने फरवरी में एयरो इंडिया 2023 के दौरान भारतीय वायु सेना की सभी रखरखाव संबंधी गतिविधियों को कागज रहित घोषित किया। भारतीय वायु सेना भारतीय सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के नौ बेड़े के लिए ई-एमएमएस को लागू करने के लिए भी काम कर रही है।
  • टीएचडी-1955 राडार का डिजिटलीकरणः टीएचडी-1955 राडार साल 1976 से ही आईएएफ में मुख्य एडी राडार है। परिचालन प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए टीएचडी-1955 राडार बेड़े का उपयोग 2035 तक इस्तेमाल करते रहने की योजना है। इस समय बेड़े के पुराने होने, प्रचलन में कम होने और घटते वेंडर सपोर्ट के कारण टीएचडी-1955 राडार बेड़े को अपने रखरखाव और संचालन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बीईएल ने इन समस्याओं के समाधान के लिए राडार की आईएफएफ प्रणालियों को अपग्रेड करने के साथ-साथ रिसीवर और ट्रांसमीटर कैबिनेट को डिजिटल बनाने का प्रस्ताव दिया है।
  • डीओ-228 विमान पर बायो-जेट ईंधन परीक्षणः ग्राउंड रन और परीक्षण उड़ान के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आरसीएमए (कानपुर) ने 21 सितंबर 2023 को बायोजेट ईंधन परीक्षणों के लिए एफसीएन को मंजूरी दी। एक इंजन में 10% मिश्रित ईंधन के साथ 22 सितंबर 2023 को दो घंटे के लिए पहली सफलतापूर्वक उड़ान भरी गई। दोनों इंजनों में 10% मिश्रित ईंधन के साथ दो उड़ानें 26 सितंबर 2023 को चार घंटे तक उड़ीं। तीसरी उड़ान 27 सितंबर 2023 को भरी गई। एटीएफ के साथ बायो-जेट ईंधन के 10:90 मिश्रण का उपयोग करते हुए डोर्नियर-228 विमान ने 28 सितंबर 2023 को 5 बीआरडी पर सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा किया। 6,000 लीटर अतिरिक्त बायो-जेट ईंधन की खरीद की जा रही है जिसका अगले परीक्षण चरण में इस्तेमाल किया जाएगा।
  • न्योमा, लद्दाख में एयरफील्ड का विकासः उत्तरी सेक्टर में भारतीय वायु सेना की परिचालन पहुंच बढ़ाने के लिए मार्च 2023 में सरकार ने 219.39 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एयर बेस बनाने को मंजूरी दी। रक्षा मंत्री ने 12 सितंबर 2023 को जम्मू से एयरफील्ड का ई-शिलान्यास किया। रनवे का निर्माण हो रहा है और अप्रैल 2025 तक इसके पूरा होने की संभावना है।
  • रियल टाइम एयरक्राफ्ट ट्रैकिंग सिस्टम (आरटीएटीएस): इसरो से मिले उपकरणों की मदद और नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (नाविक) सैटलाइट के इस्तेमाल से आरटीएटीएस की उपयोगिता स्पष्ट हो रही है। एएन-32 पर सीरीज सुधार जल्द ही शुरू हो जाएगा जबकि एमएलएच पर परीक्षण चल रहे हैं, जिसके बाद एवीआरओ और डीओ-228 आगे होंगे।

भारतीय तट रक्षक

  • डिजिटल तटरक्षकः डिजिटल सशस्त्र बलों के लिए सरकार के रणनीतिक दृष्टिकोण के तहत खरीद (भारतीय) श्रेणी में डिजिटल तटरक्षक (डीसीजी) परियोजना में खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय और टेलीकम्युनिकेशन्स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड के बीच कुल 588.68 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। डीसीजी परियोजना के तहत तकनीकी प्रगति की व्यापक रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें एक उन्नत डेटा सेंटर का निर्माण, एक सशक्त आपदा रिकवरी डेटा सेंटर की स्थापना, आईसीजी साइटों पर कनेक्टिविटी का विस्तार और ईआरपी प्रणाली का विकास शामिल है। यह परियोजना सुरक्षित एमपीएलएस/वीएसएटी कनेक्टिविटी का लाभ उठाती है, जो अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी में सबसे आगे है। इससे पांच साल में लगभग डेढ़ लाख मानव दिवस सृजित होने का अनुमान है। इससे भारतीय उद्योगों के विभिन्न क्षेत्रों से सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और इस तरह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
  • तटरक्षक बल के तेज गश्ती जहाज: रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में तटरक्षक बल के चार तेज गश्ती जहाजों के निर्माण की पारंपरिक शुरुआत की। जीएसएल द्वारा डिजाइन इन जहाजों की लंबाई 51.43 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। जहाज दो इंजन से चलेगा और इसकी अधिकतम गति 27 समुद्री मील होगी। जहाज का विस्थापन लगभग 320 टन है और यह विषम समुद्री परिस्थितियों में भी काम करने में सक्षम है। इन जहाजों को सबसे आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत मशीनरी और कम्प्यूटरीकृत नियंत्रण प्रणालियों से लैस किया जाएगा, जिससे ये अत्याधुनिक तेज गश्ती जहाज बनेंगे।
  • चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय': 6 जून 2023 से अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय 'के बारे में आईएमडी की चेतावनी के बाद आईसीजी ने मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सक्रिय और निवारक उपाय किए। आईसीजी ने रिग 'की सिंगापुर' से 50 कर्मचारियों की तत्काल निकासी सुनिश्चित की।
  • चक्रवाती तूफान हामून: चक्रवाती तूफान हामून के दौरान एसएआर और आपदा प्रतिक्रिया के लिए विमान सहित आईसीजी की तमाम टीमों को तैनात किया गया। आईसीजी ने संकटग्रस्त अनुसंधान पोत समुद्र कौस्तुभ के टोइंग ऑपरेशन की भी निगरानी की, जिस पर 6 वैज्ञानिकों समेत 25 सदस्य थे। पूरे समय राज्य प्रशासन सहित सभी हितधारकों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा गया।
  • फिलीपींस के साथ एमओयू: भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए फिलीपींस तटरक्षक बल (पीसीजी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू समुद्री कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में दो तटरक्षकों के बीच पेशेवर संबंध बढ़ाने की कोशिश है। पीसीजी प्रतिनिधिमंडल ने आईसीजी जहाजों की बहु-भूमिका वाली क्षमताओं को समझने के लिए गोवा में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारत की जहाज डिजाइन क्षमताओं और गश्ती तटरक्षक जहाज 'सुजीत' को भी देखा।
  • तीर्थयात्रियों को बचाना: आईसीजी ने संकट में घिरे दो जहाजों (एमवी लोचामती और एमवी अग्रमती) से कुल 511 तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए 15 चक्कर लगाए। दोनों नौकाओं के घोरामारा द्वीप से एक समुद्री मील दक्षिण में फंसे होने की सूचना मिली थी। हल्दिया और फ्रेजरगंज से आईसीजी होवरक्राफ्ट को तुरंत तैनात कर दिया गया था।
  • 'समुद्री खीरे' जब्त: आईसीजी ने तमिलनाडु के विभिन्न तटों से कुल 2,266 किलोग्राम समुद्री खीरे (सी-ककंबर) बरामद किए। इसका संयुक्त रूप से अनुमानित वाणिज्यिक मूल्य लगभग 11.3 करोड़ रुपये है।
  • सोना जब्त: आईसीजी ने आईएफबी 'स्टार एनएस' और आईएफबी 'ब्लैक पर्ल' को पकड़कर कुल 50.617 किलोग्राम सोना जब्त किया। इसका अनुमानित वाणिज्यिक मूल्य करीब 31 करोड़ रुपये था।
  • तेंदू के पत्ते जब्त: आईसीजी ने संदिग्ध पैकेजों से कुल 267 किग्रा तेंदू के पत्ते जब्त किए। इसका अनुमानित वाणिज्यिक मूल्य लगभग 19 लाख रुपये है।
  • नशीले पदार्थों की जब्ती: आईसीजीएस मीरा बहन ने चालक दल के पांच सदस्यों के साथ ईरानी नाव को पकड़ा और संदिग्ध मादक पदार्थ के 61 पैकेट जब्त किए। पकड़ी गई नाव को ओखा बंदरगाह लाया गया और पुलिस को सौंप दिया गया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन

  • आकाश-एनजी: नई पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश-एनजी का परीक्षण एकीकृत टेस्ट रेंज, चांदीपुर (ओडिशा) में किया गया। इसने सफलतापूर्वक मानवरहित लक्ष्य को निशाना बनाया। यह भारतीय वायु सेना के लिए कम ऊंचाई के आरसीएस हवाई खतरे से निपटने में सक्षम होगा। इस प्रणाली को कनस्तर लांचर और बहुत छोटे ग्राउंड सिस्टम फुटप्रिंट के साथ दूसरी समान प्रणालियों की तुलना में बेहतर तैनाती क्षमता के साथ विकसित किया गया है।
  • आईटीसीएम मिसाइल: स्वदेशी तकनीक वाली क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) नई पीढ़ी की 'लंबी दूरी की जमीनी हमले वाली क्रूज मिसाइल' है, जिसे जमीनी और समुद्री प्लेटफार्मों के लिए विकसित किया जा रहा है। इसका उड़ान परीक्षण 21 फरवरी 2023 को एकीकृत परीक्षण रेंज, बालासोर (ओडिशा) में किया गया।
  • एलसीए तेजस पर अस्त्र बीवीआरएएएम मिसाइल का पहला परीक्षण: एएसटीआरए (अस्त्र) एक अत्याधुनिक बीवीआर 'एयर-टू-एयर मिसाइल' है जो काफी पैंतरे वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेद कर नष्ट कर सकती है। हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस ने सफलतापूर्वक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) दागी।
  • मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल: एमपीएटीजीएम दिन और रात में भी दागी जा सकने की क्षमता के साथ दागो और भूल जाओ और 'टॉप अटैक' जैसी क्षमताओं के साथ तीसरी पीढ़ी का एटीजीएम है। एमपीएटीजीएम का उड़ान परीक्षण एनओएआर कुर्नूल में 2.5 किमी की दूरी में किया गया।
  • बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली: वीएसएचओआरएडीएस एक चौथी पीढ़ी की मानव वहनीय वायु रक्षा प्रणाली है, जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। तेज गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों के आने और जाने के दौरान मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर (ओडिशा) के एकीकृत परीक्षण रेंज पर किया गया।
  • भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल: भारतीय नौसेना के लिए एमआरएसएएम डीआरडीओ और इजरायल एयरो स्पेस इंडस्ट्रीज, इजरायल का एक संयुक्त विकास कार्यक्रम है। यह हथियार प्रणाली भारतीय नौसेना के पी15ए जहाजों को लड़ाकू विमानों, सबसोनिक और सुपरसोनिक मिसाइलों आदि जैसे कई प्रकार के हवाई खतरों से निपटने में सक्षम बनाती है। भारतीय नौसेना ने विशाखापत्तनम से एमआरएसएएम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
  • भारी वजन वाला टॉरपीडो: भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए भारी वजन वाले टॉरपीडो 'वरुणास्त्र' का समुद्र के अंदर एक लक्ष्य के खिलाफ लाइव वॉरहेड के साथ सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 'वरुणास्त्र' जहाज से छोड़ा जा सकने वाला पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है जिसमें लो ड्रिफ्ट नेविगेशनल सिस्टम, एकॉस्टिक होमिंग, स्वायत्त निर्देशन एल्गोरिदम, अभ्यास टॉरपीडो के लिए जीपीएस आधारित रिकवरी तंत्र आदि जैसी आधुनिक तकनीक हैं।
  • लंबवत प्रक्षेपण- कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल: वीएल-एसआरएसएएम एक लंबवत प्रक्षेपण वाली कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, यूएवी आदि के लिए 80 किमी तक है। भारतीय नौसेना के लिए समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट दूरी पर तमाम हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिए इस मिसाइल को विकसित किया गया है। इसका परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर में किया गया।
  • ब्रह्मोस: दो चरणों में सटीक निशाना लगाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है। इसे जमीनी और समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ विभिन्न प्लेटफार्मों (हवा, समुद्र और जमीन) से छोड़ा जा जा सकता है। भारतीय सेना ने ज्यादा दूरी वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जमीनी हमले वाले संस्करण का परीक्षण किया। डीआरडीओ के साथ भारतीय नौसेना ने ज्यादा दूरी वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक के बाद एक दो समुद्री हमले वाले संस्करण का परीक्षण किया।
  • एयर लॉन्च टैक्टिकल मिसाइल के लिए सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी: यह 'एसएफडीआर' प्रणोदन तकनीक द्वारा संचालित अत्याधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह सुपरसोनिक रफ्तार से बहुत लंबी दूरी पर हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है। इसे नॉजल-लेस बूस्टर, थ्रस्ट मॉड्यूलेशन सिस्टम और रैमजेट मोड में विशिष्ट आवेग देने के लिए सस्टेनर के साथ डिजाइन किया गया है। इसी साल मिसाइल का परीक्षण किया गया।
  • लंबी दूरी की जहाज रोधी मिसाइल: डीआरडीओ लंबी दूरी की जहाज रोधी मिसाइल हथियार प्रणालियों के लिए आवश्यक तकनीक के विकास में जुटा है, जो काफी दूरी पर युद्धपोत को रोकने में सक्षम हो। एकीकृत परीक्षण रेंज से मिसाइल का परीक्षण किया गया।
  • ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेटर: कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में डीआरडीओ ने एक स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग मानव रहित यान (यूएवी) ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेटर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस स्वायत्त स्टील्थ यूएवी की सफल उड़ान देश में प्रौद्योगिकी के स्तर में परिपक्वता का प्रमाण है। टेललेस कॉन्फिगरेशन की इस उड़ान के साथ, भारत फ्लाइंग विंग तकनीक के नियंत्रण में महारत हासिल करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। जटिल एरोहेड विंग प्लेटफॉर्म के साथ विमान का प्रोटोटाइप हल्के कार्बन प्रीप्रेग सामग्री के साथ स्वदेशी तरीके से डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह मिश्रित संरचना एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता का उदाहरण है।
  • एकीकृत जीवन रक्षक प्रणालीः एलसीए तेजस के पायलट के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित आईएलएसएस का फरवरी में दो बार उड़ान-परीक्षण किया गया। यह सफल परीक्षण जटिल आईएलएसएस प्रौद्योगिकी वाले चार देशों के विशिष्ट समूह में देश के होने की दिशा में एक प्रारंभिक कदम है।
  • स्वदेशी पावर टेक ऑफ शाफ्ट: बेंगलुरु में एलसीए तेजस पर पावर टेक ऑफ (पीटीओ) शाफ्ट का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया। पीटीओ शाफ्ट डीआरडीओ के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट, चेन्नई द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। पीटीओ शाफ्ट विमान में एक महत्वपूर्ण घटक है। यह भविष्य के लड़ाकू विमानों और उनके वेरिएंट की जरूरतों में सहयोग करेगा। इससे खर्च और समय की बचत होगी।
  • सैन्य लड़ाकू पैराशूट प्रणाली: अप्रैल और सितंबर में ड्रॉप जोन मालपुरा में 10,000 फीट से एक सफल लाइव पैराशूट जंप ट्रायल हुआ। इस दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की सैन्य परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी तरीके से डिजाइन सैन्य लड़ाकू पैराशूट सिस्टम 'एचएएनएस' (नेविगेशन और एडवांस्ड सब-असेंबली के साथ ज्यादा ऊंचाई वाले पैराशूट) का इस्तेमाल किया गया। एचएएनएस विशेष बलों को सभी जरूरी कॉम्बैट सब-असेंबली के साथ पैरा जंप करने में सक्षम बनाता है और फ्री फॉल ऑपरेशन के लिए सभी मौजूदा प्रणालियों को बदल देगा। इससे 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
  • एयर ड्रॉपेबल कंटेनर: डीआरडीओ ने नौसेना की परिचालन लॉजिस्टिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 150 किग्रा की पे लोड क्षमता के साथ एयर ड्रॉपेबल कंटेनर (एडीसी-150) को डिजाइन और विकसित किया है। एडीसी-150 मुश्किल के समय और तट से दूर जहाजों के महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग स्टोर की जरूरतों को पूरा करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देगा। डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने आईएल38डीएफ विमान से गिराए गए एडीसी-150 का सफल परीक्षण किया।
  • गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रू मॉड्यूल पैराशूट प्रणाली (सीएमपीएस): नए विकसित परीक्षण वाहन के साथ सीएमपीएस के क्रू एस्केप सिस्टम के इन-फ्लाइट एबोर्ट का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। इसके बाद क्रू मॉड्यूल अलग हुआ और डीआरडीओ द्वारा विकसित पैराशूट प्रणाली का इस्तेमाल कर सुरक्षित तरीके से बरामद किया गया।
  • नौसेना एंटी-शिप मिसाइल (छोटी दूरी): एनएएसएम-एसआर मिसाइल दो चरण वाले ठोस प्रणोदन प्रणाली से लैस है, जिसमें एक इन-लाइन इजेक्टेबल बूस्टर और एक लंबे समय तक जलने वाला सस्टेनर होता है। नवंबर में डीआरडीओ ने आईटीआर से मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 'दागे जाने के बाद लॉक-ऑन' मोड में अपने टर्मिनल निर्देश के लिए स्वदेशी आईआर सीकर का इस्तेमाल करते हुए मिसाइल का 35 किमी की दूरी में परीक्षण किया गया।
  • एयरो इंडिया 2023: डीआरडीओ ने फरवरी में बेंगलुरु में आयोजित 14वें एयरो इंडिया के दौरान स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इंडिया पवेलियन में अपने प्रमुख उत्पादों को दिखाने के अलावा इसने कई प्रदर्शनियां, उड़ान प्रदर्शन और सेमिनार किए। इसके जरिए डीआरडीओ की हालिया प्रगति को दिखाया गया, जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण है। डीआरडीओ मंडप ने 12 क्षेत्रों में वर्गीकृत 330 से ज्यादा उत्पादों का प्रदर्शन किया जिसमें लड़ाकू विमान और यूएवी, मिसाइल और सामरिक प्रणालियां, इंजन और प्रणोदन प्रणाली, हवाई निगरानी प्रणाली, सेंसर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और संचार प्रणाली, पैराशूट और ड्रॉप सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग और साइबर सिस्टम, सामग्री, जमीनी प्रणालियां और युद्ध सामग्री, जीवन रक्षक सेवाएं, उद्योग आदि शामिल हैं।
  • कारर्पोरेट पहल: वाह्य अनुसंधान और रिसर्च बोर्ड के तहत एस एंड टी परियोजनाओं के लिए डीआरडीओ के पास अनुदान योजना है। यह बीटेक/ एमटेक/ एमएससी छात्रों को पेड प्रशिक्षु योजना, इंटर्नशिप के अलावा प्रदर्शनियों को भी मदद करता है। डीआरडीओ ने इसे स्कूल और कॉलेज के छात्रों में रक्षा प्रौद्योगिकियों में रुचि पैदा करने के लिए शुरू किया है।
  • प्रौद्योगिकी विकास निधि: टीडीएफ योजना सार्वजनिक/निजी उद्योगों विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्ट-अप की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है जिससे रक्षा अनुप्रयोग के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा सके। इसके अलावा यह योजना रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में नवाचार, रक्षा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास के लिए उद्योगों को परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये तक की धनराशि प्रदान करती है।
  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी): डीआरडीओ ने भारतीय उद्योगों- निजी और सार्वजनिक दोनों के लिए 1,600 से अधिक टीओटी किए हैं। रक्षा मंत्रालय की अनुमोदित नीति और प्रक्रिया के अनुसार ही टीओटी किया जा रहा है। डीआरडीओ के डीसीपीपी/पीए/डीपी को प्रौद्योगिकी फ्री यानी 'शून्य टीओटी शुल्क' पर दिया जाता है।
  • डीआरडीओ पेटेंट: डीआरडीओ की एक नीति है जिसके तहत भारतीय उद्योगों की डीआरडीओ पेटेंट तक मुफ्त पहुंच है। इससे उद्योगों की तकनीकी क्षमता में वृद्धि के साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है। भारतीय उद्योगों के लिए 1,700 आईपीआर खुले हैं।
  • डेयर टू ड्रीम इनोवेशन प्रतियोगिता: इसका उद्देश्य इनोवेटरों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देना है। प्रतियोगिताओं के तीन संस्करण हो चुके हैं। रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डीआरडीओ की तरफ से उभरती प्रौद्योगिकियों में कुछ प्रमुख चुनौतियों को हल करने के लिए व्यक्तिगत और स्टार्ट-अप के लिए जनवरी में डेयर टू ड्रीम 4.0 शुरू किया गया। 105 से ज्यादा प्रणालियों के लिए विकास सह उत्पादन भागीदार/उत्पादन एजेंसी की पहचान की गई।
  • उद्योगों के साथ साझेदारी: डीआरडीओ अपनी प्रणालियों को साकार करने के लिए उद्योग के साथ साझेदारी कर रहा है। प्रमुख हथियार प्रणालियों के विकास में डीआरडीओ के साथ सहयोग करते हुए भारतीय उद्योग भी परिपक्व होकर ऐसे चरण में पहुंच चुका है, जहां वे खुद सिस्टम विकसित कर सकते हैं। भारतीय उद्योग 'बिल्ड टू प्रिंट' साझेदार से 'बिल्ड टू स्पेसिफिकेशन' पार्टनर तक आगे बढ़ चुका है। डीआरडीओ परीक्षण सुविधाएं उद्योगों के इस्तेमाल के लिए खोल दी गई हैं। विकास के लिए मिसाइल, बम आदि जैसे क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोल दिया गया है।
  • अकादमिक जगत: उद्योग एकेडमिया- उत्कृष्टता केंद्रों के जरिए डीआरडीओ रक्षा अनुप्रयोग से संबंधित अनुसंधान के क्षेत्रों में विशिष्ट शोध के लिए अकादमिक जगत को सहायता प्रदान करता है। शोध का खाका, तकनीकी बातचीत और वित्तपोषण प्रदान कर परियोजनाएं आगे बढ़ती हैं. अब तक 15 डीआईए-सीओई स्थापित किए जा चुके हैं। ये आईआईटी बीएचयू, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी हैदराबाद, गुजरात विश्वविद्यालय, आईआईएससी बेंगलुरु, जम्मू विश्वविद्यालय, मिजोरम विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, हैदराबाद विश्वविद्यालय और भारथिअर विश्वविद्यालय में हैं।
  • फ्यूल सेल आधारित वायु स्वतंत्र प्रणोदन (एआईपी) प्रणाली: डीआरडीओ की नौसेना सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएमआरएल) की प्रणाली जल्द ही आईएनएस कलवरी पर लगाई जाएगी। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों में स्वदेशी एआईपी के लिए विस्तृत डिजाइन चरण में प्रवेश के लिए सहयोग बढ़ाने को लेकर एनएमआरएल और नेवल ग्रुप फ्रांस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत नेवल ग्रुप फ्रांस पनडुब्बियों में लगाने के लिए एआईपी डिजाइन को प्रमाणित करेगा। एआईपी सिस्टम से डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी की मारक क्षमता पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह समंदर में इसकी ताकत को कई गुना बढ़ा देता है।
  • विशेष अभियान 3.0: डीआरडीओ एससीडीपीएम 3.0 के दौरान सांसदों के संदर्भ में, लोक शिकायतों, पीएमओ से संबंधित लंबित मामलों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अभियान अक्टूबर में आयोजित किया गया। कुछ प्रमुख पहल इस प्रकार से हैं-

(1) जन शिकायतें मिलने पर त्वरित कार्यवाही के लिए स्थायी समिति का गठन

(2) रिकॉर्ड्स की समीक्षा करना और उन्हें छांटना

(3) श्रेणी ए, बी और सी रिकॉर्ड का माइक्रोफिल्मिंग और डिजिटलीकरण

(4) स्क्रैप का निपटान

राष्ट्रीय कैडेट कोर

  • एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर: डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने जुलाई में एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो इंफॉर्मेटिक्स के साथ साझेदारी में इसे विकसित किया गया है। कैडेटों के लिए यह एक सिंगल विंडो इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर है जिसे 'एंट्री टु एग्जिट मॉडल' पर डिजाइन किया गया है। एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'एक बार बना कैडेट हमेशा कैडेट ही होता है' के विजन पर आधारित है। यह एनसीसी में कैडेट के रूप में नामांकन के चरण से लेकर पूर्व छात्र के रूप में एग्जिट पंजीकरण तक की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बना देगा। इससे प्रमाणपत्रों को निर्बाध रूप से जारी करने, रोजगार के समय एनसीसी कैडेटों का एक अखिल भारतीय डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी। एनसीसी और भारतीय स्टेट बैंक ने एसबीआई की 'पहली उड़ान' योजना के तहत डेबिट कार्ड, चेकबुक और पासबुक सुविधा के साथ सभी एनसीसी कैडेटों के जीरो बैलेंस खाते खोलने के लिए रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस एमओयू से हर साल लगभग 5 लाख कैडेट लाभान्वित होंगे।
  • एनसीसी की 75वीं वर्षगांठ: साल 1948 में स्थापित दुनिया का सबसे बड़ा वर्दी वाला युवा संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने 26 नवंबर को अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाई। अनुशासन, नेतृत्व और अटूट देशभक्ति जैसे मूल सिद्धांतों के साथ युवाओं को प्रशिक्षित करने का इसका गौरवशाली इतिहास रहा है। इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर के स्‍मरणोत्‍सव के अवसर पर रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में पूरे एनसीसी समुदाय की ओर से शहीद नायकों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इस आयोजन के एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍से के रूप में कमला नेहरू कॉलेज, नई दिल्ली के एनसीसी विंग की 26 प्रतिभाशाली लड़कियों के बैंड ने देशभक्ति की थीम पर प्रस्तुति दी।
  • एनसीसी मेगा साइक्लोथॉन: शौर्य चक्र विजेता दिवंगत लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद की पत्नी, वीर नारी प्रियंका नायर ने दिसंबर में कन्याकुमारी से एक मेगा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) साइक्लोथॉन को हरी झंडी दिखाई। 75वें एनसीसी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पूरे देश को कवर करने वाली बालिका कैडेट साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया है। इस साइक्लोथॉन को दो अलग-अलग बिंदुओं से शुरू किया गया है- एक पश्चिमी तट के साथ कन्याकुमारी से, दूसरा बाद में पूर्वी भारत के गुवाहाटी से। दोनों का समापन नई दिल्ली में होगा। ये बालिका कैडेट विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं, जो ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक हैं। बालिकाएं लगभग 3000 किमी की दूरी तय करेंगी।
  • 85वां एनसीसी कैडेटों का पर्वतारोहण अभियान: रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने नई दिल्ली में 85वें एनसीसी कैडेट्स के पर्वतारोहण अभियान दल को हरी झंडी दिखाई। हिमाचल प्रदेश में माउंट युनुम के लिए इस दल में 4 अधिकारी, 10 पीआई कर्मचारी और 18 एनसीसी कैडेट्स शामिल हैं जिनमें 11 लड़कियां हैं। इन कैडेट्स का चुनाव देश के विभिन्न एनसीसी निदेशालयों से किया गया है।
  • एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविरः उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने जनवरी में दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का दौरा किया। रक्षा मंत्री ने कैडेटों को उनके शानदार प्रदर्शन और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक और प्रशंसा पत्र प्रदान किए। पूर्वोत्तर क्षेत्र निदेशालय के अंडर ऑफिसर टिंगगुचिले नरियाम और राजस्थान निदेशालय के कैडेट अविनाश जांगिड़ को रक्षा मंत्री पदक प्रदान किया गया। ओडिशा निदेशालय के कैप्टन प्रताप केशरी हरिचंदन, तमिलनाडु- पुदुचेरी और अंडमान एवं निकोबार निदेशालय कैडेट अंडर ऑफिसर जेनी फ्रांसिना विक्टर आनंद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय से फिजा शफी और उत्तराखंड निदेशालय के कैडेट सहवाग राणा को रक्षा मंत्री प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
  • अखिल भारतीय थल सैनिक शिविर: अखिल भारतीय थल सैनिक शिविर सितंबर में दिल्ली कैंट में आयोजित किया गया। शिविर में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 17 एनसीसी निदेशालयों के करीब 1,547 कैडेटों (867 लड़कों और 680 लड़कियों) ने हिस्सा लिया। 12 दिवसीय शिविर के दौरान कैडेटों ने निशानेबाजी, बाधा प्रशिक्षण, मानचित्र रीडिंग और अन्य पेशेवर प्रशिक्षण प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया।
  • योग दिवस: राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने 21 जून को देशभर में कई स्थानों पर 11 लाख एनसीसी कैडेटों के साथ पूरे उत्साह से 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। उत्तर में लेह से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी, पश्चिम में द्वारका से लेकर पूर्व में तेजू तक पूरे देश में पार्कों, खुले मैदानों, स्कूलों और कॉलेजों में योग सत्र आयोजित किए गए।

सैनिक स्कूल

  • नए सैनिक स्कूल: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने साझेदारी मोड में 23 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। इस पहल से पिछले पैटर्न के तहत कार्यरत मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों के अलावा, सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत साझेदारी मोड में कार्यरत नए सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के दृष्टिकोण का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित बेहतर करियर के अवसर प्रदान करना है। यह निजी क्षेत्र को भी आज के युवाओं को कल के जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रशिक्षित कर राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ मिलकर काम करने का अवसर प्रदान करता है।
  • सैनिक स्कूलों में छात्राएं: देशभर के सैनिक स्कूलों में 1,600 से ज्यादा छात्राएं पढ़ रही हैं। पिछली पद्धति के तहत देश के सभी 33 सैनिक स्कूल सह-शिक्षा वाले हैं। जहां तक गैर-सरकारी संगठनों/ निजी/ राज्य सरकार के स्कूलों के साथ साझेदारी में नए सैनिक स्कूलों का संबंध है, विशेष रूप से लड़कों/ लड़कियों/ सह-शिक्षा के आधार पर स्थापित किए जा रहे स्कूल के संबंध में कोई शर्त नहीं है। लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल स्थापित करने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस संबंध में एक स्कूल- उत्तर प्रदेश में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मथुरा को लड़कियों के सैनिक स्कूल के रूप में स्वीकृत किया गया है।
  • सैनिक स्कूलों के प्रदर्शन को बढ़ाने की पहल: सैनिक स्कूलों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए कैडेटों को शैक्षणिक, शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना है। कैडेटों के बीच नागरिक जिम्मेदारी और नेतृत्व की भावना पैदा करने के लिए सैनिक स्कूलों ने विभिन्न पहल की है। यह इस प्रकार है:
  • सभी सैनिक विद्यालयों में प्रीफेक्टोरियल सिस्टम का पालन किया जाता है, जहां कैडेटों में नेतृत्व गुण विकसित करने के लिए विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं।
  • कैडेटों को सैनिक स्कूलों और दूसरे स्कूलों के बीच आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे नागरिक जिम्मेदारियों के बारे में समझ और नेतृत्व गुण विकसित किए जा सकें।
  • सैनिक स्कूल आउटरीच कार्यक्रम सहित सामाजिक कार्य और सामुदायिक सेवा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कैडेट पौधरोपण अभियान, स्वच्छता अभियान और स्थानीय सामुदायिक संगठनों में स्वयंसेवा जैसी पहलों में भी शामिल होते हैं। इससे समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
  • कैडेटों को विविध वातावरण और स्थितियों से परिचित कराने के लिए शैक्षिक दौरे और यात्राओं की व्यवस्था की जाती है। ये अनुभव खुद को परिस्थिति के हिसाब से ढालने की क्षमता, सांस्कृतिक समझ और समुदाय के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद करते हैं।
  • एनसीसी लड़के और लड़कियों दोनों कैडेटों के लिए अनिवार्य है जो कैडेटों के बीच चरित्र, साहस और अनुशासन के गुणों को विकसित करने में मदद करता है।
  • ऑनलाइन पंजीकरण: साझेदारी मोड में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने की सरकार की पहल के तहत सैनिक स्कूल सोसाइटी ने 27 सितंबर से 25 नवंबर 2023 तक पात्र इच्छुक आवेदक स्कूलों के पंजीकरण के लिए पोर्टल https://sainikschool.ncog.gov.in/ खोल रखा है।

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