विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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विकसित एक नयी मिश्र धातु ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिये वैकल्पिक चुंबकीय रेफ्रिजरेंट के रूप में कार्य कर सकता है

Posted On: 25 JAN 2024 2:24PM by PIB Delhi

शोधकर्ताओं ने एक नयी मिश्र धातु पायी है जो एक प्रभावी चुंबकीय रेफ्रिजरेंट के रूप में कार्य कर सकती है। वह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिये एक वैकल्पिक शीतलन एजेंट हो सकती है और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिये उच्च ऊर्जा दक्षता की वैश्विक मांग को पूरा कर सकती है।

चुंबकीय प्रशीतन आज उपयोग में आने वाली वाष्प-चक्र प्रशीतन तकनीक के विकल्प के रूप में एक ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल शीतलन तकनीक प्रदान करता है। इसलिये घरेलू, औद्योगिक और तकनीकी अनुप्रयोगों के लिये चुंबकीय रेफ्रिजरेटर बनाने के प्रयास जारी हैं।

चुंबकीय शीतलन प्रभाव (एमसीई) को बाहरी लागू चुंबकीय क्षेत्र के अधीन होने पर चुंबकीय सामग्री के प्रतिवर्ती तापमान परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है। चुंबकीय प्रशीतन चक्र में (आसपास गर्मी का कोई आदान-प्रदान नहीं प्रक्रिया) के तहत चुंबकीय सामग्री पर एक चुंबकीय क्षेत्र लागू किया जाता है। प्रारंभ में चुंबकीय क्षण बाहरी चुंबकीय क्षेत्र के साथ संरेखित हो जाते हैं, इसके परिणाम स्वरूप चुंबकीय सामग्री गर्म हो जाती है। यह ऊष्मा सामग्री से वातावरण में स्थानांतरित होती है। विशेष प्रक्रिया विचुंबकीकरण के दौरान चुंबकीय क्षेत्र को जब हटा दिया जाता है, तो सामग्री के चुंबकीय क्षण बेतरतीब हो जाते हैं, इसके परिणाम स्वरूप तापमान परिवेश के तापमान से कम हो जाता है। यह प्रक्रिया सामग्री को आसपास के ताप-स्थानांतरण माध्यम से गर्मी को अवशोषित करने का कारण बनती है।


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चित्र 1. इंटरनेट से चुंबकीय प्रशीतन चक्र का योजनाबद्ध प्रतिनिधित्व
 

वर्तमान शोध रेफ्रिजरेंट जैसी नयी चुंबकीय सामग्री विकसित करने पर केंद्रित है। तीन महत्वपूर्ण मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। सबसे पहले, सामग्री को बिना किसी फटीग और विफलता के लाखों चक्रों तक काम करने में सक्षम होना चाहिये, सामग्री में उच्च तापीय चालकता होनी चाहिये और सामग्री को लगभग 2 टी (टेस्ला) के बाहरी चुंबकीय क्षेत्र पर प्रतिक्रिया करनी चाहिये जो स्थायी चुंबक द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है।
चूंकि अब तक विकसित की गयी अधिकांश सामग्रियां केवल 5 टी तक ऊंचे क्षेत्रों में विशाल मैग्नेटो कैलोरी प्रभाव (जीएमसीई) दिखाती हैं, इसलिये उन सामग्रियों की तलाश करने की तत्काल आवश्यकता है, जिनमें निचले क्षेत्रों में जीएमसीई हासिल किया जाता है।
एक टीम एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान ने अपनी खोज में एक निश्चित प्रकार के मिश्र धातु के साथ प्रयोग किया, जिसे ऑल-ट्रांज़िशन मेटल आधारित हेस्लर मिश्र धातु कहा जाता है।


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चित्र 2. फुल-हेस्लर एनआई (सीओ)- एमएन-टीआई हेस्लर मिश्र धातु की चार एफसीसी लैटिक्स


टीम एस.एन. बोस सेंटर ने एनआई (सीओ)-एमएनप- टीआई हेस्लर प्रणाली को चुना है क्योंकि ऐसी प्रणालियाँ अक्सर अपने आंतरिक डी-डी संकरण के कारण अल्ट्राहाई यांत्रिक स्थिरता के साथ बहुक्रियाशील गुण प्रदर्शित करती हैं।
जर्नल फिजिकल रिव्यू मटेरियल्स में प्रकाशित अपने अध्ययन में उन्होंने 5 टी के लागू चुंबकीय क्षेत्र के तहत थोक Ni35Co15Mn34.5−xCuxTi15.5 (x = 1, 2, और 3) में विशाल प्रतिवर्ती एमसीई और मैग्नेटो प्रतिरोध (एमआर) पाया है। 7 टी. वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि एमएन साइट में सीयू डोपिंग चुंबकीय संक्रमण को संरचनात्मक संक्रमण की ओर खींचती है और इसलिये उनके बीच की दूरी कम हो जाती है। ऐसा इसलिये है क्योंकि सीयू, एनआई-टीआई बांड के धात्विक चरित्र को मजबूत करता है और साथ ही चुंबकीय एमएन-एमएन विनिमय इंटरैक्शन को कमजोर करता है।
Ni35Co15Mn34.5−xCuxTi15.5 (x = 1, 2, और 3) के पॉलीक्रिस्टलाइन नमूने चाप पिघलने की तकनीक से तैयार किये गये थे। संरचनागत समरूपीकरण सुनिश्चित करने के लिये, नमूनों को प्रत्येक तरफ पांच से छह बार फिर से पिघलाया गया। पिघली हुई सिल्लियों को टैंटलम फ़ॉइल से लपेटा गया और एक खाली क्वार्ट्ज ट्यूब में सील कर दिया गया। नमूनों को चार दिनों के लिए 1323 k पर ठंडा किया गया और बर्फ के पानी में बुझाया गया। नमूनों की वास्तविक संरचना को ऊर्जा फैलाने वाले एक्स-रे द्वारा सत्यापित किया गया था।
लेखकों ने तापमान और क्षेत्र-निर्भर चुंबकीयकरण माप से दावा किया कि यह जांचा गया मिश्र धातु विशाल प्रतिवर्ती एमसीई पैरामीटर उत्पन्न करता है।
स्पिन के मौलिक क्रम में परिवर्तन और परिणाम स्वरूप क्रिस्टल और चुंबकीय संरचना के परिणाम स्वरूप विद्युत प्रतिरोध में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ।


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चित्र 3: वर्तमान कार्य के समग्र परिणामों का एक सांख्यिकीय ग्राफ़िक। बायां भाग मैग्नेटोकलोरिक सामग्रियों के विभिन्न घटकों के लिए ΔH = 5 T बनाम पीक टेम्परेचर के लिये मैक्सीमम एन्ट्रापी चेन्ज दिखाता है
 

शोधकर्ताओं का दावा है कि प्रतिवर्ती एमसीई और एमआर का प्राप्त परिमाण ऑल-डी-मेटल हेस्लर घटकों में अब तक का हाइयेस्ट इन्फार्म्ड वैल्यू है। हेस्लर मिश्र धातुओं में रेफ्रिजरेंट क्षमता और एमआर का समवर्ती अवलोकन भी बहुत दुर्लभ है। सही प्रकार की चुंबकीय सामग्री की खोज से एस.एन. में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। बोस सेंटर लैब. क्यू-डोप्ड हेस्लर मिश्र धातुओं की विशाल एमसीई और एमआर के सहक्रियात्मक संयोजन से ठोस स्टेट-बेस्ड तकनीकी अनुप्रयोगों की एक विविध श्रृंखला हो सकती है।
प्रकाशन लिंक: 10.1103/PhysRevMaterials.7.084406


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