सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
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जीपीएस आधारित टोल संग्रह

Posted On: 08 FEB 2024 4:15PM by PIB Delhi

सरकार ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) पर आधारित बाधा रहित फ्री फ्लो टोलिंग जैसी नई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन को लेकर सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया है।

शुरू में फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में प्रायोगिक आधार पर राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ चुने गए सेक्शन पर जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधूरे केवाईसी वाले फास्टैग यूज़र्स को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी 'अपने ग्राहक को जानें' (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करें।

अधूरे केवाईसी वाले फास्टैग को 29.02.24 के बाद बैंकों द्वारा ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पहले तमाम जारीकर्ता बैंकों को निर्देश जारी किए थे कि वे 01.03.23 से पहले सभी फास्टैग यूज़र्स के केवाईसी पूरे कर लें। हालांकि, 100 प्रतिशत अनुपालन हासिल नहीं किया गया था। एनएचएआई की इस हालिया पहल का उद्देश्य फास्टैग प्रणाली को 100 प्रतिशत केवाईसी अनुपालन योग्य बनाना है ताकि सड़क से यात्रा करने वाले टोल प्लाजा पर असुविधा से बच सकें। "एक वाहन एक फास्टैग" के तहत एनएचएआई का लक्ष्य एक ही वाहन पर जारी किए गए कई फास्टैग को निष्क्रिय/ब्लैक लिस्ट करना है।

ऐसे मामले सामने आए हैं जब वाहन को जारी किए गए फास्टैग को बगैर विंडस्क्रीन पर लगाए ही दूसरे वाहन में ले जाया जाता है। इसके चलते यूज़र फीस कट जाती है, जबकि उस वाहन ने टोल प्लाजा पार नहीं किया होता है। एक वाहन एक फास्टैग की पहल के साथ, फास्टैग के ऐसे दुरुपयोग को कम किया जाएगा।

एक वाहन एक फास्टैग पहल का उद्देश्य दक्षता बढ़ाना और इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को मजबूत करना है। इसके उद्देश्य हैं:

  1. ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग में देरी को कम करना
  2. सिस्टम से बड़ी मात्रा में निष्क्रिय/ब्लैक लिस्ट फास्टैग को हटाना
  3. ऐसे फास्टैग के अनधिकृत संचालन की रोकथाम, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर नहीं लगाए जाते हैं
  4. अन्य वाहन के फास्टैग के दुरुपयोग और अन्य धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की संभावना को न्यूनतम करके सिस्टम की समग्र विश्वसनीयता को बढ़ाना
  5. टोलिंग के उद्देश्य से वाहन के लिए विशिष्ट पहचान बनाना।

आरबीआई द्वारा मास्टर डायरेक्शन के जरिए जारी किए गए दिशा-निर्देश - अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निर्देश, 2016 (04 जनवरी, 2024 को अपडेट) आरबीआई/डीबीआर/2015-16/18 मास्टर डायरेक्शन डीबीआर.एएमएल.बीसी.नंबर.81/14.01.001/2015-16 दरअसल फास्टैग ग्राहकों सहित सभी प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) पर लागू हैं।

इन दिशा-निर्देशों के अनुसार जरूरी है कि फास्टैग जैसे तमाम पीपीआई की केवाईसी पूरी तरह से केवाईसी अनुपालन योग्य होनी चाहिए। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक केवाईसी को आवधिक रूप से अपडेट किए जाने की जरूरत होती है। ऊंचे जोखिम वाले ग्राहकों को हर दो साल में कम से कम एक बार, मध्यम जोखिम वाले ग्राहकों को हर आठ साल में एक बार और कम जोखिम वाले ग्राहकों को हर दस साल में एक बार ऐसा करना होता होता है। इसे खाता खोलने की तिथि/अंतिम केवाईसी अपडेट की तिथि से गिना जाता है।

एनएचएआई ने हालिया पहल के जरिए टोल प्लाजा पर सड़क उपयोगकर्ताओं को असुविधा से बचाने के लिए फास्टैग प्रणाली को 100 प्रतिशत केवाईसी अनुपालन योग्य बनाने का लक्ष्य रखा है।

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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