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बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में 69वां और 70वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू हुआ


भारत-बांग्लादेश के बीच सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अंतर्गत  फरवरी 2024 तक बांग्लादेश के 2557 अधिकारियों को एनसीजीजी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया

69वें और 70वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम और भूमि प्रबंधन प्रथाओं का केंद्र बिंदु, सशक्तिकरण, जवाबदेही और सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।

Posted On: 06 FEB 2024 4:12PM by PIB Delhi

विदेश मंत्रालय (एमईए) की साझेदारी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस-एनसीजीजी) द्वारा बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए आयोजित 2 सप्ताह के 69वें और 70वें बैच क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) का उद्घाटन एनसीजीजी परिसर, मसूरी में किया गया। 1,500 सिविल सेवकों के लिए सीबीपी के पहले चरण के पूरा होने के बाद, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी)  ने 2025 तक अतिरिक्त 1,800 सिविल सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसके लिए 940 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग( डिपार्टमेंट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स एंड पब्लिक ग्रिवान्सेस- डीएआरपीजी) के सचिव और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक श्री वी श्रीनिवास ने की। उन्होंने कहा कि  क्षमता निर्माण कार्यक्रम बांग्लादेश सरकार और भारतीय उच्चायोग, ढाका के सहयोग से विकसित किया गया है और  जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर सिविल सेवकों द्वारा भूमि प्रबंधन प्रथाओं, भूमि अधिग्रहण, भूमि अभिलेखों (रिकॉर्ड) के डिजिटलीकरण, भूमि उपयोग योजना और आवश्यक विशेषज्ञता के अन्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है। इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य भारत में शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए लागू किए गए ज्ञान और नवाचारों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है। भाग लेने वाले अधिकारियों को भारत के अमृत काल काल में लागू किए जा रहे अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को समझने के लिए सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए कहा गया।

कार्यक्रम का विवरण  देते हुए, पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा कि एनसीजीजी अन्य बातों के अलावा  देश में की गई विभिन्न पहलों जैसे शासन के बदलते प्रतिमान, सभी के लिए आवास: डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, तटीय क्षेत्र के विशेष संदर्भ में आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक -निजी भागीदारी, स्वामित्व योजना: ग्रामीण भारत के लिए संपत्ति सत्यापन, नेतृत्व, समन्वयन और संवाद , ई-गवर्नेंस और डिजिटल भारत, सरकारी ई मार्केट(जीईएम) : शासन में पारदर्शिता लाना, चक्रीय अर्थव्यवस्था : शासन में पारदर्शिता लाना, प्रधानमन्त्री (पीएम) मुद्रा योजना, भूमि अधिग्रहण, सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, चक्रीय अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकॉनमी) एवं चुनाव प्रबंधन को साझा कर रहा है ।

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में 17 देशों- बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरेट्रिया और कंबोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम की निगरानी पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह, सहयोगी (एसोसिएट) पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. मुकेश भंडारी, कार्यक्रम सहायक श्री संजय दत्त पंत और एनसीजीजी की समर्पित क्षमता-निर्माण टीम द्वारा की जाएगी।

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