कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 'भविष्य में सहयोग के अवसरों पर भारत-जर्मनी संवाद' की मेजबानी की

Posted On: 31 JAN 2024 9:43PM by PIB Delhi

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने जर्मनी के श्रम एवं सामाजिक कार्य मंत्रालय (बीएमएएस) की राज्य सचिव सुश्री लियोनी गेबर्स के नेतृत्व भारत के दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद की मेजबानी की। इस संवाद का उद्देश्य कौशल विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को और व्‍यापक बनाना तथा भारत के कुशल कार्यबल की जर्मनी में कार्य करने के संबंध में मार्ग प्रशस्त करना था।

एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सुश्री त्रिशालजीत सेठी, अपर सचिव, महानिदेशक, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी); सुश्री सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; श्री वेद मणि तिवारी, कार्यवाहक सीईओ, एनएसडीसी; और सुश्री विनीता अग्रवाल, कार्यकारी सदस्य, एनसीवीईटी और अन्य अधिकारी शामिल थे। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल में सुश्री लियोनी गेबर्स की निजी सहायक सुश्री विक्टोरिया होल्म, सुश्री गुनिला फिनके, महानिदेशक, कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण और एक कुशल श्रम बल की सुरक्षा, बीएमएएस; सुश्री कैटरीन हॉलैंडर, इकाई प्रमुख, विदेशी श्रमिकों के रोजगार पर कानून, बीएमएएस; सुश्री वैनेसा मार्गरेट एलिज़ाबेथ आहूजा, लाभ और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की कार्यकारी निदेशक, संघीय रोजगार एजेंसी (बीए); श्री स्टीफ़न सॉटुंग, प्रबंध निदेशक अंतर्राष्ट्रीय मामले, बीए; और श्री स्टीफ़न बरानियाक, लाभ और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यकारी निदेशक के कार्यालय के प्रमुख, बी.ए.शामिल थे।

यह संवाद जर्मनी में कार्यबल की कमी को दूर करने के लिए भारत के कुशल कार्यबल के उपयोग पर केंद्रित था। इस संवाद ने पिछले साल जून में जर्मन बुंडेस्टाग द्वारा स्‍वीकृत किए गए नए आव्रजन कानून के बारे में भी महत्‍वपूर्ण जानकारी पाने में भी सहायता की, जिसको इस साल लागू करने की योजना है। यह नया आव्रजन कानून तीन स्पष्ट मार्गों: योग्यता द्वारा निर्धारित मार्ग, अनुभव द्वारा निर्धारित मार्ग, और कार्यबल की क्षमता द्वारा निर्धारित मार्ग- को निर्दिष्‍ट करता है । इन मार्गों को क्रमशः ईयू ब्लू कार्ड, एक्‍सपीरिएंस कार्ड और ऑपर्च्युनिटी कार्ड के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया है।

नए प्रवासन कानून के निर्माण में बीएमएएस के प्रयासों की सराहना करते हुए, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे सुझाव दिए जो उच्च रोजगार या प्रशिक्षुता क्षमता वाले क्षेत्रों की मैपिंग, योग्यता की पारस्परिक मान्यता, मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) या प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते (एमएमपीए) के लिए कार्यान्वयन ढांचे के निरुपण, जर्मनी के लिए कार्यबल की आवश्यकता पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना, नए युग की नौकरी भूमिकाओं में महिलाओं के लिए सहयोगी परियोजनाओं और उद्यमियों के लिए परामर्श सहायता आदि के माध्यम से जर्मनी में कुशल भारतीय कार्यबल की गतिशीलता के तंत्र को और सुदृढ़ बढ़ाएंगे।

इस अवसर पर श्री अतुल कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में परस्‍पर सम्मान और मजबूत सांस्कृतिक संबंधों द्वारा चिह्नित भारत-जर्मनी साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया, जो नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्रों में समृद्ध सहयोग के साथ प्रभावशाली रणनीतिक के रूप में साझेदारी में विकसित हुई है। उन्होंने बताया कि वे किस प्रकार भारतीय उम्मीदवारों को वैश्विक गतिशीलता के लिए सक्रिय रूप से तैयार कर रहे हैं और जर्मनी मंत्रालय के लिए फोकस देश है। उन्होंने कहा कि जर्मन प्रतिनिधिमंडल के साथ यह संवाद नए मार्ग प्रशस्‍त करेगा और साझेदारी को मजबूती प्रदान करेगा ।

दोनों देश भारत-जर्मन संयुक्त कार्य समूह की बैठकों के माध्यम से सहयोगपूर्ण रूप से काम कर रहे हैं और आज का संवाद भविष्य की सहभागिता के लिए एक मजबूत आधार और कार्य बिंदु प्रदान करेगा जिसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

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