पंचायती राज मंत्रालय
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पंचायती राज मंत्रालय में सचिव, श्री विवेक भारद्वाज कल गोवा में पंचायतों को हस्तांतरण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे


यह कार्यशाला मंत्रालय के सहयोग से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा आयोजित की जा रही है

आईआईपीए द्वारा तैयार की गई पंचायतों के नवीनतम हस्तांतरण पर ड्राफ्ट अध्ययन रिपोर्ट पर विभिन्न हितधारकों द्वारा विस्तार से चर्चा की जाएगी

अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर पंचायतों को हस्तांतरण पर राज्यों की रैंकिंग बनाई जाएगी

Posted On: 23 JAN 2024 7:02PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री विवेक भारद्वाज कल गोवा में 'पंचायतों को हस्तांतरण की स्थिति' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यशाला 24-25 जनवरी, 2024 को पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सहयोग से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा नियुक्त और आईआईपीए द्वारा संचालित 'पंचायतों को हस्तांतरण की स्थिति' अध्ययन पर मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा।

कार्यशाला में राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के पंचायती राज विभागों के अतिरिक्‍त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, नीति आयोग, आरबीआई, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ अनुसंधान संकाय और आईआईपीए के अधिकारी भाग लेंगे। कार्यशाला आईआईपीए द्वारा तैयार मसौदा रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा में मदद करेगी और प्रतिभागियों की टिप्पणियों और सुझावों से विभिन्न राज्यों में पंचायतों को शक्तियों के हस्तांतरण की तुलनात्मक स्थिति पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलेगी, जिसके आधार पर राज्यों के मध्य रैंकिंग दी जा सकेगी।

अध्ययन के लिए आईआईपीए को दिए गए संदर्भ की शर्तों के आधार पर, संस्थान ने राज्य सरकारों, महालेखा परीक्षक कार्यालयों, राज्य वित्त आयोगों, आरबीआई और कैग, पंचायती राज मंत्रालय और नीति आयोग के अध्ययन की रिपोर्टों से एकत्र और सत्यापित डेटा के प्राथमिक और द्वितीयक दोनों स्रोतों का उपयोग करके अध्ययन करने के लिए 26 संकेतकों की पहचान की। ये 26 संकेतक पंचायतों को हस्तांतरण के स्तंभों यानी कार्यों, वित्त, पदाधिकारियों (3एफ) को दर्शाते हैं। दो और आयाम अर्थात्, पंचायतों की क्षमता निर्माण और जवाबदेही को जोड़ा गया है क्योंकि पंचायतों को राज्यों से शक्ति का हस्तांतरण को लेने और साथ ही उस क्षेत्र के निवासियों के प्रति जवाबदेह रहने में सक्षम बनाने की आवश्यकता है। प्रयास यह आकलन करना है कि पंचायतें स्वतंत्र निर्णय लेने और उन्हें लागू करने में कितनी 'स्वतंत्र' हैं।

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एमजी/एआर/पीएस/एसएस  


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