विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई और केएएमपीः अपने वैज्ञानिक भ्रमण के साथ 100 से अधिक छात्रों में भविष्य का दिमाग तैयार कर रहे

Posted On: 18 JAN 2024 5:17PM by PIB Delhi

दिल्ली वर्ल्‍ड पब्लिक स्कूल, राजकोट, गुजरात और नारायण ई टेक्नो स्कूल, मुंबई ने 100 से अधिक छात्रों के साथ ज्ञान और जागरूकता मानचित्रण मंच (केएएमपी) ने 17 जनवरी 2024 को सीएसआईआर- केन्द्रीय नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान (सीएसएमसीआरआई), भावनगर, गुजरात में एक वैज्ञानिक भ्रमण का आयोजन किया।

इस भ्रमण ने छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की दुनिया को गहराई से देखने समझने का एक अनूठा अवसर उपलब्ध कराया है। भ्रमण का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक अन्वेषण और खोज के लिये जिज्ञासा पैदा करना है।

सबसे पहले छात्रों को डॉ. डूंगर आर. चैधरी (सीएसआईआर- सीएसएमसीआरआई, भावनगर के प्रधान वैज्ञानिक और सीएसआईआर- जिज्ञासा समन्वयक) ने सीएसआईआर- सीएसएमसीआरआई, भावनगर के बारे में जानकारी दी। उसके बाद सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई के अनुभवी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने प्रयोगशालाओं के संवादात्मक दौरे और विभिन्न रूचिकर व्याख्यानों के माध्यम से छात्रों को वैज्ञानिक गतिविधियों के बारे में प्रेरित किया। इस दौरान छात्रों को सीएसआईआर- सीएसएमसीआरआई के विभिन्न वैज्ञानिकों जैसे कि डॉ. गोपाल आर. भादू, डॉ. अंशुल यादव, श्री ऋषिकेश चोरमारे, डॉ. भूपेन्द्र कुमार मरकम से बातचीत करने और सीखने का अवसर प्राप्त हुआ।

प्रयोगशालाओं में छात्रों को कार्बन हाइड्रोजन नाइट्रोजन सल्फर (सीएचएनएस), आयन क्रोमाटोग्राफी, इंडक्टिव कपल्ड प्लाज्मा, एक्स-रे फ्लोरोसेंस, थर्मोग्रेमेट्रिक विश्लेषण, डिफ्रेंशियल स्कैनिंग कलर मेट्रिक, कणों के आकार की माप, कच्चा तेल निकालने, नमक और समुद्री क्षेत्र से जुड़ी कई अन्य चीजों के बारे में प्रायोगिक तरीके से जानने और सीखने को मिला।

भ्रमण सत्र के अंत में केएएमपी के आउटरीच समन्वयक श्री अनिकेत अरोड़ा ने सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई के निदेशक डॉ. कन्नन श्रीनिवासन और सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई, भावनगर के प्रधान वैज्ञानिक और सीएसआईआर- जिज्ञासा समन्वयक डॉ. डूंगर आर चैधरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रमों के महत्व का भी उल्लेख किया और बताया कि किस प्रकार ज्ञान और जागरूकता मानचित्रण मंच (केएएमपी) यह मानता है कि इस प्रकार की प्रायोगिक पढ़ाई ही छात्रों में देश में होने वाले विज्ञान और अन्य घटनाक्रमों के प्रति गहरी रूचि और समझ पैदा करने की कुंजी है। इसके अलावा उन्होंने छात्रों को आगामी गतिविधियों जैसे कि ज्ञान साझा करने के आनलाइन सत्र, छात्रों के लिये वैज्ञानिक भ्रमण और साथ ही अध्यापकों के सतत् पेशेवर विकास के लिये भारत की विभिन्न प्रतिष्ठित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं/शोध संगठनों में वास्तविक दुनिया जैसी स्थितियों में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों को लेकर अन्वेषण, खोज और उन्हें जानने-समझने के बारे में जानकारी दी।

सीएसआईआर- सीएसएमसीआरआई के बारे मेंः

वैज्ञानिक एवं औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) - केन्द्रीय नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान (सीएसएमसीआरआई) एक प्रमुख शोध संस्थान है जो कि समुद्री संसाधन शोध में विशेषज्ञता रखता है और यह नमक और समुद्री रसायन, झिल्ली आधारित विलवणीकरण, समुद्री कार्बनिक रसायनों के लिये उत्प्रेरक, विशेष अकार्बनिक सामग्री, नवीकरणीय उर्जा और अपशिष्ट से समृद्धि प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देता है। संस्थान समुद्री शैवाल, सूक्ष्म शैवाल और हेलोफायटस पर जोर देते हुये पादप सूक्ष्तम जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी कार्य करता है। स्थायी नवाचारों के जरिये उनके शोध कार्यों का खारे अपशिष्ट प्रबंधन, प्र्यावरण प्रभाव आकलन और मानव संसाधन विकास तक विस्तार है जो कि चक्रिय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण में योगदान करता है।

ज्ञान और जागरूकता मानचित्रण मंच (केएएमपी) के बारे मेंः

ज्ञान और जागरूकता मानचित्रण मंच (केएएमपी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) और औद्योगिक भागीदार मैसर्स न्यास कम्युनिकेशंस प्रा. लि. (एनसीपीएल) की एक पहल और ज्ञान गठबंधन है। यह रचनात्मकता, सार्थक अध्ययन, गहन पढ़ाई और सोच-विचार कौशल को विकसित करने और छात्रों की अंतर्निहित क्षमता को सामने लाने का काम करता है।

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