उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
निर्माण में सुरक्षा, पहुंच और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय मानक ब्यूरो ने 'मानकीकृत विकास और भवन विनियम, 2023' जारी किए
ये विनियम भारत की राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 (एनबीसी 2016) के अनुरूप हैं, जो वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरणा लेते
Posted On:
16 JAN 2024 1:08PM by PIB Delhi
भारतीय मानक ब्यूरो ने विशेष प्रकाशन एसपी 73 : 2023 में समाहित 'मानकीकृत विकास और भवन विनियम, 2023' जारी किए हैं। विशेष प्रकाशन भारत के निर्माण माहौल में क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 (एनबीसी 2016) के अनुरूप और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से प्रेरणा लेते हुए, इन विनियमों ने निर्माण में सुरक्षा, पहुंच और स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक व्यापक रूपरेखा तैयार की है। दस्तावेज़ एकरूपता के प्रतीक के रूप में उभरता है। इन्हें राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों के विकास और भवन नियमों की संरचना और विवरण को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों की विशिष्ट आवश्यकताओं को समायोजित करते हुए देशभर में भवन नियामक प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इन मानकीकृत विनियमों की उत्पत्ति एक सावधानीपूर्वक परियोजना में निहित है जिसका उद्देश्य देश भर में एनबीसी 2016 को अपनाने के बारे में बढ़ावा देना है। इस पहल में पूरे देश में मौजूदा नियमों और विनियमों का एक विस्तृत अध्ययन शामिल होने के साथ-साथ ही भूमि और भवन विकास को नियंत्रित करने वाली अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करना भी शामिल रहा है। देश भर में आयोजित कार्यशालाओं और चर्चाओं से इनपुट और फीडबैक एकत्र किया गया है और सभी को अंतिम दस्तावेज़ में सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है।
जो बात इस दस्तावेज़ को विशिष्ट बनाती है वह इसका उपयोगकर्ता-अनुकूल दृष्टिकोण है। स्पष्टता के लिए सरल भाषा में तैयार किए गए ये विनियम अस्पष्टता को खत्म करते हैं और सहज रूप से अपनाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं। विभिन्न रूपों और जाँच सूचियों द्वारा पूरक व्यापक सामग्री, आसानी से समझने की सुविधा प्रदान करती है। चित्र और फ़्लोचार्ट सहित दृश्य सामग्री, समझ को बढ़ावा देती है, जबकि व्याख्यात्मक नोट्स प्रमुख पहलुओं पर ज़ोर देते हैं। मानकीकृत क्रमांकन इसके विभिन्न भाषाओं में अनुवाद को आसान बनाते है।
इसके अलावा, इस दस्तावेज़ की दूरदर्शी प्रकृति नए युग के विचारों और अवधारणाओं के समावेश से स्पष्ट है। ईवी चार्जिंग स्टेशन, पवन बिजली जनरेटर, हस्तांतरणीय विकास अधिकार, पारगमन उन्मुख विकास, उच्च सुरक्षा क्षेत्र, सेवानिवृत्ति गृह जैसे तत्वों का समाधान करते हुए ये विनियम नवाचार को प्रोत्साहन देते हैं।
दस्तावेज़ से लाभान्वित होने वाले प्रमुख हितधारक :
इस दस्तावेज़ के प्रमुख लाभार्थी निम्नलिखित हैं:
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और इसके अंतर्गत टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑर्गनाइजेशन (टीसीपीओ);
- राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें;
- स्थानीय निकाय, शहरी और ग्रामीण दोनों;
- विकास प्राधिकरण (डीए);
- छावनी बोर्ड और बंदरगाह ट्रस्ट;
- जिला और ग्राम पंचायतें; और
- निर्मित पर्यावरण के विकास में शामिल अन्य संगठन।
सभी के लिए सुलभ
यह सुनिश्चित करने के लिए कि दस्तावेज़ को समझना, अपनाना/अनुकूलित करना, लागू करना और अनुपालन करना आसान है, इसका मसौदा तैयार करते समय कई उपाय किए गए हैं, जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं :
- अध्यायों और संपूर्ण दस्तावेज़ की संरचना अधिकांश भाग के लिए विकास प्रक्रिया के क्रम में की गई है। यह दस्तावेज़ को एक ठोस सतत आकार प्रदान करता है।
- प्रत्येक अध्याय की शुरुआत में उपयोगकर्ताओं को प्रमुख विशेषताओं के रूप में सामग्री के बारे में जानकारी देने के लिए व्याख्यात्मक नोट्स की रूपरेखा तैयार की गई है।
- दस्तावेज़ के माध्यम से आसान नेविगेशन और विनियमों की आसान पहचान को सक्षम बनाने के लिए, मद, खंड, उप-खंड, तालिकाएं, आंकड़े, अनुलग्नक इत्यादि को मानकीकृत तरीके से विधिवत क्रमांकित किया गया है।
- विनियमों की व्याख्या को दृष्टिगत रूप से बढ़ाने के लिए, जहां भी आवश्यक हो, आंकड़ों और फ़्लोचार्ट का समर्थन किया गया है।
- नियमों को इस तरह से लिखा गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कई व्याख्याओं के लिए कोई जगह नहीं है, और नियमों को इस तरह से तैयार करने का प्रयास किया गया है जोकि यह स्पष्ट हो।
- जहां भी किसी खंड की व्याख्या में अस्पष्टता उत्पन्न होने या नियम के अपवाद होने की संभावना है, उसे स्पष्ट करने के लिए नोट्स शामिल किए गए हैं।
- कार्यान्वयन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा, स्थिरता और पहुंच से संबंधित एनबीसी 2016 के प्रमुख प्रावधानों को विशेष रूप से शामिल किया गया है।
- उपलब्ध दिशानिर्देशों और विनियमों पर विचार करते हुए भूमि विकास और भवन निर्माण के क्षेत्र में नवीनतम विकास और प्रगति के बारे में भी ध्यान दिया गया है।
यह दस्तावेज़ एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है जहां नियामक निकाय अधिक पारदर्शी और कुशलता से काम करते हैं, जिससे पंजीकृत भवन पेशेवरों से प्रदान की जाने वाली सेवाओं तक आसान पहुंच स्थापित की सुविधा मिलती है। यह दस्तावेज़ उन तरीकों का प्रस्ताव करता है जिसमें नियामक निकाय कुशल सेवा वितरण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, सत्यापन योग्य डेटा एकत्र करने के लिए सामान्य नियमों और विनियमों का उपयोग कर सकते हैं। निर्माण उद्योग के लिए एक प्रगतिशील खाका के रूप में, ये नियम व्यापार करने में आसानी पर सकारात्मक प्रभाव डालने, भारत में एक लचीले और टिकाऊ निर्मित वातावरण के लिए आधार तैयार करने की आशा करते हैं।
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(Release ID: 1996606)
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