वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम पर संयुक्त वक्तव्य

Posted On: 12 JAN 2024 9:31PM by PIB Delhi

भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम (टीपीएफ) की 14वीं मंत्री-स्तरीय बैठक 12 जनवरी, 2024 को नयी दिल्ली में हुयी। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि, राजदूत कैथरीन ताई ने टीपीएफ बैठक की सह-अध्यक्षता की।
2. मंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने और समग्र आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में टीपीएफ के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में मजबूत गति का स्वागत किया, जिसमें चुनौतीपूर्ण वैश्विक व्यापार माहौल के बावजूद वृद्धि जारी रही और साल 2023 में व्यापार 200 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी अर्थव्यवस्थाओं के आकार को देखते हुये पूरी क्षमता से अभी व्यापार होना शेष है। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विविधता लाने के लक्ष्य को लेकर अपनी-अपनी मंशा जाहिर की। इस संबंध में, मंत्रियों ने मजबूत आर्थिक संबंध बनाने में टीपीएफ के महत्व को रेखांकित किया।
3. मंत्रियों ने जनवरी 2023 में आयोजित 13वें टीपीएफ की बैठक के बाद से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रभावित करने वाली चिंताओं को दूर करने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर बातचीत की। इसे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में लंबे समय से चले आ रहे सात व्यापारिक विवादों के ऐतिहासिक समाधान से प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया था। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के लिये महत्वपूर्ण उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच पर सहमति बनी। ये निष्कर्ष जून 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा और उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिये भारत यात्रा के संदर्भ में प्रस्तुत किये गये।
4. मंत्री इस बात पर सहमत हुये कि उनकी सरकारें कामकाजी लोगों के हितों के लिये व्यापार संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से कई क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभप्रद परिणामों के लिये बढ़ती भागीदारी को आगे बढ़ायेंगी। उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों, सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा, आपूर्ति श्रृंखला और उच्च तकनीकी उत्पादों में व्यापार सहित कुछ क्षेत्रों की पहचान की, जिसमें अमेरिका और भारत आर्थिक रूप से सार्थक परिणाम प्राप्त करने के लिये सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी रोडमैप बनायेंगे। मंत्रियों ने भविष्य की संयुक्त पहल शुरू करने के लिये फाउंडेशन स्थापित करने के उद्देश्य से इन प्रयासों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी।
5. राजदूत ताई ने जी20 प्रेसीडेंसी और जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और मेजबानी के लिये भारत को बधाई दी। इसमें जी20 न्यू देहली लीडर्स डिक्लयेरेशन को सर्वसम्मति से अपनाया गया। उन्होंने जी20 व्यापार और निवेश कार्य समूह में प्राप्त सकारात्मक परिणामों और विशेष रूप से व्यापार दस्तावेजों के डिजिटलीकरण पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों को अपनाने का स्वागत किया। वे अन्य मंचों पर इन सिद्धांतों के कार्यान्वयन के लिये समर्थन को आगे बढ़ाने पर सहमत हुये जिससे व्यापार दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को मजबूत किया जा सके। मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि जी20 रचनात्मक बातचीत शुरू करने और वैश्विक व्यापार मुद्दों पर सदस्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक मूल्यवान मंच है और इस संबंध में मिलकर काम करने पर सहमत हुये।
6. मंत्रियों ने नियमित उच्च स्तरीय बैठकों के माध्यम से 13वीं टीपीएफ मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद से टीपीएफ कार्य समूहों की ओर से किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शेष व्यापार मुद्दों को हल करने के लिये मिलकर काम करना जारी रखने का इरादा जाहिर किया और चुनिंदा मुद्दों पर प्रगति पर चर्चा की।
7. मंत्री एक व्यवस्था बनाने पर सहमत हुये, जिसमें भारत और अमेरिका द्विपक्षीय आधार पर इंटरनेशनल लैबोरेटरी एक्रीडिटेशन कोआपरेशन (आईएलएसी) और इंटरनेशनल एक्रीडिटेशन फोरम (आईएएफ) पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) का उपयोग करके मान्यता प्राप्त अनुरूपता मूल्यांकन निकायों के परिणामों की पारस्परिक रूप से पहचान की जायेगी। यह प्रयोगशालाओं और अनुरूपता मूल्यांकन निकायों को यह प्रमाणित करने की अनुमति देगा कि उत्पाद कुछ मानकों के अनुरूप हैं। इससे डुप्लिकेट परीक्षण आवश्यकताओं को समाप्त कर दिया जायेगा और उच्च गुणवत्ता वाले सामानों के व्यापार के लिये अनुपालन लागत कम हो जायेगी। मंत्रियों ने कार्यान्वयन के लिये पारस्परिक हित के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उसके लिये एक संयुक्त सुविधा तंत्र (जेएफएम) स्थापित करने की प्रतिबद्धता जतायी, जिसके संदर्भ की शर्तों को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जायेगा।
8. मंत्रियों ने नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के तकनीकी सहयोग से विकसित टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (टीईडी) डिजाइन को अंतिम रूप दिये जाने का स्वागत किया। टीईडी प्रदर्शनों में तेजी लाने के लिये भारत और अमेरिका के बीच सहयोग इस बात की पुष्टि करेगा कि टीईडी डिज़ाइन समुद्री कछुओं की आबादी पर वाणिज्यिक झींगा ट्रॉल संचालन के प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम करता है। मंत्रियों ने स्वीकार किया कि एनओएए ने नये डिजाइन की गयी टीईडी के साथ क्षेत्रीय प्रदर्शन करने और हितधारकों के लिये कार्यशालाये आयोजित करने के लिये फरवरी 2024 में भारत की अपनी यात्रा निर्धारित की है। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि क्षेत्र प्रदर्शनों के समय पर पूरा होने से समुद्री और तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्थायी प्रबंधन और संरक्षण में योगदान मिल सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच समुद्री खाद्य व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
9. मंत्रियों ने यह सुनिश्चित करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी कि तकनीकी नियम, जैसे क्वालिटी कंट्रोल आर्डर, हितधारक परामर्श के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करके व्यापार में अनावश्यक बाधायें पैदा नहीं करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रासंगिक घरेलू मानक यथासंभव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों।
10. मंत्रियों ने सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य चर्चा को आगे बढ़ाने में अपने पारस्परिक हित पर जोर दिया। भारत ने व्यापार को सुविधाजनक बनाने और बैकलॉग को कम करने के लिये भारत में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएस एफडीए) की ओर से निरीक्षणों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। अमेरिका ने भारत की इस बात की सराहना की कि यह देखते हुये कि यूएस एफडीए ने एजेंसी की ओर से किये जाने वाले फार्मास्युटिकल निरीक्षण को बढ़ाने के लिये कर्मचारियों में बढ़ोतरी की है।
11. मंत्रियों ने ट्रेड मार्जिन रेशनलाइजेशन (टीएमआर) दृष्टिकोण सहित किफायती चिकित्सा उपकरणों तक मरीजों की पहुंच सुनिश्चित करने से संबंधित चल रही बातचीत पर पर सहमति जतायी। उन्होंने उन उपायों को लागू करने के लिये सहभागिता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया, जो इस क्षेत्र में चल रहे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कार्डियक स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण सहित चिकित्सा उपकरणों के लिए मानक और मूल्य निर्धारण के मुद्दे। मंत्रियों ने कहा कि इससे मरीजों के लिये अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी तक पहुंच आसान हो जायेगी। मंत्रियों ने वैश्विक फार्मास्युटिकल आपूर्ति श्रृंखला के भीतर सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयवों में अत्यधिक निर्भरता और विविधता की कमी से संबंधित चिंताओं को साझा किया और प्रमुख प्रारंभिक सामग्रियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ जोखिम को कम करने और विविधता लाने के लिये सहयोग करने के अवसर का स्वागत किया।
12. राजदूत ताई ने कंप्यूटर, टैबलेट और सर्वर के लिये भारत की नयी आयात आवश्यकताओं का मुद्दा उठाया। श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं सहित भारत के उद्देश्यों का जिक्र किया और राजदूत ताई ने इस क्षेत्र में साझा उद्देश्य पर भारत के साथ सहयोग करने की इच्छा जाहिर की। भारत ने अमेरिका और अन्य इच्छुक हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत जारी रखने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने इस बात का स्वागत किया कि भारत ने निर्दिष्ट आईटी हार्डवेयर के लिये आयात प्रबंधन प्रणालीको सुविधाजनक तरीके से लागू किया है, जिसने अब तक व्यापार पर प्रभाव को कम कर दिया है और भारत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वर्तमान में एंड-टू-एंड ऑनलाइन प्रणाली संचालन और संबंधित नीतियां आगे बढ़ने वाले व्यापार को प्रतिबंधित न करें।
13. श्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी सामान्य वरीयता प्रणाली कार्यक्रम के तहत अपनी लाभार्थी स्थिति की बहाली में भारत की दिलचस्पी को फिर जाहिर किया। राजदूत ताई ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड के संबंध में इस पर विचार किया जा सकता है।
14. अमेरिका ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलावट के भारत के लक्ष्य के 2030 से पहले ही 2025 तक पहुंचने के निर्णय और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के साथ-साथ भारत-अमेरिका बायोफ्यूल टास्क फोर्स की शुरुआत के लिये भारत के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने उन तरीकों का पता लगाने की पेशकश की जिससे अमेरिका ईंधन मिश्रण के लिये भारत में इथेनॉल आपूर्ति का पूरक कर सकता है। भारत ने इस संबंध में सहयोग के लिये अमेरिका के अनुरोध को नोट किया।
15. मंत्रियों ने टीपीएफ आईपी वर्किंग ग्रुप में बौद्धिक संपदा (आईपी) पर चल रही सकारात्मक भागीदारी की सराहना की और आईपी-सघन उद्योगों में नवाचार, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में आईपी के संरक्षण और प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। अमेरिका ने अपने आईपी कार्यालयों में पेटेंट प्रणाली और पंजीकरण प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने के भारत के प्रयासों का स्वागत किया, विशेष रूप से पेटेंट नियमों में हाल ही में प्रस्तावित संशोधनों के माध्यम से जिसका उद्देश्य अनुपालन आवश्यकताओं को सुव्यवस्थित करना और पेटेंट दाखिल करने और देने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। कार्य समूह ने भौगोलिक संकेतों और ट्रेड सीक्रेट की सुरक्षा सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन कॉपीराइट संधि और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन प्रदर्शन और फोनोग्राम संधि के अनुपालन के लिये एक-दूसरे की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। अमेरिका और भारत दोनों पक्षों से संबंधित आईपी मामलों पर बातचीत जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
16. मंत्रियों ने दोनों पक्षों के हित के कुछ कृषि उत्पादों के लिये बाजार पहुंच को शीघ्र अंतिम रूप देने के वास्ते लंबित कार्य को पूरा करने की बात स्वीकार की। उन्होंने 2024 में खाद्य और कृषि व्यापार मुद्दों पर चल रही बातचीत को बढ़ाने और कृषि कार्य समूहों के साथ-साथ प्रासंगिक उप-समूहों के माध्यम से विज्ञान और जोखिम-आधारित सिद्धांतों का उपयोग करके बकाया मुद्दों को संबोधित करने के लिये काम करना जारी रखने में अपनी रुचि जाहिर की। मंत्रियों ने अल्फाल्फा घास सहित पशु चारा उत्पादों के आयात के संबंध में आवश्यक नियमों पर सहभागिता और सूचना के आदान-प्रदान का स्वागत किया।
17. मंत्रियों ने व्यापार नीति फोरम के तहत सेवा कार्य समूह की रचनात्मक भागीदारी को स्वीकार किया। मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल व्यापार और सेवाओं पर द्विपक्षीय सहयोग को उनकी गतिशील अर्थव्यवस्थाओं के विकास का समर्थन करना चाहिये, साथ ही साझा चुनौतियों का समाधान करना चाहिय और श्रमिकों और छोटे व्यवसायों के लिये ठोस लाभ प्रदान करना चाहिये।
18. मंत्रियों ने सोशल सेक्यूरिटी टोटलाइजेशन एग्रीमेंट और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारत से अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने पर चल रही बातचीत को स्वीकार किया। उन्होंने भविष्य के समझौते के लिये मजबूत आधार स्थापित करने के लिये आगे की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया।
19. मंत्रियों ने आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये डिजिटल व्यापार की क्षमता पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मंत्रियों ने भारत के नये डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (डीपीडीपीए) पर चर्चा की। राजदूत ताई ने भारत के व्यापक विचार-विमर्श की सराहना की और कहा कि कनेक्टिविटी को सक्षम करते हुये डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सुरक्षा बढ़ाने का भारत का दृष्टिकोण द्विपक्षीय डिजिटल व्यापार के और विस्तार में सहायता करेगा। दोनों मंत्रियों ने बातचीत जारी रखने की इच्छा व्यक्त की क्योंकि भारत ने डीपीडीपीए को लागू करने के लिये नियमों का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है।
20. मंत्रियों ने टेलीमेडिसिन सेवाओं पर चर्चा को स्वीकार किया और इस क्षेत्र में भविष्य के सहयोग के लिये एक सक्षम रूपरेखा बनाने के लिये दोनों पक्षों के हितधारकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया।
21. राजदूत ताई ने डायरेक्ट सेलिंग नियमों में सकारात्मक संशोधनों का स्वागत किया और इस मुद्दे पर भारत की निरंतर भागीदारी की सराहना की।
22. श्री पीयूष गोयल ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को और विकसित करने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला। दोनों पक्षों ने खुली और समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं को सक्षम करने के लिये डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) दृष्टिकोण की क्षमता को पहचाना। मंत्रियों ने यह सुनिश्चित करने के लिये आगे सहयोग करने में रुचि व्यक्त की कि डीपीआई का उपयोग ऐसे तरीके से किया जाये जो प्रतिस्पर्धी बाजारों को सुनिश्चित करे और समावेशी विकास को बढ़ावा दे और इसमें गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिये उचित सुरक्षा उपाय शामिल हों।
23. मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को उत्प्रेरित करने में पेशेवर सेवाओं की भूमिका को स्वीकार किया और कहा कि पेशेवर योग्यता और अनुभव की मान्यता से संबंधित मुद्दे सेवा व्यापार को सुविधाजनक बना सकते हैं। इस संदर्भ में, दोनों पक्ष इन क्षेत्रों में जुड़ाव को बढ़ावा देने पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हुये।
24. मंत्रियों ने कहा कि देशों के बीच पेशेवर और कुशल श्रमिकों, विद्यार्थियों, निवेशकों और व्यापारिक आगंतुकों की आवाजाही द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने में काफी योगदान देती है। श्री गोयल ने वीज़ा बनाने की अवधि के कारण भारत से व्यापार आगंतुकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और अमेरिका से प्रसंस्करण बढ़ाने का अनुरोध किया।
25. मंत्रियों ने सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा के संबंध में सर्वोत्तम प्रथाओं के उपयोग पर निरंतर प्रतिबद्धता का स्वागत किया, जिसमें विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सुविधा समझौते से संबंधित मुद्दों पर निरंतर सहयोग और व्यापार सुविधा उपायों के डिजिटलीकरण पर प्रावधानों को अपनाना शामिल है।
26. मंत्रियों ने उन नीतियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी जो पारदर्शी नियामक प्रथाओं को सुनिश्चित करती हैं, जिसमें नियमों और नियामक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी तक ऑनलाइन पहुंच और सार्वजनिक परामर्श के लिये पर्याप्त समय शामिल है।
27. श्री पीयूष गोयल ने अमेरिका द्वारा व्यापार समझौता अधिनियम द्वारा नामित देश के रूप में मान्यता प्राप्त करने में भारत की रुचि से अवगत कराया। मंत्रियों ने 2023 में द्विपक्षीय सरकारी खरीद से संबंधित मुद्दों, जैसे पारदर्शिता और प्रक्रियात्मक निष्पक्षता पर चर्चा की शुरुआत पर प्रकाश डाला और अपने अधिकारियों के बीच आगे की तकनीकी भागीदारी की योजनाओं का स्वागत किया।
28. मंत्रियों ने लचीले और टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में जबरन श्रम को खत्म करने के महत्व को पहचाना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाल और मजबूर श्रम से संबंधित मुद्दों पर मिलकर काम करने के लिये प्रतिबद्धता जताई।
29. मंत्रियों ने द्विपक्षीय डब्ल्यूटीओ विवादों को हल करते समय दोनों पक्षों द्वारा प्रदर्शित सहयोग की सकारात्मक भावना की सराहना की और उस भावना पर जोर दिया कि टीपीएफ द्विपक्षीय आर्थिक को मजबूत करने के उद्देश्य से सभी उत्कृष्ट व्यापार मुद्दों पर चर्चा करने के लिये प्रमुख मंच के रूप में कार्य करना जारी रखेगा।
30. मंत्रियों ने पांच टीपीएफ कार्य समूहों को व्यक्तिगत रूप से या वस्तुतः त्रैमासिक रूप से फिर से बुलाने और विशिष्ट व्यापार परिणामों की पहचान करने का निर्देश देकर बैठक का समापन किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यापारिक संबंध अपने सकारात्मक रूप से जारी रहे। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को 2024 के मध्य तक व्यक्तिगत रूप से इंटर-सेशनल टीपीएफ बैठक आयोजित करने और 2024 के अंत से पहले मंत्री स्तर पर टीपीएफ को फिर से आयोजित करने की योजना बनाने का भी निर्देश दिया।

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