सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

'वर्षांत समीक्षा-2023' : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'पीएम विश्वकर्मा' योजना का शुभारंभ किया-इसका उद्देश्य कारीगरों व शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना है

जनवरी से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान 88.89 लाख पंजीकरण के साथ उदयम पंजीकरण 1.31 करोड़ (31 दिसंबर, 2022 तक) से अधिक हो गया है, कुल पंजीकरण की संख्या 2.19 करोड़

मंत्रालय ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोग से अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को औपचारिक दायरे में लाने के लिए एक पोर्टल उद्यम असिस्ट प्लैटफॉर्म (यूएपी) शुरु किया, 31 दिसंबर, 2023 तक, लगभग 1.11 करोड़ अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) उद्यम असिस्ट प्लैटफॉर्म (यूएपी) पर शामिल हो चुके हैं

'चंद्रयान-3' और 'आदित्य एल1' मिशन में मंत्रालय के प्रौद्योगिकी केंद्रों ने अपना योगदान दिया

चैंपियंस पोर्टल पर 76,205 शिकायतें प्राप्त हुईं, इनमें से पोर्टल पर 75,815 (99.48%) का उत्तर दिया गया

Posted On: 03 JAN 2024 6:10PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'पीएम विश्वकर्मा' योजना का शुभारंभ किया-इसका उद्देश्य कारीगरों शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना है

जनवरी से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान 88.89 लाख पंजीकरण के साथ उदयम पंजीकरण 1.31 करोड़ (31 दिसंबर, 2022 तक) से अधिक हो गया है, कुल पंजीकरण की संख्या 2.19 करोड़

मंत्रालय ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोग से अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को औपचारिक दायरे में लाने के लिए एक पोर्टल उद्यम असिस्ट प्लैटफॉर्म (यूएपी) शुरु किया, 31 दिसंबर, 2023 तक, लगभग 1.11 करोड़ अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) उद्यम असिस्ट प्लैटफॉर्म (यूएपी) पर शामिल हो चुके हैं

'चंद्रयान-3' और 'आदित्य एल1' मिशन में मंत्रालय के प्रौद्योगिकी केंद्रों ने अपना योगदान दिया

चैंपियंस पोर्टल पर 76,205 शिकायतें प्राप्त हुईं, इनमें से पोर्टल पर 75,815 (99.48%) का उत्तर दिया गया

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र छह करोड़ से अधिक उद्यमों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के अत्यधिक जीवंत गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है। यह उद्यमिता को बढ़ावा देता है और कृषि क्षेत्र के बाद तुलनात्मक रूप से कम पूंजी लागत पर सबसे अधिक स्वरोजगार के अवसर पैदा करने वाला क्षेत्र है। एमएसएमई मंत्रालय ऋण सहायता, तकनीकी सहायता, अवसंरचना विकास, कौशल विकास और प्रशिक्षण, प्रतिस्पर्धात्मकता और बाजार सहायता को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों को लागू करके खादी, ग्राम और नारियल-जटा उद्योगों सहित क्षेत्र की प्रगति और विकास को बढ़ावा देता है। मंत्रालय के अधीन संगठनों में विकास आयुक्त कार्यालय (एमएसएमई), खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), कॉयर बोर्ड, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी), राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (एनआईएमएसएमई) और महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान (एमजीआईआरआई) शामिल हैं। मंत्रालय के पास एमएसएमई को सहयोग देने और संभालने के लिए देश भर में फैली हुई क्षेत्रीय संरचनाओं का विशाल नेटवर्क है। इसमें एमएसएमई विकास और सुविधा कार्यालय (एमएसएमई-डीएफओ), शाखा एमएसएमई-डीएफओ, एमएसएमई परीक्षण केंद्र, एमएसएमई-परीक्षण स्टेशन और प्रौद्योगिकी केंद्र (टूल रूम और तकनीकी संस्थान) और केवीआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय, कॉयर बोर्ड और एनएसआईसी शामिल हैं।

1 जनवरी, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 की अवधि में एमएसएमई मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं :

जनवरी से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान 88.89 लाख पंजीकरणों के साथ उदयम पंजीकरण 1.31 करोड़ (31 दिसंबर 2022 तक) से अधिक हो गया है। इससे पंजीकरण की कुल संख्या 2.19 करोड़ हो गई है।

मंत्रालय ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोग से अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को औपचारिक दायरे में लाने के लिए 11 जनवरी 2023 को एक पोर्टल उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (यूएपी) की शुरुआत की। 31 दिसंबर 2023 तक, लगभग 1.11 करोड़ अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यम (आईएमई) असिस्ट प्लैटफॉर्म (यूएपी) पर शामिल हो चुके हैं।

भारत सरकार ने अधिसूचित किया है कि 'अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों' को उद्यम असिस्ट प्लैटफॉर्म पर जारी प्रमाणपत्र को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र के बराबर माना जाएगा। इससे पंजीकृत आईएमई को पीएसएल का लाभ उठाने में मदद मिली है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 11 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम बोर्ड की 19वीं बैठक आयोजित की गई। माननीय एमएसएमई मंत्री ने इसकी अध्यक्षता की। इस दौरान एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श किया गया।

 

1. पीएम विश्वकर्मा

'पीएम विश्वकर्मा' नामक नई योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि 'विश्वकर्मा' को घरेलू एवं वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत किया जाए। 1 फरवरी 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की गई थी। यह योजना माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई थी।

इस योजना का लक्ष्य विश्वकर्माओं यानी कारीगरों शिल्पकारों को समग्र सहयोग देना है, ताकि वे अपने संबंधित व्यापार में मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाने में सक्षम हो सकें। यह कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा इन व्यवसायों को करने के तरीके में गुणात्मक बदलाव लाएगा। इससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ-साथ उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

पीएम विश्वकर्मा केंद्र की योजना है, जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसमें पांच साल की शुरुआती अवधि यानी 2023-24 से 2027-28 के दौरान 13,000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक परिव्यय प्रस्तावित है।

 

उपलब्धियां :

30 दिसंबर 2023 तक पीएम विश्वकर्मा के तहत कुल 48.80 लाख नामांकन किए गए हैं। योजना के तहत कुल 1.32 लाख आवेदन सफलतापूर्वक पंजीकृत किए गए हैं। पंजीकृत आवेदकों को 5 दिनों के लिए 'बुनियादी प्रशिक्षण' से गुजरना होगा। सफल प्रशिक्षण के बाद, जिन आवेदकों ने क्रेडिट सहायता का चयन किया है, उन्हें संपार्श्विक (कोलैट्रल) मुक्त क्रेडिट का लाभ प्राप्त होगा।

2. मंत्रालय की अन्य योजनाओं/अवसरों के तहत उपलब्धियां

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित अन्य प्रमुख योजनाओं के तहत उपलब्धियाँ कुछ इस प्रकार हैं :

1 क्रेडिट तक पहुंच

 

(i) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)

 

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर देने के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है। इसके तहत नए उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण लेने वाले लाभार्थियों को मार्जिन मनी (सब्सिडी) प्रदान की जाती है। नई परियोजना स्थापित करने के लिए स्वीकार्य अधिकतम परियोजना लागत विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये है। एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, पूर्व सैनिकों, ट्रांसजेंडरों, दिव्यांगों, एनईआर, आकांक्षी जिलों, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों सहित विशेष श्रेणियों के लिए परियोजना लागत का 25% और 35% की सब्सिडी स्वीकार्य है। इसके साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए परियोजना लागत क्रमश:  15% और 25% है। आकांक्षी जिलों की इकाइयों और ट्रांसजेंडरों को विशेष श्रेणी में शामिल किया गया है। इकाइयों द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं का विवरण हासिल करने और उनके लिए बाजार तक पहुंच बनाने के लिए पीएमईजीपी इकाइयों की जियो-टैगिंग शुरू की गई है। भावी उद्यमियों को दो दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जा रहा है।

 

2008 में इसकी स्थापना के बाद से 30 नवंबर 2023 तक देश भर में 9.29 लाख से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को 34,517 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी के वितरण के साथ सहायता प्रदान की गई। इससे लगभग 78.36 लाख व्यक्तियों के लिए कुल अनुमानित रोजगार का सृजन हुआ है।

 

जनवरी से नवंबर 2023 की अवधि के दौरान सहायता प्राप्त इकाइयों की संख्या 85,228 है। इसमें 3,116.78 करोड़ रुपये की एमएम सब्सिडी वितरित की गई। इससे लगभग 6.80 लाख व्यक्तियों के लिए कुल अनुमानित रोजगार का सृजन हुआ है।

(ii)  क्रेडिट गारंटी योजना :

 

देश में एमएसई तक ऋण पहुंच की सुविधा के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों को लेकर क्रेडिट गारंटी (सीजीटीएमएसई) वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। इस योजना को वर्ष 2023 में नया रूप दिया गया। 1 अप्रैल 2023 से योजना में निम्नलिखित विशेषताएं जोड़ी गईं :

(i) गारंटी कवरेज की अधिकतम सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करना

(ii) वार्षिक गारंटी शुल्क 0.75% से घटाकर 0.37% कर दिया गया

(iii) कानूनी कार्रवाई से छूट के लिए निर्धारित सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया।

 

जनवरी, 2023 से नवंबर, 2023 की अवधि के लिए कुल 12.50 लाख गारंटी को मंजूरी दी गई। इसकी राशि 1.46 लाख करोड़ रुपये है।

 

(iii) श्री फंड

श्री फंड का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र की योग्य और उपयुक्त इकाइयों को विकास पूंजी प्रदान करना है। 1 जनवरी 2023 से 30 नवंबर 2023 तक 14 सहायक फंडों को 3658 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (एनवीसीएफएल) - मूल (मदर) फंड के साथ सूचीबद्ध किया गया। इससे 242 संभावित एमएसई को सहायता मिली है।

 

2. बुनियादी ढांचा एवं क्षमता निर्माण

(i)  सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी)

वर्ष 2003 में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) शुरू किया गया था। योजना का उद्देश्य 'सामान्य सुविधा केंद्रों (सीएफसी)' की स्थापना और औद्योगिक संपदा के निर्माण और उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) की उत्पादकता प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है। योजना के तहत फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की स्थापना में भी सहयोग किया जाता है।

 

योजना की शुरुआत से अब तक कुल 580 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं और इनमें से 308 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

580 स्वीकृत परियोजनाओं में से लगभग 560 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत वाली 40 परियोजनाओं को भारत सरकार की 386 करोड़ रुपये की सहायता के साथ जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान मंजूरी दी गई थी।

 

 

(ii) पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए कोष की योजना (स्फूर्ति)

यह योजना 2005-06 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य मूल्य संवर्धन के माध्यम से उत्पाद विकास और विविधीकरण के लिए पारंपरिक कारीगरों को सामूहिक/समूहों में संगठित करना है। इसके साथ ही पारंपरिक क्षेत्रों को बढ़ावा देना और स्थायी तरीके से कारीगरों की आय में वृद्धि करना है। 2014-15 में इस योजना को नया रूप दिया गया।

योजना का मुख्य उद्देश्य बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए कारीगरों और पारंपरिक उद्योगों को समूहों में संगठित करना, रोजगार के अवसरों को बढ़ाना और ऐसे समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग (विपणन) क्षमता को बढ़ाना है। कुल 513 समूह स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 389 समूहों ने काम करना शुरू कर दिया है। 

 

जनवरी 2023 से दिसंबर, 2023 के बीच 25 राज्यों में 50,166 कारीगरों को लाभ प्रदान करते हुए 89 समूह कार्यात्मक हो गए हैं। भारत सरकार की कुल सहायता से 15 समूहों को मंजूरी दी गई। 8,875 कारीगरों को सीधे 40.01 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त हुआ।

 

 

(iii)  'नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक योजना' (एस्पायर)

 

नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता संवर्धन योजना (एस्पायर) का उद्देश्य कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना है। एस्पायर के तहत दो घटक हैं :

(ए) लाइवलीहुड बिजनेस इन्क्यूबेटर्स (एलबीआई) : ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने के साथ कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमशीलता रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और ऊष्मायन कार्यक्रम (इन्क्यूबेशन प्रोग्राम) की शुरुआत की गई है। एलबीआई द्वारा पेश किए गए कार्यक्रमों का उद्देश्य लाभार्थियों को अपने स्वयं के उद्यम स्थापित करने या नजदीकी औद्योगिक क्लस्टर में उपयुक्त रोजगार पाने में सक्षम बनाना है।

 

 एलबीआई का मुख्य उद्देश्य नई तकनीकी से औपचारिक, मापनीय सूक्ष्म-उद्यम निर्माण की सुविधा देकर रोजगार के अवसर पैदा करना है। इसके साथ ही बेरोजगार, मौजूदा स्व-रोज़गार/वेतन कमाने वालों के लिए कौशल, कौशल क्षमता को बढ़ाने उसे और कुशल बनाना है।

 

जनवरी से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान एस्पायर के तहत चार नए लाइवलीहुड बिजनेस इन्क्यूबेटर्स  (एलबीआई) को मंजूरी दी गई। इससे 25,468 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। इनमें से 1,458 वेतनभोगी थे। इसके अतिरिक्त एलबीआई में आयोजित ऊष्मायन कार्यक्रमों के माध्यम से 225 सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए।

 

(बी) एस्पायर फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ): 

शुरुआती दौर में नवाचार, उद्यमिता, कृषि-आधारित क्षेत्र में विनिर्माण सेवा वितरण की कई मूल्य श्रृंखलाओं के साथ आगे पीछे के संबंधों को विकसित करने में तकनीक और व्यावसायिक उद्यम विकसित करने में सफल होने के लिए स्केलेबल स्टार्ट-अप को सहयोग और पोषण की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सिडबी द्वारा प्रबंधित एफओएफ को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के माध्यम से निवेश पर ध्यान केंद्रित करके बनाया गया था। सिडबी एफओएफ का कुल कोष 310 करोड़ रुपये है।

 

एस्पायर योजना के फंड ऑफ फंड के तहत जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के दौरान 5 नए वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) को 145 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता के साथ सहयोग दिया गया, जिससे 310 करोड़ रुपये के कुल कोष में से 11 एआईएफ को 217.50 करोड़ रुपये की कुल प्रतिबद्धता प्राप्त हुई।

 

4.3     खरीद एवं विपणन सहायता

 

(i) सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति

 

एमएसएमई मंत्रालय ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए सार्वजनिक खरीद नीति, आदेश, 2012 को अधिसूचित किया, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा एमएसई से 25 प्रतिशत वार्षिक खरीद अनिवार्य है। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाले एमएसई से 4 प्रतिशत और महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 प्रतिशत खरीद शामिल है। एमएसई से विशेष खरीद के लिए कुल 358 आइटम आरक्षित हैं।

 

न्यूनतम 25% वार्षिक खरीद के मुकाबले भाग लेने वाले सीपीएसई और विभागों ने वर्ष 2023-24 (31 दिसंबर, 2023 तक) के दौरान एमएसई से कुल 37,501.25 करोड़ रुपये (34.82%) की खरीद की। इससे 130 एमएसई लाभान्वित हुए।

 

 

(ii)  खरीद और विपणन सहायता (पीएमएस) योजना

यह योजना नई बाजार पहुंच के अवसरों को बढ़ावा देती है और एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादों और सेवाओं की विपणन क्षमता को बढ़ाती है। वर्ष 2023 के दौरान एमएसएमई मंत्रालय ने देश भर में 253 व्यापार मेलों/प्रदर्शनियों में भाग लिया। इससे लगभग 9,500 एमएसई लाभान्वित हुए।

 

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ), 2023

माननीय एमएसएमई मंत्री ने 14 से 27 नवंबर, 2023 के दौरान आयोजित 42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2023 में 'पीएम विश्वकर्मा' थीम के तहत  'एमएसएमई मंडप' का उद्घाटन किया। 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को 195 स्टॉल आवंटित किए गए थे।

 

इस बार 85% से अधिक स्टॉल पहली बार प्रतिभागियों को आवंटित किए गए थे। महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पूवोत्तर क्षेत्र से आए लोगों के लिए, आकांक्षी जिलों के लाभार्थियों को निःशुल्क स्टॉल आवंटित किए गए। कार्यक्रम में महिला उद्यमियों, एससी/एसटी उद्यमियों और आकांक्षी जिलों के उद्यमों का प्रतिनिधित्व इस प्रकार था :

 

 

श्रेणी

संख्या के संदर्भ में प्रतिनिधित्व

प्रतिशत के संदर्भ में प्रतिनिधित्व

महिला उद्यमी

132

67%

एससी/एसटी वर्ग के उद्यम

110

56%

आकांक्षी जिलों के उद्यम

64

33%

 

 

एमएसएमई उद्यमियों ने कपड़ा, हथकरघा, कढ़ाई कार्य, कस्टम टेलरिंग, हस्तशिल्प, रत्न और आभूषण, चमड़े के जूते, खेल और खिलौने, बांस शिल्प, बेंत की वस्तुएं, फर्नीचर, चीनी मिट्टी और मिट्टी के बर्तन, खाद्य उत्पाद,सौंदर्य प्रसाधन, रासायनिक उत्पाद, यांत्रिक वस्तुएं आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।

 

 

(iii)  निर्यात प्रोत्साहन

एमएसएमई मंत्रालय ने अपने क्षेत्रीय संस्थानों जैसे एमएसएमई-विकास और सुविधा कार्यालयों, एमएसएमई तककीनी केंद्रों और एमएसएमई परीक्षण केंद्रों में 59 निर्यात सुविधा सेल (ईएफसी) की स्थापना कर एमएसएमई क्षेत्र से निर्यात प्रोत्साहन के लिए समर्पित सहायता प्रणाली का विकास किया है। इन 59 ईएफसी में से 7 ईएफसी की स्थापना जनवरी से दिसंबर 2023 के बीच की गई थी। ईएफसी एमएसएमई निर्यातकों को व्यापक सहयोग कर जानकारी प्रसारित करने, निर्यात में शुरू से अंत तक की प्रक्रिया और दस्तावेज़ीकरण को समझने जैसे सामान्य निर्यात, परिवहन, अनुपालन, मूल प्रमाणपत्र, विशिष्ट वस्तुओं के शिपमेंट के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र, चालान आदि कामों में मदद कर एमएसएमई को सुविधा दे रहा है।

 

4. प्रौद्योगिकी तक पहुंच

(i) एमएसएमई चैंपियंस

एमएसएमई चैंपियंस योजना का उद्देश्य समूहों और उद्यमों को चुनना है। इसके साथ ही उनकी प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करना, बर्बादी को कम करना, व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और उनकी राष्ट्रीय वैश्विक पहुंच एवं उत्कृष्टता को सुविधाजनक बनाना है। एमएसएमई चैंपियंस स्कीम तीन घटकों जैसे 'एमएसएमई-सस्टेनेबल' (जेडईडी), 'एमएसएमई-कंपीटिटिव' (एलईएएन) और 'एमएसएमई-इनोवेटिव' (इनक्यूबेशन, डिजाइन, आईपीआर) के साथ तैयार की गई है।

 

एमएसएमई इनोवेटिव योजना 10 मार्च 2022 को शुरू की गई थी।  इस घटक के तहत 643 मेजबान संस्थानों (एचआई) को मंजूरी दी गई है। एमएसएमई के माननीय मंत्री ने 27 जून 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 'उद्यमी भारत' कार्यक्रम के दौरान 'एमएसएमई आइडिया हैकथॉन-2.0 (थीम आधारित)' के विजेताओं की घोषणा की। आइडिया हैकथॉन 3.0 (महिला) के तहत 18,888 सुझाव प्राप्त हुए। 'डिजाइन' घटक के तहत कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में आईआईएससी, बंगलुरु, 7 आईआईटी, 12 एनआईटी के साथ 20 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। 24 व्यावसायिक डिजाइन/छात्र परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। 'आईपीआर' घटक के तहत 20 बौद्धिक संपदा सुविधा केंद्र (आईपीएफसी) स्थापित किए गए। 74 पेटेंट और 942 ट्रेडमार्क को मंजूरी दी गई। 48 डिजाइन पंजीकरण स्वीकृत किए गए।

 

एमएसएमई-सस्टेनेबल (जेडईडी) प्रमाणन योजना 28 अप्रैल 2022 को शुरू की गई थी। कुल 4.41 लाख एमएसएमई पंजीकृत किए गए। एमएसएमई को 79,546 कांस्य, 275 रजत और 271 स्वर्ण प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

 

एमएसएमई-कंपीटिटिव (एलईएएन) योजना 10 मार्च 2023 को शुरू की गई थी। अब तक 6,561 एमएसएमई पंजीकृत हो चुके हैं। 6,453 एमएसएमई ने संकल्प लिया है। दिसंबर 2023 तक 'बेसिक एलईएएन' वाले 3,200 एमएसएमई को प्रमाणित किया गया है।

 

(ii)  प्रौद्योगिकी केंद्र

प्रौद्योगिकी केंद्र (टूल रूम और तकनीकी संस्थान के रूप में भी जाना जाता है) फाउंड्री और फोर्जिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत मापने के उपकरण, सुगंध और स्वाद, ग्लास, खेल के सामान और फुटवियर डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर्मियों, टूलींग और प्रौद्योगिकियों/उत्पादों के उन्नयन में परामर्श दे रहे हैं। इसके अलावा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

 

'चंद्रयान-3' और 'आदित्य एल1' मिशन में मंत्रालय के प्रौद्योगिकी केंद्रों का योगदान :

भारत का तीसरा चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इस उल्लेखनीय मिशन में मंत्रालय के तहत निम्नलिखित टूल रूम ने 'आत्मनिर्भर भारत' को साकार करने में अपना योगदान दिया :

भुवनेश्वर  में स्थित सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (सीटीटीसी) ने मिशन के लिए 437 प्रकार के सटीक पुरर्जे (लगभग 54,000 पुरजा) का निर्माण और आपूर्ति की।

मुंबई स्थित इलेक्ट्रिकल माप उपकरण डिजाइन संस्थान (आईडीईएमआई) ने चंद्रयान-3 के टर्बोचार्जर असेंबली में उपयोग किए जाने वाले मार्गदर्शक उपकरण का निर्माण और आपूर्ति की है।

 

भारत का पहला सौर मिशन 'आदित्य L1' 2 सितंबर, 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इस उल्लेखनीय मिशन में मंत्रालय के तहत केंद्रीय उपकरण कक्ष और प्रशिक्षण केंद्र (सीटीटीसी) भुवनेश्वर ने नियामक, प्रवाह नियंत्रण वॉल्व, जायरोस्कोप, तापमान सेंसर और नेविगेशन जैसे विभिन्न प्रकार के सटीक पुर्जों का निर्माण करके अपना योगदान दिया है।

 

जनवरी से नवंबर 2023 के बीच 18 टूल रूम और तकनीकी संस्थानों द्वारा 30,445 इकाइयों को सहायता दी गई। आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए प्रमुख आयात प्रतिस्थापन पहल शुरू की गई है। इसके अनुसार कुछ टूल रूम ने प्रमुख पुर्जों का स्वदेशी विनिर्माण शुरू कर दिया है। इस वजह से फोल्ड ओवर लेयर गैस्केट निर्माण के लिए उपयोग किया जाने वाला प्रगतिशील उपकरण, सुखोई-30 एयर क्राफ्ट में उपयोग के लिए 3डी प्रिंटिंग मेटल तकनीकी द्वारा ब्रैकेट, बाइक के लिए पिस्टन शॉक अवशोषक, हॉट सब एंट्री नोजल (एचएसईएन) ट्रॉली, हॉट सब एंट्री नोजल (एचएसईएन) ट्रॉली, वेन पुर्जों के उत्पादन के लिए प्रेस उपकरण, स्केट्स ब्रेक और स्केट्स रोलर का मोल्ड, रिवर्स इंजीनियरिंग द्वारा कैप ग्रिपर, कंप्रेसन मोल्डिंग कैप निर्माण मशीन में उपयोग किया जाने वाला कन्वेयर बेल्ट रोलर का निर्माण अपने देश में हो रहा है, यह पहले अन्य देशों से आयात किया जा रहा था।

 

विश्व बैंक की सहायता से 'प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम' (टीसीएसपी) के तहत 15 नए प्रौद्योगिकी केंद्र (टीसी) स्थापित किए जा रहे हैं। देश भर में मौजूदा टीसी का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। भिवाड़ी, विशाखापट्टनम, भोपाल, रोहतक और पुडुचेरी में टीसी ने एमएसएमई की सहायता करना और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना शुरू कर दिया है। जनवरी से दिसंबर 2023 के बीच 13,600 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। 700 एमएसएमई को इन टीसी द्वारा सहायता प्रदान की गई है। सितारगंज के टीसी में 4 नए डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने मंजूरी दी। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम मैसर्स इरकॉन को टीसी में शेष खरीद के लिए नियुक्त किया गया है।

 

प्रौद्योगिकी केंद्रों के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए 'नए प्रौद्योगिकी केंद्रों / विस्तार केंद्रों की स्थापना' योजना के तहत देश भर में प्रौद्योगिकी सहायता, कौशल विकास, इन्क्यूबेशन और एमएसएमई को परामर्श और नए एमएसएमई के निर्माण जैसी विभिन्न सेवाएं देने के लिए हब और स्पोक मॉडल के तहत 20 प्रौद्योगिकी केंद्र (टीसी) और 100 विस्तार केंद्र (ईसी) स्थापित किए जा रहे हैं। अब तक 21 विस्तार केंद्र (ईसी) शुरू हो चुके हैं।

 

5. कौशल विकास

(i) उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) योजना के तहत जनवरी से दिसंबर 2023 तक 1,579 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इससे 84,716 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं।

 

(ii) इसके अलावा 3,07,583 लोगों को मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठनों यानी टूल रूम और तकनीकी संस्थानों, टीसीएसपी के तहत स्थापित नए प्रौद्योगिकी केंद्रों, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) लिमिटेड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राष्ट्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (एनआई-एमएसएमई) और कॉयर बोर्ड के माध्यम से जनवरी से दिसंबर 2023 तक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

 

6 एससी/एसटी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देना

(i) राष्ट्रीय एससी-एसटी हब (एनएसएसएच)

इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और केंद्र सरकार की सार्वजनिक खरीद नीति में निर्धारित सीपीएसई द्वारा 4% खरीद अधिदेश को पूरा करना और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। जनवरी से दिसंबर 2023 के दौरान एससी/एसटी बहुल क्षेत्रों जैसे मुंबई (महाराष्ट्र), गुमला (झारखंड), झाबुआ (मध्य प्रदेश), ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश), शिलांग (मेघालय) और जालौन (उत्तर प्रदेश) में कुल 6 बड़े कार्यक्रम (एनएसएसएच कॉन्क्लेव) आयोजित किए गए। इसमें 3,988 मौजूदा/आकांक्षी एससी-एसटी उद्यमियों ने भाग लिया।

इस योजना ने लक्षित लाभार्थियों के बीच उनके कौशल को उन्नत करने, बाजार लिंकेज की सुविधा और सहायता प्रदान करने में पेशेवर सहयोग के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव डाला। इसके परिणामस्वरूप एससी/एसटी एमएसई से सार्वजनिक खरीद में 15 गुना वृद्धि हुई। एमएसएमई संबंध पोर्टल पर रिपोर्ट के अनुसार यह 2015-16 में 99.37 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 1,543 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी से दिसंबर 2023 तक एससी/एसटी एमएसई से खरीद मूल्य 1328 करोड़ रुपये है।

 

(ii) पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एमएसएमई योजना को बढ़ावा देना

इस योजना में शामिल घटक हैं, जैसे (i) नए की स्थापना और मौजूदा मिनी प्रौद्योगिकी केंद्र का आधुनिकीकरण, नए और मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और (ii) पर्यटन क्षेत्र का विकास। योजना के तहत वर्ष 2023 के दौरान भारत सरकार के 28.19 करोड़ रुपये के योगदान के साथ औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 4 परियोजनाएं (मिजोरम में 2, त्रिपुरा और असम में 1-1) पूरी की गई हैं। वर्ष 2023 के दौरान भारत सरकार के 204.41 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के साथ 14 औद्योगिक एस्टेट/फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स (8-असम, 3-मेघालय, 2-सिक्किम और 1-अरुणाचल प्रदेश) को मंजूरी दी गई। भारत सरकार ने 158.43 करोड़ रुपये के अनुदान को भी स्वीकृति दी।

 

7. रैंप योजना

एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और तेज करने का कार्यक्रम (रैंप) योजना का उद्देश्य केंद्र और राज्य में संस्थानों और शासन को मजबूत करना, केंद्र-राज्य लिंकेज और साझेदारी में सुधार करना है। एमएसएमई की बाजार और क्रेडिट तक पहुंच में सुधार करना, प्रौद्योगिकी उन्नयन और विलंबित भुगतान के मुद्दों को संबोधित करने के साथ ही एमएसएमई का कायाकल्प करना है। राष्ट्रीय एमएसएमई परिषद की बैठकें 10 मई 2023 और 20 दिसंबर 2023 को आयोजित की गईं। 10 राज्यों तमिलनाडु, ओडिशा, सिक्किम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, बिहार और कर्नाटक में रणनीतिक निवेश योजनाओं (एसआईपी) को 1143.55 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है। भारत सरकार के अनुदान की पहली किस्त राज्यों को वितरित कर दी गई।

 

रैंप के तहत तीन उप-योजनाएं शुरू की गईं। (i) एमएसई-जीआईएफटी (एमएसई हरित निवेश और परिवर्तन के लिए वित्तपोषण, पहचानी गई हरित प्रौद्योगिकियों के लिए एमएसई ऋणों के लिए ब्याज छूट और गारंटी देने के लिए 478 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ) (ii) एमएसई-स्पाइस (सर्कुलर इकोनॉमी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एमएसई योजना), सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाने के लिए एमएसई को 25% पूंजी सब्सिडी प्रदान करने के लिए 472.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ (iii) 188.97 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ विलंबित भुगतान के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पर एमएसई योजना।

 

एमएसएमई में महिला उद्यमियों के लिए जेडईडी प्रमाणन निःशुल्क कर दिया गया है।

4.8  अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना

योजना के तहत विदेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में एमएसएमई की भागीदारी को सुविधाजनक बनाता है। साथ ही भारत में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के साथ-साथ निर्यात में शामिल विभिन्न लागतों की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र केंद्र/राज्य सरकार के संगठनों/उद्योग संघों को प्रतिपूर्ति के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी उन्नयन, आधुनिकीकरण, संयुक्त उद्यम आदि के उद्देश्य से वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में शामिल विभिन्न लागतों की प्रतिपूर्ति करना योजना का उद्देश्य है।

 

एमओयू पर हस्ताक्षर

 

· नई दिल्ली में 27 फरवरी, 2023 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के तहत एक सीपीएसई राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) और कोरिया गणराज्य की कोरिया एसएमई और स्टार्टअप एजेंसी (केओएसएमई) के बीच एमएसएमई के क्षेत्र में सहयोग के नवीनीकरण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। 

 

जून, 2023 में  केओएसएमई दक्षिण कोरिया के सहयोग से भारतीय और दक्षिण कोरियाई उद्यमों के बीच वर्चुअल बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) बैठकें आयोजित की गईं। भारत और दक्षिण कोरिया के एमएसएमई के बीच व्यावसायिक संबंध बनाने के लिए नई दिल्ली में एक वैश्विक प्रौद्योगिकी विनिमय कार्यक्रम 2023 का आयोजन किया गया। इसके अलावा आईसी योजना के तहत अक्टूबर में किंटेक्स, दक्षिण कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी कोरिया मेटल वीक में 8 एमएसएमई की भागीदारी को सुविधा प्रदान की गई थी।

 

· आईसी योजना के सीबीएफटीई (पहली बार निर्यातकों के लिए क्षमता निर्माण) घटक के पहले हस्तक्षेप के लिए जेपीडीईपीसी को कार्यान्वयन एजेंसी में से एक के रूप में नामित करने के लिए 7 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली में एमएसएमई मंत्रालय और जूट उत्पाद विकास और निर्यात संवर्धन परिषद (जेपीडीईपीसी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। जेपीडीईपीसी भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के साथ हस्ताक्षर करने वाला 20वां ईपीसी है।

 

· नई दिल्ली में 5 सितंबर 2023 को दूसरी भारत-ताइवान एसएमई जेडब्ल्यूजी (संयुक्त कार्य समूह) की बैठक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत और लघु और मध्यम उद्यम प्रशासन (एसएमईए) आर्थिक मामलों के मंत्रालय (एमओईए) ताइवान के बीच आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने एसएमई विकास नीतियों विशेषकर डब्ल्यूआरटी पर जानकारी साझा की। एसएमई को सहयोग देने के लिए डिजिटल परिवर्तन, औपचारिकीकरण, सार्वजनिक खरीद, विलंबित भुगतान आदि और एमएसएमई के लिए नेटवर्किंग अवसर बनाने, विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद भारतीय पक्ष ने 2024 में ताइवान की ओर से आयोजित होने वाले तीसरे भारत-ताइवान एसएमई सहयोग फोरम के लिए कुछ क्षेत्रों जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर, मशीन टूल्स, ऑटोमोटिव घटक, स्मार्ट टेक्नोलॉजीज और नवीकरणीय ऊर्जा का सुझाव दिया है।

 

· मुंबई में 7 सितंबर 2023 को भारत-ताइवान एसएमई सहयोग मंच की दूसरी बैठक आयोजित की गई। बैठक का महत्वपूर्ण बिंदु क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र था। सरकारी अधिकारियों के अलावा दोनों पक्षों के एमएसएमई प्रतिनिधियों ने भी व्यावसायिक गठजोड़, प्रौद्योगिकी सहयोग आदि की खोज के लिए उक्त बैठक में भाग लिया। फोरम में 43 एमएसएमई ने भाग लिया। फोरम ने दोनों देशों के उद्यमों को स्थायी व्यापार गठबंधन तलाशने के लिए एक उत्कृष्ट नेटवर्किंग अवसर प्रदान किया। खाद्य उद्योग से संबंधित प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। इसमें वैश्विक खाद्य उद्योग को बदलने में स्वचालन और एआई का महत्व, स्मार्ट और हरित उत्पादन सहित भविष्य के रुझान, खाद्य सुरक्षा का महत्व, खाद्य प्रसंस्करण में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम विधाएं और प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इसके अलावा 25 भारतीय उद्यमों और 8 ताइवानी उद्यमों के बीच खाद्य प्रसंस्करण उपकरण/मशीनरी, सूखी सब्जियां और  सूखे फल पाउडर आदि जैसे उत्पादों में व्यापार (बी2बी) बैठकें आयोजित की गईं। इन बी2बी बैठकों से भारत और ताइवान के उद्यमों के बीच व्यापारिक संबंध बनाने में मदद मिली।

 

· भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी रोडमैप (आईजेआईसीपी) के तहत गठित एमएसएमई सहयोग पर भारत-जापान संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक 13 जुलाई, 2023 को वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।  बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने जापान के एसोसिएशन फॉर ओवरसीज टेक्निकल कोऑपरेशन एंड सस्टेनेबल पार्टनरशिप (एओटीएस) द्वारा भिवाड़ी और पुडुचेरी में स्थित एमएसएमई मंत्रालय के प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) में 5एस और काइजन में प्रस्तावित कौशल विकास/प्रशिक्षण पर चर्चा की। इस बैठक के आलोक में सितंबर 2023 में भिवाड़ी और पुडुचेरी में एमएसएमई-टीसी में जापानी विशेषज्ञों द्वारा '5एस और काइजन' पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें इन टीसी, शिक्षा जगत, स्टार्टअप और एमएसएमई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

 

· सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने इंडिया एसएमई फोरम के सहयोग से 19-21 मार्च, 2023 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय एसएमई कन्वेंशन 2023 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 1700 से अधिक भारतीय प्रतिनिधि, 180 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, विभिन्न देशों के 65 वक्ता और भारत के 9 केंद्रीय और राज्य मंत्री शामिल हुए। बिजनेस मैचमेकिंग के लिए 1305 ट्रेड कनेक्ट फॉर्म दाखिल किए गए, जिससे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एसएमई के बीच नेटवर्किंग, सहयोग और व्यापारिक साझेदारी की सुविधा मिली।

 

 

· 12वीं मेकांग गंगा सहयोग (एमजीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक (एफएमएम) 16 जुलाई, 2023 को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित की गई। इसमें भारत, कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और लाओ पीडीआर (लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक) ने भाग लिया। बैठक के दौरान मंत्रियों ने 10 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, परिवहन संचार, स्वास्थ्य एवं पारंपरिक चिकित्सा, कृषि संबद्ध क्षेत्रों, एमएसएमई, जल संसाधन प्रबंधन विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास क्षमता निर्माण में सहयोग को सुव्यवस्थित करने के लिए अग्रणी देश तंत्र स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा प्रत्येक प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए एक विशेषज्ञ कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) के माध्यम से क्षमता निर्माण के समन्वय की बात कही गई।

 

 

5. खादी, ग्रामोद्योग और नारियल-जटा क्षेत्र को बढ़ावा देना

(i) खादी एवं ग्रामोद्योग

उद्योग के पुनर्गठन अभ्यास के तहत भारत सरकार ने 2019 में सभी मौजूदा केवीआई योजनाओं/उप-योजनाओं/घटकों का विलय कर दिया। सभी को एक छत के नीचे लाने को लेकर खादी और ग्रामोद्योग विकास योजना (केजीवीवाई) की शुरुआत की गई। इसके अनुसार योजना के दिशानिर्देश 8 नवंबर, 2019 को निम्नलिखित तीन घटकों के साथ मंत्रालय द्वारा जारी किए गए थे :

() खादी विकास योजना : यह उप-योजना देश में खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शुरू से अंत तक सहयोग प्रदान करती है। इसका उद्देश्य खादी उत्पादन, बिक्री, कारीगरों की संख्या और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। इसके तहत खादी उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।

(बी) ग्रामोद्योग विकास योजना : यह उप-योजना ग्रामीण उद्योग क्षेत्र की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के मुख्य उद्देश्य के साथ ग्रामीण कारीगरों के पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

(सी) खादी अनुदान : यह केवीआईसी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थापना व्यय को पूरा करने के लिए है।

 

संशोधित बाजार विकास सहायता (एमएमडीए) योजना के तहत 1,256 खादी संस्थानों (केआई) को 217.17 करोड़ रुपये के फंड वितरण के साथ 1,45,758 कारीगरों को लाभान्वित करने के लिए सहायता दी गई।

 

ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र (आईएसईसी) योजना के तहत 1,314 खादी संस्थानों (केआई) को 35.32 करोड़ रुपये के फंड वितरण के साथ सहयोग दिया गया है।

खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड योजना के तहत 1,150 वर्कशेडों को 5.55 करोड़ रुपये के फंड वितरण के साथ सहायता दी गई।

 

मौजूदा कमजोर खादी संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और विपणन बुनियादी ढांचे के लिए सहायता के तहत 40 खादी संस्थानों (केआई) को मजबूत किया गया और 65 बिक्री दुकानों को नवीनीकृत किया गया।  इस पर क्रमशः 2.22 करोड़ रुपये और 10.51 करोड़ रुपये के फंड वितरित किए गए।

 

 

ग्रामोद्योग विकास योजना (ग्रामोद्योग कार्यक्रम)

 

खनिज आधारित उद्योग के तहत कुम्हार सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत 10.94 करोड़ रुपये के फंड वितरण के साथ 1,862 इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील वितरित किए गए।

 

शहद मिशन/मधुमक्खी पालन के तहत कृषि आधारित और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तहत 15,310 मधुमक्खी बक्से वितरित किए गए। इससे 1,531 लाभार्थियों को 8.93 करोड़ रुपये का फंड वितरण किया गया।

 

(ii)  नारियल-जटा क्षेत्र

 

भारतीय कॉयर क्षेत्र ने जनवरी से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान 3,992 करोड़ रुपये मूल्य के 12,65,000 मीट्रिक टन का निर्यात कारोबार हासिल किया। जनवरी से नवंबर 2023 की अवधि में रोजगार सृजन 1824 था, इस प्रकार संचयी रोजगार सृजन 7,47,827 हो गया। इस अवधि के दौरान नारियल-जटा रेशे का कुल उत्पादन 7,31,000 मीट्रिक टन तक पहुंच गया था।

 

3 एनएसआईसी और एमजीआईआरआई की उपलब्धियां

(i)  राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी)

एनएसआईसी कच्चे माल की खरीद के लिए बैंक गारंटी के लिए कच्चे माल सहायता योजना में आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करके ऋण सहायता प्रदान करता है। जनवरी से नवंबर 2023 की अवधि के दौरान 6,165 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा की गई।

 

एनएसआईसी समान उत्पादों का निर्माण करने वाली छोटी इकाइयों का संघ बनाता है। इससे उनकी क्षमता में पूलिंग होती है, जो एमएसई को आपूर्तिकर्ताओं और खरीदारों के रूप में बेहतर समन्वय प्रदान करती है। निगम एमएसई के संघ की ओर से निविदाओं के लिए आवेदन करता है और बड़ी मात्रा में ऑर्डर सुरक्षित करता है। फिर ये ऑर्डर एमएसई के बीच उनकी उत्पादन क्षमता के अनुरूप वितरित किए जाते हैं।  जनवरी से नवंबर 2023 के बीच एनएसआईसी ने 291.71 करोड़ रुपये मूल्य की 553 निविदाओं में भाग लिया और 96.92 करोड़ रुपये की राशि की निविदाएं निष्पादित कीं।

 

एनएसआईसी एमएसएमई ग्लोबल मार्ट वेब पोर्टल (www.msmemart.com) के माध्यम से ई-मार्केटिंग सेवा की सुविधा भी प्रदान करता है।  जनवरी, 2023 से नवंबर 2023 की अवधि के दौरान 10,399 सदस्यों का नामांकन किया गया।

 

(ii)  महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान (एमजीआईआरआई)

महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान (एमजीआईआरआई), वर्धा एक राष्ट्रीय स्वायत्त संस्थान है। इसे भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के तत्वावधान में 2009 में स्थापित किया गया था।

एमजीआईआरआई में खादी और कपड़ा उद्योग (केएंडटी), जैव-प्रसंस्करण और हर्बल आधारित उद्योग (बीएंडएच), ग्रामीण रसायन उद्योग (आरसीआई), ग्रामीण शिल्प और इंजीनियरिंग (आरसीएंडई), ग्रामीण बुनियादी ढांचे और ऊर्जा (आरईआई) और प्रबंधन और सिस्टम (एमएस) विभाग हैं।

जनवरी, 2023 से दिसंबर, 2023 के दौरान, एमजीआईआरआई ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए और राज्य सरकारों और केवीआईसी जैसे संगठनों के साथ ऐसे कार्यक्रमों के लिए उचित तालमेल स्थापित किया गया।

 

7. शिकायत निवारण पोर्टल

 

माननीय प्रधानमंत्री ने 1 जून 2020 को एक ऑनलाइन 'चैंपियंस' पोर्टल लॉन्च किया। इसमें शिकायत निवारण और एमएसएमई की सहायता सहित ई-गवर्नेंस के कई पहलुओं को शामिल किया गया।

 

27 जून 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस' के अवसर पर माननीय एमएसएमई मंत्री द्वारा चैंपियंस 2.0 की शुरुआत की गई थी। पोर्टल को उपयोग करने वाली की सुविधा और शिकायत समाधान को समय-समय पर बेहतर बनाने के लिए अपग्रेड किया गया है।

स्थापना के बाद से अब तक चैंपियंस पोर्टल को 76,205 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 75,815 (99.48%) का उत्तर पोर्टल पर दिया गया है।

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एमजी/एएम/आरकेजे/एजे



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