अंतरिक्ष विभाग

अंतरिक्ष विभाग की वर्षांत समीक्षा


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को उतारकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है

सरकार ने अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी

भारत सरकार ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किये

अंतरिक्ष विभाग ने जी20 अध्यक्षता के तहत स्पेस इकोनॉमी लीडर्स मीटिंग (एसईएलएम) का आयोजन किया

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) की दूसरी विकासात्मक उड़ान सफलतापूर्वक लॉन्च की गई, भारतीय उद्योग को इसके विस्तार के लिए प्रौद्योगिकी की पेशकश की गई है

अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान एलवीएम3 ने रिकॉर्ड समय में 72 वन वेब उपग्रहों को सफलतापूर्वक स्थापित किया

गगनयान के लिए परीक्षणों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है और इनमें से कुछ परीक्षणों में पहले टेस्ट व्हीकल से लेकर क्रू मॉडल की रीएंट्री और रिकवर करने के काम को सुरक्षित रूप से पूरा कर लिया गया है

इसरो ने सूर्य और हेलियोस्फीयर में इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया

इसरो ने भविष्य के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रमों

Posted On: 29 DEC 2023 5:56PM by PIB Delhi

 

चंद्रयान-3 मिशन

एलवीएम3 एम4 व्हीकल ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 को उसकी सही कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग

23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके बाद, रोवर प्रज्ञान, चंद्रमा की सतह पर उतरा। इसके बाद के कुछ दिनों में, ऑनबोर्ड पेलोड द्वारा कई प्रयोग किए गए, जिसमें सतह के पास प्लाज्मा सामग्री का माप, खनिज तत्वों की उपस्थिति, चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान आदि शामिल है।

प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों के साथ किया संवाद

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अगस्त 2023 को इसरो वैज्ञानिकों से मिलने के लिए आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु का दौरा किया और इस अद्भुत उपलब्धि को हासिल करने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने घोषणा की कि 23 अगस्त यानी चंद्रयान-3 की लैंडिंग तिथि को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने चंद्रमा पर साइट के नाम शिव शक्ति पॉइंट (चंद्रयान-3) और तिरंगा पॉइंट (चंद्रयान-2) की भी घोषणा की।

 

 

एसएसएलवी-डी/ ईओएस-07 मिशन की दूसरी विकासात्मक उड़ान

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी), एसएसएलवी-डी2 की दूसरी विकासात्मक उड़ान 10 फरवरी 2023 को 09:18 बजे आईएसटी पर एसडीएससी एसएचएआर, श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक लॉन्च की गई थी। एसएसएलवी-डी2 ने अपनी 15 मिनट की उड़ान में ईओएस-07, जैनस-1 और आजादी एसएटी-2 उपग्रहों को 450 किमी गोलाकार कक्षा में स्थापित किया। एसएसएलवी "लॉन्च-ऑन-डिमांड" आधार पर पृथ्वी की छोटी कक्षाओं में 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा कर सकता है। यह अंतरिक्ष तक कम लागत वाली पहुंच प्रदान करता है, कई उपग्रहों को समायोजित करने में कम समय और लचीलापन प्रदान करता है और लॉन्च के लिए न्यूनतम बुनियादी ढांचे की जरूरत पड़ती है।

 

भारतीय अंतरिक्ष नीति – 2023

भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 को सुरक्षा पर बनी कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया और सार्वजनिक डोमेन में जारी किया गया। इस नीति पर उद्योग समूहों और अंतर-मंत्रालयी परामर्श के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

जी20 अध्यक्षता के तहत स्पेस इकोनॉमी लीडर्स मीटिंग (एसईएलएम)

भीरत की जी20 अध्यक्षता के तहत, अंतरिक्ष विभाग द्वारा स्पेस इकोनॉमी लीडर्स मीटिंग (एसईएलएम) के चौथे संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। वैश्विक अंतरिक्ष में वर्तमान मुद्दों और अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए 18 जी20 देशों और 8 मित्र देशों के राजदूतों/ अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रमुखों/ प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। बैठक दो चरणों में आयोजित की गई, जिसमें शिलांग में पूर्ववर्ती कार्यक्रम और बेंगलुरु में मुख्य कार्यक्रम शामिल है। राजनयिकों के अलावा, दूसरे देशों से 34 अंतरिक्ष उद्योगों और 53 भारतीय अंतरिक्ष उद्योगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और प्रदर्शनी में अपनी दक्षताओं का प्रदर्शन किया।

 

एलवीएम3 एम3/ वन वेब मिशन

एलवीएम3 एम3/ वनवेब इंडिया-2 मिशन का दूसरा वाणिज्यिक मिशन 26 मार्च, 2023 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें 36 वनवेब उपग्रहों को उनकी इच्छित कक्षा में स्थापित किया गया। इसके साथ, एनएसआईएल ने वनवेब के 72 उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च करने के अपने अनुबंध को सफलतापूर्वक निष्पादित किया।

 

 

आरएलवी एलईएक्स मिशन

 

इसरो ने 2 अप्रैल, 2023 को एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर), चित्रदुर्ग, कर्नाटक में पुन: रियूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनोमस लैंडिंग मिशन (आरएलवी एलईएक्स) का प्रदर्शन किया। स्पेस री-एंट्री व्हीकल की स्वचालित लैंडिंग "उच्च गति, मानव रहित, समान वापसी पथ से सटीक लैंडिंग" की सटीक परिस्थितियों में की गई थी, जिस रास्ते से व्हीकल अंतरिक्ष से पहुंचता है।

भूमि सापेक्ष गति, लैंडिंग गियर्स की सिंक दर और सटीक बॉडी रेट जैसे लैंडिंग पैरामीटर हासिल किए गए, जैसा कि एक कक्षीय पुन: प्रवेश अंतरिक्ष वाहन द्वारा अपने वापसी पथ में अनुभव किया जा सकता है। आरएलवी एलईएक्स ने सटीक नेविगेशन हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, स्यूडोलाइट सिस्टम, केए-बैंड रडार अल्टीमीटर, एनएवीआईसी रिसीवर, स्वदेशी लैंडिंग गियर, एयरोफॉइल हनी-कॉम्ब फिन और ब्रेक पैराशूट सिस्टम सहित कई अत्याधुनिक तकनीकों की मांग की।

 

पीएसएलवी-सी55/टीईएलईओएस- 2 मिशन

पीएसएलवी-सी55/ टीईएलईओएस-2 मिशन 22 अप्रैल, 2023 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह एनएसआईएल के माध्यम से एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन था, जिसमें टीईएलईओएस -2 प्राथमिक उपग्रह और ल्यूमलाइट-4 सह-यात्री उपग्रह था। उपग्रहों का वजन क्रमशः 741 किलोग्राम और 16 किलोग्राम है। दोनों सिंगापुर से संबंधित हैं। उन्हें पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में प्रक्षेपित किया गया।

 

 

जीएसएलवी-एफ12/एनवीएस-01 मिशन

मिशन 29 मई 2023 को सफलतापूर्वक पूरा हुआ। जीएसएलवी ने एनवीएस-01 नेविगेशन उपग्रह भेजा था। एनवीएस-01 भारतीय अंतरिक्ष के साथ नौवहन (एनएवीआईसी) सेवाओं के लिए परिकल्पित दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है। एनवीएस श्रृंखला के उपग्रह उन्नत सुविधाओं के साथ एनएवीआईसी को बनाए रखेंगे और बढ़ाएंगे। इस श्रृंखला में सेवाओं को व्यापक बनाने के लिए अतिरिक्त रूप से एल1 बैंड सिग्नल शामिल किए गए हैं। एनवीएस-01 में पहली बार स्वदेशी परमाणु घड़ी उड़ाई जाएगी।

 

गंगायान सर्विस मॉड्यूल हॉट टेस्ट

 

इसरो ने 19 जुलाई, 2023 को इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस परीक्षण में 440 एन के थ्रस्ट के साथ पांच लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) इंजन और 100 एन के थ्रस्ट के साथ सोलह प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) थ्रस्टर शामिल थे। गगनयान का सेवा मॉड्यूल एक विनियमित द्वि-प्रणोदक आधारित प्रणोदन प्रणाली है जो शुरुआती चरण के दौरान ऑर्बिटल मॉड्यूल की आवश्यकताओं को पूरा करत है, ऑर्बिट इंजेक्शन, सर्कुलराइजेशन, ऑन-ऑर्बिट नियंत्रण, डी-बूस्ट अभ्यास और एसएम आधारित अवरोध (यदि कोई हो) जैसे काम पूरे करता है। 440 एन थ्रस्ट एलएएम इंजन मिशन आरोही चरण के दौरान मुख्य प्रणोदक बल प्रदान करते हैं, वहीं, आरसीएस थ्रस्टर्स सटीक एटीट्यूड करेक्शन सुनिश्चित करते हैं। इसरो ने 26 जुलाई, 2023 को इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) पर दो और हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे किए।

 

क्रू मॉड्यूल रिकवरी परीक्षण

7 फरवरी, 2023 को, इसरो ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कोच्चि में भारतीय नौसेना के वाटर सर्वाइवल टेस्ट फैसिलिटी (डब्ल्यूएसटीएफ) में क्रू मॉड्यूल का शुरुआती पुनर्प्राप्ति परीक्षण किया। ये परीक्षण गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल रिकवरी ऑपरेशन की तैयारी का हिस्सा थे जो भारत में किया जाएगा। चूंकि किसी भी सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए चालक दल की सुरक्षित वापसी अंतिम चरण है, इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे न्यूनतम समय अंतराल के साथ पूरा किया जाना चाहिए। इसलिए विभिन्न परिदृश्यों के लिए पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाओं को बड़ी संख्या में परीक्षण करके बड़े पैमाने पर अभ्यास करने की आवश्यकता होती है।

 

पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन

मिशन 30 जुलाई 2023 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। डीएस-एसएआर उपग्रह को डीएसटीए (सिंगापुर सरकार का प्रतिनिधित्व) और एसटी इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है। एक बार तैनात और चालू होने के बाद, इसका उपयोग सिंगापुर सरकार के भीतर विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह इमेजरी आवश्यकताओं का सहयोग करने के लिए किया जाएगा।

 

आदित्य-एल1 मिशन

सितंबर, 2023 को, आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान –भारत की पहला सौर वेधशाला को पीएसएलवी सी57 पर लॉन्च किया गया। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक हैलो ऑर्बिट में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा (हैलो ऑर्बिट) में स्थापित उपग्रह को बिना किसी ग्रहण/ ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का प्रमुख लाभ होता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक फायदा मिलेगा। अंतरिक्ष यान विद्युत चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टरों का उपयोग करके प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाता है। विशेष सुविधाजनक बिंदु L1 का उपयोग करते हुए, चार पेलोड सीधे सूर्य को देखेंगे और शेष तीन पेलोड लैग्रेंज बिंदु L1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करेंगे, इस प्रकार अंतरग्रहीय माध्यम में सौर गतिशीलता के प्रसार प्रभाव का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान किया जाएगा। अंतरिक्ष यान बेहद सावधानी के साथ आगे बढ़ा है और और वर्तमान में पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बचकर, सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल 1) की ओर बढ़ रहा है।

 

गंगायान टेस्ट व्हीकल- डी1 लॉन्च

टेस्ट व्हीकल (टीवी-डी1) की पहली विकासात्मक उड़ान 21 अक्टूबर  2023 को एफएलपी, एसडीएससी, श्रीहरिकोटा से क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) के इन-फ्लाइट एबॉर्ट प्रदर्शन के साथ सफलतापूर्वक पूरी की गई थी। नए विकसित टेस्ट व्हीकल के साथ मैक संख्या 1.2 पर क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) का इन-फ्लाइट एबॉर्ट प्रदर्शन, उसके बाद क्रू मॉड्यूल पृथक्करण और सुरक्षित रिकवरी का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। टीवी-डी1 क्रू मॉड्यूल को भारतीय नौसेना की मदद से समुद्र से सुरक्षित रूप से रिकवर किया गया और वापस आईएसआईटीई, बेंगलुरु ले जाया गया।

 

भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किये

21 जून 2023 को वाशिंगटन के विलार्ड इंटरकांटिनेंटल होटल में एक समारोह के दौरान भारत आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 27वां देश बन गया। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने एजेंसी के लिए हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत श्री तरणजीत सिंह संधू ने भारत की ओर से हस्ताक्षर किए। आर्टेमिस समझौता नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम में भाग लेने वाले देशों सहित राष्ट्रों के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण सहयोग को निर्देशित करने के लिए सिद्धांतों का एक व्यावहारिक सेट स्थापित करता है।

 

चित्र साभार : नासा

 

युविका-2023

युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम युविका-2023 का उद्घाटन 15 मई 2023 को इसरो चेयरमैन/ डीओएस सचिव श्री एस सोमनाथ द्वारा किया गया था। देश भर से कुल 352 हाई स्कूल के छात्रों को 7 इसरो केंद्रों पर इस दो सप्ताह के आवासीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है, जिनमें वीएसएससी तिरुवनंतपुरम, एसएसी अहमदाबाद, यूआरएससी बेंगलुरु, एसडीएससी श्रीहरिकोटा, एनआरएससी हैदराबाद, आईआईआरएस देहरादून और एनई-एसएसी शिलांग शामिल हैं। हाई स्कूल के छात्रों के लिए इसरो की युविका "युवाओं को आकर्षित करने" और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विशेष जोर देने के साथ एसटीईएम की ओर उन्मुखीकरण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है।

 

एयरो इंडिया 2023 में भागीदारी

इसरो ने एयरो इंडिया 2023 में भाग लिया और 13 से 17 फरवरी, 2023 के दौरान भारतीय अंतरिक्ष मंडप की स्थापना की। रक्षा क्षेत्र का लाभ उठाने वाली प्रमुख अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। इनमें एसएसएलवी, एचआरएलवी, गगनयान परीक्षण वाहन, संचार प्रणाली और बिजली प्रणालियां शामिल हैं। प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष में हाल के विकास और रक्षा अंतरिक्ष उद्योग से संबंधित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर सचिव, डीओएस/ इसरो के चेयरमैन द्वारा जानकारी दी गई। रक्षा अंतरिक्ष गैलरी में डीएसए, आईएसपीए, 25 स्टार्ट-अप, एमएसएमई और कॉरपोरेट्स ने भाग लिया।

 

अंतरिक्ष स्थिति संबंधी जागरूकता पर कार्यशाला

भारतीय छात्रों, शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों के लिए अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता और अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन (एसएसए और एसटीएम) पर एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला 12-14 अक्टूबर, 2023 के दौरान बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में 200 से अधिक छात्रों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

 

 

एसएसएलवी के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए ईओआई

इन-स्पेस ने उद्योग द्वारा स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) के उत्पादन के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी की।

चिंतन शिविर

इसरो ने अंतरिक्ष 2047: विजन और प्रौद्योगिकी रोडमैप की तैयारी के लिए दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस दौरान 250 से अधिक वैज्ञानिकों ने उभरती प्रौद्योगिकियों और भविष्य के रोड मैप पर विचार-विमर्श किया।

भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों पर कार्यक्रम

इसरो/ अंतरिक्ष विभाग ने 21 नवंबर 2023 को राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति - 2022 के उद्देश्यों के अनुरूप "भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों" पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है। "भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों" पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम के पहले चरण का उद्घाटन राज्य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर अंतरिक्ष विभाग के सचिव श्री एस. सोमनाथ, क्षमता निर्माण आयोग के चेयरमैन श्री आदिल जैनुलभाई और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के 29 मंत्रालयों और विभागों के 58 प्रतिभागियों ने नई दिल्ली स्थित, एनआरएससी में हुए आरआरएससी- उत्तर और एनई-एसएसी, शिलांग में हुए इस एक सप्ताह के कार्यक्रम में भाग लिया।

 

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड

  • एनएसआईएल ने जीसैट-7बी उपग्रह और इसके ग्राउंड सेगमेंट को पूरा करने के लिए भारतीय सेना के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
  • एनएसआईएल को 4 उपग्रह उड़ान मॉडल; 1 उपग्रह योग्यता मॉडल के निर्माण के लिए सप्लाई; ऑन-बोर्ड पीएसएलवी और ट्रैकिंग समर्थन लॉन्च करने के लिए डीआरडीओ से ऑर्डर मिला
  • पीएमएमएसवाई (प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना) के तहत, मत्स्य पालन विभाग द्वारा निगरानी, ​​नियंत्रण और सर्विलांस के उद्देश्य से पोत संचार प्रणाली स्थापित करने को मछली पकड़ने वाले जहाजों पर 1,00,000 एमएसएस टर्मिनल की स्थापना के लिए राष्ट्रीय स्तर की योजना के लिए एनएसआईएल को लगाया गया है।
  • एनएसआईएल ने 7 अगस्त 2023 से मेसर्स टाटा प्ले के लिए जीसैट-24 उपग्रह पर वाणिज्यिक सेवाएं शुरू कीं
  • एनएसआईएल ने सेलुलर बैकहॉल और इनफ्लाइट कनेक्टिविटी अनुप्रयोगों सहित देश में ब्रॉडबैंड आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 48 जीबीपीएस क्षमता के जीएसएटी-एन 2 केए-केए बैंड एचटीएस उपग्रह को पूरा करने के लिए दूसरा मांग संचालित मिशन शुरू किया, जो इसरो द्वारा निर्मित अब तक की सबसे अधिक प्रवाह क्षमता है।
  • जीसैट-एन2 क्षमता के बड़े हिस्से के उपयोग के लिए उपयोगकर्ता के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए
  • 2024 की दूसरी तिमाही के दौरान लॉन्च करने के उद्देश्य से विदेशी लॉन्च सेवा प्रदान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए
  • तीन (3) समर्पित ग्राहक उपग्रह मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसमें एलवीएम3-एम3 / वनवेब इंडिया-2 मिशन, पीएसएलवी-सी55/ टीईएलईओएस-2 मिशन और पीएसएलवी-सी56/ डीएस-एसएआर मिशन शामिल हैं
  • 2023 के दौरान, एनएसआईएल ने पीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी पर 46 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पूरा किया।
  • 2023 के दौरान, एनएसआईएल ने मिशन समर्थन सेवाओं के भाग के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को तीन लॉन्च व्हीकल ट्रैकिंग सपोर्ट और दो लॉन्च एंड अर्ली ऑर्बिट फेज (एलईओपी) उपलब्ध कराए हैं।
  • 2023 के दौरान, एनएसआईएल ने इसरो द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को उद्योग में स्थानांतरित करने के लिए 15 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं
  • वित्तीय विवरण

राजस्व:

वित्त वर्ष 2019-20: 314.86 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2020-21: 525.71 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2021-22: 1731.84 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2022-23: 2940.42 करोड़ रुपये

 

कर पूर्व लाभ (पीबीटी):

वित्त वर्ष 2019-20: 60.55 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2020-21: 212.84 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2021-22: 459.14 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2022-23: 625.76 करोड़ रुपये

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एमजी/एआर/एमपी/एजे

 



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