शिक्षा मंत्रालय

प्रधानमंत्री ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2023 के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को संबोधित किया


"हैकथॉन मेरे लिए भी सीखने का एक अवसर है और मैं इसका उत्सुकता से इंतजार करता हूं"

"21वीं सदी का भारत 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान' के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है"

"आज हम समय के उस निर्णायक मोड़ पर हैं, जहां हमारा हर प्रयास अगले हजार वर्षों के भारत की नींव को मजबूत करेगा"

"दुनिया को भरोसा है कि भारत में उसे वैश्विक चुनौतियों का कम लागत, गुणवत्तापूर्ण, टिकाऊ और बेहतर समाधान मिलेगा"

"वर्तमान समय की विशिष्टता को समझें, क्योंकि कई फैक्टर्स एक साथ आ गए हैं"

"हमारे चंद्रयान मिशन ने दुनिया की उम्मीदें कई गुना बढ़ा दी हैं"

"स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के माध्यम से देश की युवा शक्ति विकसित भारत के लिए समाधान रूपी अमृत उपलब्धॉ करा रही है"

Posted On: 20 DEC 2023 8:30AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2023 के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को संबोधित कर उनसे बातचीत की।



प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के मैसूर में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से श्री सोइकत दास और श्री प्रोतीक साहा से बातचीत की। इन्होंने कोयला मंत्रालय के लिए परिवहन और रसद विषय पर काम किया। रेलवे कार्गो के लिए वे आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हैकथॉन उनके लिए भी सीखने का अवसर है। वह हमेशा प्रतिभागियों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक रहते हैं। प्रतिभागियों के खिले चेहरे देखकर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका उत्साह, इच्छाशक्ति और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनका लगाव भारत की युवा शक्ति की पहचान बन गई है। इस टीम ने (जिसमें बांग्लादेश के छात्र भी शामिल हैं) प्रधानमंत्री को बताया कि वे रेलवे कोयला वैगनों की निगरानी और अधिक लदान (ओवरलोडिंग) की समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण या तो नुकसान होता या फिर जुर्माना देना पड़ता है। वे इसके लिए आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस 6 सदस्यीय टीम में बांग्लादेश और भारत से 3-3 सदस्‍य शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया किया कि उनके प्रयास से भारतीय रेलवे को बहुत लाभ होगा, जो परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि संचालन केंद्रबिंदु क्षेत्र है और उम्मीद है कि बांग्लादेश से कई और छात्र भविष्य में भारत आएंगे। उन्होंने कहा कि 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम से ऐसे छात्रों को मदद मिलेगी।

अहमदाबाद के गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की सुश्री तिवारी हर्षिता एस. और श्री जेठवा जय पी. ने चंद्रमा का अप्रत्‍याशित मानचित्र बनाने के लिए इमेज प्रोसेसिंग और एआई का उपयोग कर इसरो के मूनलैंडर द्वारा प्राप्त मध्यम रिजोल्यूशन इमेज को सुपर रिजोल्यूशन इमेज में परिवर्तित करके बेहतर बनाने की परियोजना पर काम किया है। इस परियोजना के निष्‍कर्ष से भविष्य के मिशनों के लिए एक सुरक्षित लैंडिंग स्थान और नेविगेशन पथ निर्धारित करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न अंतरिक्ष स्टार्टअप के साथ-साथ इसरो की टीम से पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया के लिए आशा की किरण बन गया है। इसने भारत के प्रति विदेशों का नजरिया भी बदल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान युग उन युवाओं के लिए आदर्श समय है जो भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने युवाओं के विकास के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का भी उल्लेख किया। उन्होंने नए जमाने के स्टार्टअप के लिए इसरो द्वारा अपनी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के निर्णय का उल्लेख करते हुए यह सुझाव दिया कि वे अहमदाबाद में स्थित आईएन-स्‍पेस मुख्यालय का भ्रमण करें।


ओडिशा के संबलपुर में स्थित वीर सुरेंद्र साई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से अंकित कुमार और सैयद सिद्दीकी हुसैन ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में ओपन इनोवेशन पर काम किया। उन्होंने एक रेटिंग बनाई जो बच्चों के माता-पिता और पेशेवर चिकित्सों को समय से पहले सचेत करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री के आग्रह पर टीम की एक महिला सदस्य ने उन्हें इस परियोजना की जानकारी भी दी। इस अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र को चुनने के लिए टीम को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने युवा आबादी में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग को ऐसे मुद्दों पर काम करने और शैक्षणिक संस्थानों में खोजे गए समाधान का विस्‍तार करने और उन्‍हें उपलब्‍ध कराने के तौर-तरीकों का पता लगाने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों को माई इंडिया पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी।


असम के गुवाहाटी असम रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की सुश्री रेशमा मस्तुथा आर. ने एआई टूल भाषिनी का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की। वास्तविक समय में अनुवाद के लिए भाषिनी टूल का पहली बार उपयोग इसी कार्यक्रम में किया गया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण भारत से आने वाली सुश्री रेशमा और उनकी टीम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की सच्ची राजदूत हैं। उनकी टीम ने वेब एप्लिकेशन का उपयोग करके जलविद्युत संयंत्रों के घटकों के इनपुट-आधारित एआई जेनरेटिव डिजाइन बनाने पर काम किया है, जिससे भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने और उसकी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने बिजली क्षेत्र को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने के तरीके खोजने पर जोर दिया, क्योंकि दोनों ही विकसित भारत के लिए बेहद जरूरी हैं और भारत के भविष्य को गढ़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बिजली उत्पादन और खपत की निगरानी के साथ-साथ बिजली ट्रांसमिशन में एआई-आधारित समाधानों का उपयोग करके दक्षता हासिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। पिछले वर्षों में हर गांव और परिवार तक बिजली पहुंचाने की सरकार की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कृषि क्षेत्रों में छोटे पैमानों पर सौर संयंत्र और शहरों में छत पर सौर संयंत्रों को लगाने के बारे में सरकार की प्राथमिकता पर जोर दिया। उन्‍होंने इसके लिए एआई समाधान खोजने का भी सुझाव दिया और उनसे पूर्वोत्तर का दौरा करने का भी अनुरोध किया।


उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के श्री ऋषभ एस. विश्वामित्र ने एआई का उपयोग करके फिशिंग डोमेन का पता लगाने के लिए समाधान देने हेतु एनटीआरओ द्वारा ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा पर काम किया। प्रधानमंत्री ने साइबर धोखाधड़ी की लगातार उभरती चुनौतियों के बारे में बातचीत करते हुए नई तकनीकी के संदर्भ में अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जेनरेटिव एआई द्वारा डीपफेक वीडियो का जिक्र करते हुए किसी भी फोटो या वीडियो पर भरोसा करने से पहले सतर्क रहने के लिए कहा। उन्होंने एआई के लिए वैश्विक ढांचा तैयार करने को लेकर भारत के अभियान का भी जिक्र किया।


प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए देश की समस्याओं का समाधान उपलब्‍ध कराने के बारे में युवा पीढ़ी के समर्पण पर खुशी जाहिर की। उन्होंने पिछले हैकथॉन की सफलता का भी उल्‍लेख किया। पिछले हैकथॉन से सामने आए स्टार्टअप और साधन सरकार व समाज दोनों की मदद कर रहे हैं।


21वीं सदी के भारत के मंत्र यानी "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान" का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हर भारतीय यथास्थिति की जड़ता का त्याग कर रहा है। तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उदय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान भारत की यूपीआई (डिजिटली भुगतान का तरीका) और वैक्सीन की सफलता के बारे में बात की।


प्रधानमंत्री ने युवा अन्वेषकों और क्षेत्र विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए वर्तमान समय अवधि के महत्व को दोहराते हुए कहा कि यह अगले एक हजार वर्षों की दिशा तय करेगा। प्रधानमंत्री ने उनसे वर्तमान समय की विशिष्टता को समझने के लिए कहा। आज कई कारण एक साथ आ गए हैं। इनमें भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, इसका टैलंट पूल बेहतर है, स्थिर व मजबूत सरकार है, बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ही विज्ञान व तकनीकी पर अभूतपूर्व ध्‍यान दिया जा रहा है।


प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि तकनीक आज हमारे जीवन का महत्‍वपूर्ण हिस्सा है। उन्‍होंने युवा अन्वेषकों की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि तकनीक का उन्नत संस्करण तभी सामने आता है जब कोई इसके उपयोग का आदी होने लगता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अमृत काल के अगले 25 वर्ष युवा अन्वेषकों के लिए निर्णायक घड़ी होगी। आत्मनिर्भर भारत के सामान्य लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए उन्‍होंने कोई भी नया आयात न करने और अन्‍य देशों पर निर्भर न रहने का उद्देश्य बताया। आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहे रक्षा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भारत कुछ रक्षा प्रौद्योगिकियों को आयात करने के लिए मजबूर है। उन्होंने सेमीकंडक्टर और चिप तकनीक में आत्मनिर्भरता की जरूरत पर भी जोर दिया। श्री मोदी ने क्वांटम तकनीक और हाइड्रोजन ऊर्जा क्षेत्रों में भारत की उच्च आकांक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार 21वीं सदी का आधुनिक इकोसिस्टम बनाकर ऐसे सभी क्षेत्रों पर विशेष जोर दे रही है, लेकिन इसकी सफलता युवाओं की मेहनत पर निर्भर करती है।


पीएम श्री मोदी ने युवा अन्वेषकों से कहा कि दुनिया को यह विश्‍वास है कि भारत में उसे वैश्विक चुनौतियों का किफायती, गुणवत्तायुक्‍त, टिकाऊ और बेहतर समाधान मिलेगा। हमारे चंद्रयान मिशन ने दुनिया की उम्मीदों को कई गुना बढ़ा दिया है। इसलिए अन्वेषकों से उसी हिसाब से नई खोज करने को कहा। हैकथॉन के लक्ष्य के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का उद्देश्य देश की समस्याओं को हल करना और समाधान के माध्यम से रोजगारों का सृजन करना है। स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के माध्यम से देश की युवा शक्ति विकसित भारत के लिए समाधान रूपी अमृत उपलब्‍ध करा रही है। प्रधानमंत्री ने देश की युवा शक्ति में विश्‍वास व्‍यक्‍त करते हुए उनसे किसी भी समस्या का समाधान निकालते समय विकसित भारत के संकल्प को ध्यान में रखने का अनुरोध किया। अंत में पीएम श्री मोदी ने कहा कि आप जो भी करें, वह सर्वोत्तम हो। आपको ऐसा काम करना है कि दुनिया आपका अनुसरण करे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअली अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने देश के युवाओं को गतिशील नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।


उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2017 में टीमों की संख्या 7531 थी। इस आंकड़े में उल्लेखनीय छह गुना वृद्धि देखी गई। आज चालू वर्ष में इसकी संख्या 44617 टीमों तक पहुंच गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष 2,67,000 प्रतिभागी अपनी रचनात्मक ऊर्जा को 51,000 नए विचारों के विकास में लगाने को तैयार हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि एसआईएच जैसी पहल नई पीढ़ी को देश के विकास से जोड़ने वाली है और ऐसे प्रयासों से 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य पूरा होगा।



पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री के युवा-नेतृत्व वाले विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच) छात्रों को सरकार के मंत्रालयों और विभागों, उद्योगों और अन्य संगठनों की गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराने वाला राष्ट्रव्यापी अवसर है। वर्ष 2017 में प्रारंभ किए गए स्मार्ट इंडिया हैकथॉन ने युवा इनोवेटर्स के बीच व्‍यापक रूप से लोकप्रियता हासिल की है। पिछले पांच संस्करणों में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारी समाधान उभरे हैं, जो स्थापित स्टार्टअप के रूप में सामने आए हैं।


इस वर्ष एसआईएच का ग्रैंड फिनाले 19 से 23 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। एसआईएच 2023 में, 44,000 टीमों से 50,000 से अधिक विचार प्राप्त हुए, जो एसआईएच के पहले संस्करण की तुलना में लगभग सात गुना अधिक है। देश भर के 48 नोडल केंद्रों पर आयोजित ग्रैंड फिनाले में 12,000 से अधिक प्रतिभागी और 2500 से अधिक सलाहकार भाग लेंगे। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्मार्ट शिक्षा, आपदा प्रबंधन, रोबोटिक्स और ड्रोन, विरासत और संस्कृति सहित विभिन्न विषयों के बारे में समाधान उपलब्‍ध कराने के लिए इस वर्ष ग्रैंड फिनाले के लिए कुल 1282 टीमों का अंतिम रूप से चयन किया गया है।

कार्यक्रम में भाग लेने वाली टीमें 25 केंद्रीय मंत्रियों और राज्य सरकारों के 51 विभागों द्वारा भेजी गई 231 समस्याओं (176 सॉफ्टवेयर और 55 हार्डवेयर) का निपटारा करेंगी और समाधान उपलब्‍ध कराएंगी। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2023 की कुल पुरस्कार राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें प्रत्येक विजेता टीम को प्रति समस्या विवरण पर एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

*****

एमजी/एएम/आरकेजे/एजे



(Release ID: 1988994) Visitor Counter : 85


Read this release in: English , Urdu , Manipuri