कोयला मंत्रालय
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तेज़ कोयला संचलन के लिए हाल में की गई पहलें

Posted On: 18 DEC 2023 5:14PM by PIB Delhi

नीति आयोग द्वारा जुलाई 2023 में लॉन्च किए गए भारत जलवायु ऊर्जा डैशबोर्ड (इंडिया क्लाइमेट इनर्जी डैशबोर्ड- आईसीईडी) के अनुसार, भारत की प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति (2020 और 2021 के असाधारण कोविड वर्षों को छोड़कर) 2012-22 के दौरान ~4.0%  की मिश्रित वार्षिक दर (कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट- सीएजीआर) से बढ़ी है

भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (इंडिया इनर्जी सिक्यूरिटी सिनैरियो- आईईएसएस) 2047-नीति आयोग द्वारा विकसित एक ऊर्जा मॉडलिंग उपकरण के अनुसार, भविष्य की ऊर्जा आपूर्ति नेट-शून्य और व्यवसाय सामान्य परिदृश्यों (बिजनेस एज यूजुअल- बीएयू) परिदृश्यों के अंतर्गत  क्रमशः 3.3% से 3.5% की सीमा में बढ़ने का अनुमान है।

रेल मंत्रालय ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) लुधियाना से सोननगर (1337 किलोमीटर) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (जेएनपीटी) से दादरी (1506 किलोमीटर) तक दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण शुरू किया है। ईडीएफसी का निर्माण पूरी तरह से पूरा हो चुका है और डब्ल्यूडीएफसी के 1506 किलोमीटर में से 1176 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। पूर्वी डीएफसी मुख्य रूप से कोयला, सीमेंट, तैयार स्टील और अन्य थोक वस्तुओं की आपूर्ति करेगा। पूर्वी डीएफसी उत्तरी भीतरी इलाकों में स्थित तापीय बिजलीघरों (थर्मल पावरहाउसों) के लिए देश के पूर्वी हिस्से से कोयले की तेजी से निकासी की सुविधा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, रेलवे परियोजनाएं रेल मंत्रालय की भागीदारी नीति के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही हैं जिससे कोयले के परिवहन में सुविधा होगी।

बढ़ती कोयले की खपत और बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें घरेलू कोयले की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

  1. सार्वजनिक क्षेत्र के लोक उपक्रमों (पीएसयूएस) की नई और ब्राउन फील्ड कोयला खनन परियोजनाओं के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा नियमित समीक्षा।

ii. कैप्टिव खान मालिकों (परमाणु खनिजों के अलावा) को आवश्यकता को पूरा करने के बाद अपने वार्षिक खनिज (कोयला सहित) उत्पादन का 50% तक खुले बाजार में बेचने के लिए  ऐसी अतिरिक्त राशि के भुगतान पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से खदान से जुड़े अंतिम उपयोग संयंत्रों को  सक्षम बनाने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 का अधिनियमन।

iii. कोयला खदानों के परिचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल।

iv. कोयला खदानों के शीघ्र परिचालन के लिए विभिन्न अनुमोदन/मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोयला ब्लॉक आवंटियों की मदद के लिए परियोजना निगरानी इकाई।

v. राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर वाणिज्यिक खनन की नीलामी 2020 में शुरू की गई। वाणिज्यिक खनन योजना के अंतर्गत, उत्पादन की निर्धारित तिथि से पहले उत्पादित कोयले की मात्रा के लिए अंतिम प्रस्ताव पर 50% की छूट की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, कोयला गैसीकरण या द्रवीकरण पर प्रोत्साहन (अंतिम प्रस्ताव पर 50% की छूट) प्रदान किया गया है।

vi. राजस्व साझाकरण तंत्र पर वाणिज्यिक खनन की नीलामी 18.06.2020 को शुरू की गई थी। वाणिज्यिक कोयला खनन के नियम और शर्तें बहुत उदार हैं, कोयले के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति है, अग्रिम राशि कम की गई है, मासिक भुगतान के खिलाफ अग्रिम राशि का समायोजन किया गया है, कोयले के संचालन के लिए लचीलेपन को प्रोत्साहित करने के लिए खदानें, पारदर्शी बोली प्रक्रिया, स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और राष्ट्रीय कोयला सूचकांक के आधार पर राजस्व साझाकरण मॉडल उदार दक्षता मानक (पैरामीटर) दिए गए हैं।

vii. उपरोक्त के अलावा, कोयला कंपनियों ने सक्षम बनाने के लिए पर्यावरण मंजूरी/वन मंजूरी, भूमि अधिग्रहण, कोयला हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी)/एसआईएलओ, रेल परियोजनाओं आदि के माध्यम से मशीनीकृत लोडिंग जैसे निकासी बुनियादी ढांचे में 1 बीटी उत्पादन योजना के अनुसार अपने लक्ष्य में योगदान करने के लिए परियोजनाएँ जैसे सभी आवश्यक संसाधनों को पूरा करने के लिए पहचान की है और तदनुसार कार्रवाई शुरू की है।

यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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