वस्त्र मंत्रालय
केंद्र ने जूट मार्क इंडिया लोगो के तहत जूट उत्पादों के लिए प्रामाणिकता का प्रमाणीकरण शुरू किया
Posted On:
13 DEC 2023 5:41PM by PIB Delhi
वस्त्र मंत्रालय ने 09 जुलाई 2022 को जूट मार्क इंडिया लोगो के अनावरण के साथ जूट उत्पादों के लिए प्रामाणिकता का प्रमाणन शुरू किया है। जूट मार्क इंडिया पारंपरिक जूट और जूट के विविध उत्पादों के मूल और उनकी गुणवत्ता पर सामूहिक पहचान और आश्वासन प्रदान करता है। जूट मार्क इंडिया लोगो का लाभ उठाने के लिए अब तक 55 विक्रेताओं ने पंजीकरण कराया है।
सरकार ने जूट क्षेत्र के समग्र विकास और संवर्द्धन के लिए राष्ट्रीय जूट विकास कार्यक्रम (एनजेडीपी) नाम की एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। 2021-22 से 2025-26 के दौरान इस योजना के कार्यान्वयन पर कुल 485.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एनजेडीपी में निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं:
(i) बेहतर खेती और उन्नत अपगलन अभ्यास (जूट आईसीएआरई) - फाइबर की गुणवत्ता और जुट उत्पादकता में सुधार के साथ ही जूट उत्पादन की लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए जूट की खेती और जूट को गलाने के वैज्ञानिक तरीकों का पैकेज पेश करना।
(ii) जूट संसाधन सह उत्पादन केंद्र (जेआरसीपीसी) – जूट के विविध उत्पादों (जेडीपी) के उत्पादन में निरंतर रोजगार के लिए नए कारीगरों और डब्ल्यूएसएचजी को प्रशिक्षण प्रदान करके जूट विविधीकरण कार्यक्रम का प्रसार करना।
(iii) जूट कच्चा माल बैंक (जेआरएमबी) - मिल गेट मूल्य पर जेडीपी के उत्पादन के लिए जूट कारीगरों, एमएसएमई को जूट कच्चे माल की आपूर्ति करना।
(iv) जूट रिटेल आउटलेट्स (जेआरओ) योजना – खुदरा दुकानों /शोरूम के जरिए जेडीपी के प्रचार और बिक्री के लिए मौजूदा और नए कारीगरों/उद्यमियों को सुविधा प्रदान करना।
(v) जूट डिजाइन रिसोर्स सेंटर (जेडीआरसी) - बाजार योग्य अभिनव जूट विविध उत्पादों के डिजाइन और उनके विकास तथा मौजूदा और नए जेडीपी निर्माताओं तथा निर्यातकों की मदद के लिए केंद्र।
(vi) उत्पाद विविधीकरण (आरएंडडी) अध्ययन - वस्त्र और गैर वस्त्र अनुप्रयोगों में अनुसंधान एवं विकास का पता लगाना।
(vii) उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना - जेडीपी के निर्माण और निर्यात के लिए जूट मिलों और एमएसएमई जेडीपी इकाइयों की मदद करना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लागत प्रतिस्पर्धी बनाना।
(viii) संयंत्र और मशीनरी के अधिग्रहण के लिए पूंजीगत सब्सिडी (सीएसएपीएम) - विनिर्माण (जेडीपी) में मदद के लिए और मौजूदा जूट मिलों तथा एमएसएमई जेडीपी इकाइयों के आधुनिकीकरण/उन्नयन की सुविधा के लिए बनाया गया है।
(ix) बाजार विकास संवर्धन गतिविधियां (घरेलू और निर्यात) - घरेलू बाजार में जेडीपी की बिक्री और प्रचार के लिए जेडीपी इकाइयों की मदद करना और जूट के सामान के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पंजीकृत जूट निर्यातकों की सहायता करना। गुणवत्तापूर्ण जूट विविध उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए जूट मार्क लोगो का विकास और जूट को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रचार अभियान शुरू करना।
(x) जूट मिलों, जेडीपी-एमएसएमई के श्रमिकों की लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति योजना: जूट मिलों/एमएसएमई-जेडीपी इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों की लड़कियों को छात्रवृत्ति के रूप में मदद करना।
यह जानकारी केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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