जल शक्ति मंत्रालय
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने मथुरा में गोकुल बैराज में सीवेज शोधन संयंत्र के विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए
240 करोड़ रुपये की लागत के 60 एमएलडी वाला संयंत्र यमुना नदी में सीवेज शोधन बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगा और प्रदूषण की समस्या का समाधान करेगा
Posted On:
13 DEC 2023 4:00PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने सीवेज शोधन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और यमुना में प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उत्तर प्रदेश जल निगम और मेसर्स एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स लिमिटेड (ईआईईएल) मथुरा इंफ्रा इंजीनियर्स प्रा. लिमिटेड के साथ एक त्रिपक्षीय रियायत समझौता किया है। यह विशेष प्रयोजन तंत्र (एसपीवी), मेसर्स एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स लिमिटेड और मेसर्स के बीच एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से गठित किया गया है, जो माइक्रो ट्रांसमिशन सिस्टम, मथुरा में गोकुल बैराज के लिए सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के विकास का नेतृत्व करेगा। हाइब्रिड वार्षिकी निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मोड के अंतर्गत निष्पादित रियायत समझौते में 240.01 करोड़ रुपये का अनुबंध शामिल है, जो नदी संरक्षण और शहरी सीवेज प्रबंधन में एक परिवर्तनकारी क्षण है।
व्यापक परियोजना में 60 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के निर्माण के साथ-साथ इंटरसेप्शन और डायवर्जन संरचनाएं, आई एंड डी नेटवर्क बिछाने, सीवेज पंपिंग स्टेशन और 15 वर्षों के लिए संचालन और रख-रखाव जैसे महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं। मथुरा शहर में सीवेज प्रबंधन और शोधन में मौजूदा अंतर का समाधान करने के उद्देश्य से, यह पहल यमुना में सीवेज प्रदूषण को काफी कम करने में सहायता करेगी। यह परियोजना पूरा होने पर, गंगा और उसकी सहायक नदियों के कायाकल्प के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की प्रतिबद्धता के अनुरूप, मथुरा शहर से यमुना नदी में अशोधित सीवेज के प्रवाह की समस्या को दूर करेगी।
यह अभूतपूर्व पहल न केवल सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के निर्माण को गति देती है बल्कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की रुचि को भी पुनर्जीवित करती है और कुशल तथा टिकाऊ सीवेज प्रबंधन के लिए एक सहयोगी मॉडल को बढ़ावा देती है। हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल सभी हितधारकों के लिए एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभदायक व्यवस्था सुनिश्चित करता है और अपेक्षित मानकों को पूरा करने के लिए सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) के दीर्घकालिक संचालन और रख-रखाव पर जोर देता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार प्रक्रिया के सफल समापन पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की और यमुना व गंगा नदियों को स्वच्छ करने व पुनर्जीवित करने के निरंतर प्रयासों में एक और उल्लेखनीय कदम के रूप में इसके महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर श्री लोकेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण), श्री मनीष जैन, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, मेसर्स ईआईईएल मथुरा इंफ्रा इंजीनियर्स प्रा. लिमिटेड और श्री बिनोद कुमार, निदेशक (परियोजनाएं), राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), अनुबंध के हस्ताक्षरकर्ता थे। श्री बृजेंद्र स्वरूप, कार्यकारी निदेशक (परियोजनाएं) और श्री नलिन कुमार श्रीवास्तव, उप महानिदेशक- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), राज्य एजेंसियों और रियायतग्राही के प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित थे।
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