पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल और सड़क अवसंरचना परियोजनाएं

Posted On: 11 DEC 2023 5:02PM by PIB Delhi

दिनांक 01.04.2023 की स्थिति के अनुसार 81,941 करोड़ रुपये की लागत से 1,909 किलोमीटर की कुल लंबाई को कवर करने वाली 19 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं पूरी तरह से/आंशिक रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में आती हैं, जो आयोजना/अनुमोदन/निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें से 482 किलोमीटर लंबाई चालू हो चुकी है और मार्च, 2023 तक 37,713 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है।

2014-23 के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्ण/आंशिक रूप से आने वाले 1,618 किमी खंडों (377 किमी नई लाइन, 972 किमी गेज परिवर्तन और 269 किमी दोहरीकरण) को 179.78 किमी प्रति वर्ष की औसत दर से चालू किया गया है, जो 2009-14 के दौरान औसत वार्षिक कमीशनिंग (66.6 किमी प्रति वर्ष) से 170% अधिक है।

वर्ष 2014 से बजट आबंटन में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जिसका ब्यौरा निम्नानुसार है:-

अवधि

बजट परिव्यय

2009-14

2,122 करोड़ रुपये प्रति वर्ष

2014-23

6,083 करोड़ रुपये प्रति वर्ष

2023-24

10,269 करोड़ रुपये

 

सड़क परियोजनाएं:

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पिछले नौ वर्षों (अर्थात 2014-2023) के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में 41,459 करोड़ रुपये की लागत से कुल 4,950 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क विकसित किया गया है।

इसके अतिरिक्त, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने उत्तर-पूर्व विशेष अवसंरचना विकास स्कीम (एनईएसआईडीएस) और उत्तर-पूर्व सड़क क्षेत्र विकास स्कीम (एनईआरएसडीएस) के अंतर्गत 3,372.58 करोड़ रुपए की 77 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए उत्तर-पूर्व विशेष अवसंरचना विकास स्कीम (एनईएसआईडीएस) के लिए कुल अनुमोदित परिव्यय 8,139.50 करोड़ रुपए है और एनईएसआईडी स्कीम के विशिष्ट घटकों के ब्यौरे में अन्य बातों के साथ-साथ एनईएसआईडीएस (सड़क) और एनईएसआईडीएस (सड़क अवसंरचना के अलावा) शामिल हैं।

वर्ष 2023-24 के लिए एनईएसआईडीएस-सड़क और एनईएसआईडीएस-सड़क अवसंरचना के अलावा (ओटीआरआई) घटकों के लिए निधियों का आबंटन 2,491.00 करोड़ रुपये है। एनईएसआईडी स्कीम के दो घटकों के अंतर्गत निधियों के राज्य-वार उपयोग का ब्यौरा अनुबंध में दिया गया है। उक्त स्कीम के अंतर्गत निधियों के जिलावार उपयोग से संबंधित आंकडे़ उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय रूप से नहीं रखे जाते हैं।

वर्ष 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिए पूर्वोत्तर परिषद की स्कीमों के लिए अनुमोदित परिव्यय 3,202.70 करोड़ रुपये है। नई स्वीकृतियों के लिए एनईसी की स्कीमों के तीन घटक अर्थात् केंद्रित विकास घटक - 30%, केन्द्रीय एजेंसी घटक - 28% और राज्य मानक घटक- 42% हैं। केंद्रित विकास घटक का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में वंचित क्षेत्रों, समाज के उपेक्षित वर्गों और उभरते प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का विकास करना है तथा केंद्रीय एजेंसी घटक का उद्देश्य प्रतिष्ठित/क्षेत्रीय प्रकृति की परियोजनाएं हैं। राज्य मानक घटक के अंतर्गत राज्य अपनी आवश्यकता और प्राथमिकताओं के अनुसार परियोजनाओं का प्रस्ताव कर सकते हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल और सड़क अवसंरचना परियोजनाओं के लाभों में अन्य बातों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के लोगों का देश की मुख्य धारा के साथ एकीकरण, आवश्यक वस्तुओं और कृषि उत्पादों का त्वरित परिवहन, इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि, क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास, पर्यटन उद्योग का विकास तथा क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि करना और इस प्रकार पूर्वोत्तर राज्यों की समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना शामिल है।

यह जानकारी केंद्रीय उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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