कोयला मंत्रालय
कार्यान्वयन के तहत सर्फेसकोल गैसीफिकेशन परियोजनाओं के विवरण
Posted On:
06 DEC 2023 3:30PM by PIB Delhi
सीआईएल ने कई सर्फेस कोल गैसीफिकेशन (एससीजी) परियोजनाएं आरंभ की हैं, जो कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं, जैसा कि यहां बताया गया है:
(i) तालचेर (ओडिशा) में कोल गैसीफिकेशन आधारित उर्वरक संयंत्र: तालचेर फर्टिलाइजर लिमिटेड (सीआईएल, गेल, आरसीएफ और एफसीआईएल का एक संयुक्त उद्यम) एक एकीकृत कोयला गैसीकरण आधारित यूरिया संयंत्र की स्थापना में जुड़ा है जिसमें 1.27 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन करने के लिए पेट-कोक के साथ मिश्रित समीपवर्ती तालचेर कोयला क्षेत्रों के उच्च राख वाले कोयले का उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में, निर्माण गतिविधियां जारी हैं। अक्टूबर 2023 तक वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति क्रमशः 51.92 प्रतिशत एवं 46.54 प्रतिशत है।
(ii) अन्य पहल: ईसीएल, एमसीएल और डब्ल्यूसीएल में कोयला खदानों के पिट हेड पर कोल गैसीफिकेशन परियोजनाएं स्थापित करने की पहल की गई है। सीआईएल बोर्ड ने ईसीएल में कोयले से एसएनजी परियोजना और एमसीएल में कोयले से अमोनियम नाइट्रेट परियोजना के लिए पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) को मंजूरी दे दी। डब्ल्यूसीएल बोर्ड ने कोयले से अमोनियम नाइट्रेट परियोजना के लिए पीएफआर को भी स्वीकृति दे दी।
एनएलसीआईएल ने नेवेली में लिग्नाइट से मेथनॉल संयंत्र की स्थापना के लिए भी कार्रवाई शुरू की है, जो निविदा चरण में है।
निजी क्षेत्र की कंपनियों को स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों में निवेश करने या स्वच्छ और अधिक कुशल खनन प्रक्रियाओं को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कोयला मंत्रालय ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं -
मंत्रालय ने एक नीति तैयार की है, जिसमें गैसीफिकेशन के उद्देश्य से उपयोग किए जाने वाले कोयले के लिए भविष्य की सभी वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी के लिए राजस्व हिस्सेदारी में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है, बशर्ते कि गैसीफिकेशन के लिए उपयोग की जाने वाली कोयले की मात्रा कुल कोयला उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत हो।
नए कोल गैसीफिकेशन संयंत्रों के लिए कोयला उपलब्ध कराने के लिए गैर विनियमित सेक्टर के तहत अलग नीलामी विंडो का निर्माण किया गया है।
कोल गैसीफिकेशन प्रक्रिया में पर्यावरण से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए, सरकार ने पर्यावरण मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया है, जिसमें परियोजना प्रस्तावक को पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन करना होगा और पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार करनी होगी। कोल गैसीफिकेशन संयंत्र की स्थापना से संबंधित किसी भी कार्यकलाप को आरंभ करने से पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक विशेषज्ञ समिति द्वारा इसकी विधिवत जांच की जाती है।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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