संस्कृति मंत्रालय
विरासत एवं धरोहर स्थलों के संरक्षण में सार्वजनिक निजी भागीदारी का सामंजस्य
Posted On:
04 DEC 2023 3:26PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने विरासत एवं धरोहर स्थलों का संरक्षण करने और भारत की सांस्कृतिक सम्पदा के समग्र प्रचार के उद्देश्य से सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1890 के तहत एक न्यास के रूप में वर्ष 1996 में राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) की स्थापना की थी।
सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत राष्ट्रीय संस्कृति कोष द्वारा अनुमोदित सभी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी एवं समीक्षा नियमित रूप से परियोजना कार्यान्वयन समिति द्वारा की जाती है।
राष्ट्रीय संस्कृति कोष में योगदान करते समय एक दान दाता या फिर कोई प्रायोजक विशिष्ट स्थान/दृष्टिकोण के साथ किसी भी स्मारक के आसपास संरक्षण अथवा संबंधित सुविधाओं के विकास के लिए प्रारंभ होने वाली परियोजना में भाग ले सकता है। इसके बाद जहां तक संरक्षित स्मारकों के संरक्षण का प्रश्न है, तो यह केवल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किया जाता है और उसके द्वारा ही इनका रखरखाव भी किया जाता है। सभी दान कर्ता एजेंसियां एनसीएफ और एएसआई द्वारा स्थापित मानदंडों का अनुपालन करती हैं।
संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में यह जानकारी दी।
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एमजी/एआर/एनके
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