अंतरिक्ष विभाग
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पिछले लगभग दस वर्षों में तेजी से बढ़ी है और खास तौर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में इसमें और भी अधिक तरक्की देखी गई है- डॉ. जितेंद्र सिंह
"आजादी के बाद से भारत की यात्रा में वैज्ञानिक परिवर्तन के लिए पिछले दस वर्ष एक महत्वपूर्ण अवधि रहे हैं": डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत की
Posted On:
22 NOV 2023 6:22PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पिछले लगभग दस वर्षों में तेजी से बढ़ी है और खास तौर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में इसमें और भी अधिक तरक्की देखी गई है।
उन्होंने कहा, अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने, अंतरिक्ष स्टार्टअप और उद्योग संबंधों के उद्भव के कारण, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है, जैसा कि विदेशी व्यापार विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया गया है, जो भारत की लंबी छलांग से चकित हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आजादी के बाद से भारत की यात्रा में वैज्ञानिक परिवर्तन में पिछले दस साल एक महत्वपूर्ण अवधि रहे हैं। जहां तक अंतरिक्ष और भू-स्थान और पूरे इकोसिस्टम का सवाल है, यह पिछले पांच वर्षों में और भी अधिक दिखाई दे रहा है।"
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बात इसरो और क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करते हुए कही।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पीएम गति शक्ति बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रमों और एसवीएएमटीवीए लैंड मैपिंग में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा,“अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी धीरे-धीरे भारत की समग्र अर्थव्यवस्था का अधिकाधिक घटक बनती जा रही है। और मुझे यकीन है कि भारत की विकास अर्थव्यवस्था में समग्र मूल्यवर्धन में इसकी यह भूमिका बढ़ रही है।”
अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप और उद्योग के बीच अधिक तालमेल का आह्वान करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते इसरो उचित रूप से इस पहल के लिए आगे आया है। यह 'संपूर्ण विज्ञान, संपूर्ण राष्ट्र' दृष्टिकोण को प्राप्त करने का भी बड़ा प्रयास साबित होगा। उन्होंने कहा कि भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम जागरूकता बढ़ाएगा और युवाओं को इसका व्यापक उपयोग करने के लिए प्रेरित करने में मदद करेगा।
जितेंद्र सिंह ने कहा, “हमें ऐसे क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की अधिक बार, अधिक व्यापक रूप से आवश्यकता हो सकती है। लेकिन कम से कम आज से हमें इसके महत्व का एहसास हुआ है, हमने इसे संस्थागत बनाने की कोशिश की है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन इस पूरे इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण पूरक होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, आज के युवा भारत को अमृतकाल के माध्यम से देखेंगे जैसा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इंडिया@2047 के लिए कल्पना की है, और स्वर्णिमकाल में देश के भव्य प्रवेश का जश्न मनाएंगे।
इस कार्यक्रम में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ, सीबीसी के अध्यक्ष श्री आदिल ज़ैनुलभाई और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
***
एमजी/एआर/पीके/एसएस
(Release ID: 1978913)
Visitor Counter : 310