सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा अन्य के लिए युवा विजेता योजना  (यंग अचीवर्स स्कीम- श्रेयस) के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति

Posted On: 14 NOV 2023 6:59PM by PIB Delhi

युवा विजेताओं के लिए उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना-श्रेयस को 2021-22 से 2025-26 के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा अन्य वर्गों के लिए चल रही दो केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं - (i) ओबीसी के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप (ii) अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए विदेश में अध्ययन हेतु शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान की डॉ. अम्बेडकर केंद्रीय क्षेत्र योजना के साथ क्रियान्वयित किया जाएगा

इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप (वित्तीय सहायता) के साथ ही विदेश में अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान करके ओबीसी और ईबीसी छात्रों का शैक्षिक सशक्तिकरण करना है।

इस योजना में निम्नलिखित 2 घटक शामिल हैं: 1. ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप

इस योजना का उद्देश्य ओबीसी छात्रों को विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में एम.फिल और पीएचडी जैसी डिग्री के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

यह योजना एम.फिल/पीएच.डी. डिग्री,  की ओर अग्रसर उन्नत अध्ययन और अनुसंधान करने के लिए ऐसे प्रतिभागियों को प्रति वर्ष कुल 1000 जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है जिन्होंने निम्नलिखित परीक्षाओं में अर्हता प्राप्त की है: i) राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा - मानविकी/सामाजिक विज्ञान के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी–जेआरएफ) अथवा ii)  विज्ञान विषयों के लिए  यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) नेट-जेआरएफ संयुक्त परीक्षण

यह योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों को समाहित करती है और एम.फिल एवं पीएच.डी. करने वाले शोध छात्रों को दी जाने वाली यूजीसी फैलोशिप की योजना के तरीके पर यूजीसी द्वारा ही कार्यान्वित की जाती है।

योजना की मुख्य विशेषताएं: यह योजना अब मंत्रालय द्वारा नामित केंद्रीय नोडल एजेंसी - राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (भारत सरकार का उपक्रम, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों  के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

पात्रता शर्तें यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षाओं के लिए अधिसूचना के अनुसार हैं। जेआरएफ स्तर के लिए फ़ेलोशिप की दर 31,000 रुपये प्रति माह है और एसआरएफ स्तर के लिए यह आकस्मिक राशि के अलावा 35,000 रुपये प्रति माह है। इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध 1000 स्थानों (स्लॉट्स) में से 750 यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा - जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) के अंतर्गत निर्धारित  विषयों के लिए आवंटित किए जाएंगे और शेष 250 विज्ञान वर्ग के विषयों के लिए  यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) एनईटीजेआरएफ संयुक्त परीक्षा हेतु आवंटित किए जाएंगे)। ये 1000 स्लॉट सरकार की सामान्य आरक्षण नीति के अंतर्गत चयनित ओबीसी छात्रों के अतिरिक्त होंगे। यूजीसी द्वारा फेलोशिप प्रदान करने के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय कुल सीटों में से कम से कम 5% सीटें दिव्यांग छात्रों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।

उपलब्धियाँ: 2023-24 के दौरान (तीसरी तिमाही तक) 40.11 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

घटक 2. अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए विदेश में  अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज अनुदान (सब्सिडी) की डॉ. अम्बेडकर योजना

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के लिए विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ .अम्बेडकर योजना

यह अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी)  से संबंधित छात्रों को परास्नातक (मास्टर्स), एम.फिल और पीएच.डी. स्तर पर  विदेश में अध्ययन के अनुमोदित पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा ऋण पर अधिस्थगन (मोरेटोरियम) की अवधि के लिए देय ब्याज पर ब्याज अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करने की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।

योजना की मुख्य विशेषताएं: यह योजना कैनरा बैंक (इस योजना के लिए नोडल बैंक) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। यह योजना विदेश में उच्च अध्ययन के लिए लागू है। ब्याज अनुदान भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वर्तमान शैक्षिक ऋण योजना से जुड़ी होगी और मास्टर्स, एम.फिल और पीएचडी स्तर पर पाठ्यक्रम के लिए नामांकित छात्रों तक सीमित होगी। इसके दिशानिर्देशों में सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को विदेश में मास्टर्स, एम.फिल या पीएचडी स्तर पर अनुमोदित पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करना चाहिए। ओबीसी उम्मीदवारों के लिए नियोजित उम्मीदवार की अथवा बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/ अभिभावकों की सभी स्रोतों से कुल आय वर्तमान क्रीमी लेयर मानदंड से अधिक नहीं होनी चाहिए । ईबीसी उम्मीदवारों के लिए  नियोजित  उम्मीदवार की अथवा बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/अभिभावकों की सभी स्रोतों से कुल आय 5.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, साथ ही कुल वित्तीय सहायता का 50% महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इस योजना के अंतर्गत, जैसा कि आईबीए की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत  निर्धारित है-  इस शिक्षा ऋण का लाभ उठाने वाले छात्रों को अधिस्थगन की अवधि (अर्थात  पाठ्यक्रम अवधि के  साथ ही नौकरी मिलने के एक साल या छह महीने बाद, जो भी पहले हो) के लिए देय शत प्रतिशत ब्याज को भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अधिस्थगन की अवधि समाप्त होने के बाद, छात्र द्वारा बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान मौजूदा शैक्षिक ऋण योजना के अनुसार किया जाएगा, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है। अभ्यर्थी अधिस्थगन (मोरेटोरियम) अवधि के बाद मूल किश्तें और ब्याज वहन करेगा। ऋण की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है I

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