नीति आयोग
नीति आयोग ‘टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास संधि’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन करेगा
इस कार्यशाला का उद्देश्य जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा के अनुरूप भारत में हरित विकास एजेंडा को लागू करने से संबंधित चर्चाओं और कार्यों को सुविधाजनक बनाना है
Posted On:
08 NOV 2023 4:54PM by PIB Delhi
नीति आयोग नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ली मेरिडियन में 9 नवंबर, 2023 को ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के साथ मिलकर भारत में “टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास संधि (जीडीपी)” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा से संबंधित चर्चाओं की एक श्रृंखला के हिस्से के रूप में हरित विकास संधि को लागू करने से संबंधित व्यावहारिक अंतर्दृष्टि हासिल करना है।
जी20 की भारत की अध्यक्षता ने वैश्विक चुनौतियों के बीच सहकारी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया और हरित विकास समझौते पर जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा को स्वीकार किया जाना सफलतापूर्वक सुनिश्चित किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव, इकोसिस्टम के संरक्षण और आपदा संबंधी सुदृढ़ बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देने के साथ हरित विकास संधि के सफल कार्यान्वयन के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें तैयार करना है। इस कार्यशाला के परिणामों को वैश्विक स्तर पर टिकाऊ जलवायु कार्रवाई के लिए एक खाका प्रदान करने वाले परिणामी दस्तावेज के रूप में संकलित किया जाएगा।
यह कार्यशाला तीन अलग-अलग सत्रों पर केन्द्रित होगी, जिनमें से प्रत्येक खंड का उद्देश्य उन विशिष्ट कार्य बिंदुओं और रणनीतियों को संकलित करना होगा जो एनडीएलडी में निर्धारित दृष्टिकोण को लागू करने के लिए आवश्यक हैं:
1) स्वच्छ, टिकाऊ, न्यायसंगत, किफायती और समावेशी ऊर्जा संबंधी बदलाव का कार्यान्वन - ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकी की सुलभता को सुविधाजनक बनाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने हेतु, स्वच्छ एवं टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों व प्रौद्योगिकियों को तैनात करने की सामर्थ्य और विश्वसनीयता पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही, कम लागत वाले वित्त की सुविधा और विश्वसनीय, विविध एवं जिम्मेदार आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने की भी आवश्यकता है। ऊर्जा सुरक्षा, सुलभता और सामर्थ्य, स्थिरता और न्याय चर्चा के मुख्य विषय होंगे।
2) इकोसिस्टम की बहाली, उसका संरक्षण और सतत उपयोग - नेताओं की घोषणा जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि, मरुस्थलीकरण, सूखा, भूमि क्षरण, प्रदूषण, खाद्य असुरक्षा और पानी की कमी की समस्या को हल करने में स्वस्थ इकोसिस्टम के महत्व पर जोर देती है। इस विषय पर होने वाली चर्चा में सतत विकास के लिए जीवनशैली (लाइफ) को मुख्यधारा में लाना, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को डिजाइन करना और प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
3) अनुकूलन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा - नेताओं की घोषणा महिलाओं और लड़कियों पर विशेष जोर देने के साथ कमजोर समुदायों पर जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि, मरुस्थलीकरण और प्रदूषण के असंगत प्रभावों को स्वीकार करती है। राष्ट्रीय और सामुदायिक स्तर पर सुदृढ़ता बनाने हेतु जी20 की भारत की अध्यक्षता ने “आपदा संबंधी जोखिम के न्यूनीकरण (डीआरआर) से जुड़े कार्य समूह को संस्थागत बनाकर” आपदा संबंधी जोखिम के न्यूनीकरण में प्रयासों को उत्प्रेरित किया। इस सत्र के तहत चर्चा के विषयों में जलवायु पूर्वानुमान, आपदा संबंधी जोखिम एवं सुदृढ़ता को मुख्यधारा में लाना, तटीय राज्यों/शहर-स्तरीय तैयारी और जलवायु संबंधी सुदृढ़ता का वित्तपोषण शामिल होगा।
यह कार्यशाला ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु और आपदा संबंधी सुदृढ़ता से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वाले विशेषज्ञों, उद्यमियों, नवप्रवर्तकों, शिक्षाविदों, थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों और सरकार के विभिन्न विचारों को एक मंच पर लाने का प्रयास करेगी ताकि आगे बढ़ने के रास्ते और जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में उल्लिखित उद्देश्यों एवं परिणामों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान की जा सके।
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