कोयला मंत्रालय
कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 3.0 की “खाली की गई जगह” श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त किया
मंत्रालय ने 956 स्थलों पर सफलतापूर्वक स्वच्छता अभियान चलाया
मंत्रालय ने 8424 एमटी स्क्रैप का निपटान करके 33.71 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया
Posted On:
07 NOV 2023 5:20PM by PIB Delhi
कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान# को उल्लेखनीय सफलता के साथ पूरा किया है। 31.10.2023 को संपन्न हुए विशेष अभियान 3.0 के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- लोक शिकायतों, पीएमओ संदर्भों, सीएमओ संदर्भों और आईएमसी के निपटान का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया।
- खाली की गई जगह - 65,88,878 वर्ग फुट। कोयला मंत्रालय भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों में ‘खाली की गई जगह’ श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है।
- तैयारी चरण के दौरान मंत्रालय और उसके सीपीएसई द्वारा चिन्हित किए गए 763 स्थलों के शुरुआती लक्ष्य की तुलना में 956 स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाए गए।
- इस अभियान में कोयला मंत्रालय (एमओसी) की निम्नलिखित दो सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को रेखांकित किया गया है: “प्लास्टिक दानव” (एनसीएल) और “कबाड़ से कलाकृति” (एसईसीएल)।
- 8424 एमटी स्क्रैप के निपटान करके 33.71 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया (एमओसी ‘स्क्रैप से अर्जित राजस्व’ की श्रेणी में चौथे स्थान पर है)।
- 1,39,969 भौतिक फाइलों एवं 1,05,369 ई-फाइलों की समीक्षा की गई और कुल 69227 फाइलों को हटा दिया गया/बंद कर दिया गया।
2. स्क्रैप और अपशिष्ट निपटान से खाली हुई जगह का उपयोग वृक्षारोपण, बागवानी की गतिविधियों, सौंदर्यीकरण, विस्तृत मार्ग वाले पार्किंग स्थान, कार्यालय में बैठने की व्यवस्था, भंडारण आदि जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
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अभियान के दौरान दर्ज की गई सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां
एक कदम आगे बढ़ते हुए, कोयला क्षेत्र से संबंधित सार्वजनिक उपक्रमों ने इस अभियान को खनन स्क्रैप सामग्री को सुंदर मूर्तियों में बदलकर कचरे से सर्वश्रेष्ठ बनाने के अवसर के रूप में अपनाया है। सीपीएसई द्वारा अपनाई गई कुछ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां हैं:
- ई-कचरा संग्रहण शिविर, बीसीसीएल
बीसीसीएल ने इलेक्ट्रॉनिक कचरे का जिम्मेदारीपूर्वक निपटान करने और स्वच्छ वातावरण में योगदान देने के लिए 27.10.23 को ई-कचरा संग्रहण शिविर का आयोजन किया था।
- पुनरुत्थान चरखा उद्यान, एनएलसीआईएल
नेवेली टाउनशिप में, एक कचरा डंप क्षेत्र का पुनर्निर्माण किया गया और 36,000 वर्ग फुट में फैले पुनरुत्थान चरखा उद्यान की स्थापना की गई। इस उद्यान में पूरी तरह से स्क्रैप सामग्री से तैयार की गई विभिन्न धातु की मूर्तियों (शेर, एस्ट्रिच, हिरण, बंदर, मोर, बिच्छू आदि) के साथ-साथ महात्मा गांधी की याद में एक चरखा भी होगा। आम जनता के लाभ के लिए बच्चों के खेलने का स्थान, पैदल मार्ग, पानी का फव्वारा भी उपलब्ध कराया गया है।
- एक इको-टूरिज्म पार्क, एसईसीएल एवं ईसीएल
- एक स्थिर भविष्य की ओर- एसईसीएल ने मानिकपुर पोखरी - छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक बंद ओपन कास्ट खदान - को एक इको-टूरिज्म स्थल में बदलने का मिशन शुरू किया है।
- एसईसीएल के बिश्रामपुर क्षेत्र की एक परित्यक्त डी-कोयला खदान को एक सुंदर लोकप्रिय पर्यटन स्थल में बदल दिया गया है।
- ईसीएल के केंडा एरिया में स्थित भूमिगत खदान की स्क्रैप भूमि (लगभग 15000 वर्ग फुट) पर पर्यावरण के अनुकूल सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के तहत एक इको पार्क विकसित किया गया है। वहां पौधों/पेड़ों की 32 प्रजातियां रोपी गईं हैं।
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- विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से प्रयुक्त कंप्यूटरों का दान
ईसीएल ने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु ईसीएल के परिचालन क्षेत्रों के आसपास के सरकारी स्कूलों में 427 कंप्यूटरों के वितरण का काम शुरू किया है।
- एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से ऊर्ध्वाधर दीवार वृक्षारोपण, एनसीएल:
झिंगुरदा, एनसीएल में, रचनात्मक प्रतिभाओं ने आश्चर्यजनक ऊर्ध्वाधर दीवार वृक्षारोपण के लिए एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया है। प्लास्टिक को पुनर्चक्रित और पुन: उपयोग करके, उन्होंने न केवल प्रदूषण को कम किया है बल्कि बंजर दीवारों को हरे-भरे, पर्यावरण-अनुकूल आश्रयों में बदल दिया है। झिंगुरदा के केन्द्र में स्थित यह हरित पहल स्थिरता का एक प्रतीक है।
- डब्ल्यूसीएल के केन्द्रीय कार्यशाला में कोयला खनिक कारीगर द्वारा पशु कलाकृतियां तैयार करना
डब्ल्यूसीएल ने मुर्गा, चील, हाथी, जिराफ, घोड़ा, शेर, मोर और गिलहरी जैसी सुंदर कलाकृतियां बनाने के लिए स्क्रैप सामग्री का उपयोग किया है, जिन्हें कर्मचारियों और उनके परिजनों के बीच पर्यावरण के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से सीडब्ल्यूएस तडाली में विभिन्न स्थानों पर रखा गया है। यह कदम हमारे व्यापक स्थिरता संबंधी लक्ष्यों के अनुरूप है, जो भावी पीढ़ियों के लिए इस धरती को संरक्षित करने की हमारे संकल्प को मजबूत करता है। इन कलाकृतियों के लिए जानवरों का चयन पशु जगत की समृद्ध विविधता को दर्शाता है।
- ग्रीष्मकालीन भंडारण टैंक, एससीसीएल
आरजी ओसी-II, एससीसीएल आरजी-III क्षेत्र (जीएम कार्यालय के सामने) में एक कृत्रिम भूजल भंडारण टैंक यानी 127 मिलियन गैलन क्षमता वाला ग्रीष्मकालीन भंडारण टैंक विकसित किया गया, जो आस-पास के गांवों में जलस्तर को बढ़ाने हेतु बरसात के मौसम के दौरान भूजल का पुनर्भरण करता है। इससे इस क्षेत्र में कृषि संबंधी गतिविधियां बढ़ेंगी।
ये पहल स्वच्छता, स्थिरता और जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के प्रति कोयला मंत्रालय और सीपीएसईएस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। यह विशेष अभियान सभी के लिए स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ वातावरण बनाने के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।
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एमजी/एआर/आर/एसएस
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