संस्‍कृति मंत्रालय

वरिष्ठ कलाकार जतिन दास कल रवीन्द्र भवन में दो प्रदर्शनियों 'इमेजिंग द इमीडिएट' और 'द अफगान जर्नल' का उद्घाटन करेंगे

Posted On: 07 NOV 2023 5:44PM by PIB Delhi

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत शीर्ष सांस्कृतिक निकाय ललित कला अकादमी दो प्रदर्शनियां 'इमेजिंग द इमीडिएट- क्यूरेटिंग फ्रॉम ए नेशनल कलेक्शन' और 'द अफगान जर्नल' प्रस्तुत करने वाली हैं। इन दोनों प्रदर्शनियों को अकादमी के सहायक संपादक और प्रसिद्ध क्यूरेटर तथा कला इतिहासकार जॉनीएमएल ने तैयार किया है। दोनों प्रदर्शनियों को सूचीबद्ध और पेशेवर रूप से प्रस्तुत किया गया है। इन प्रदर्शनियों का उद्घाटन वरिष्ठ कलाकार श्री जतिन दास ललित कला अकादमी के अध्यक्ष प्रो. वी. नागदासन की उपस्थिति में कल 8 नवंबर 2023 को शाम 5 बजे एलकेए गैलरी, रवीन्द्र भवन, मंडी हाउस नई दिल्ली में करेंगे।

जैसा कि शीर्षक से पता चलता है, 'इमेजिंग द इमीडिएट- क्यूरेटिंग फ्रॉम ए नेशनल कलेक्शन' ललित कला अकादमी के 7000 से अधिक बेहतरीन कला कार्यों के संग्रह से लिया गया है। क्यूरेटर द्वारा चुने गए सत्तर कला कार्यों का उद्देश्य प्रसिद्ध आधुनिकतावादियों के कार्यों को कम ज्ञात आधुनिक और समकालीन कलाकारों के कला कार्यों के साथ जोड़कर एक नई कहानी तैयार करना है। क्यूरेटर ने यह देखने का प्रयास किया है कि कलाकारों की प्रसिद्धि और नाम पर विचार किए बिना शैलीगत और विषयगत आदान-प्रदान कैसे हुआ। यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय संग्रह की महत्ता को भी रेखांकित करती है।

'द अफगान जर्नल' मॉरीशस के युवा कलाकार अक्षय सेबलुक की बनाई सोलह चित्रकारियों (पेंटिंग्स) की एक एकल प्रस्तुति है, जो पूरी दुनिया में यात्रा करते हैं और पेंटिंग बनाते हैं। ये पेंटिग उनके अफगानिस्तान प्रवास के दौरान बनाई गई हैं। अपने कार्यों के सार को 'गलत व्याख्या की व्याख्या' कहते हुए क्यूरेटर इस बात पर जोर देते हैं कि मानवीय आकांक्षाएं हर जगह समान हैं और किसी शक्ति या अधिकार के बिना सामान्य मनुष्यों के जुड़ाव की कोई सीमा नहीं होती है।

ललित कला अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर वी. नागदास का कहना है कि ऐसी परियोजनाएं अकादमी द्वारा शुरू की जाती हैं क्योंकि अकादमी पर नए नैरेटिव गढ़ने और उसका मतलब दर्शाने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय संग्रहों का समय-समय पर पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है। कला के कार्य स्थिर मतलब वाले नहीं होते हैं। जैसे-जैसे वे समय के साथ आगे बढ़ते हैं, उनमें नए विचार और नैरेटिव गढ़ने की क्षमता बढ़ती है। हमारे पास विभिन्न विषयों से क्यूरेटर को शामिल करने की दीर्घकालिक योजना है ताकि वे संग्रह को जीवंत और प्रासंगिक बनाते हुए कला कार्यों को हमेशा नवीकरणीय संदर्भों में रख सकें। ये दोनों प्रदर्शनियां 28 नवंबर 2023 तक देखी जा सकेंगी।

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