कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत मास्टर प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ


कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में 6 से 10 नवंबर, 2023 तक राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान में 5 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है

कार्यक्रम में दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित 10 विभिन्न राज्यों से 41 मास्टर प्रशिक्षक भाग ले रहे हैं।

Posted On: 06 NOV 2023 6:44PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को लागू करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आज तय किए गए ट्रेडों में कारीगरों और शिल्पकारों के समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मास्टर ट्रेनर्स और मूल्यांकनकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की।

6 से 10 नवंबर, 2023 तक राष्ट्रीय राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड)) में आयोजित होने वाले इस पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दिल्ली, गुजरात, हरियाणा मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़सहित 10 विभिन्न राज्यों के 41 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

मास्टर प्रशिक्षकों का पहला बैच निम्नलिखित व्यवसायों को पूरा करेगा: नाई, दर्जी, राजमिस्त्री, बढ़ई (सुथार/बधाई), गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), और लुहार।

मास्टर ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का लक्ष्य इन मास्टर ट्रेनर्स को आधुनिक प्रौद्योगिकी कौशल और उद्यमशीलता ज्ञान में निपुण बनाना है प्रतिभागियों को उद्यमशीलता दक्षताओं, व्यवसाय योजना की तैयारी, सरकारी सहायता पारिस्थितिकी तंत्र, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।  इसके अतिरिक्त, मास्टर प्रशिक्षकों को अपने कौशल को बढ़ाने और वर्तमान में चल रहे ट्रेंडस को अपनाने के लिए एक आधुनिक टूल किट प्रदान की जाएगी।

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कार्यक्रम का उद्घाटन कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने किया। आज उद्घाटन के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के महत्वपूर्ण घटकों पर जोर दिया और कहा, “एक कुशल और सशक्त कार्यबल के निर्माण की खोज में, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत मास्टर ट्रेनर्स और असेसर्स प्रोग्राम, हमारे देश को ज्ञान से लैस करने कीऔर इसके लिए आवश्यक विशेषज्ञता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।“  ये मास्टर प्रशिक्षक (ट्रेनर), ज्ञान और नवाचार के पथप्रदर्शक के रूप में, हमारे देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि “उनका समर्पण और विशेषज्ञता न केवल हमारे कार्यबल के कौशल को समृद्ध करेगी बल्कि आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत और समृद्ध भारत के लिए प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना के दृष्टिकोण को साकार करने में भी योगदान देगी।  साथ मिलकर, हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाएंगे और सामूहिक रूप से 21वीं सदी के लिए एक कुशल भारत का निर्माण करेंगे।‘’

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल सत्यापन के माध्यम से कौशल उन्नयन, बुनियादी कौशल, उन्नत कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता ज्ञान,15,000 रुपये तक रुपये तक टूलकिट प्रोत्साहन , 3,00,000 तक क्रेडिट सहायता और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन सुनिश्चित करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विपणन समिति (एनसीएम) द्वारा विपणन और ब्रांडिंग सहायता भी प्रदान करेगा।

कारीगरों और कुशल शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने और पहुंच का विस्तार करने पर ध्यान देने के साथ प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को वितरित करने के लिए मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।  उनका प्राथमिक उद्देश्य घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में विश्वकर्माओं का निर्बाध एकीकरण सुनिश्चित करना होगा।  इस पहल का महत्वपूर्ण लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान करना है जिससे उनके संबंधित व्यापार की मूल्य श्रृंखला में प्रगति को सुविधाजनक बनाया जा सके।

इन प्रशिक्षकों को विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिसमें कार्यक्रम के लाभार्थियों के लिए विशेष ओरिएंटेशन सत्र आयोजित करना, उनके काम के दायरे को समझना और व्यवहार अभ्यास और वास्तविक जीवन के मामले के अध्ययन के माध्यम से उद्यमशीलता गुणों को पहचानने में प्रतिभागियों की सहायता करना शामिल है।  इसके अलावा, मास्टर प्रशिक्षकों को कई सरकारी सहायता योजनाओं से परिचित कराया जाएगा जिनका लाभ विश्वकर्मा वित्तीय सहायता के लिए उठा सकते हैं।  उन्हें आगे प्रशिक्षित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि विश्वकर्मा बैंक वित्तपोषण से जुड़ी प्रक्रियाओं और औपचारिकताओं में अच्छी तरह से पारंगत हो सकें।  यह प्रशिक्षण उन्हें वित्तीय संस्थानों और ऋण देने की प्रक्रियाओं द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों और दिशानिर्देशों को संरचित और व्यवस्थित तरीके से समझने में सशक्त बनाएगा।

इसके अलावाये प्रशिक्षक प्रतिभागियों को व्यवसाय योजना के विभिन्न घटकों को समझने में सहायता करने के लिए सुसज्जित होंगे।  वे व्यवसाय की प्रकृति को स्पष्ट करने, एक अच्छी बिक्री और विपणन रणनीति विकसित करने, वित्तीय पृष्ठभूमि की रूपरेखा तैयार करने और अनुमानित लाभ और हानि विवरण तैयार करने में कुशल होंगे।

गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रकाश डालने वाले पीएम विश्वकर्मा दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्टर प्रशिक्षकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए व्यापार विशिष्ट उपकरणों और उन का उपयोग करने के तरीके पर उन्मुख किया जाएगा।  आधुनिक प्रशिक्षण श्रव्य-दृश्य उपकरण प्रशिक्षण के पूरक होंगे।  प्रत्येक उपकरण के उपयोग का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।  आधुनिक डिज़ाइन और समय अनुकूलन को विकसित करके कैसे सुधार किया जाए इस पर दिशा दिखाई जाएगी।

मास्टर ट्रेनर को प्रत्येक ट्रेड के लिए बनाई गई प्रशिक्षु और ट्रेनर हैंडबुक का उपयोग करने के तरीके के बारे में बताया जाएगा।  प्रत्येक ट्रेड प्रशिक्षण कक्षा मोड में दिया जाएगा।  व्यापार प्रशिक्षण के दौरान उद्योग विशेषज्ञों को एक सत्र के लिए बुलाया जा सकता है।

सभी पंजीकृत लाभार्थियों के लिए कौशल मूल्यांकन करने के लिए मास्टर टेनर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि उनके मौजूदा कौशल स्तरों का आकलन किया जा सके।  यह आकलन सभी 12 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया गया है।  यह कौशल को बढ़ाने कीप्रक्रिया में पहली महत्वपूर्ण गतिविधि होगी और कौशल के वर्तमान स्तरों का आकलन करके, पीएम विश्वकर्मा योजना में कौशल उन्नयन के भविष्य के मार्ग को एक सूचीबद्ध तरीके से तैयार किया जाएगा।  यह विश्वकर्मा के मौजूदा कौशल, आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से परिचित होने और किसी भी अंतराल का व्यापक मूल्यांकन करने के लिए एक सरल, संक्षिप्त परीक्षण होगा।

प्रशिक्षण के बाद उम्मीदवारों का मूल्यांकनदिएजा रहे 40 घंटे के बुनियादी प्रशिक्षण के आधार पर किया जाएगा।  यह आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षण अवधि के दौरान उनके उपयोग और डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, ब्रांडिंग और मार्केटिंग, स्व-रोज़गार मॉड्यूल के उनके ज्ञान पर किया जाएगा।  यह एक समयबद्ध मूल्यांकन होगा जिसे सभी विश्वकर्माओं को करना होगा।

इस कार्यक्रम में, एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री हेना उस्मान, एनआईएसबीयूडी कीनिदेशक (ईई) डॉ. पूनम सिन्हा और एनएसडीसी केसीपीओ श्री महेंद्र पायल भी उपस्थित थे।

पीएम विश्वकर्मायोजना एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जो 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा हाथों और उपकरणों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।  अधिक जानकारी के लिए कृपया www.pmvishwakarma.gov.inपर जाएं।  किसी भी प्रश्न के लिए कारीगर और शिल्पकार 18002677777 पर कॉल कर सकते हैं या pm-vishwakarma@dcmsme.gov.in पर ईमेल कर सकते हैं।

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