कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की सामग्री तक प्रौद्योगिकी आधारित सुगमता के कारण सिविल सेवाओं और अन्य अवसरों के "लोकतांत्रिकीकरण" की बदौलत भारत के दूरदराज के हिस्सों के उम्मीदवारों को भी आईएएस और अन्य अखिल भारतीय सेवाओं में हिस्सा लेने में सक्षम बनाया है
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस नए प्रचलन का असर हमारे भविष्य पर भी पड़ेगा
प्रौद्योगिकी के जरिए मोबाइल फोन और इंटरनेट के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश से ज्ञान तक सबकी समान पहुंच हो गई है: डॉ. जितेंद्र सिंह
पिछले 9-10 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने शासन और प्रशासनिक अधिकारियों को निखारने में बुनियादी बदलाव किए हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा,
''प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दिल्ली से इतर भारत की पहचान बनाई है''
"सिविल सेवा अधिकारियों को सरकार की नागरिक केंद्रित योजनाओं के सार्वजनिक सेवा वितरण का माध्यम बनना होगा": डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने केवड़िया, गुजरात में आयोजित एलबीएसएनएए के 98वें फाउंडेशन कोर्स में आईएएस प्रोबेशनर्स को संबोधित किया
Posted On:
03 NOV 2023 1:52PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की सामग्री तक प्रौद्योगिकी आधारित सुगमता के कारण सिविल सेवाओं और अन्य अवसरों के "लोकतांत्रिकीकरण" की बदौलत भारत के दूरदराज के हिस्सों के उम्मीदवारों को भी आईएएस और अन्य अखिल भारतीय सेवाओं में हिस्सा लेने में सक्षम बनाया है।
मंत्री महोदय ने कहा है कि इस नये चलन का असर हमारे भविष्य पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी ने सबको बराबरी के स्तर पर ला दिया है तथा मोबाइल फोन और इंटरनेट ग्रामीण इलाकों में पहुंच गए हैं, जिससे हर किसी की पहुंच ज्ञान तक हो गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "पूरी सिविल सेवा की जनसांख्यिकी बदल गई है, - अब आपके पास पंजाब, हरियाणा से टॉपर्स हैं, यहां तक कि इस साल तीन लड़कियां भी हैं, वे सभी उत्तर भारत से हैं, पहले यह कुछ राज्यों तक ही सीमित था।"
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के 98वें फाउंडेशन कोर्स में आईएएस परिवीक्षकों को संबोधित कर रहे थे, जिसमें भारत की 16 सिविल सेवाओं और भूटान की तीन सिविल सेवाओं के 560 प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित थे। यह प्रशिक्षण केवड़िया, गुजरात में संचालित किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 9-10 वर्षों में, प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शासन और प्रशासनिक अधिकारियों को तैयार करने में "सावधानीपूर्वक बुनियादी बदलाव" किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतीकात्मक रूप से, "प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दिल्ली से इतर भारत की पहचान बनाई है।" और, अब देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इस तरह, यह एक प्रकार का नया आयाम है, और मुझे लगता है कि यह आज की विश्व व्यवस्था के अनुरूप है… हमें वैश्विक मानकों और वैश्विक मापदंडों पर खरा उतरना होगा।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार का ध्यान पारदर्शिता, जवाबदेही और सरकार द्वारा सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति पर रहा है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि साइलो में काम करने का युग खत्म हो गया है और आज यह 'संपूर्ण सरकार' वाला दृष्टिकोण है।"
भारत की वैक्सीन सफलता की कहानी और कोविड प्रबंधन, चंद्रयान और आदित्य-एल1 सौर मिशन या स्वामित्व भूमि मानचित्रण योजना वास्तव में सरकार, वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और उद्योग के सर्वोत्तम उदाहरण हैं, सभी सफलता प्राप्त करने के लिए अपने संसाधनों को एकजुट कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल सेवा अधिकारियों को सरकार की नागरिक केंद्रित योजनाओं की सार्वजनिक सेवा वितरण का माध्यम बनना होगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में नए आईएएस अधिकारियों के लिए तीन महीने का अनिवार्य कार्यकाल 2015 में प्रधानमंत्री श्री मोदी का एक दूरदर्शी विचार था, ताकि उन्हें उनके प्रशिक्षण की शुरुआत में सरकार के शीर्ष पदों पर पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा, “सहायक सचिवों से भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों में सुधार के लिए अपने इनपुट देने की अपेक्षा की जाती है। इससे न केवल उन्हें अपने कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है, बल्कि भारत के प्रधान मंत्री के सामने प्रस्तुति देने का भी अवसर मिलता है। यह एक ऐसा अवसर है जो शायद उनके वरिष्ठ बैचों को भी नहीं मिला होगा।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार में सहायक सचिवों की पोस्टिंग मुख्य रूप से दो उद्देश्यों के साथ शुरू की गई थी। पहला, युवा अधिकारियों को सीधे राज्य सरकार में जाने के बजाय भारत सरकार के कामकाज का अनुभव मिल सके। दूसरे, यह नव चयनित आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार में अपने वरिष्ठों के बीच अपने सलाहकार और मार्गदर्शक ढूंढ़ने में सक्षम बनाने में भी मदद करता है, जिनके पास वे जरूरत के समय पहुंच सकते हैं।
उन्होंने कहा, “इन युवा अधिकारियों को विशेषाधिकार प्राप्त है, क्योंकि अपनी पोस्टिंग शुरू करने से पहले, उन्हें भारत सरकार में वरिष्ठ सचिवों और मंत्रियों से मिलने का अवसर मिलता है, जबकि पहले के वर्षों के उनके वरिष्ठ अधिकारियों को कभी-कभी अपने पूरे करियर में ऐसा अवसर कभी नहीं मिलता था और यदि मिलता भी था, तो यह अवसर केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान उनके करियर में बहुत बाद में आता था।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की भूमिका समय के साथ विकसित हुई है, - औपनिवेशिक ब्रिटिश युग की "भारतीय सिविल सेवा" से लेकर वर्तमान आईएएस तक। बुनियादी अंतर यह है कि पहले ब्रिटिश शासन के दौरान जिला प्रमुख को 'कलेक्टर' के रूप में वर्णित किया गया था, जिनसे साम्राज्य के लिए राजस्व जुटाने की उम्मीद की जाती थी। अब स्वतंत्र भारत में उन्हें 'जिला विकास आयुक्त' के रूप में जाना जाता है और उनसे कल्याणकारी राज्य के लिए राजस्व उत्पन्न करने की उम्मीद की जाती है।
उन्होंने कहा, "समय बदलने के साथ, प्राथमिकताओं में बदलाव के साथ, जवाबदेही बढ़ गई है, पारदर्शिता में कई गुना इजाफा हो गया है तथा प्रौद्योगिकी का दखल बढ़ गया है, जो पहले नहीं था। इसे अनिवार्य रूप से हर समय विकसित होना होगा।"
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, 2014 के बाद पीएम उत्कृष्टता पुरस्कारों की पूरी अवधारणा और प्रारूप में क्रांतिकारी बदलाव आया है। योजना का उद्देश्य रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार, प्रतिकृति और उत्कृष्ट व्यवहारों को संस्थागत रूप देने को प्रोत्साहित करना है।
प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की प्रक्रिया और चयन को संस्थागत बना दिया गया है और अब यह जिला कलेक्टर या व्यक्तिगत सिविल सेवक के बजाय जिले के प्रदर्शन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जिले में फ्लैगशिप योजनाओं के कार्यान्वयन के पैमाने और रेटिंग का आकलन करने के लिए एक और सुधार किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 30 साल बाद 2018 में पहली बार रिश्वत देने वालों को दंडित करने के उद्देश्य से इसमें संशोधन किया। उन्होंने कहा कि साथ ही, ईमानदारी से अपना काम करने वाले कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के प्रावधान भी किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "काम के अनुकूल माहौल देना सरकार की भी समान रूप से जिम्मेदारी है, ताकि हमें अधिकारियों की सर्वोत्तम क्षमता का लाभ मिल सके।"
फाउंडेशन प्रशिक्षण मॉड्यूल के 5वें संस्करण, आरंभ 5.0 को तैयार करने के लिए एनबीएसाए की सराहना करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "विघटन की शक्ति का दोहन" का विषय उपयुक्त है, क्योंकि इन युवा अधिकारियों को उन व्यवधानों को चित्रित करने में सक्षम होना चाहिए जो वर्तमान को नया आकार देते रहते हैं। इनके जरिए भविष्य तथा समावेशी विकास के लिए शासन के क्षेत्र में व्यवधान की शक्ति का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त होता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वच्छता को जन आंदोलन बना दिया। उन्होंने कहा, “क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि विशेष अभियान 3.0 के तहत सरकार को केवल कार्यालय स्क्रैप की बिक्री से 500 करोड़ रुपये की कमाई हुई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन को पथ-प्रदर्शक बताते हुए कहा कि जब देश अपनी आजादी की शताब्दी मनाएगा तो आईएएस अधिकारियों की इस पीढ़ी को विकसित भारत@2047 का वास्तुकार बनने का सौभाग्य मिलेगा।
*****
एमजी/एमएस/एआर/एकेपी/एचबी
(Release ID: 1974452)
Visitor Counter : 277