संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

महानियंत्रक संचार लेखा कार्यालय ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2023 में दूरसंचार लाइसेंस धारकों और पेंशनभोगियों के लिए अपने डिजिटलीकरण कार्यक्रम का प्रदर्शन किया


सरस पोर्टल के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व जुटाया गया

 ‘संपन्न’ के माध्यम से दूरसंचार विभाग के चार लाख से अधिक पेंशनभोगियों को हर महीने 1,239 करोड़ रुपये की पेंशन राशि का वितरण किया जा रहा है 

Posted On: 30 OCT 2023 12:17PM by PIB Delhi

दूरसंचार विभाग (डीओटी) की अन्य इकाइयों के अलावा, महानियंत्रक संचार लेखा (सीजीसीए) ने भी दूरसंचार लाइसेंसधारकों के लिए कारोबार को आसान बनाने के साथ-साथ सरस और संपन्न के माध्यम से दूरसंचार/बीएसएनएल/एमटीएनएल पेंशनभोगियों को गुणवत्तायुक्त सेवा आपूर्ति के लिए अपने डिजिटलीकरण कार्यक्रम को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आईएमसी-2023 में एक स्टॉल स्थापित किया।

संपन्न (एसएएमपीएएनएन)  और सरस (एसएआरएएस)  टीमों को इस स्टॉल पर निम्नलिखित प्रतिष्ठित आगंतुकों की मेजबानी करने का सम्मान प्राप्त हुआ:

क) केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री. देवुसिंह चौहान ने स्टॉल का दौरा किया तथा इन प्रणालियों की सराहना करते हुए विभाग से पेंशनभोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए इन प्रणालियों को गति प्रदान करने के लिए कहा।

ख) दूरसंचार विभाग के सचिव ने इन प्रणालियों की व्यापकता को समझते हुए इनकी सराहना की।

ग) प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव के समक्ष संपन्नका डेमो दिया गया और बताया गया कि यह प्रणाली पेंशनभोगियों को सीधे पेंशन का वितरण कर रही है।

घ) भारत सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कई टीएसपी अधिकारियों ने इस स्टॉल का दौरा किया। इस स्टॉल ने फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करते हुए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा प्रदान की।

ड़) पूर्व सदस्य (सेवाएं) और बीएसएनएल के पूर्व सीएमडी ने फेस ऑथेंटिकेशन जीवन प्रमाण ऐप का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा किया।

इस  स्टॉल पर विकेंद्रीकृत लाइसेंसधारकों के लिए एलएफ हैंडबुक, आईएसपी के लिए लाइसेंस अनुबंधों के लिए वित्तीय अनुपालन को सरल बनाने तथा राजस्व से संबंधित आदेशों के लिए सीजीसीए वेबसाइट लिंक तक पहुंचने के लिए क्यूआर कोड प्रदर्शित किए गए हैं। आईएमसी-2023 के दौरान इस स्टॉल पर आने वाले टेलीकॉम लाइसेंसधारकों द्वारा फीडबैक प्रस्तुत देने के लिए क्यूआर कोड प्रदर्शित किया गया है। इस स्टॉल में सरस पर संक्षिप्त वीडियो भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें इसकी विशेषताओं और परिणामों को दर्शाया गया है।

दूरसंचार विभाग द्वारा 15 जनवरी 2021 को सरस को लॉन्च किया गया। यह  लाइसेंस अनुबंधों की वित्तीय शर्तों के सहज अनुपालन के लिए लाइसेंसधारियों के लिए एक पोर्टल है। सरस पोर्टल के माध्यम से, लाइसेंसधारक एलएफ, एसयूसी, स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान और सीएएफ/ईएमआर दंड, परीक्षण शुल्क और अन्य जुर्माने के लिए ऑनलाइन पेपरलेस भुगतान करने की सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम हैं।

सरस ने त्रैमासिक आधार पर राजस्व एवं लाइसेंस शुल्क के विवरण और वार्षिक आधार पर लेखापरीक्षित दस्तावेज़ व वार्षिक वित्तीय दस्तावेज़ को पूरी तरह से डिजिटल और कागज रहित प्रस्तुत करने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह कटौती दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने और एलडी एवं एसयूसी के लिए ऑनलाइन आकलन और मांग नोटिस, अन्य शुल्क के लिए मांग नोटिस तक पहुंच की सुविधा प्रदान करता है। यह नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने और इस प्रकार निकास प्रबंधन के लिए एकल खिड़की के रूप में कार्य करता है। सरस पर पहले से ही 2659 लाइसेंसधारी जुड़े हुए हैं।

सरस के माध्यम से लगभग दो लाख करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा चुका है।

संपन्न- 'पेंशन के लेखांकन और प्रबंधन की प्रणाली' परियोजना दूरसंचार विभाग के पेंशनभोगियों के लिए एक निर्बाध ऑनलाइन पेंशन प्रोसेंसिग और भुगतान प्रणाली है। इसे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 दिसंबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया था।

दूरसंचार विभाग/बीएसएनएल/एमटीएनएल के चार लाख से अधिक पेंशनभोगियों को वर्तमान में संपन्न के माध्यम से पूरे भारत में सीसीए इकाइयों द्वारा सेवा प्रदान की जा रही है, जिससे निम्नलिखित लाभ सुनिश्चित करते हुए एकल विंडो व्यवस्था प्रदान करके पेंशनभोगियों को सेवा वितरण में सुधार हुआ है:

l पेंशन मामलों का समय पर निपटान

l ई-पेंशन भुगतान आदेश का प्रावधान

l प्रत्येक पेंशनभोगी के लिए लॉगिन भुगतान इतिहास जैसी महत्वपूर्ण जानकारी तक सक्षम पहुंच बनाना

l शिकायतों को ऑनलाइन जमा करना और समय रहते एसएमएस अलर्ट।

संपन्न के माध्यम से मासिक पेंशन के रूप में लगभग 1,239 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया जा रहा है।

इसके अलावा, संपन्न ने सितंबर 2023 तक, लगभग 44 करोड़ रुपये की बचत की है। इससे सरकार को प्रति वर्ष 40 करोड़ रुपये की वार्षिक आवर्ती बचत होगी।

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एमजी/एआर/आईपीएस/एसके



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