इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी  मंत्रालय (एमईआईटीवाई)  के सात कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ) कार्य समूहों ने  कार्य समूह ने  भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (इंडिया एआई)  रिपोर्ट का पहला संस्करण प्रस्तुत किया


"इंडिया एआई रिपोर्ट भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) रणनीति का  वह आधार बताती है जिसकी परिकल्पना प्रधानमन्त्री  मोदी जी ने की थी": राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर

"इंडिया एआई हमारी  1 खरब (ट्रिलियन)  डॉलर की अर्थव्यवस्था लक्ष्य का गतिशील प्रवर्तक बनने जा रहा है": राज्यमंत्री  राजीव चन्द्रशेखर

" वैश्विक भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ग्लोबल इंडिया एआई) शिखर सम्मेलन 10 दिसंबर, 2023 को आयोजित किया जाएगा जिसमे एआई और समग्र तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र से प्रमुख प्रभावशाली व्यक्ति  और प्रतिभागी सम्मिलित  होंगे": राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर

Posted On: 13 OCT 2023 7:07PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सात कार्य समूहों ने आज भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (इंडिया एआईरिपोर्ट का पहला संस्करण प्रस्तुत किया।  यह रिपोर्ट आधिकारिक रूप से केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर को सौंपी गई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि  किया कि यह रिपोर्ट अपने एआई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए भारत के मार्गदर्शक रोडमैप के रूप में काम करने के लिए तैयार है।

कई महीनों के समर्पित शोध के बाद, इंडिया एआई कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए गठित सात कार्य समूहों ने आज अपनी औपचारिक रिपोर्ट सौंप दी है। यह व्यापक रिपोर्ट बताती है कि प्रधानमन्त्री  मोदीजी  द्वारा परिकल्पित भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (इंडिया एआई) रणनीति का आधार क्या होगा। उन्होंने एआई के लिए भारत और भारत के लिए एआई की बात की थी। मंत्री महोदय ने कहा कि इस रोडमैप के माध्यम से इंडिया एआई 1 खरब (ट्रिलियनडॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का गतिशील प्रवर्तक बनने के लिए काम करेगा”।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआईके प्रति भारत सरकार का दृष्टिकोण समग्र और महत्वाकांक्षी रहा है, जैसा कि व्यापक कार्यक्रम इंडिया एआई के अंतर्गत  सरकारी हस्तक्षेप की व्यापकता और उसके दायरे से पता चलता है ।

इंडिया एआई  का अपना  एक लक्ष्य (मिशन) -केंद्रित दृष्टिकोण है जो भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ताके  वर्तमान  कृत्रिम बुद्दिमत्ता (एआई) पारिस्थितिकी तंत्र में व्याप्त अंतराल को पाटने के साथ ही  कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा, एआई  वित्तपोषण, अनुसंधान और नवाचार, क्षमता को अधिकतम करने के लिए डेटा के लिए लक्षित कौशल और संस्थागत क्षमता के लिए एक सटीक और सामंजस्यपूर्ण रणनीति सुनिश्चित करता है ।

राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इंडिया एआई न केवल स्टार्ट-अप्स  और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करने के साथ ही उसका  समर्थन करेगा, बल्कि भारत डेटासेट कार्यक्रम और भारत एआई कंप्यूट प्लेटफॉर्म जैसे अन्य क्षेत्रों को भी बढ़ावा देगा।

स्टार्ट-अप्स  को समर्थन देने और कौशल कार्यक्रम प्रदान करने के अलावा, भारत एआई कार्यक्रम में कई प्रमुख घटक समाहित  होंगेएक महत्वपूर्ण घटक भारत डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म का होगा, जो अज्ञात डेटासेट के उस सबसे बड़े संग्रह में से एक होगा जिसका उपयोग भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा अपने बहु मानकीय  (मल्टी पैरामीटर) मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगाफिर एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना भारत एआई कंप्यूट प्लेटफॉर्म होगी , जो हमारे स्टार्ट-अप्स और शोधकर्ताओं के लिए पर्याप्त जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) क्षमता तैयार करेगी। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि कौशल विकास के अलावा, भारत एआई सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के साथ साझेदारी में एआई चिप्स के विकास का भी समर्थन करेगा ” ।

कार्य समूहों ने उत्कृष्टता केन्द्रों  (सेंटर ऑफ़ ऐक्सिलेंसेस - सीओई) की स्थापना के परिचालनात्मक पहलुओं और राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन कार्यालय (नेशनल डेटा मैनेजमेंट ऑफिस- एनडीएमओ) द्वारा डेटा संग्रह, प्रबंधन, प्रसंस्करण और भंडारण को नियंत्रित करने पर संस्थागत ढांचे का विवरण दिया। इस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि भारत सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के माध्यम से एआई नवाचार का समर्थन करने के लिए अपने जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेट्स) का लाभ कैसे उठा सकता है और देश में एआई कौशल के प्रवेश को आगे बढ़ाने के लिए एक आईटी महाशक्ति के रूप में अपनी ताकत का उपयोग करने के साथ ही  भारत में एआई कंप्यूट बुनियादी ढांचे को मजबूत कर सकता है।

इस रिपोर्ट में  डिजाइन से जुड़े प्रोत्साहन  (डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव- (डीएलआई) योजना पर अपनी सिफारिशें दी गई हैं जिसका उद्देश्य घरेलू कंपनियों और स्टार्ट-अप्स / सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वित्तीय प्रोत्साहन के साथ-साथ डिजाइन किए गए  बुनियादी ढांचे का समर्थन प्रदान करना है।

इस अभ्यास प्रक्रिया  का उद्देश्य इंडिया एआई के सभी स्तंभों का व्यापक अध्ययन करना और "भी के लिए एआई" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अगली  ठोस कार्रवाई के उन बिन्दुओं की  पहचान करना था, जिन पर काम करने की आवश्यकता है।

मंत्री महोदय श्री राजीव चंद्रशेखर ने दिसंबर 2023 में आयोजित  किए जाने वाले  वैश्विक भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिखर सम्मेलन (ग्लोबल इंडिया एआई समिटके शुभारंभ की घोषणा की, जो प्रधानमन्त्री  मोदीजी  के "एआई के लिए भारत और भारत के लिए एआई" के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

मंत्री महोदय ने कहा कि  वैश्विक भारत (ग्लोबल इंडिया) एआई शिखर सम्मेलन 10 दिसंबर 2023 को आयोजित किया जाएगा जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआईऔर समग्र तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख प्रभावशाली व्यक्ति  और प्रतिभागी सम्मिलित होंगे। एआई के प्रति हमारी  सोच  किसी प्रवृत्ति का अनुसरण करने के बारे में नहीं है, हमारा गहरा विश्वास और प्रतिबद्धता है कि एआई हमारी 1 खरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को गति देने वाली है। यह वास्तविक जीवन में एआई के उपयोग के मामलों के संदर्भ में हमारे स्टार्ट-अप्स और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर उन गहन  क्षमताओं को भी उत्पन्न करेगा, जिन्हें हम विकसित करना चाहते हैं और मुझे लगता है कि नीति, वित्तपोषण और संसाधनों के लिए एक समग्र व्यापक ढांचा विकसित करने के लिए यह हमारे लिए एक शुरुआत का एक सुनहरा अवसर भी (गुड लॉन्चिंग पैड) है।

 

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