वस्‍त्र मंत्रालय

वस्त्र मंत्रालय ने ‘विश्व कपास दिवस 2023’ मनाया


भारतीय कपास निगम लिमिडेट ने “बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटीसिस्टम” का शुभारंभ किया

Posted On: 07 OCT 2023 6:45PM by PIB Delhi


वस्त्र मंत्रालय ने “नीति, नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से भारतीय कपास की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाना” विषय पर केंद्रित एक सम्मेलन की मेजबानी करके विश्व कपास दिवस 2023 मनाया। यह आयोजन भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) और जीआईजेड की पहल ईयू-रिसोर्स एफिशिएंसी इनिशिएटिव के सहयोग से आयोजित किया गया था।

विश्व कपास दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सम्मेलन में कपास मूल्य श्रृंखला में सर्वोत्तम प्रथाओं और दीर्घकालीन खेती के तरीकों पर प्रकाश डाला गया, जो खेत से फाइबर तक, फाइबरसेफैक्ट्री,फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेश तक फैली हुई है। विचार-मंथन सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित किया गया, जिनमें “कपास मूल्य श्रृंखला में सातत्य और प्रसारवृद्धि” और “गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कपास मिशन” शामिल हैं।

 कपास की गुणवत्ता, विविधता, उत्पत्ति और अन्य महत्वपूर्ण कसौटियों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों खरीदारों  के लिए पारदर्शी बनाने को सुनिश्चित करने के लिए , सीसीआई ने ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके “बेल आइडेंटिफिकेशन एंड ट्रैसेबिलिटीसिस्टम” (बीआईटीएस) लॉन्च किया। प्रत्येक कपास की गांठ में अब एक क्यूआरकोड होता है, जो उसके मूल स्रोत, प्रसंस्करण कारखाने, भंडारण विवरण और टाइम स्टैम्प सहित संबंधित कपास की गुणवत्ता की जानकारी को आसानी से ट्रैक करने की अनुमति देता है।

इसके अतिरिक्त, वस्त्र मंत्रालय ने कस्तूरी कॉटन कार्यक्रम की शुरुआत की, जो ट्रैसेबिलिटी के साथ एक प्रीमियम गुणवत्ता वाला कपास है। वस्त्र मंत्रालय की ओर से सीसीआई  के सहयोग से टेक्स प्रोसिलइस कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख कर रहा है। देश के सभी जिनर्स को गुणवत्ता नियमोंका पालन करते हुए कस्तूरी कॉटन का उत्पादन करने का अधिकार है।

सीसीआई, सीएआई और सीआईटीआई के संयोजन में, कपड़ा मंत्रालय ने 2 से 5 दिसंबर, 2023 तक मुंबई में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (आईसीएसी) की 81वीं पूर्ण बैठक के लिए कार्यक्रम विवरणिका का अनावरण किया। यह कार्यक्रम “कॉटनवैल्यू चेन: ग्लोबल प्रॉस्पेरिटी के लिए लोकल इनोवेशन” है, जिसमें 27 से अधिक देशों से 400 से अधिक प्रतिनिधियों और पर्यवेक्षकों के भाग लेने की उम्मीद है।

वस्त्र मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री प्राजक्ता एल वर्मा ने विश्व कपास दिवस के इस ऐतिहासिक दिन पर इस कार्यक्रम के आयोजन का संदर्भ और उद्देश्य निर्धारित किया। उन्होंने संपूर्ण कपास मूल्य श्रृंखला और कपास उत्पादन बढ़ाने की अपार संभावनाओं वाले एकमात्र देश के रूप में भारत की अद्वितीय स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी हितधारकों से सूती कपड़ा उद्योग को वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण कपड़ा उत्पादों का अग्रणी उत्पादक बनाने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया।

कृषि और सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव (फसल) सुश्री शुभा ठाकुर ने उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने और देश भर के कपास किसानों की आजीविका में सुधार के लिए कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

अपने मुख्य भाषण के दौरान, वस्त्र मंत्रालय की सचिव सुश्री रचना शाह ने कपास उत्पादन में वैश्विक नेता बने रहने के लिए कपड़ा उद्योग को चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सम्मेलन के परिणामों को कपास मूल्य श्रृंखला में स्थिरता सुनिश्चित करते हुए कपास उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के रूप में देखा गया।

सचिव (वस्त्र) द्वारा उद्घाटन की गई प्रदर्शनी में कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए एचडीपीएस और कम दूरी सहित तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। आईसीएआर-सीआईसीआर और आईसीएआर-सीआईआरसीओटी ने प्राकृतिक रंगीन सूती कपड़े और उत्पादों का भी प्रदर्शन किया, साथ ही यूएएस धारवाड़ के प्रदर्शनों में रंगीन कपास के बीज, लिंट, कपड़े, वस्त्र और बहुत कुछ प्रदर्शित किया गया। सिमा-सीडीआरए, बजाज स्टील इंडस्ट्रीज और दर्शन गुरु, सांभवी हैंडलूम डिजाइन सहित अन्य प्रदर्शकों ने नवीनतम जिनिंग और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों, सर्वोत्तम फार्म प्रथाओं, ग्रामीण कारीगरों द्वारा बनाए गए स्थाईफैशन लेबल और कृषि में रिमोट सेंसिंग और सैटेलाइटइमेजरी के उपयोग को प्रस्तुत किया।

श्री के के लालपुरिया, ईडी और सीईओ, इंडोकाउंट; प्रो. जस्टिन कुह्न, आरडब्ल्यूटीएच; सुश्री दीपानवती रे, फैशन फॉर गुड; सुश्री गौरी शर्मा, शाही एक्सपोर्ट्स; श्री गणेश कासेकर, जीओटीएस; डॉ. रचना अरोड़ा, ईयू-आरईआई सहित प्रतिष्ठित पैनलिस्टने “कपास मूल्य श्रृंखला में स्थायित्व और पहुंच बढ़ाने” पर चर्चा की अध्यक्षता की।

एक अन्य सत्र, “गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कपास मिशन” में प्रोफेसर आरबी सिंह, एनएएएस, श्री एमबी लाल, पूर्व सीएमडीसीसीआई और पूर्व सलाहकार टीएमसी; श्री ललित कुमार गुप्ता, सीएमडी, सीसीआई; डॉ. राजवीर राठी, वीसी, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया; डॉ. के सेल्वाराजू, महासचिव, सिमा जैसे प्रतिभागी शामिल थे।सीआईसीआर के निदेशक डॉ. वाई जी प्रसाद ने गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कपास मिशन पर केंद्रित सत्र की अध्यक्षता की।

अपने समापन भाषण में, संयुक्त सचिव (फाइबर) सुश्री प्राजक्ता एल वर्मा ने कहा कि वस्त्र मंत्रालय अन्य मंत्रालयों, विशेष रूप से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय,उद्योग हितधारक और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करते हुए, भारतीय कपास के क्षेत्र में नवाचार, स्थायित्व और विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।

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